Chapter 11

                                                   ग्राम्यजीवनम्


1–20 प्रश्न-उत्तर

1. प्रश्न: भारत में धार्मिक महोत्सवों का समाज में क्या महत्व है?
उत्तर: 
भारतस्य धार्मिकमहोत्सवाः केवलं पूजापाठस्य माध्यमं न सन्ति, किन्तु एते समाजे ऐक्यं, मैत्रीं च, तथा सांस्कृतिकसजागरणस्य महत्त्वपूर्णं साधनं भवन्ति। एते पर्वाणि जनानां मध्ये सद्भावं, पारिवारिकस्नेहं च सामाजिकसहकारस्य भावं बलवत्तरं कुर्वन्ति।

2. प्रश्न: हिन्दू धर्म के मुख्योत्सव कौन-कौन से हैं?
उत्तर: 
हिन्दू धर्मे प्रमुखोत्सवाः दीपावली, रक्षाबन्धन, दुर्गापूजा, होली, छठ तथा मकरसंक्रान्तिः इत्यादयः सन्ति। एते उत्सवाः केवलं धार्मिकआस्थायै न, किन्तु सामाजिके च पारिवारिके जीवने आनन्दं उल्लासं च प्रसारितुम् उपयुक्ताः सन्ति।

3. प्रश्न: महम्मदीय धर्म के सर्वोत्तम उत्सव को कौन सा माना जाता है?
उत्तर: 
महम्मदीयानां धर्मे सर्वोत्तमः उत्सवः ईदः इति मन्यते, यः रमजानमासस्य उपवासः 'रोजा' पूर्णतां प्राप्ते उपरान्त आयोजितः भवति। एषः उत्सवः श्रद्धा, सामाजिकस्नेहः च दानपुण्यस्य प्रतीकः इव गण्यते।

4. प्रश्न: ईद के दौरान उपवास का प्रारंभ कैसे होता है?
उत्तर: 
ईदोत्सवे रमजानमासे चन्द्रदर्शनात् उपवासः आरभ्यते, यः 'रोजा' इति प्रसिद्धः। अस्मिन्प्रक्रियायां जनाः दिवसभरं उपवासं धृत्वा सन्ध्यायां सामूहिकरूपेण 'इफ्तार' कृत्वा तं उपवासं विहरन्ति।

5. प्रश्न: ईदगाह का क्या महत्व है?
उत्तर: 
ईदगाहः तत्त स्थानम् अस्ति यत्र मुसलमानाः सामूहिकरूपेण नमाजं पठन्ति। एषः स्थानः धार्मिकैक्यं, श्रद्धा-संवेदनां च प्रतीकं कुर्यात्।

6. प्रश्न: ईद पर्व सामाजिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: 
ईदपर्वः सामाजिकदृष्ट्या महत्त्वपूर्णः यतः एषः सर्वेभ्यः जनैः मिलित्वा सामूहिकं आनन्दं, उदारतां च, परस्पर सहयोगं च प्रकटयति। निर्धनानां साधूनां च दानं कृत्वा 'फितरा' इति परंपरा पालनं क्रियते।

7. प्रश्न: रमजान मास में रोजा का पालन क्यों किया जाता है?
उत्तर: 
रमजानमासे 'रोजा' आत्मशुद्धये, संयमाय, धार्मिकभक्तये च क्रियते। एतेन शरीरः, मनः, आत्मा च विशुद्धाः भवन्ति, सहानुभूति सेवा भावश्च अनुभव्यते।

8. प्रश्न: हिन्दू और महम्मदीय उत्सवों में समानता क्या है?
उत्तर: 
उभय उत्सवाः सामाजिकैक्यं, पारिवारिकानन्दं, धार्मिकं च नीतिप्रवचनं च संवर्धयन्ति; एषु दान, पूजन, उत्सव च मेलविलापः समन्वितः भवति।

9. प्रश्न: सामाजिक मानवीय दृष्टि से ईद पर्व का महत्व क्या है?
उत्तर: 
सामाजिकदृष्ट्या ईदमहोत्सवः निर्धनानां सहायता, दानपुण्यं च समुचितसामूहिकानन्देन सह मानवतायाः भ्रातृत्वस्य च संदेशं दत्ते।

10. प्रश्न: भारतीय समाज में विभिन्न धर्मों के महोत्सवों का आपसी संबंध क्या है?
उत्तर: 
भारतीयसमाजे विभिन्नधर्ममहोत्सवाः परस्परं सम्मानम्, सहिष्णुताम् च सांस्कृतिकविनिमयस्य माध्यमं भवति, यत् विविधधर्मसंस्कृतिषु एकतां धारयति।

