Chapter 24

                                                              पाब्लो नेरुदा

  

प्रश्न 1. समुद्र के खारेपन तथा नदियों के मीठेपन की इंगित कर कवि ने प्रकृति के किस सत्य से परिचित कराना चाहता है?

उत्तर- कवि समुद्र के खारेपन और नदियों के मीठेपन का उल्लेख करके यह सन्देश देना चाहता है कि प्रकृति का मूल स्वभाव विविधता में निहित है। एक ही तत्व – जल – दो अलग-अलग रूपों में प्रकट होता है। नदी का मीठा पानी जीवों को पोषण और ताजगी देता है, वहीं समुद्र का खारा पानी पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित रखता है।

इस प्रकार कवि हमें यह सत्य समझाना चाहता है कि विरोधी तत्व भी प्रकृति में सहअस्तित्व रखते हैं और प्रत्येक का अपना महत्व है। यही विरोध और भिन्नता मिलकर जीवन को पूर्ण बनाते हैं। ठीक उसी तरह मानव जीवन में भी सुख-दुख, लाभ-हानि और मिठास-करुणा दोनों आवश्यक हैं।

प्रश्न 2. कवि अपने सवालों के माध्यम से प्रकृति में होने वाली दो असमान घटनाओं-विध्वंस और निर्माण को साथ दिखलाता है। पठित-कविता से कुछ उदाहरण देकर इसे अपने शब्दों में समझाइए।

उत्तर- कवि ने अपने प्रश्नों में यह दिखाया है कि प्रकृति में विनाश और सृजन दोनों एक साथ चलते हैं। प्रकृति नष्ट भी करती है और उसी क्षण नया जीवन भी रचती है।

कविता के उदाहरणों से यह स्पष्ट होता है—

  • ऋतु परिवर्तन: जब एक ऋतु समाप्त होती है, तभी दूसरी ऋतु का आगमन होता है। यह अंत और शुरुआत का प्रतीक है।

  • जाड़ा और घास: ठंड से सारी सृष्टि सुस्त हो जाती है, परंतु थोड़े ही समय बाद घास फिर से अंकुरित होकर जीवन का संचार करती है।

  • जड़ों की गति: अंधकार में रहने वाली जड़ें भी निरंतर प्रकाश की ओर बढ़ती हैं। यह संघर्ष और विकास का संकेत है।

  • फूलों और बयार का संबंध: फूल बयार को रंग और सुगंध से भर देते हैं। यह नवीनीकरण और सौंदर्य का प्रतीक है।

  • हर वसंत का नया रूप: प्रत्येक वसंत अलग होता है, जो प्रकृति की अनंत नवीनता और परिवर्तनशीलता को दर्शाता है।

इस प्रकार कवि हमें यह सिखाना चाहता है कि प्रकृति का नियम है – जहाँ विध्वंस है, वहीं निर्माण भी है। दोनों मिलकर जीवन का संतुलन और निरंतरता बनाए रखते हैं।

प्रश्न 3. इस कविता को पढ़कर आपको क्या संदेश मिला?

उत्तर- ‘कुछ सवाल’ कविता पढ़कर यह संदेश मिलता है कि प्रकृति में हर चीज़ का अपना महत्व है और उसमें गहरी जटिलता छिपी है। ऋतु परिवर्तन, जड़ों का प्रकाश की ओर बढ़ना, घास का बार-बार अंकुरित होना – ये सब हमें यह सिखाते हैं कि जीवन निरंतर बदलता है और हर परिवर्तन में कोई न कोई नया अवसर छिपा होता है।

कवि यह भी दिखाता है कि विध्वंस और निर्माण साथ-साथ चलते हैं। जहाँ एक ओर शीत ऋतु जीवन को सुस्त बना देती है, वहीं वसंत नए जीवन का संचार करता है। इससे हमें यह शिक्षा मिलती है कि कठिनाइयों और अंत के बाद भी हमेशा नई शुरुआत संभव है।

कविता हमें यह प्रेरणा देती है कि हमें प्रकृति से जुड़कर उसके नियमों को समझना चाहिए और उसके साथ संतुलन बनाए रखना चाहिए। साथ ही, यह हमें जीवन की समस्याओं से जूझते हुए आगे बढ़ने और परिवर्तन को स्वीकार करने का सकारात्मक दृष्टिकोण देती है।

प्रश्न 4. कवि ने प्रकृति को शक्ति कहा है-“ऋतुओं को कैसे मालूम पड़ता है कि अब पोल के बदलने का वक्त आ गया है।” इस पंक्ति में प्रकृति के किस प्रकार के बदलाव को कवि ने प्रकट करना चाहा है?

