अध्याय 5 ईमानदारी का फल
1. चित्र में क्या दिखाई दे रहा है?
उत्तर: चित्र में एक लड़का एक वृद्ध व्यक्ति की सहायता करता हुआ दिखाई दे रहा है। वृद्ध व्यक्ति थका हुआ या बीमार प्रतीत हो रहा है, और लड़का सहारा देकर उसे चलने में मदद कर रहा है। पास ही में एक सड़क या पार्क जैसा वातावरण हो सकता है।
2. लड़का क्या कर रहा है?
उत्तर: लड़का एक बूढ़े व्यक्ति की सहायता कर रहा है। वह उन्हें सहारा दे रहा है ताकि वे आराम से चल सकें। यह परोपकार और सेवा भावना का एक उदाहरण है।
3. जंगल में क्या-क्या मिलते हैं?
उत्तर: जंगल में बहुत सारी चीज़ें मिलती हैं, जैसे—
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पेड़-पौधे
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जानवर
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पक्षी
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औषधीय पौधे
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लकड़ियाँ
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फल और फूल
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झरने और नदियाँ भी कई बार जंगलों में मिलती हैं।
जंगल प्रकृति का खजाना होता है जहाँ कई जीव-जंतु और वनस्पतियाँ मिलकर एक सुंदर जीवन चक्र बनाते हैं।
4. परियों के बारे में तुम क्या जानते हो?
उत्तर: परियाँ काल्पनिक होती हैं, लेकिन कहानियों में वे बहुत सुंदर और दयालु होती हैं।
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उनके पास जादुई शक्तियाँ होती हैं।
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वे अच्छे काम करने वालों की मदद करती हैं।
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परियाँ अक्सर बच्चों की कहानियों में आती हैं और कोई अच्छा पाठ सिखाती हैं, जैसे ईमानदारी, दया या सच्चाई का महत्व।
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परियाँ बहुत सुंदर पोशाक पहनती हैं और उनके पंख होते हैं जिससे वे उड़ सकती हैं।
इस कहानी में भी नदी की देवी एक परी जैसी ही है, जो ईमानदार लकड़हारे को ईनाम देती है।
शब्दार्थ:
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जंगल = वन
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नदी / सरिता = जल की धारा
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लकड़हारा = लकड़ियाँ काटनेवाला
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मीठा = मधुर
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सीख = नीति
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ईमानदारी = सच्चाई
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रजत = चाँदी
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कनक / कंचन = सोना
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प्रणाम = आदरपूर्वक झुककर नमस्कार
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जीवन = जीवनयापन या जीवन का तरीका
श्रुतलेख (डिक्टेशन के लिए शब्द):
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कुल्हाड़ी
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वन
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ईमानदारी
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जंगल
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लकड़हारा
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चाँदी
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लकड़ियाँ
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प्रणाम
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जीवन
सुनिए–बोलिए:
1. नदी से क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर: नदी से हमें पानी मिलता है।
नदी से खेती के लिए पानी मिलता है।
नदी से मछलियाँ भी मिलती हैं।
नदी हमारे जीवन का आधार है।
2. कुछ पेड़ों के नाम बताइए।
उत्तर: नीम, पीपल, आम, बरगद, बबूल, नारियल।
3. ईमानदारी का फल कैसा होता है?
