90% Common Question
HSLC 2011
A. निम्नलिखित प्रश्नों के शुद्ध उत्तरों का चयन करो।
1. कबीरदास के अनुसार साधु के बारे में कौन-सी बात नहीं पूछी जानी याहिए ?
(i) सम्पत्ति
(ii) घर-परिवार
(iii) उम्र
(iv) जाति
2. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) माला फेरत जुग भया, फिरा न मन का फेर।
कर का मनका डारि दे, मन का मनका फेर।
(ii) जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैठ। जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ।
3. विक्रमी पुरूष के बारे में कर्ण ने क्या कहा है ?
HSLC 2012
1. कबीरदास के अनुसार प्रकृत पण्डित कौन है ?
(i) जो एम.ए. पास करता है
(ii) जो ढाई अक्षर प्रेम-पाठ पढ़ता है
(iii) जो अत्यधिक पुस्तकें पढ़ता है
(iv) इनमें से एक भी नहीं है।
2. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझ-सा बुरा न कोय ।
(ii) जा घट प्रेम न संचरै, सो घट जान मसान। जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्रान ।
HSLC 2013
1. कबीरदास के अनुसार गुरु कया है ?
(i) सोनार (ii) कुम्हार (iii) कहार (iv) लोहार
2. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) तेरा साई तुज्झ में, ज्यों पुहपन में बास। कस्तूरो का मिरग ज्यों, फिर - फिर दूँदै घास ।।
HSLC 2014
1. कबीरदास के अनुसार प्रेमविहीन शरीर किसके समान होता है?
(i) मिट्टी के समान
(ii) राख के समान
(iii) मसान के समान
(iv) घास के समान
2. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) सत गुरु की महिमा अनँत, अनंत किया उपगार । लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावणहार ।
(ii) जिन दूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैठ। जो बौरा डूबन डरा, रहा किनारे बैठ ।
HSLC 2015
1. कस्तूरी मृग वन-वन में क्या खोजता फिरता है ?
(i) कोमल घास
(ii) शीतल जल
(iii) कस्तूरी नामक सुगन्धित पदार्थ
(iv) निर्मल हवा
2. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) जा घट प्रेम न संचरै, सो घट जान मसान। जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्रान ।
HSLC 2016
1. सन्त कबीरदास के अनुसार हमें कल का काम कब करना । चाहिए ?
2. महात्मा कबीकदास के अनुसार साधु की कौन-सी बात । नहीं पुछी जानी चाहिये ?
HSLC 2017
1. कबीरदास के अनुसार साधु की पहचान क्या है ?
2. 'साखी' शब्द किस मूल शब्द से विकसित है ?
3. कबीरदास ने किस भाषा मे कविता लिखी थी ?
4. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) तेरा साई तुज्झ में, ज्यों पुहपन में बास। कस्तूरो का मिरग ज्यों, फिर - फिर दूँदै घास ।
(ii) काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगा, बहुरि करेगो कब ।
HSLC 2018
1. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझ-सा बुरा न कोय ।
(ii) सत गुरु की महिमा अनँत, अनंत किया उपगार । लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावणहार ।
HSLC 2019
1.कबीरदास के अनुसार प्रकृत पण्डित कौन है ?
(i) जो एम.ए. पास करता है
(ii) जो ढाई अक्षर प्रेम-पाठ पढ़ता है
(iii) जो अत्यधिक पुस्तकें पढ़ता है
(iv) इनमें से एक भी नहीं है।
2. कबीर के अनुसार गुरु कुम्हार है तो शिष्य क्या है?
3. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) जा घट प्रेम न संचरै, सो घट जान मसान। जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्रान ।
(ii) जाति न पूछो साधु की, पुछि लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ।
HSLC 2020
1. 'साखी' शब्द किस मूल शब्द से विकसित है ?
2. कबीरदास ने किस भाषा मे कविता लिखी थी ?
3. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) तेरा साई तुज्झ में, ज्यों पुहपन में बास। कस्तूरो का मिरग ज्यों, फिर - फिर दूँदै घास ।
HSLC 2022
1. सप्रसंग व्याख्या करो :
(ii) जाति न पूछो साधु की, पुछि लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ।
(ii) काल करे सो आज कर, आज करे सो अब । पल में परलय होएगा, बहुरि करेगो कब ।
2. "गुरु कुम्हार सिष कुंभ है।" यहाँ गुरु को कुम्हार क्यों कहा गया है ?