11. प्रश्न: लोककला का धार्मिक और सामाजिक जीवन में क्या योगदान है?
उत्तर:
लोककला, यथा लोकगीत, लोकनृत्य, चित्रकला च मूर्तिकला, धार्मिकानुष्ठानेषु, उत्सवेभ्यः च संस्कारेषु जीवन्तता आनयन्ति; एते सामाजिकसचेतना, सांस्कृतिकज्ञानं च धार्मिकभावनां प्रचाराय साहाय्यकानि भवन्ति।

12. प्रश्न: ईद पर्व के अवसर पर कौन-कौन से रीति-रिवाज अपनाए जाते हैं?
उत्तर:
ईदस्य अवसरे रोजा उपवासः, इफ्तार, सामूहिकनमाजः, फितरायाः दानं, मधुरपक्वान्नानां वितरणं च परिवारसख्यैः सह उत्सवमननं च परंपरया क्रियते।

13. प्रश्न: ईद पर्व में फितरा का क्या महत्व है?
उत्तर: 
फितराः निर्धनानां वा आवश्यकजनानां साहाय्यं कर्तुं अनिवार्यम् दानम् अस्ति, यत् ईदस्य धार्मिक-सामाजिकं महत्त्वं वृद्धिं करोति तथा समता उदारतायाः च संदेशं प्रददाति।

14. प्रश्न: भारत में धर्मप्रधान देश होने का क्या अर्थ है?
उत्तर: भारत धर्मप्रधान देश कहलाने का अर्थ यह है कि यहाँ अनेक धर्मों के अनुयायी एक साथ रहते हैं। धार्मिक आस्था, पूजा-पाठ, त्यौहार और संस्कार यहाँ के लोगों के जीवन में विशेष स्थान रखते हैं, जो देश की सांस्कृतिक एकता और विविधता दोनों को दर्शाते हैं।

15. प्रश्न: रमजान मास में उपवास और ईद पर्व के बीच क्या संबंध है?
उत्तर: 
रमजान मास के दौरान उपवास आत्मसंयम, श्रद्धा और ईश्वर भक्ति का प्रतीक होता है। जब यह पवित्र मास समाप्त होता है, तब ईद का पर्व मनाया जाता है जो उपवास की पूर्णता, धन्यवाद और सामूहिक हर्षोल्लास का प्रतीक बनता है।

16. प्रश्न: ईद पर्व का भारतीय समाज में सामाजिक प्रभाव क्या है?
उत्तर: 
ईद पर्व भारतीय समाज में सौहार्द, समानता और करुणा की भावना को प्रबल करता है। इस दिन लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं, मिठाई बाँटते हैं और जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, जिससे समाज में एकता और प्रेम का वातावरण बनता है।

17. प्रश्न: भारत में विभिन्न धर्मों के उत्सवों में मानवता का क्या संदेश निहित है?
उत्तर: 
भारत में मनाए जाने वाले सभी धर्मों के त्योहार यह सिखाते हैं कि मानवता सबसे बड़ा धर्म है। ये उत्सव प्रेम, करुणा, एकता और आपसी सम्मान की भावना को जगाते हैं, जिससे समाज में शांति और सद्भाव बना रहता है।

18. प्रश्न: ईद पर्व में मिठाई और पकवानों का क्या सांस्कृतिक महत्व है?
उत्तर: 
ईद पर्व पर बनाई जाने वाली मिठाइयाँ और पकवान आनंद, प्रेम और साझेदारी के प्रतीक हैं। इनके माध्यम से लोग आपसी संबंधों को मजबूत करते हैं और परिवार तथा समाज में उत्सव का माहौल और भी मधुर बन जाता है।

19. प्रश्न: लोकगीत और लोकनृत्य का धार्मिक अवसरों में क्या महत्व है?
उत्तर: 
धार्मिक अवसरों पर लोकगीत और लोकनृत्य लोगों की आस्था और आनंद की अभिव्यक्ति बन जाते हैं। ये सामूहिक उत्साह, सांस्कृतिक एकता और परंपराओं के संरक्षण का माध्यम बनकर धार्मिक आयोजनों को और अधिक जीवंत बना देते हैं।

20. प्रश्न: भारत में विविध धार्मिक उत्सवों में सांस्कृतिक सहिष्णुता कैसे प्रकट होती है?
उत्तर: 
भारत में विभिन्न धर्मों के लोग एक-दूसरे के त्योहारों में सम्मिलित होकर आपसी सम्मान और एकता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। इस पारस्परिक भागीदारी और सांस्कृतिक मेलजोल से धार्मिक सहिष्णुता और राष्ट्रीय एकता की भावना सुदृढ़ होती है।

