Chapter 4
२० छोटे प्रश्न और उत्तर
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रामन् का पूरा नाम क्या है?
उत्तर: चंद्रशेखर वेंकट रामन्। -
रामन् का जन्म कब हुआ?
उत्तर: 7 नवम्बर 1888। -
रामन् का जन्मस्थान कौन सा है?
उत्तर: तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु। -
रामन् के पिता का पेशा क्या था?
उत्तर: गणित और भौतिकी के शिक्षक। -
रामन् ने कितने साल में मैट्रिक पास किया?
उत्तर: 11 साल की उम्र में। -
रामन् ने बी.ए. और एम.ए. में किस स्तर के अंक प्राप्त किए?
उत्तर: उच्च अंक। -
रामन् सरकारी नौकरी में कहाँ नियुक्त हुए?
उत्तर: कोलकाता में भारत सरकार के वित्त विभाग में सहायक जनरल एकाउंटेंट। -
रामन् का पहला शोधपत्र कहाँ प्रकाशित हुआ?
उत्तर: फिलॉसॉफिकल मैगजीन में। -
रामन् का प्रमुख वैज्ञानिक शोध किस पर आधारित था?
उत्तर: समुद्र की नीली आभा। -
रामन् प्रभाव किसने प्रमाणित किया?
उत्तर: उनके प्रयोगों ने। -
रामन् ने किन वाद्ययंत्रों पर शोध किया?
उत्तर: वीणा, तानपूरा, मृदंगम्, वायलिन, पियानो आदि। -
रामन् ने सरकारी नौकरी छोड़कर कब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बने?
उत्तर: 1917 में। -
रामन् को नोबेल पुरस्कार कब मिला?
उत्तर: 1930 में। -
रामन् को भारत रत्न कब मिला?
उत्तर: 1954 में। -
रामन् किस धर्म और आचार में कट्टर थे?
उत्तर: शाकाहारी और मदिरा से परहेज। -
रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट कहाँ स्थित है?
उत्तर: बंगलोर में। -
रामन् ने कौन सी पत्रिका प्रारंभ की?
उत्तर: इंडियन जर्नल ऑफ़ फ़िज़िक्स। -
रामन् का शोध छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: उनके छात्र आगे चलकर वैज्ञानिक क्षेत्र में प्रतिष्ठित हुए। -
रामन् ने प्रकाश की प्रकृति का प्रमाण किसके विचार से दिया?
उत्तर: आइंस्टाइन। -
रामन् की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 21 नवम्बर 1970।
२० लंबे प्रश्न और उत्तर
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रामन् बचपन में किस प्रकार के विज्ञान के प्रति उत्सुक थे?
उत्तर: रामन् बचपन से ही गणित और भौतिकी में रुचि रखते थे और हमेशा वैज्ञानिक जिज्ञासा से उत्साहित रहते थे। -
रामन् के पिता ने उनके करियर पर किस प्रकार प्रभाव डाला?
उत्तर: पिता ने गणित और भौतिकी में मजबूत नींव दी, जिसने उनके वैज्ञानिक करियर को सशक्त बनाया। -
रामन् सरकारी नौकरी के दौरान भी कैसे वैज्ञानिक कार्य करते रहे?
उत्तर: कोलकाता में वित्त विभाग में नौकरी करते हुए भी वे इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में सीमित संसाधनों के बावजूद शोध जारी रखते रहे। -
रामन् समुद्र की नीली आभा का रहस्य क्यों जानना चाहते थे?
उत्तर: उन्हें प्रकृति का अध्ययन पसंद था और वे जानना चाहते थे कि समुद्र का रंग नीला क्यों होता है। -
रामन् प्रभाव की खोज क्यों महत्वपूर्ण थी?
उत्तर: इससे प्रकाश की प्रकृति और फोटॉन सिद्धांत का प्रत्यक्ष प्रमाण मिला और अणुओं की संरचना का अध्ययन आसान हुआ। -
रामन् ने भारतीय वाद्ययंत्रों की गुणवत्ता साबित कैसे की?
उत्तर: उन्होंने वैज्ञानिक सिद्धांतों के आधार पर वीणा, तानपूरा और मृदंगम् पर शोध किया और पश्चिमी भ्रांतियों को तोड़ा। -
रामन् ने विश्वविद्यालय में क्यों नौकरी स्वीकार की?
उत्तर: उन्होंने सरकारी नौकरी की सुख-सुविधाएँ छोड़कर शिक्षा और शोध को प्राथमिकता दी। -
रामन् ने अपने छात्रों पर क्या प्रभाव डाला?
उत्तर: उनके छात्रों ने आगे चलकर विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठा और योगदान हासिल किया। -
रामन् का राष्ट्रीय चेतना के प्रति दृष्टिकोण क्या था?
उत्तर: वे देश में वैज्ञानिक दृष्टि और चिंतन के विकास के प्रति समर्पित थे और भारतीय पहचान बनाए रखी। -
रामन् रिसर्च इंस्टीट्यूट का महत्व क्या है?
उत्तर: यह संस्थान विज्ञान के शोध और शिक्षा को बढ़ावा देता है और रामन् के आदर्शों को आगे बढ़ाता है। -
रामन् ने प्रकाश के अध्ययन में कौन सी तकनीक विकसित की?
उत्तर: रामन् स्पेक्ट्रोस्कोपी, जो अणुओं और परमाणुओं की संरचना का सटीक अध्ययन देती है। -
रामन् ने शोध के दौरान किन कठिनाइयों का सामना किया?
उत्तर: सीमित उपकरणों और साधनों में भी उन्होंने उत्कृष्ट प्रयोग किए। -
रामन् को नोबेल पुरस्कार प्राप्ति के समय कैसा अनुभव हुआ?
उत्तर: उन्हें भारत की स्वतंत्रता और राष्ट्रीय पहचान की कमी पर गहरा दुख हुआ। -
रामन् ने अपनी भारतीय संस्कृति को कैसे बनाए रखा?
उत्तर: अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्धि के बाद भी वे दक्षिण भारतीय पहनावे में रहते और कट्टर शाकाहारी थे। -
रामन् ने विज्ञान के प्रचार के लिए कौन-कौन सी पत्रिकाएँ संपादित की?
उत्तर: इंडियन जर्नल ऑफ़ फ़िज़िक्स और करेंट साइंस। -
रामन् की खोजों का विज्ञान पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: अणु और परमाणु संरचना का अध्ययन सरल और सटीक हुआ, और विज्ञान के कई क्षेत्र विकसित हुए। -
रामन् का जीवन हमे क्या संदेश देता है?
उत्तर: कठिनाइयों में भी वैज्ञानिक जिज्ञासा, राष्ट्रीय चेतना और नैतिकता बनाए रखना चाहिए। -
रामन् ने प्रयोगशाला की कमी के बावजूद कैसे शोध किया?
उत्तर: उन्होंने अपनी इच्छाशक्ति और संकल्प से सीमित साधनों में भी अद्भुत प्रयोग किए। -
रामन् के व्यक्तित्व की विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: ज्ञान, नैतिकता, दृढ़ इच्छाशक्ति, राष्ट्रीय चेतना और वैज्ञानिक दृष्टि। -
रामन् का योगदान आज के वैज्ञानिकों के लिए क्यों प्रेरणादायक है?
उत्तर: उनके जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि उत्सुकता, मेहनत और नैतिकता के साथ वैज्ञानिक दृष्टि विकसित करके देश और समाज की सेवा की जा सकती है।