सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
प्रश्न-अध्ययन
सरोज स्मृति
1. सरोज के नव-वधू रूप का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
2. कवि को अपनी स्वर्गीया पत्नी की याद क्यों आई?
3. 'आकाश बदल कर बना मही' में 'आकाश' और 'मही' शब्द किनकी ओर संकेत करते हैं?
4. सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था?
5. 'वह लता वहीं की, जहाँ कली तू खिली' पंक्ति के द्वारा किस प्रसंग को उद्घाटित किया गया है?
6. 'मुझ भाग्यहीन की तू संबल' निराला की यह पंक्ति क्या 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' जैसे कार्यक्रम की माँग करती है।
7. निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए-
(क) नत नयनों से आलोक उतर
(ख) श्रृंगार रहा जो निराकार
(ग) पर पाठ अन्य यह, अन्य कला
(घ) यदि धर्म हो, तो सदैव सिर झुका रहता है
योग्यता-विस्तार
योग्यता-विस्तार
1. निराला के जीवन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए रामविलास शर्मा की पुस्तक 'महाकवि निराला' पढ़िए।
2.अपने बचपन की स्मृतियों को आधार बनाकर एक छोटी सी कविता लिखने का प्रयास कीजिए।
3. 'सरोज स्मृति' पूरी पढ़कर आम आदमी के के जीवन-संघर्षों पर चर्चा कीजिए।
शब्दार्थ और टिप्पणी
सरोज स्मृति
आमूल - मूल अथवा जड़ तक, पूरी तरह
नवल - नया
स्पंद - कंपन
उर - हदय, मन
स्तब्घ - स्थिर, दृढ़
उच्खूवास - आह भरना
धीति - प्यास, पान
निराकार - जिसा कोई आकार न हो
रति- रूप - कामदेव की पत्नी के रूप जैसी, अत्यंत सूंदर
मही - पृथ्वी
सेज - शय्या, बिस्तर
शकुंतला - कालिदास की नाटयकृति 'अभिज्ञान शाकुंतलम्' की नायिका
समोद - हर्षसहित, खुशी के साथ
जलद - बादल
न्यस्त - निहित
संबल - सहारा
बज्नपात - भारी विपत्ति, कठोर
स्वजन - आत्मीय, अपने लोग
शतदल - कमल
अर्पण - देना, अर्पित करना, चढ़ाना
नर्पण - देवताओं, ऋषियों और पितरों को तिल या तंडुलमिश्रित जल देने की क्रिया
DABP007925