अध्याय 4 हम नन्हें बच्चे
1. चित्र में क्या-क्या दिखाई दे रहे हैं?
उत्तर: चित्र में कुछ सैनिक दिखाई दे रहे हैं। वे अपनी वर्दी में सजे हुए हैं और बंदूकें लिए हुए खड़े हैं। उनके पीछे तिरंगा (राष्ट्रीय ध्वज) लहरा रहा है। कुछ सैनिक सलामी दे रहे हैं, तो कुछ सीमा पर निगरानी कर रहे हैं। आस-पास पहाड़, बर्फ या बार्डर की बाड़ भी दिख रही है। वातावरण में देशभक्ति का जोश साफ दिखाई देता है।
2. सैनिक क्या कर रहे हैं?
उत्तर: सैनिक अपने देश की रक्षा कर रहे हैं। वे पूरी निष्ठा और साहस के साथ अपनी मातृभूमि के लिए तैनात हैं। वे ठंड, गर्मी या बारिश की परवाह किए बिना दिन-रात देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं। इस चित्र में सैनिकों की वीरता और समर्पण झलकता है।
भूमिका (पाठ से पहले):
इस चित्र में हम देख सकते हैं कि हमारे देश के जवान अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। वे हमारे लिए, हमारी सुरक्षा के लिए, अपने परिवार से दूर रहकर कठिन परिस्थितियों में डटे रहते हैं।
देशभक्ति से जुड़ी ऐसी ही एक प्रेरणादायक कविता आज हम पढ़ने जा रहे हैं, जो हमें देश के प्रति प्रेम और गर्व की भावना से भर देगी।
बहुत अच्छा! आपने "हम नन्हें बच्चे" कविता का सारांश सुंदर तरीके से लिखा है। अब आइए इस पाठ से संबंधित प्रश्नों के उत्तर भी पूरे, स्पष्ट और सरल भाषा में तैयार करते हैं ताकि सातवीं कक्षा के विद्यार्थी आसानी से समझ सकें।
पाठ – "हम नन्हें बच्चे" (कवि: सोहनलाल द्विवेदी)
जीवनकाल: 1906–1988
प्रश्नोत्तर:
1. बच्चों में कौन-कौन से गुण होते हैं?
उत्तर: बच्चों में सच्चाई, देशभक्ति, साहस, दृढ़ संकल्प, अनुशासन, और बलिदान का भाव होता है।
2. शहीद किसे कहते हैं?
उत्तर: जो व्यक्ति अपने देश की रक्षा करते हुए प्राणों की आहुति देता है, उसे शहीद कहा जाता है।
मुख्य शब्दार्थ (शब्द और अर्थ):
शब्द | अर्थ |
---|---|
नन्हें | छोटे |
नादान | अनुभवहीन, भोले |
ध्वजा | झंडा |
प्रण | वादा, संकल्प |
हिमगिरि | हिमालय पर्वत |
भेंट चढ़ाना | बलिदान देना |
प्रश्नोत्तर:
1. बच्चे कैसे होते हैं?
उत्तर: बच्चे नन्हे, नादान, उम्र में छोटे लेकिन सच्चे और देशभक्त होते हैं।
2. बच्चे क्या तोड़ना नहीं चाहते हैं?
उत्तर: बच्चे अपना प्रण (वादा) तोड़ना नहीं चाहते हैं।
3. बच्चे क्या फहराना चाहते हैं?
उत्तर: बच्चे भारत की ध्वजा (झंडा) फहराना चाहते हैं।
अ) जोड़ी बनाइए :
क्रमांक | वाक्य का पहला भाग | ➡️ | सही मिलान |
---|---|---|---|
1. | बच्चे | ➡️ | ध्वजा फहराएँगे। |
2. | भारत की | ➡️ | जय-जय गाएँगे। |
3. | हम | ➡️ | हिमगिरि पर चढ़ जाएँगे। |
4. | हिम्मत | ➡️ | से नाता जोड़ेंगे। |
5. | अपना सिर | ➡️ | भेंट चढ़ाएँगे। |
आ) पाठ में वाक्यों के सही क्रम को पहचानकर क्रमसंख्या कोष्ठक में लिखिए :
वाक्य | क्रमसंख्या |
---|---|
4. नादान, उमर के कच्चे हैं। | [1] |
2. जननी की जय-जय गाएँगे। | [2] |
5. अपना प्रण कभी न तोड़ेंगे। | [3] |
1. हम भय से कभी न डोलेंगे। | [4] |
3. अपना सिर भेंट चढ़ाएँगे। | [5] |
इ) सही वर्तनी वाले शब्दों पर “गोला” बनाइए :
सही वर्तनी वाले शब्दों को ✔️ से चिह्नित किया गया है:
-
✅ कच्चे
✖ कचचे
✖ कच्चो
✖ कच्चू -
✖ हम्मत
✅ हिम्मत
✖ होम्मत
✖ हेम्मत -
✖ भेट
✖ भेंटा
✅ भेंट
✖ भेंटी -
✖ दवजा
✖ धवजा
✖ ध्वजे
✅ ध्वजा -
✅ धुन
✖ धून
✖ धोन
✖ धीन
अ) छोटे-छोटे वाक्यों में उत्तर लिखिए:
-
बच्चे अपनी धुन के कैसे हैं?
उत्तर: बच्चे अपनी धुन के सच्चे हैं। -
बच्चे किससे नाता जोड़ना चाहते हैं?
उत्तर:बच्चे हिम्मत से नाता जोड़ना चाहते हैं। -
भारत की शान कब बढ़ेगी?
उत्तर:जब बच्चे भारत की ध्वजा फहराएँगे, तब भारत की शान बढ़ेगी।
आ) पाँच-छह वाक्यों में "हम नन्हें बच्चे" कविता का सारांश :
इस कविता में कवि बताते हैं कि हम छोटे और नादान बच्चे हैं, लेकिन अपने संकल्प में सच्चे हैं। हम भारतमाता की जय-जयकार करते हैं और देश की ध्वजा को ऊँचा फहराना चाहते हैं। हम कभी अपने पथ को नहीं छोड़ते और न ही अपना प्रण तोड़ते हैं। हम हिम्मत से नाता जोड़ते हैं और कभी डरते नहीं हैं। जरूरत पड़ने पर हम देश के लिए अपना सिर भी भेंट चढ़ा सकते हैं। हम देशभक्ति से भरपूर और साहसी बच्चे हैं।
अगर आपको इसके साथ कोई वर्कशीट, चित्र या पोस्टर बनवाना हो तो मैं मदद कर सकता हूँ। बताइए ना बच्चे अपनी धुन के सच्चे हैं
-
बच्चे किससे नाता जोड़ना चाहते हैं?
➤ बच्चे हिम्मत से नाता जोड़ना चाहते हैं।
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भारत की शान कब बढ़ेगी?
➤ जब बच्चे भारत की ध्वजा फहराएँगे, तब भारत की शान बढ़ेगी।
आ) "हम नन्हें बच्चे" – कविता का सारांश (5-6 वाक्य):
यह कविता बच्चों की देशभक्ति और दृढ़ निश्चय को दर्शाती है। कवि कहते हैं कि हम छोटे और नादान बच्चे हैं, लेकिन अपने संकल्प में सच्चे हैं। हम भारतमाता की जय-जय गाते हैं और अपने देश की ध्वजा फहराना चाहते हैं। हम कभी डरते नहीं और हिम्मत से काम लेते हैं। हम अपने वादे को कभी नहीं तोड़ते। जरूरत पड़े तो हम देश के लिए अपना सिर भी भेंट चढ़ाने को तैयार हैं।