90% Common Question


 HSLC 2011 

1. आज हम नींव की ईट बनने की अपेक्षा कँगूरे की ईट बनने के लिए क्यों उतावले दिखाई देते हैं?

2. उदय के लिए आतुर हमारा समाज चिल्ला रहा है। हमारी नींव की ईटें किधर हैं? देश के नौजवानों को यह चुनौती है।

 HSLC 2012 

1. नींव की ईट और कंगूरे की ईंट किस-किस का प्रतिनिधित्व करती हैं ?

2. सुन्दर सृष्टि। सुन्दर सृष्टि हमेशा ही बलिदान खोजती है, बलिदान ईंट का हो या व्यक्ति का।

3. देश का शायद कोई ऐसा कोना हो, जहाँ कुछ ऐसे दधीचि नहीं हुए हों, जिनकी हड्डियों के दान ने ही विदेशी वृत्रासुर का नाश किया।

 HSLC 2013 

1. हम जिसे देख नहीं सके, वह सत्य नहीं है, यह है मूढ़ धारण ! दूँढ़ने से हो सत्य मिलता है।

 HSLC 2014 

1. 'शहादत और मौन-मूक! समाज की आधारशिला यही होती है' - लेखक के इस विचार को स्पष्ट करो।

2. 'देश के नौजपानों को यह चुनौती है' - इसमें लेखक ने किस चुनौती की ओर संकेत किया है, स्पष्ट करो।

 HSLC 2015 

1. 'ईसाई धर्म उन्हीं के पुण्य-प्रताप से फल-फूल रहा हैं' स्पष्ट करो।

2. 'नींव की ईट' के सन्देश को अपने शब्दों में लिखो।

 HSLC 2016 

1. आज देश के नौजवानों के समक्ष चुनौती क्या है ?

2. लेखक के अनुसार कौन-सी ईंट अधिक धन्य है ?

 HSLC 2017 

1. देश के नौजवानों के सामने आज क्या चुनौती है ? 'नींव की ईंट' लेख के आधार पर स्पष्ट करो।

2. 'सुन्दर सृष्टि हमेशा बलिदान खोजती है'। -आशय स्पष्ट करो।

 HSLC 2018 

1. डूबने से डरने वाला व्यत्कि कहाँ बैठा रहता है ?

2. नींव की इंट की क्या भूमिका होती हौ ?

3. भारत के नव-निर्माण के बारे में लेखक ने क्या कहा है ?

 HSLC 2019 

1. 'नींव की ईट' के सन्देश को अपने शब्दों में लिखो।

2. 'नींव की ईट' और 'कंगूरे की ईट' के प्रतीकार्थों को स्पष्ट करो।

 HSLC 2020 

1. 'शहादत और मौन-मूक! समाज की आधारशिला यही होती है' - लेखक के इस विचार को स्पष्ट करो।

2. देश के नौजवानों के सामने आज क्या चुनौती है ? 'नींव की ईंट' लेख के आधार पर स्पष्ट करो।

 HSLC 2022 

1. डूबने से डरने वाला व्यत्कि कहाँ बैठा रहता है ?

2. वृत्तासुर का नाश किससे किया गया था ?

3. बेनीपुरी जी का पूरा नाम क्या है ?

4. 'नींव की ईट' के सन्देश को अपने शब्दों में लिखो।

5. 'नींव की इंट' शीर्षक लेख में निहित प्रतीकार्थ को स्पष्ट करो।

 HSLC 2023 

1. रामवृक्ष बेनीपुरी जी के द्वारा विरचित पठित पाठ का नाम कया है ?

2. सत्य के संबंध में बेनीपुरी जी की क्या धारणा है ?

3. 'सुन्दर सृष्टि हमेशा बलिदान खोजती है'। -आशय स्पष्ट करो

 Important Questions 

1 Marks Questions (১ নম্বৰীয়া প্ৰশ্ন)

1. नींव की ईट एक निबंध / कहानी / संस्मरण है।

2. रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा संपादित तीन पत्रिकाओं के नाम लिखो।

3. बेनीपुरी की तीन प्रमुख रचनाओं के नाम लिखो ।

4. बेनीपुरी की समस्त रचनाएँ किस नाम से प्रकाशित हुई है?

5. लोगों को कौन-सी ईंट सबसे ज्यादा आकर्षित करती है ?.

6. निबंधकार किस ईंट को ज्यादा महत्व देता है ?

7. लेखक के अनुसार इमारत की मजबुती किस पर निर्भर करती है?

8. देश की नींव मजबुत करने की क्षमता किसमें है ?

9. दुनिया सदा क्या देखती है ?

10. 'नींव की इंट' ने अपने लिए अंधकुप को क्यों कबुल किया है ?

11. बेनापुरी जी ने समाज की आधारशिला किसे माना है ?

12. बेनापुरी जी ने सत्य. से भागने के क्या कारण दिए है?

2\3 Marks Questions (২\৩ নম্বৰীয়া প্ৰশ্ন)

1. 'नींव की ईंट' निबंध के माध्यम से निबंधकार क्या संदेश | देना चाहता है ?

