Chapter 12
गुरु और चेला
टके की बात
1. टका पुराने जमाने का सिक्का था। अगर आजकल सब चीजें एक रुपया किलो मिलने लगें तो उससे किस तरह के फ़ायदे और नुकसान होंगे?
उत्तरः फायदा- गरीबों को भी सबकुछ खरीदने का मौका मिलेगा। अमीर-गरीब का भेद ख़त्म हो जायेगा।
नुकसान- बाजार मंदा रहेगा। देश की अर्थव्यवस्था चरमरा जायेगी।
2. भारत में कोई चीज खरीदने-बेचने के लिए 'रुपये' का इस्तेमाल होता है और बांग्लादेश में 'टके' का 'रुपया' और 'टका' क्रमश: भारत और बांग्लादेश की मुद्राएँ हैं। नीचे लिखे देशों की मुद्राएँ कौन-सी हैं ?
सऊदी अरब जापान फ्रांस इटली इंग्लैंड
उत्तरः सऊदी अरब- दीनार
जापान-येन
फ्रांस-युरो
इटली-युरो
इंग्लैंड-पाउंड
कविता की कहानी
1. इस कविता की कहानी अपने शब्दों में लिखो ।
उत्तरः यह कहानी अंधेर नगरी के गुरु और शिष्य से शुरू होती है। दोनों एक साथ आते हैं. लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें पता चला कि यह अंधेर नगरी है और यहां का राजा बिल्कुल मूर्ख है। यह सुनकर गुरु अपने शिष्य को तुरंत शहर छोड़ने के लिए कहते हैं। लेकिन शिष्य ने वापस जाने से इंकार कर दिया क्योंकि शहर में सब कुछ एक टका में उपलब्ध था।
फिर गुरु अकेले ही वहां से चले जाते हैं और शिष्य वहीं रहकर खाने-पीने का आनंद लेने लगता है, उस शहर में खीरा, ककड़ी, रबड़ी, मलाई जैसी चीजें मिलती थीं। कुछ दिनों बाद शहर की एक दीवार ढह जाती है। तब राजा अपराधी को गिरफ्तार करने का आदेश देता है। सिपाही, कारीगर, भिखारी, मशकवाले, मंत्री सभी अपराधी पकड़े जाते हैं। बाद में मंत्री को दोषी मानते हुए फांसी की सजा देने का आदेश दिया गया। लेकिन उसकी गर्दन मोटी नहीं थी इसलिए मंत्री को फाँसी नहीं दी जाती और शिष्य को फाँसी देने के लिए लाया जाता है। तब शिष्य को अपने गुरु की याद आती है और गुरु जाकर अपनी चालाकी से शिष्य को फाँसी से बचा लेते हैं, साथ ही मूर्खता के कारण राजा स्वयं फाँसी पर चढ़ जाता है। मूर्ख राजा की मृत्यु से सारी प्रजा प्रसन्न हुई।
2. क्या तुमने कोई और ऐसी कहानी या कविता पढ़ी है जिसमें सूझबूझ से बिगड़ा काम बना हो, उसे अपनी कक्षा में सुनाओ।
उत्तरः
3. कविता को ध्यान से पढ़कर 'अंधेर नगरी' के बारे में कुछ वाक्य लिखो । (सड़कें, बाज़ार, राजा का राजकाज )
उत्तरः सड़कें- अँधेर नगर की सड़कें चकाचक थीं।
बाज़ार- अंधेर नगरी के बाज़ार में सब कुछ बिकता था।
राजा का राजकाज- अँधेरी नगरी का राजा मूर्ख था। अत: उनका शासन-प्रशासन ठीक नहीं था। प्रजा बहुत दुखी थी वह ऐसे राजा से मुक्ति चाहती थी।
कविता की बात
1. 'प्रजा खुश हुई जब मरा मूर्ख राजा । "
उत्तरः कोई भी मूर्ख नहीं चाहता क्योंकि वह हमेशा लोगों को परेशान करता है। अंधेर नगर के लोगों ने राजा की मृत्यु पर आनन्द मनाया क्योंकि वह मूर्ख था। उनकी मृत्यु से उनकी वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो गई। वे राजा के मूर्खतापूर्ण शासन से बहुत दुखी थे। अब उनका दुःख दूर हो गया।
4. क्या ऐसे देश को 'अंधेर नगरी' कहना ठीक है? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उत्तरः जी हां, ऐसे देश को 'अंधेरे का शहर' कहा जाता है क्योंकि इस शहर का राजा मूर्ख था। वह भी यह जानता है. बात ये नहीं थी कि क्या सही था या ग़लत, किसे सज़ा दी जानी चाहिए, किसे सज़ा दी जानी चाहिए। उसके शासन में लोग बहुत दुखी थे, वे उससे छुटकारा पाना चाहते थे।
(क) अँधेर नगरी की प्रजा राजा के मरने पर खुश क्यों हुई?
