chapter-10

हम धरती के लाल


1. कविता से

     नीचे लिखी पंक्तियाँ पढ़कर उत्तर दो ।

क) "नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।"

       तुम्हारे विचार से नया संसार बसाने और नया इंसान

       बनाने की ज़रूरत है या नहीं ? कारण भी बताओ।

उत्तर: हमें नहीं लगता कि नई दुनिया बनाने और नया इंसान बनाने की जरूरत है। दुनिया इंसानों से बनी है। इसलिए यदि परिवर्तन की आवश्यकता है तो वह केवल मनुष्य में ही है। यदि मनुष्य का सुधार हो जाये तो संसार स्वतः ही नवीकृत हो जायेगा। यदि हम एक नई दुनिया बनाते हैं या एक नया इंसान बनाते हैं, तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि कोई समस्याएँ, असमानताएँ नहीं होंगी। इसलिए हमें इस बात को भूलकर खुद को बदलने की जरूरत है। 

ख) "रोज त्योहार मनाएँगे।"

       तुम्हारे विचार से क्या रोज़ त्योहार मनाना उचित है? क्यों ?

उत्तर: हमारी राय में हर दिन त्यौहार मनाना उचित नहीं है। इसके लिए कई कारण हैं। वे इस प्रकार हैं-

(i) प्रतिदिन त्यौहार मनाने से मनुष्य उनमें उलझा रहेगा और अन्य कार्य नहीं कर पाएगा।

(ii) इससे लोगों पर आर्थिक दबाव बनेगा।

(iii) जीवन में कोई उत्साह नहीं रहेगा। त्यौहार जीवन में बदलाव लाते हैं और अगर हर दिन त्यौहार होंगे तो उत्साह के लिए कोई जगह नहीं बचेगी।

(iv) लोगों का समय बर्बाद होगा। त्योहारों की तैयारियां महीनों पहले से शुरू हो जाती हैं। यदि हर दिन त्यौहार होंगे तो लोगों को उनकी तैयारी में समय लगाना पड़ेगा। इससे लोगों का काफी समय बर्बाद होगा.

(v) सबसे बढ़कर, त्योहारों का महत्व कम हो जाएगा।

ग) "सौ सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे।"

       दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों  की चाल"

       क्या ऊपर लिखी बातें संभव हो सकती हैं ? कारण भी पता करो ?

उत्तर: कवि के लिए यह संभव है। अगर कोई इंसान मेहनत करता है. केवल कड़ी मेहनत से ही वह धरती पर सौ स्वर्ग ला सकता है। कवि के अनुसार यदि सभी मनुष्य मिलकर कार्य करें तो पृथ्वी पर हर स्थान फलेगा-फूलेगा। उसका सौन्दर्य इतना अनोखा होगा मानो चारों ओर स्वर्ग उतर आया हो। इस तरह हमारे द्वारा की गई मेहनत आने वाली पीढ़ियों का भाग्य बदल देगी और वे इस धरती पर हमेशा फलते-फूलते रहेंगे।

घ) कवि 'हम धरती के लाल' ही क्यों कहना चाहते हैं ?

उत्तर: कवि हमें धरती के लाल कहना चाहता है ताकि वह धरती के साथ मनुष्य के रिश्ते को व्यक्त कर सके। एक बच्चे का कर्तव्य है कि वह अपने माता-पिता के लिए कुछ करे। जब हम धरती को माँ मानने या बुलाने लगते हैं तो हम उससे भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। यह भावनात्मक जुड़ाव हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी माँ के लिए कुछ करना है।

2. वाक्य बनाओ

    'सुख-स्वप्नों के स्वर गूँजेंगे।'

    इसमें 'स' अक्षर बार-बार आया है।

तुम भी नीचे लिखे वर्णे से वाक्य बनाओ। ध्यान रखो कि उस वर्ण से शुरू होने वाले तीन शब्द तुम्हारा          वाक्य में हों।

 क) क.................................

उत्तर: कागज की कश्ती चलती हुई।

ख) त...................................

उत्तर: तीन तमगें तान कर चलते लाला जी।

ग) द..................................

उत्तर: दान देना दानवीर कर्ण का काम था।

3. शब्द-सज्जा

क) 'हम नया भूगोल बनाएँगे।'

ऊपर लिखी पंक्ति में 'भूगोल' शब्द की जगह और कौन-कौन से शब्द आ सकते हैं ?

नीचे दिए गए बाँक्स में से छाँटो और कुछ शब्द स्वयं सोचकर लिखो।

          संसार, कल्पना, इंसान, पौधा, चेतना, ज़माना , दुनिया, इतिहास

उत्तर:

ख) नीचे लिखे शब्दों को तूम्हारे घर की भाषा में क्या कहते हैं ?

            क) देश....................                         घ) जनता....................

            ख) धरती.....................                     ङ) त्योहार...................

            ग) दूध........................                      च) इंसान......................  

उत्तर:  क) देश                                 घ) जौनता

ख) पृथ्वी                                  ङ) उत्सव

ग) दुध                                      च) मानुष


4. सोचो और बताओ

क) कवि एक नया संसार बसाना चाहता है जहाँ मानव की मेहनत हूजी जाए, जहाँ जनता में एकता हो,      जहाँ सब समान हों, जहाँ सभी सुखी हों। तुम्हें अपने संसार में ऊपर लिखी बातें नज़र आती हैं या नहीं?     इन बातों के होने या न होने का क्या कारण है?

उत्तर"हां, मैं अपनी दुनिया में ये चीजें देखता हूं। हमारी दुनिया में इंसान की मेहनत को पूजा जाता है। यही कारण है कि आज वही लोग शिखर पर मौजूद हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। वहां एकता मौजूद है।" हमारी दुनिया में लोगों के बीच। अगर ऐसा नहीं होता तो मानव सभ्यता अब तक खत्म हो चुकी होती। ये बातें भी सच हैं कि यहां सभी को समान रूप से देखा जाता है और हर कोई खुश है। अगर ऐसा नहीं होता तो पूरी दुनिया एक-दूसरे से नहीं जुड़ पाती। आज सभी देश एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं और सभी एक-दूसरे की संस्कृति और सभ्यताओं के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। यह सब हमारी दुनिया की भलाई का प्रमाण है।

ख) तुम भी अपने संसार के बारे में कल्पनाएँ ज़रूर करते होंगे। अपने सपनों की दुनिया के बारे में बताओ।

उत्तर: "हां, मैं भी अपने सपनों की दुनिया के बारे में कल्पनाएं करता हूं। लेकिन मेरे सपनों की दुनिया बिल्कुल अलग है। मेरे सपनों की दुनिया प्रदूषण मुक्त और प्रकृति की सुंदरता से भरपूर है। लोगों के घर इमारतों में नहीं बल्कि पेड़ों पर बने छोटे-छोटे घर होंगे।" हम प्रकृति के बीच अध्ययन करेंगे और जीवन का आनंद लेंगे।
5. कैसे?
बताओ काम कैसे करोगे? शिक्षक से भी सहायता लो। तुम ये

क) समय को राह दिखाना

ख) जनता को एक करना

ग) तारों की चाल बदल देना

घ) नया भूगोल बनाना

ङ) नया इंसान बनाना
6. यह भी करो

ऐसी ही एक और कविता खोजकर अपनी कॉपी में लिखो। तुम स्वयं भी कविता की रचना कर सकते हो।

Type by- Junmoni Das.