2 'उस ईंट को हिला दीजिए, कंगुरा बेहताश जमीन पर आ रहेगा।' यहाँ किस ईंट की और इशारा किया गया है ?

3. निबंधकार किस ईंट को सबसे महत्वपूर्ण मानता है और क्यों ?

4. निबंधकार ने मौन बलिदान को समाज की आधारशिला क्यों माना है ?

5. सुंदर समाज बनने के लिए किसकी जरूरत है और क्यों ?!

6. हम इमारत के गीत नींव के गीत से प्रारंभ क्यों नहीं करते है?

7. लेखक ईसाई धर्म को अमर बनाने का श्रेय किन्हें देना चाहते हैं और क्यों ?

4\5 Marks Questions (৪\৫ নম্বৰীয়া প্ৰশ্ন)

1. लेखक क्यों इमारत के कंगुरे से नींव की इंट को ज्यादा महत्व देता है ?

2. देश की नींव मजबुत करने के लिए निबंधकार किसकी जरूरत मानता है और क्यों ?

3. 'कंगुरे के गीत गानेवेले हम, आइए, अब नींव के गीत गाएँ'- इससे निबंधकार का अभिप्राय क्या है ?

4. आज के नौजवानों से निबंधकार क्या अपेक्षा करता है और क्यों ? 

5. 'सदियों के बाद नए समाज की सृष्टि की, और हमने पहला कदम बढ़ाया है।' इससे निबंधकार क्या बताना चाहते है ?

6. देश के नौजवानों के सन्मुख कौन-सी चुनौती है? इसकी सामना करने के लिए नौजवानों को क्या करने का सलाह निबंधकार देते हैं ?

7. नींव की ईंट के प्रति मनुष्य का व्यवहार इस सत्य को कैसे प्रतिपादित करता है कि, 'मनुष्य की प्रवृत्ति कठोरता और भद्देपन से भागने की रही है'?

8. नींव की ईंट और समाज के अनाम शहीदों के बलिदान के उद्येश्यों में तुम्हें क्या समानता दिखाई देती है ?

9. आज हम 'नींव की ईट' बनने की अपेक्षा गुरे की ईट । चनने के लिए क्यों उतावले दिखाई देते हैं ? 

10. इस 'नींव की ईट' पाठ में लेखक किनका आहवान कर रहा है और क्यों ?

11. नींव की ईट और कंगुरे की इंट किस-किस का प्रतिनिधित्व करती है? लेखक ने इनके माध्यम से किस सत्य को। उजागर करने का प्रयत्न किया है ?

12. आशय स्पष्ट करो:

(i) वह इंट, जो सब ईंटों से ज्यादा पक्की थी, जी ऊर लगी होती तो उस कंगुरे की शोभा सौ गुनी कर देती।

(ii) ठोस' सत्य' सदा 'शिवम' होता है, किंतु वह हमेशा ही 'सुंदरम' भी हो यह आवश्यक नहीं।

(iii) कुछ तपे-तपाए लोगों को मौन-मुक शहादत का । लाल सेहरा पहनना है।

(iv) उदय के लिए आतुर हमारा समाज चिल्ला रहा। है। हमारी नींव की ईंट किधर हैं?

13. सप्रसंग व्याख्या करोः

(i) अफसोस, कंगुरा बनने के लिए चारों और होड़ा- होड़ी मची है, नींव की ईंट बननेकी कामना लुप्त | हो रही है!

(ii) सत्य कठोर होता है, कठोरता और भद्दापन साथ- | साथ जन्मा करते हैं, जिया करते हैं। हम कठोरता! से भागते हैं, भद्देपन से सुख मोड़ते हैं-इसीलिए सत्य से भी भागते हैं। नहीं तो, हम इमारत के गीत नींव के गीतसे प्रारंभ करते।

(iii) शहादत और मौन-मूक जिस शहादत को शोहरत | मिली, जिस बलिदान को प्रसिद्धि प्राप्त हुई, वह । इमारत का कंगुरा है मंदिर का कलश है। ।

(iv) वे नींव ईट थे, गिरजाघर के कलश उन्हीं की शहादत से चमकते हैं। आज हमारा देश आजाद हुआ सिर्फ उनके बलिदानों के के कारण नहीं, जिन्होंने इतिहास समें में स्थान पा लिया है।

(v) हम जिसे देख नहीं सके, वह सत्य नहीं है, यह है। मूढ़ धारणा ! ढूँढ़ने से ही सत्य मिलता है। हमारा। काम है, धर्म है, ऐसी नींव की ईंटों की ओर ध्यान । देना।

(vi) सात लाख गाँवों का नव-निर्माण हजारों शहरों और कारखानों का नव-निर्माण ! कोई शासक इसे संभव नहीं कर सकता। जरूरत है ऐसे नौजवानों की, जो इस काम में अपने को चुपचाप खपा दें।।

(vii) हाँ, शहादत और मौन-मूक ! समाज की । आधारशिला यहीं होती है।