Chapter 11

 1.सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

उत्तर-सोनजुही की लता में खिली पीली कली देखकर लेखिका के मन में यह भावना जागी कि गिल्लू वहीं पास मिट्टी के अंदर दबा हुआ था। इसलिए अब वह मिट्टी में मिलकर सोनजुही के पीले फूल के रूप में प्रकट हो गया है, जैसे वह फिर से जीवित हो उठा हो और उसे चौंकाने के लिए वापस आ गया हो।

 2.पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?
उत्तर-
हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृपक्ष के दौरान हमारे पूर्वज कौए के रूप में हमारे सामने आते हैं, इसलिए उन्हें श्रद्धा और सम्मान दिया जाता है। इसके अलावा कौए का आगमन दूर के रिश्तेदारों के आने की खबर भी लाता है, जिससे उसे आदर मिलता है। परंतु कौए की तीखी और कर्कश काँव-काँव की आवाज़ को हम अक्सर निंदात्मक रूप में लेते हैं, जिससे वह तिरस्कार का भी पात्र बन जाता है। इसलिए कौए को एक साथ सम्मानित और अपमानित दोनों ही माना जाता है।

3.गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

उत्तर-महादेवी वर्मा ने घायल गिलहरी के बच्चे की देखभाल बहुत सावधानी और ममता से की। सबसे पहले उसे कमरे के अंदर लाया गया और उसके खून को साफ किया गया। घावों पर पेंसिलिन लगाकर संक्रमण से बचाव किया गया। दूध पिलाने के लिए रुई की छोटी बत्ती से प्रयास किया गया, लेकिन दूध बच्चे के मुंह से बाहर गिर गया। फिर धीरे-धीरे मुँह में पानी टपकाकर उसे नमी प्रदान की गई। इस तरह बच्चे का कोमलता से ध्यान रखा गया और उसका उपचार किया गया।

4.लेखिको का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

उत्तर-गिल्लू अपनी चपलता और नटखट व्यवहार से लेखिका का ध्यान आकर्षित करता था। वह उसके पैर के पास आकर अचानक परदे पर चढ़ जाता और फिर उतार-चढ़ाव करता रहता था, यह क्रिया तब तक करता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए आगे न बढ़ती। जब उसे भूख लगती, तो वह ‘चिक-चिक’ की आवाज़ निकालकर लेखिका को अपनी तरफ ध्यान देने पर मजबूर कर देता था।

5.गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

उत्तर-महादेवी ने महसूस किया कि गिल्लू अब बड़ा होकर जवान हो चुका है और उसका पहला वसंत भी आ चुका है। खिड़की के बाहर अन्य गिलहरियाँ आकर ‘चिक-चिक’ करती थीं, जिनकी तरफ गिल्लू प्यार से देखता रहता था। इसलिए महादेवी ने यह निर्णय लिया कि अब उसे प्राकृतिक वातावरण में आज़ाद रहना चाहिए। इसके लिए उसने गिल्लू की जाली में लगी एक कील इस तरह हटाई कि गिल्लू के लिए बाहर आने-जाने का रास्ता खुल गया। अब गिल्लू अपनी मर्जी से बाहर जाकर और वापस आ सकता था।

 6.गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

उत्तर-लेखिका एक मोटर दुर्घटना के कारण बीमार हो गई थीं और उन्हें बिस्तर पर आराम करना पड़ रहा था। इस दौरान गिल्लू उनकी देखभाल करने वाली परिचारिका की तरह उनके सिरहाने तकिए पर बैठा रहता था। अपने छोटे-छोटे पंजों से वह लेखिका के सिर और बालों को धीरे-धीरे सहलाता था, जैसे कोई प्रेमपूर्ण परिचारिका अपनी देखभाल कर रही हो।

 7.गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

उत्तर-गिल्लू की कुछ गतिविधियों से महादेवी को यह एहसास हुआ कि उसका जीवन समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। उसने पूरे दिन कुछ भी खाना बंद कर दिया था। रात में वह अपने झूले को छोड़कर महादेवी के बिस्तर पर आ गया और उनकी उंगली को अपने छोटे हाथ से मजबूती से पकड़ लिया था।

 8.‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-इस वाक्य का अर्थ है कि जब सुबह की पहली किरण आई, तो गिल्लू ने इस दुनिया से विदा ले ली और एक नए जीवन के लिए चला गया। उसके पंजे ठंडे पड़ गए थे और उसने आखिरी बार लेखिका की उंगली को मजबूती से थाम रखा था। उसने अपने लिए हीटर जलाया था ताकि उसे गर्माहट मिले। रात धीरे-धीरे गुज़र गई, लेकिन जैसे ही सुबह हुई, गिल्लू का जीवन समाप्त हो गया।

 9.सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिको के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

उत्तर-सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि देखकर लेखिका के मन में यह गहरा विश्वास जागा कि एक दिन यह गिल्लू उसी सोनजुही की बेल पर पीले चमकीले फूल के रूप में पुनर्जन्म लेगा।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

 1.लेखिका को अकस्मात किस छोटे जीव का स्मरण हो आया और कैसे?

उत्तर-जब लेखिका ने सोनजुही में पीली कली को देखा, तो उसे अचानक अपने छोटे से साथी गिल्लू की याद आ गई। सोनजुही की घनी हरियाली में गिल्लू अक्सर छिपकर रहता था और कभी-कभी अचानक लेखिका के कंधे पर कूदकर उसे चौंका देता था। लेखिका को लगा कि गिल्लू इसी पीली कली के रूप में उसके सामने आया है।

 2.कौए की काँव-काँव के बाद भी मनुष्य उसे कब आदर देता है और क्यों?