HSLC 2023
1. कबीरदास के अनुसार प्रकृत पण्डित कौन है ?
(i) जो एम.ए. पास करता है
(ii) जो ढाई अक्षर प्रेम-पाठ पढ़ता है
(iii) जो अत्यधिक पुस्तकें पढ़ता है
(iv) इनमें से एक भी नहीं है।
2. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) जा घट प्रेम न संचरै, सो घट जान मसान। जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्रान ।
(ii) सत गुरु की महिमा अनँत, अनंत किया उपगार । लोचन अनंत उघाड़िया, अनंत दिखावणहार ।
Important Questions 1 Marks Questions (১ নম্বৰীয়া প্ৰশ্ন)
1. कबीरदास की कविताओं में कौन सी दृष्टि निहित है ?
2. कबीरदास के गुरु कौन थे ?
3. कबीरदास की रचनाएँ किस नाम से प्रसिद्ध हुई ?
4. कबीरदास ने किस घर को श्मशान बताया है ?
5. कबीरदास ईश्वर का निवास स्थल कहाँ मानते हैं ?
6. गहरे पानी में बैठने से क्या मिलता है ?
7. कस्तुरी मृग वन-वन में क्या खोजता है ?
8. कवि के अनुसार 'मन का फेर' क्या है ?
9. प्रेमविहीन शरीर किसके समान होता है ?
10. कबीरदास के अनुसार कैसा व्यक्ति वस्तुतः पंडित कहलाने योग्य है ?
11. खाली स्थान भरो :
(i) सत गुरु की अनंत अनंत, अनंत किया--- अनंत दिखावणहार
(ii) बुरा जो --- मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा मुझ-सा न कोय ।
(iii) जा घट ----न संचरै, सो घट जान ---- जैसे खालकी, साँस लेत ----प्रान।
2/3 Marks Questions (১/৩ নম্বৰীয়া প্ৰশ্ন)
1. गुरु-शिष्य के सम्बन्ध के बारे में कबीरदास का विचार क्या है?
2. सत गुरु की महिमा के सम्बन्ध में कबीरदास क्या बताते हैं ?
3. कबीर के अनुसार दूसरों की बुराई देखना क्यों उचित नहीं है?
4. प्रेमविहीन शरीर के सम्बन्ध में कबीरदास का विचार क्या है?
5. मन के अहंकार को मिटाने के लिए कबीरदास क्या उपदेश देते हैं ?
6. 'जैसे खाल लोहार की, साँस लेत बिनु प्रान'। इसमें लोहार के खाल के साथ किसकी और क्यों तुलना की गई थी ?
7. साधु-संत से हमें किन बातों की खोज करनी चाहिए ?
8. समय से पहले ही किसी काम को करने की सलाह कवि ने क्यों दी है ?
4/5 Marks Questions (৪/৫ নম্বৰীয়া প্ৰশ্ন)
1. कबीरदास के जीवन के सम्बन्ध में एक संक्षिप्त लेख लिखो ।
2. कबीरदास की साखियों में निहित संदेशों के बारे में लिखो ।
3. कबीरदास जी ने पोथी पढ़ने, माला फेरने और जात-पाँत की बात पूछने के संदर्भ में क्या-क्या कहा है ?
4. आशय स्पष्ट करो
(i) 'तेरा साई तुज्झ में, ज्यो पुहुपन में बास।'
(ii) 'ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।'
(iii) 'जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय।'
5. प्रस्तुत साखी के आधार पर कबीरदास के जीवन-दर्शन सम्बन्धी विचार के बारे में लिखो।
6. गुरु के सम्बन्ध में कबीरदास का विचार कैसा है ?
7. सप्रसंग व्याख्या करो :
(i) जाति न पूछो साधु की, पूछि लीजिए ज्ञान।
मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान ।।
(ii) जिन ढूँढ़ा तिन पाइयाँ, गहरे पानी पैठ।
जो ब्यौरा डबन डरा रहा किनारे बैठ ।।