1. ज्ञान हम को दीजिए                                        


अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर छोटे-छोटे वाक्यों में लिखिए :

  1. आनंद-दाता कौन हैं? वे हमें क्या देते हैं?
    ➤ आनंद-दाता भगवान हैं। वे हमें ज्ञान देते हैं।

  2. हम सदाचारी कब बन पाते हैं?
    ➤ जब हम निंदा और ईर्ष्या से दूर रहते हैं, तब हम सदाचारी बन पाते हैं।

  3. गुरुजनों की सेवा कैसे करनी चाहिए?
    ➤ गुरुजनों की सेवा प्रेम और आदर से नित्य करनी चाहिए।


आ) नीचे दिये गये प्रश्न का उत्तर पाँच-छह वाक्यों में लिखिए :

  1. "ज्ञान हम को दीजिए" पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए :
    उत्तर: इस कविता में बालक भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें ज्ञान दें और उनके सारे दुर्गुण दूर करें। वे चाहते हैं कि वे कभी किसी की निंदा या ईर्ष्या न करें। बालक हमेशा सत्य बोलना और झूठ से दूर रहना चाहते हैं। वे आपस में मिल-जुलकर रहना चाहते हैं। वे प्रेम से गुरुजनों और संस्कृति की सेवा करने की इच्छा रखते हैं। यह एक सुंदर और प्रेरणादायक प्रार्थना है।


इ) उचित शब्दों से खाली जगह भरिए :

  1. भगवान ज्ञान प्रदान करते हैं।

  2. दुर्गुण से दूर रहना चाहिए।

  3. आपस में हमें मिलजुलकर रहना चाहिए।

  4. हमें सत्य बोलना चाहिए।

  5. नित्य गुरुजनों की सेवा करनी चाहिए।


ई) संकेतों के आधार पर शब्द बनाइए :

  1. सत्य

  2. निनिंदा

  3. नृनृत्य

  4. संरसंरक्षण

  5. प्रप्रभु

  6. कृतिसंस्कृति

  7. विविनम्र




1. इस चित्र में क्या-क्या दिखाई दे रहे हैं?

इस चित्र में पेड़-पौधे, एक स्कूल की इमारत, कुछ बच्चे, शिक्षक और खेल का मैदान दिखाई दे रहे हैं। आसमान में सूरज चमक रहा है और पक्षी उड़ते हुए नजर आ रहे हैं।

2. बच्चे क्या कर रहे हैं?

कुछ बच्चे झूला झूल रहे हैं, कुछ बच्चे खेल रहे हैं और कुछ बच्चे शिक्षक की बातें ध्यान से सुन रहे हैं। सभी बच्चे खुश और उत्साहित दिखाई दे रहे हैं।





  1. प्रार्थना हम किस से करते हैं?
    ➤ हम प्रार्थना भगवान से करते हैं।

  2. प्रार्थना हम क्यों करते हैं?
    ➤ हम प्रार्थना करते हैं ताकि भगवान हमें ज्ञान दें और हमारे दुर्गुण दूर करें।




यह रहा "ज्ञान हम को दीजिए" कविता पर आधारित सभी अभ्यासों का उत्तर — साफ, सुंदर और कक्षा 7 के लिए उपयुक्त भाषा में:


अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर छोटे-छोटे वाक्यों में लिखिए :

  1. आनंद-दाता कौन हैं? वे हमें क्या देते हैं?
    ➤ आनंद-दाता भगवान हैं। वे हमें ज्ञान देते हैं।

  2. हम सदाचारी कब बन पाते हैं?
    ➤ जब हम निंदा और ईर्ष्या न करें, तब हम सदाचारी बन पाते हैं।

  3. गुरुजनों की सेवा कैसे करनी चाहिए?
    ➤ गुरुजनों की सेवा प्रेम और आदर से नित्य करनी चाहिए।


आ) नीचे दिये गये प्रश्न का उत्तर पाँच-छह वाक्यों में लिखिए :

  1. "ज्ञान हम को दीजिए" पाठ का सारांश अपने शब्दों में लिखिए :
    इस कविता में बालक भगवान से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें ज्ञान दें। वे चाहते हैं कि उनके अंदर के सभी दुर्गुण शीघ्र दूर हो जाएं। वे किसी की निंदा और ईर्ष्या नहीं करना चाहते। वे सदा सत्य बोलना और झूठ से बचना चाहते हैं। बालक प्रेमपूर्वक गुरुजनों और संस्कृति की सेवा करना चाहते हैं। यह कविता एक आदर्श जीवन जीने की सीख देती है।


इ) उचित शब्दों से खाली जगह भरिए :

  1. भगवान ज्ञान प्रदान करते हैं।

  2. दुर्गुण से दूर रहना चाहिए।

  3. आपस में हमें मिलजुलकर रहना चाहिए।

  4. हमें सत्य बोलना चाहिए।

  5. नित्य गुरुजनों की सेवा करनी चाहिए।


ई) संकेतों के आधार पर शब्द बनाइए :

  1. सत्य

  2. सेवा

  3. सदाचार

नि

  1. निंदा

  2. नित्य

  3. नियम

नृ

  1. नृत्य

  2. नृप (राजा)

  3. नृशंस (क्रूर)

संस्

  1. संस्कृति

  2. संस्कार

  3. संस्मरण

प्र

  1. प्रभु

  2. प्रार्थना

  3. प्रयास

(कृति)

  1. संस्कृति

  2. कृतज्ञता

  3. कृति

वि

  1. विनम्र

  2. विश्वास

  3. विचार