उत्तर:ईमानदारी का फल मीठा होता है।
सच्चे और ईमानदार लोगों को सब पसंद करते हैं।
ईमानदारी से जीवन में सफलता मिलती है।
(अ) पाठ में नीचे दिये गये वाक्यों के सही क्रम को पहचानकर उनकी क्रमसंख्या कोष्ठक में लिखिए।
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उसने सोने की कुल्हाड़ी दिखाई। → (5)
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एक लकड़हारा था। → (1)
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हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है। → (6)
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लकड़हारा रोने लगा। → (3)
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यह मेरी नहीं है। → (4)
🔹 सही क्रम होगा:
(1) एक लकड़हारा था।
(2) वह नदी के किनारे लकड़ियाँ काट रहा था।
(3) लकड़हारा रोने लगा।
(4) देवी ने सोने की कुल्हाड़ी दिखाई — लकड़हारे ने कहा: "यह मेरी नहीं है।"
(5) फिर देवी ने लोहे की कुल्हाड़ी दिखाई — लकड़हारे ने कहा: "हाँ, यही मेरी कुल्हाड़ी है।"
(इ) सही वर्तनी वाले शब्दों पर “गोला” बनाइए:
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ईमानदारी ✅
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दूसरी ✅
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लकड़हारा ✅
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कुल्हाड़ी ✅
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प्रणाम ✅
🟢 विद्यार्थियों को इन शब्दों पर पेंसिल से गोला बनाने को कहिए।
(ई) नीचे दिये गये वाक्यों में चित्रों से संबंधित शब्दों पर गोला बनाइए:
(उदाहरण वाक्य — आप चित्र के अनुसार वाक्य दे सकते हैं। यहाँ एक उदाहरण स्वरूप दिया गया है:)
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लकड़हारा जंगल में लकड़ियाँ काट रहा था।
👉 लकड़हारा, जंगल, लकड़ियाँ — इन शब्दों पर गोला। -
नदी की देवी कुल्हाड़ी लेकर आई।
👉 नदी, देवी, कुल्हाड़ी — इन शब्दों पर गोला।
अ) नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर छोटे-छोटे वाक्यों में लिखिए।
1. लकड़हारा क्या करता था?
उत्तर: लकड़हारा जंगल में लकड़ियाँ काटता था।
2. नदी की देवी क्यों खुश हुई?
उत्तर: नदी की देवी लकड़हारे की ईमानदारी से खुश हुई।
आ) पाँच–छह वाक्यों में उत्तर लिखिए – "ईमानदारी का फल" कहानी का सारांश
एक लकड़हारा जंगल में लकड़ियाँ काटता था।
एक दिन उसकी कुल्हाड़ी नदी में गिर गई।
वह रोने लगा तो नदी की देवी प्रकट हुई।
देवी ने उसे सोने और चाँदी की कुल्हाड़ियाँ दिखाईं, पर उसने उन्हें अपनी नहीं बताया।
जब देवी ने लोहे की कुल्हाड़ी दिखाई, तो उसने कहा कि यही उसकी है।
देवी उसकी ईमानदारी से प्रसन्न होकर तीनों कुल्हाड़ियाँ उसे दे दीं।
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि ईमानदारी का फल मीठा होता है।
इ) उचित शब्द से खाली जगह भरिए।
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वह जंगल में लकड़ियाँ काटता था।
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कुल्हाड़ी नदी में जा गिरी।
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नदी की देवी बाहर आयी।
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देवी ने उसको तीनों कुल्हाड़ियाँ दे दीं।
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ईमानदारी का फल मीठा होता है।
ई) संकेतों के आधार पर शब्द लिखिए।
(यहाँ मैं कुछ उदाहरण संकेत दे रहा हूँ। यदि आपके पास अलग संकेत हैं तो आप उन्हें भी जोड़ सकते हैं।)
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लकड़ियाँ काटनेवाला – लकड़हारा
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जल की बहती धारा – नदी
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जो सच्चा हो – ईमानदार
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सोने से बना – कनक / कंचन
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नमस्कार करना – प्रणाम
उ) वर्ण विच्छेद कीजिए
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जंगल : ज् + अ + ङ् + अ + ल् + अ
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कुल्हाड़ी : क् + उ + ल् + ह् + आ + ड् + ई
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आधार : आ + ध् + आ + र्
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प्रणाम : प् + र् + अ + ण् + आ + म्
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कहानी : क् + अ + ह् + आ + न् + ई
आइए, नीचे दिए गए शब्दों से अंत्याक्षरी विधि के अनुसार चार-चार शब्द बनाते हैं:
अ) अंत्याक्षरी विधि से शब्द बनाइए
1. जंगल → ल से
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लड्डू
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लाल
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लोटा
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लता