1–10

1. प्रश्न: भारतदेशे महत्त्वपूर्ण धर्माः के के सन्ति?
उत्तर: 
भारतदेशे अनेके धर्माः विद्यमानाः सन्ति, यथा – हिन्दू धर्मः, इस्लाम धर्मः, बौद्ध धर्मः, जैन धर्मः तथा सिख धर्मः इत्यादयः। एते सर्वे धर्माः भारतस्य सांस्कृतिक, सामाजिक च जीवनस्य मूलाधारत्वेन प्रतिष्ठिताः सन्ति।

2. प्रश्न: हिन्दू धर्मस्य मुख्योत्सवाः के के सन्ति?
उत्तर: 
हिन्दू धर्मे प्रमुख उत्सवाः दीपावली, रक्षाबन्धन, दुर्गापूजा, होली, छठ पूजा इत्यादयः सन्ति। एते सर्वे उत्सवाः धार्मिक श्रद्धा, सामाजिक मेलजोल तथा पारिवारिक परंपराणां अभिव्यक्तिं प्रकटयन्ति।

3. प्रश्न: महम्मदीयानां सर्वोत्तम उत्सवः कः मन्यते?
उत्तर: 
इस्लाम धर्मे प्रमुखतम उत्सवः ईद इति विख्यातः। एषः पर्व धार्मिक भक्ति, सामाजिक सौहार्द, तथा परोपकारे विशेषं महत्वं वहति।

4. प्रश्न: ईद उत्सवः सामाजिक दृष्ट्या कस्मिन् प्रकारः महत्त्वपूर्णः?
उत्तर: 
ईद पर्व सामाजिक दृष्ट्या अतिविशिष्टः, यतः एषः जनसमूहे मेलजोल, समानता, करुणा च सौहार्द्यभावं प्रेरयति। अस्मिन अवसरे बहवः लोका निर्धनानां सहाय्ये दानं अपि कुर्वन्ति।

5. प्रश्न: रमजान मासे कः उपवासः प्रारभ्यते?
उत्तर: 
रमजान मासे चन्द्रदर्शनं कृत्वा 'रोजा' इति उपवास आरभ्यते। एषः उपवास समग्रदिनं भोजनवर्जनं, आत्मसंयमं च पालनपूर्वक निर्वह्यते।

6. प्रश्न: रोजायां दिनान्ते कि क्रियते?
उत्तर:  रोजायां दिनान्ते उपवासभङ्गं कृत्यं भवति, यत् 'इफ्तार' इत्याख्येयम्। अस्मिन अवसरि परिवारजनाः मित्रेभ्यश्च सह भोजनं कुर्वन्ति।

7. प्रश्न: रमजान मासस्य समाप्तौ कः अनुष्ठानं क्रियते?
उत्तर: 
रमजान मासस्य अन्ते शुक्रवासरे (जुमा) चन्द्रावलोकनं कृत्वा प्रातःकाले 'ईद-नमाज' इति सामूहिकं धार्मिकं अनुष्ठानं संपाद्यते। एषः उत्सव समुदायेन सह मिलित्वा सम्पन्नः भवति।

8. प्रश्न: ईद उत्सवस्य मुख्य क्रियावली किं अस्ति?
उत्तर: 
ईद उत्सवस्य प्रमुख क्रियावलीषु उपवासस्य पालनम्, संध्यायां नमाज पाठः, समुदायेन सह भोजः, मधुरपकवान् ग्रहनं, तथा निर्धनानां सहाय्यं दानरूपेण सम्मिलितम्। एते सर्वे क्रियाः धार्मिकं च सामाजिकं च लक्ष्यम् साधयन्ति।

9. प्रश्न: ईद उत्सवे दानस्य महत्त्वं किम्?
उत्तर: 
ईद उत्सवे दानं (फितरा) अनिवार्यम् अङ्गीकृतम् अस्ति। एषः निर्धनजनानां सहाय्यं, सामाजिक समानता च उदारभावस्य संवर्धनं कुर्वन्, लोकानां मध्ये उत्सवसुखं समुत्पादयति।

10. प्रश्न: ईद उत्सवः केन प्रकारेण भारतदेशे विशेषः?
उत्तर: 
भारतदेशे ईद उत्सवः धर्मानां भेदं त्यज्य सामाजिक सहअस्तित्व, मेलजोल, उदारता च सांस्कृतिक सहयोगस्य प्रतीकत्वेन प्रसिद्धः। सर्वे जनाः आनन्देन एषे पर्वे सम्मिलन्ति।


Answer by Mrinmoee