उत्तर-कौए की काँव-काँव सुनने के बाद भी मनुष्य उसे पितृपक्ष के समय आदर देता है, क्योंकि मान्यता है कि हमारे पूर्वज पितृपक्ष में कौए के रूप में हमारे पास आते हैं। इसके अलावा, कौआ दूर के रिश्तेदारों के आने की सूचना भी देता है, इसलिए उसे आदर मिलता है।

 3.कौए अपना सुलभ आहार कहाँ खोज रहे थे और कैसे?

उत्तर-लेखिका ने देखा कि गमले और दीवार के जोड़ की जगह पर एक छोटा गिलहरी बच्चा पड़ा था, जो शायद घोंसले से गिरा था। कौए उस छोटे गिलहरी के बच्चे को पकड़ने के लिए चोंच मार रहे थे, यहीं वे अपना सुलभ आहार खोज रहे थे।

4.लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू प्रकृति के सान्निध्य में अपना जीवन किस प्रकार बिताता था?

उत्तर-जब लेखिका घर पर नहीं होती थी, तो गिल्लू खिड़की की जाली के एक हिस्से को उठाकर बने रास्ते से बाहर निकल जाता था। वह अन्य गिलहरियों के झुंड में शामिल होकर उनका नेतृत्व करता और पेड़ों की डालों पर कूदते-फांदते रहता था। जब लेखिका वापस आती, तो गिल्लू फिर अपने कमरे में लौट आता था।

5.गिल्लू का प्रिय खाद्य क्या था? इसे न पाने पर वह क्या करता था?

उत्तर-गिल्लू को काजू बहुत पसंद था। वह काजू को अपने दांतों से पकड़कर धीरे-धीरे कुतरकर खाता था। जब उसे काजू नहीं मिलते थे, तो वह अन्य भोजन लेने से मना कर देता या फिर उन्हें झूले से नीचे फेंक देता था।

 6.लेखिका ने कैसे जाना कि गिल्लू उसकी अनुपस्थिति में दुखी था?

उत्तर- लेखिका एक मोटर दुर्घटना में घायल होकर कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती रही। उसकी अनुपस्थिति में जब कोई व्यक्ति कमरे का दरवाज़ा खोलता, तो गिल्लू झूले से उतरकर देखता, लेकिन लेखिका को न पाकर तुरंत वापस झूले में चला जाता। लोग उसे काजू वहीं देकर लौट जाते, पर वह उन्हें नहीं खाता। अस्पताल से लौटकर जब लेखिका ने झूले की सफाई की, तो उसने वहाँ पड़े अनछुए काजू देखे। इसी से उसने समझ लिया कि उसकी गैरमौजूदगी में गिल्लू उदास था।

 7.भोजन के संबंध में लेखिका को अन्य पालतू जानवरों और गिल्लू में क्या अंतर नज़र आया?

उत्तर- लेखिका ने कई पालतू पशु-पक्षी पाले थे और उन सब से उसे गहरा लगाव था। लेकिन भोजन के मामले में उसने गिल्लू और अन्य पालतू जानवरों में एक स्पष्ट अंतर देखा। बाकी कोई भी जानवर उसकी थाली में आकर खाने की हिम्मत नहीं करता था, जबकि गिल्लू न केवल खाने के समय मेज़ पर आ जाता, बल्कि उसकी थाली में बैठकर खाने की कोशिश भी करता था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

 1.लेखिका ने लघु जीव की जान किस तरह बचाई? उसके इस कार्य से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर-लेखिका ने देखा कि गमले और दीवार के बीच एक नन्हा गिलहरी का बच्चा गिरा पड़ा है। संभवतः वह अपने घोंसले से नीचे आ गिरा था और कौए उसे खाने के लिए मंडरा रहे थे। लेखिका ने तुरंत उसे उठाकर उसके घावों पर पेनिसिलिन लगाई और पानी पिलाया। कुछ ही दिनों में वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया।

लेखिका के इस कार्य से हमें यह प्रेरणा मिलती है—

  • हमें जीव-जंतुओं के प्रति दया और संवेदनशीलता रखनी चाहिए।

  • संकट में पड़े प्राणियों की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।

  • हमें किसी भी जीव को कष्ट पहुँचाने के बजाय उसके जीवन को बचाने का प्रयास करना चाहिए।


 2.लेखिका को जीव-जंतुओं की संवेदनाओं की सूक्ष्म समझ थी। इसे स्पष्ट करते हुए बताइए कि आपको इनसे किन किन मूल्यों को अपनाने की सीख मिलती है?

उत्तर-लेखिका अत्यंत दयालु, संवेदनशील और परदुखकातर स्वभाव की थीं। वह न केवल मनुष्यों का, बल्कि पशु-पक्षियों का दुख भी सहन नहीं कर पाती थीं। उन्हें जीव-जंतुओं की भावनाओं को समझने की गहरी क्षमता थी। जब उन्होंने देखा कि वसंत ऋतु में गिल्लू खिड़की से बाहर अन्य गिलहरियों की चहचहाहट सुनकर उन्हें अपनत्व भरी नज़रों से देखता है, तो उन्होंने तुरंत खिड़की की जाली से कीलें हटवाकर एक रास्ता बना दिया। इसके बाद गिल्लू बाहर जाकर अपने साथियों के साथ खेल-कूदने लगा।

इस प्रसंग से हमें यह सीख मिलती है कि—

  • हमें जीव-जंतुओं की भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

  • उनके प्रति करुणा और दयालुता का भाव रखना चाहिए।

  • उन्हें उनके प्राकृतिक वातावरण और स्वतंत्रता का अधिकार देना चाहिए।

Answer by Mrinmoee