उत्तर- इस पंक्ति में कवि ने प्रकृति की अदृश्य और स्वतः चलने वाली शक्ति को उजागर किया है। ऋतुएँ बिना किसी बाहरी निर्देश के समय पर बदलती रहती हैं। यह बदलाव प्रकृति की नियमितता और स्वाभाविक व्यवस्था को दर्शाता है।

कवि यह बताना चाहता है कि—

  • ऋतु चक्र अपने समय पर आता और जाता है, जिससे जीवन में निरंतरता बनी रहती है।

  • यह परिवर्तन केवल मौसम का नहीं, बल्कि पूरे पर्यावरण में होने वाले बदलाव का प्रतीक है।

  • एक ऋतु का अंत दूसरी ऋतु की शुरुआत का मार्ग प्रशस्त करता है, जो प्रकृति के चक्रीय स्वभाव और संतुलन को दर्शाता है।

इस प्रकार कवि ने इस पंक्ति के माध्यम से यह बताया है कि प्रकृति की शक्ति इतनी महान है कि वह अपने नियमों से स्वयं संचालित होती है और सम्पूर्ण जगत को प्रभावित करती है।

प्रश्न 5. ‘कुछ सवाल’ शीर्षक कहाँ तक सार्थक है? तर्कपूर्ण उत्तर दें:-

उत्तर- ‘कुछ सवाल’ शीर्षक पाब्लो नेरुदा की कविता के लिए पूरी तरह उपयुक्त है। कविता का आधार ही प्रश्नों पर टिका है। कवि प्रकृति के अनेक रहस्यमय पहलुओं पर सवाल उठाता है, जैसे ऋतु क्यों बदलती है, जड़ें प्रकाश की ओर क्यों बढ़ती हैं, समुद्र खारा और नदियाँ मीठी क्यों हैं इत्यादि।

ये प्रश्न केवल जिज्ञासा मात्र नहीं हैं, बल्कि हमें सोचने और प्रकृति की गहराई को समझने के लिए प्रेरित करते हैं। कवि के सवालों का कोई निश्चित उत्तर नहीं है, फिर भी वे जीवन और प्रकृति की विविधता, संतुलन और रहस्य को उजागर करते हैं।

इस प्रकार शीर्षक ‘कुछ सवाल’ कविता की भावभूमि, उसके चिंतनशील स्वभाव और पाठक को सोचने के लिए प्रेरित करने वाली विशेषता को स्पष्ट करता है। इसलिए यह शीर्षक अत्यंत सार्थक और प्रभावशाली है।

प्रश्न 6. क्या वसंत हर व्यक्ति या परिवेश या परिस्थिति के लिए एक जैसा होता है? तर्क सहित उत्तर दें:-

उत्तर- वसंत हर किसी के लिए एक जैसा नहीं होता। इसका अनुभव व्यक्ति, स्थान और परिस्थिति के आधार पर बदल जाता है।

  • व्यक्तिगत दृष्टि से: किसी के लिए वसंत आनंद और आशा का प्रतीक होता है, तो किसी के लिए यह समय उदासी या संघर्ष का भी हो सकता है।

  • भौगोलिक दृष्टि से: पहाड़, मैदानी क्षेत्र और समुद्र तट – सभी जगहों पर वसंत का रूप अलग-अलग दिखाई देता है।

  • सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टि से: अलग-अलग समाजों में वसंत के त्योहार और परंपराएँ भिन्न होती हैं, इसलिए अनुभव भी अलग होता है।

  • समय और परिस्थिति के अनुसार: वर्तमान, अतीत और भविष्य के वसंत समान नहीं होते। बदलती परिस्थितियाँ और बदलता परिवेश वसंत को नया रूप देते हैं।

इस प्रकार वसंत एक सार्वभौमिक ऋतु तो है, लेकिन उसका अनुभव हर व्यक्ति और हर स्थान पर भिन्न होता है। यही विविधता इसे विशेष और सार्थक बनाती है।

प्रश्न 7. भाव स्पष्ट करें:-

(क) कैसे जानती हैं जड़ें कि उन्हें उजाले की ओर चढ़ना ही

उत्तर- इस पंक्ति में कवि ने जीवन की अदम्य शक्ति और विकास की स्वाभाविक प्रवृत्ति को व्यक्त किया है। मिट्टी के अंधकार में रहने वाली जड़ें भी प्रकाश की ओर बढ़ने का मार्ग ढूँढ लेती हैं। यह संकेत देता है कि हर जीव में आगे बढ़ने और जीवन की ओर उन्नति करने की शक्ति होती है।

कवि इस रहस्य को प्रकृति की अद्भुत शक्ति के रूप में देखते हैं। यहाँ जड़ों का प्रकाश की ओर बढ़ना केवल एक प्राकृतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि जीवन के संघर्ष, आशा और निरंतर प्रगति का प्रतीक है।

(ख) क्या हमेशा वही वसंत होता है, वही किरदार फिर दुहराता हुआ?

उत्तर- इस पंक्ति में कवि यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि वसंत कभी भी एक जैसा नहीं होता। हर वसंत अपने साथ नए रंग, नए रूप और नए अनुभव लेकर आता है। यह केवल ऋतु का दोहराव नहीं, बल्कि परिवर्तन और नवीनता का प्रतीक है।

कवि जीवन की इसी परिवर्तनशीलता को रेखांकित करते हैं। जैसे हर वसंत नया होता है, वैसे ही जीवन के अनुभव भी हर बार अलग होते हैं। यह पंक्ति हमें यह सिखाती है कि समय और परिस्थितियाँ लगातार बदलती हैं, इसलिए हमें हर क्षण को नए दृष्टिकोण से स्वीकार करना चाहिए।


Answer by Mrinmoee