Chapter 6

भगवान के डाकिए   

कविता से

1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पर कीजिए।

उत्तरः पक्षियों और बादलों को भगवान का डाकिया कहा जाता है क्योंकि ये एक देश से दूसरे देश में जाकर सद्भावना का संदेश देते हैं। ईश्वर का यही सन्देश है कि जैसे एक पक्षी और बादल दूसरे देश में भेदभाव नहीं करते (कि यह हमारा मित्र है, यहाँ जाओ, यह हमारा शत्रु है, यहाँ मत जाओ), हमें भी उनके जैसा व्यवहार करना चाहिए और मिल-जुलकर रहना चाहिए। पक्षी और बादल ईश्वर का यह संदेश हम तक पहुंचाते हैं, इसलिए वे ईश्वर के डाकिया हैं।

2. पक्षी और बादल द्वारा लाइ गई चिट्टियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।

उत्तरः पक्षियों और बादलों द्वारा लाये गये पत्रों को केवल पशु, पक्षी, पेड़, नदियाँ और पहाड़ ही पढ़ सकते हैं।

3. किन पंक्तियों का भाव है-

(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।

उत्तरः

(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।

उत्तरः

4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?

उत्तरः

5. “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है" कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः

पाठ से आगे

1. पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

उत्तरःपक्षियों और बादलों की चिट्ठियों को एक दृष्टि से देखें तो यह सद्भावना और प्रेम का प्रसार है। यह कुछ ऐसा है जो दिल को छू जाता है। क्योंकि उनका आदान-प्रदान हमारे लिए एक सबक है, अगर इंसान इस तरह के सबक को अपने मन में अपना ले तो आज किसी भी देश के बीच युद्ध नहीं होगा। यदि हम इस तथ्य को समझ लें तो हमारे हृदय से नफरत का मैल मिट जायेगा। इसलिए शायद रामधारी सिंह "दिनकर" जी ने इन दोनों को उदाहरण के रूप में दर्शाया है। इन उदाहरणों को हम नकार नहीं सकते। पक्षी और बादल सद्भावना का एक ऐसा रूप प्रस्तुत करते हैं जो अद्भुत है। क्या हम इंसान उनसे नहीं सीख सकते? क्या हम इस सद्भावना को बनाये रखने का प्रयास नहीं कर सकते? हमें सद्भावना के उदाहरण स्थापित करने की आवश्यकता क्यों होनी चाहिए? क्या हम अपने आप आगे नहीं बढ़ सकते? वे हर देश की धरती को समान रूप से अपनी मधुर आवाज और पानी देते हैं, क्या हम अपना प्यार नहीं दे सकते? यदि हम ऐसा करने में सफल हो गये तो रामधारी सिंह "दिनकर" जी के ये उदाहरण सार्थक साबित होंगे और हम भी उनकी तरह सद्भावना और प्रेम की मिसाल कायम कर सकेंगे।

2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।

उत्तरः

3. 'हमारे जीवन में डाकिए की भूमिका' क्या है? इस विषय पर दस वाक्य लिखिए।अनुमान और कल्पनाडाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू. डब्ल्यू. डब्ल्यू. WWW.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। लेख लिखने के लिए आप 'चिट्ठियों की अनूठी दुनिया' पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

उत्तरः