उत्तरः कोई भी मूर्ख नहीं चाहता क्योंकि वह हमेशा लोगों को परेशान करता है। अंधेर नगर के लोगों ने राजा की मृत्यु पर आनन्द मनाया क्योंकि वह मूर्ख था। उनकी मृत्यु से उनकी वर्षों पुरानी इच्छा पूरी हो गई। वे राजा के मूर्खतापूर्ण शासन से बहुत दुखी थे। अब उनका दुःख दूर हो गया।
(ख) यदि वे राजा से परेशान थे तो उन्होंने उसे खुद क्यों नहीं हटाया ? आपस में चर्चा करो।
उत्तरः उन्होंने ऐसे राजा को स्वयं नहीं हटाया क्योंकि यह कोई आसान काम नहीं था। इस कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए उन्हें किसी योग्य व्यक्ति के नेतृत्व में एकजुट होना होगा। सभी को एक साथ लाना भी मुश्किल है और अगर काम हो भी जाए तो काफी समय लग जाता है।
2. “गुरु का कथन, झूठ होता नहीं है। "
(1) गुरुजी ने क्या बात कही थी?
उत्तरः फाँसी के तख्ते पर चढ़ने के लिए यह मुहूर्त सबसे शुभ है। इस मुहूर्त में जिसे फांसी दी जाएगी वह चक्रवर्ती राजा बनेगा और उसके सिर पर संपूर्ण विश्व का छत्र होगा।
(2) राजा यह बात सुनकर फाँसी पर लटक गया। तुम्हारे विचार से गुरुजी ने जो बात कही, क्या वह सच थी?
उत्तरः बिल्कुल नहीं। राजा मूर्ख था। अत: मैंने गुरुजी की बात को सत्य मान लिया।
(3) गुरुजी ने यह बात कहकर सही किया या गलत? आपस में चर्चा करो।
उत्तरः एकदम सही। ऐसा करके उन्होंने न केवल अपने निर्दोष शिष्य को बचाया बल्कि उस नगर के सभी लोगों को भी बचाया। ऐसे मूर्ख राजा से प्रजा मुक्ति चाहती थी। गुरूजी ने उनकी इच्छा पूरी की।
अलग तरह से
- अगर कविता ऐसे शुरु हो तो आगे किस तरह बढ़ेगी?
थी बिजली और उसकी सहेली थी बदली
उत्तरः बरसता था पानी चमकती थी बिजली
गरजते थे बादल दमकती थी बिजली,
थी बरसात गहरी, धमकती थी बिजली
क्या होता यदि....
1. मंत्री की गर्दन फँदे के बराबर की होती ?
उत्तरः उसे फाँसी दी जायेगी।
2. राजा गुरुजी की बातों में न आता?
उत्तरः वह जीवित रहेगा और उसकी शासन व्यवस्था डगमगाती रहेगी। साथ ही शिष्य को फांसी दी जाएगी।
3. अगर संतरी कहता कि " दीवार इसीलिए गिरी क्योंकि पोली थी" तो महाराज किस-किस को बुलाते? आगे क्या होता?
उत्तरः यदि संतरी कहता कि दीवार पॉली होने के कारण गिरी है, तो महाराज कारीगर, भिखारी और मशकवाले को बुलाते। तब शायद उसने उन सभी को फाँसी देने का आदेश दिया होता।
शब्दों की छानबीन
1. नीचे लिखे वाक्य पढ़ो। जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें आजकल कैसे लिखते हैं. यह भी बताओ।
(क) न जाने की अंधेर हो कौन छन में!
उत्तरः छन-क्षण
(ख) गुरु ने कहा तेज़ ग्वालिन न भग री !
उत्तरः भग-भाग
(ग) इसी से गिरी, यह न मोटी घनी थी!
उत्तरःघनी-गहरी।
(घ) ये गलती न मेरी यह गलती बिरानी!
उत्तरः बिरानी-परायी।
(ङ) न ऐसी महूरत बनी बढ़िया जैसी
उत्तरः महूरत - मुहूर्त
2. चमाचम थी सड़कें ... इस पंक्ति में 'चमाचम' शब्द आया है। नीचे लिखे शब्दों को पढ़ो
और दिए गए वाक्यों में ये शब्द भरो-
पटापट चकाचक फटाफट चटाचट झकाझक
क)आँधी के कारण पेड़ से...........फल गिर रहे हैं।
ख)हंसा अपना सारा काम..........कर लेती है।
ग)आज रहमान ने.............सफ़ेद कुर्ता पाजामा पहना है।
घ)उस भुक्खड़ ने..........लड्डू खा डाले।
ङ)सारे बर्तन धुलकर............हो गए।
उत्तरः क) पटापट
ख) चटाचट
ग) झकाझक
घ)फटाफट
ङ) चकाचक
Question answer type by-Mandira Saha
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