2. नदी → ई से
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ईख
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ईंट
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ईश्वर
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ईमान
3. देवी → ई से
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ईद
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ईंधन
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ईश्वर
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ईर्ष्या
4. सोना → ना से
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नाम
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नारियल
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नटराज
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नयन
5. एक → क से
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कमल
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किताब
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कलम
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कंचन
आपने पर्यायवाची और विलोम शब्दों का अभ्यास बहुत अच्छे ढंग से शुरू किया है। आइए, इसे पूरा करें:
आ) पर्यायवाची शब्द लिखिए
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जल – पानी, नीर ✅
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जंगल – वन, कानन ✅
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लकड़ी – डंडा, काठ ✅
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मीठा – मधुर, रसीला ✅
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खुश – आनंद, संतोष ✅
अ) विलोम शब्द लिखिए
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बाहर × अंदर ✅
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आना × जाना ✅
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गिरना × उठना ✅
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ईमान × बेईमान ✅
कार्य: कुछ नीति वाक्यों का संकलन
नीति वाक्य (सदाचार या नैतिक शिक्षा देने वाले वाक्य):
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सच्चाई सबसे बड़ा धर्म है।
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ईमानदारी का फल मीठा होता है।
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मेहनत करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है।
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बड़ों का आदर करना चाहिए।
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समय का सदुपयोग करो।
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झूठ बोलना पाप है।
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अपने कार्य को पूरे मन से करो।
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दया और करुणा मानव की पहचान है।
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साफ-सफाई रखना अच्छा व्यवहार है।
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सभी के साथ प्रेम से पेश आना चाहिए।
इन वाक्यों को बच्चे पोस्टर पर भी लिख सकते हैं और चित्रों के साथ सजाकर कक्षा में प्रदर्शन कर सकते हैं।
(इ) अनुवाद कीजिए – हिंदी से संस्कृत
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लकड़हारा लकड़ियाँ काटता है।
→ दारुव्रतिकः दारूणि छिनत्ति। -
जंगल में अनेक जीव-जंतु रहते हैं।
→ अरण्ये अनेकाः प्राणी वसन्ति। -
नदी में मछलियाँ रहती हैं।
→ नद्यां मत्स्याः वसन्ति। -
सोना बहुत महँगा है।
→ काञ्चनं अतीव मोल्यवान् अस्ति। -
बड़ों को प्रणाम करना चाहिए।
→ ज्येष्ठेभ्यः प्रणामः कर्तव्यः।
बहुत सुंदर व्याकरण अभ्यास! आइए एक-एक करके सभी प्रश्नों को हल करें:
(अ) परिभाषा :
"किसी व्यक्ति, स्थान, गुण या वस्तु के नाम को संज्ञा कहते हैं।"
उदाहरण: मोहन, लड़का, दिल्ली, पानी, मेज़, धर्म आदि।
(आ) निम्न लिखित वाक्यों में संज्ञा शब्दों को पहचानकर लिखिए:
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सब धर्म अच्छे होते हैं।
→ संज्ञा शब्द: धर्म -
मैदान में घोड़ा है।
→ संज्ञा शब्द: मैदान, घोड़ा -
दीपा गाती है।
→ संज्ञा शब्द: दीपा -
वे विजयवाड़ा में रहते हैं।
→ संज्ञा शब्द: विजयवाड़ा -
"हिंदी" सरल भाषा है।
→ संज्ञा शब्द: हिंदी, भाषा
(इ) नीचे दिये गये वाक्यों में संज्ञा शब्दों को रेखांकित कीजिए:
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वह जंगल में लकड़ियाँ काटता था।
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नदी की देवी जल से बाहर आयी।
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यह मेरी कुल्हाड़ी नहीं है।
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एक लकड़हारा वन में गया।
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देवी को उस पर दया आयी।