Chapter 2

तेनालीराम की चतुराई

1. तेनालीराम के बारे में आप क्या जानते हैं ?

उत्तर:  तेनालीराम, जिनका असली नाम तेनाली रामकृष्ण था, दक्षिण भारत के प्रसिद्ध विद्वान, कवि और हास्यव्यक्तित्व थे। वे विजयनगर साम्राज्य के महान सम्राट श्रीकृष्णदेवराय की सभा के एक प्रमुख सदस्य थे। उन्हें 'अष्टदिग्गज' नामक आठ महान कवियों में गिना जाता है।

तेनालीराम को उनकी बुद्धिमत्ता, चतुराई और हास्य-विनोद के लिए जाना जाता है। वे कठिन से कठिन समस्या का हल मजाकिया और समझदारी से निकालते थे। इसी कारण उन्हें ‘विकटकवि’ (हास्य कवि) भी कहा जाता था।

उनकी कहानियाँ आज भी बच्चों और बड़ों के बीच लोकप्रिय हैं क्योंकि ये न केवल मनोरंजक होती हैं, बल्कि उनमें कोई न कोई सीख भी छिपी होती है।

अगर चाहो तो मैं तेनालीराम की एक और मजेदार कहानी भी सुना सकता ह

2. श्रीकृष्णदेवराय ने तेनालीराम को इशारा क्यों किया होगा ?

उत्तर:     श्रीकृष्णदेवराय ने तेनालीराम को इशारा इसलिए किया होगा क्योंकि उन्होंने उस अतिथि को चोरी करते हुए देख लिया था, जब वह सोने का चम्मच चुपके से अपनी जेब में रख रहा था। राजा नहीं चाहते थे कि उस अतिथि को सबके सामने अपमानित किया जाए या दरबार का माहौल खराब हो।

राजा जानते थे कि तेनालीराम बहुत चतुर और समझदार हैं, और वे किसी को भी बिना अपमानित किए सही राह पर ला सकते हैं। इसलिए उन्होंने तेनालीराम को संकेत दिया ताकि वह अपनी बुद्धिमानी से उस चम्मच को वापस निकलवाएँ और अतिथि को सबक भी सिखाएँ — बिना कोई हंगामा किए।

तेनालीराम ने भी राजा का इशारा तुरंत समझ लिया और पूरे मामले को हास्य और जादू के खेल की तरह पेश कर के बड़ी समझदारी से सुलझा लिया।

3. श्रीकृष्णदेवराय ने तेनालीराम को इनाम क्यों दिया ?

उत्तर:   श्रीकृष्णदेवराय ने तेनालीराम को इनाम इसलिए दिया क्योंकि तेनालीराम ने अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई से एक बड़ी समस्या को बिना किसी को अपमानित किए बहुत ही समझदारी से सुलझा लिया।

तेनालीराम ने न केवल चोर अतिथि को पकड़ लिया, बल्कि ऐसा करते हुए उसे शर्मिंदा भी नहीं किया। उन्होंने पूरी घटना को जादू के खेल की तरह दिखाया, जिससे सभा का माहौल भी हल्का बना रहा और बाकी अतिथियों का सम्मान भी बना रहा।

राजा इस बात से बहुत प्रभावित हुए कि तेनालीराम ने उनकी प्रतिष्ठा बनाए रखी और एक नाजुक परिस्थिति को बड़ी सूझबूझ से संभाला। इसलिए उन्होंने प्रसन्न होकर तेनालीराम की प्रशंसा की और ढेर सारे इनाम भी दिए।


अ) पाठ के आधार पर वाक्य पढ़कर कोष्ठक में 'हाँ' या 'नहीं' लिखिए ।

1. श्रीकृष्णदेवराय विजयनगर राज्य के राजा थे।

उत्तर:वे विजयनगर साम्राज्य के सबसे प्रतापी और प्रसिद्ध शासकों में से एक थे। उनका शासनकाल 1509 से 1529 ई. तक रहा और इस समय को विजयनगर साम्राज्य का स्वर्ण युग कहा जाता है।

श्रीकृष्णदेवराय:

  • कला, साहित्य और संस्कृति के बड़े संरक्षक थे।

  • उनकी सभा में कई विद्वान और कवि थे, जिनमें तेनालीराम भी एक प्रमुख सदस्य थे।

  • वे न्यायप्रिय, बुद्धिमान और दूरदर्शी शासक थे।

  • उनकी सैन्य शक्ति भी बहुत मज़बूत थी, और उन्होंने कई युद्धों में विजय प्राप्त की।

उनके काल में तेलुगु, कन्नड़, संस्कृत और तमिल साहित्य का भी बहुत विकास हुआ।

अगर तुम चाहो, तो मैं श्रीकृष्णदेवराय के बारे में कुछ रोचक तथ्य भी बता सकता हूँ

2. श्रीकृष्णदेवराय के अष्टदिग्गजों में बीरबल एक थे ।

उत्तर:

3. अतिथियों को सोने के बर्तनों में भोजन परोसा गया ।

उत्तर:

4. तेनालीराम ने शतरंज के खेल का आयोजन किया ।

उत्तर:

5. तेनालीराम ने चम्मच अपनी थैली में रखा ।

उत्तर: