Chapter 4
1. उत्तराणि वदत- (उत्तर दीजिए)
(क) अस्माकं प्राचीना संस्कृतिः कुत्र सुरक्षिता अस्ति? (हमारी प्राचीन संस्कृति कहाँ सुरक्षित है?)
उत्तर: अस्माकं प्राचीना संस्कृतिः वेदेषु सुरक्षिता अस्ति। (हमारी प्राचीन संस्कृति वेदों में सुरक्षित है।)
(ख) वेदाः कतिः सन्ति? (वेद कितने हैं?)
उत्तर: वेदाः चत्वारः सन्ति। (वेद चार हैं।)
(ग) ऋग्वेदः कीदृशान् मन्त्रान् धारयति? (ऋग्वेद में कैसे मंत्र हैं?)
उत्तर: ऋग्वेदः प्राचीनान् स्तुतिपरकान् मन्त्रान् धारयति। (ऋग्वेद में प्राचीन और स्तुति से संबंधित मंत्र हैं।)
(घ) ऋग्वेदे कति सूक्तानि सन्ति? (ऋग्वेद में कितने सूक्त हैं?)
उत्तर: ऋग्वेदे दश शतं अष्टाविंशति सूक्तानि (1028) सन्ति। (ऋग्वेद में 1028 सूक्त हैं।)
(ङ) यजुर्वेदे कति अध्यायाः सन्ति? (यजुर्वेद में कितने अध्याय हैं?)
उत्तर: यजुर्वेदे चत्वारिंशत् अध्यायाः (40)न्ति। (यजुर्वेद में 40 अध्याय हैं।)
2. वेदाङ्गानां नामानि वदत- (वेदांगों के नाम बताइए)
उत्तर: वेदाङ्गानां नामानि शिक्षा, कल्पः, व्याकरणम्, निरुक्तम्, छन्दः, ज्योतिषम् च। (वेदांगों के नाम हैं- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष।)
अभ्यासः (लिखितः)
1. अधोलिखित प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत- (निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संस्कृत में लिखिए)
(क) संसारस्य प्राचीनतमं साहित्यं कुत्र उपलभ्यते? (संसार का सबसे प्राचीन साहित्य कहाँ मिलता है?)
उत्तर: संसारस्य प्राचीनतमं साहित्यं वेदेषु उपलभ्यते। (संसार का सबसे प्राचीन साहित्य वेदों में मिलता है।)
(ख) ऋग्वेदः कति मण्डलेषु विभक्तः? (ऋग्वेद कितने मंडलों में विभक्त है?)
उत्तर: ऋग्वेदः दश मण्डलेषु विभक्तः। (ऋग्वेद दस मंडलों में विभक्त है।)
(ग) सामवेदः ऋग्वेदस्य कीदृशैः मन्त्रैः संकलितः? (सामवेद ऋग्वेद के किन मंत्रों से संकलित है?)
उत्तर: सामवेदः ऋग्वेदस्य गेयात्मकैः मन्त्रैः संकलितः। (सामवेद ऋग्वेद के गायन से संबंधित मंत्रों से संकलित है।)
(घ) अथर्ववेदस्य द्वादशे काण्डे कस्याः स्तुतिः? (अथर्ववेद के बारहवें कांड में किसकी स्तुति है?)
उत्तर: अथर्ववेदस्य द्वादशे काण्डे पृथिव्याः (मातृभूमेः) स्तुतिः अस्ति। (अथर्ववेद के बारहवें कांड में पृथ्वी (मातृभूमि) की स्तुति है।)
(ङ) वेदाङ्गानि कति सन्ति तेषां नामानि किम्? (वेदांग कितने हैं और उनके नाम क्या हैं?)
उत्तर: वेदाङ्गानि षट् (6)न्ति। तेषां नामानि शिक्षा, कल्पः, व्याकरणम्, निरुक्तम्, छन्दः, ज्योतिषम् च। (वेदांग छह हैं। उनके नाम हैं- शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छंद और ज्योतिष।)
2. संस्कृतेऽनुवादं कुरुत- (हिंदी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करें)
(क) वेद चार हैं।
उत्तर: वेदाः चत्वारःन्ति।
(ख) वेद संसार का सबसे प्राचीन साहित्य है।
उत्तर: वेदः संसारस्य प्राचीनतमं साहित्यम् अस्ति।
(ग) हमारी प्राचीन संस्कृति वेदों में निहित है।
उत्तर: अस्माकं प्राचीना संस्कृतिः वेदेषु निहिता अस्ति।
(घ) अथर्ववेद में लौकिक विषय आए हैं।
उत्तर: अथर्ववेदे लौकिकाः विषयाः संनादति।
(ङ) हमें वेद पढ़ना चाहिए।
उत्तर: वयं वेदान् पठितव्यम्।
प्रश्न और उत्तर
१. प्रश्न: वेदस्य वैश्विक महत्वं किं अस्ति?
उत्तर: वेदाः केवल भारतदेशे न, अपि तु विश्वे सर्वत्र प्राचीनतम ग्रन्थरूपेण प्रसिद्धाः सन्ति। एतेषां भाषा वैरिका अस्ति, या संस्कृतस्य प्रारंभिक रूपं दर्शयति।
२. प्रश्न: वेदाः कस्य भाषायाम् रचिताः?
उत्तर: वेदाः वैरिक भाषायाम् रचिताः, यः संस्कृतस्य प्राचीन रूपम् अस्ति।
३. प्रश्न: वेदेषु मन्त्राणां प्रकारः कः?
उत्तर: ऋग्वेदे देवानां स्तुत्यर्थे मन्त्राः, जुर्वेदे विधि-निर्माणार्थे मन्त्राः, सामवेदे देवतानां प्रसादाय सङ्गीतमय मन्त्राः, अथर्ववेदे यज्ञार्थे औषधिमन्त्राः सन्ति।
४. प्रश्न: वेदः पुरुषरूपेण कथं निरूपितः?
उत्तर: वेदः पुरुषरूपेण प्रतिपाद्यः, तस्य छः प्रमुखाङ्गाः वेदांग इत्याख्यन्ते।
५. प्रश्न: वेदाङ्गेषु का नामानि सन्ति?
उत्तर: वेदाङ्गाः – शिक्षा, कल्प, ज्योतिष, निरुक्त, छन्दः, व्याकरण।
६. प्रश्न: शिक्षा वेदाङ्गस्य कार्यं किं?
उत्तर: शिक्षा वेदाङ्गः उदारण तथा उच्चारणस्य शास्त्र रूपेण कार्यं करोति।
७. प्रश्न: कल्प वेदाङ्गस्य प्रयोजनं किं?
उत्तर: कल्प वेदाङ्गः यज्ञ-विधानानां तथा धार्मिक क्रियाणां शास्त्र रूपेण प्रयोजनं करोति।
८. प्रश्न: ज्योतिष वेदाङ्गस्य अर्थं किं?
उत्तर: ज्योतिष वेदाङ्गः कालज्ञानस्य रहस्यं उद्घाटयति।
९. प्रश्न: निरुक्त वेदाङ्गस्य कार्यं किं?
उत्तर: निरुक्त वेदाङ्गः शब्दार्थज्ञानस्य शास्त्ररूपेण कार्यं करोति।
१०. प्रश्न: छन्दः वेदाङ्गस्य प्रयोजनं किं?
उत्तर: छन्दः वेदाङ्गः मंत्राणां पाद्य-व्यवस्था तथा छन्दोबद्ध रचना ज्ञातुं कार्यं करोति।
११. प्रश्न: व्याकरण वेदाङ्गस्य कार्यं किं?
उत्तर: व्याकरण वेदाङ्गः शब्दशुद्धि, वाक्यरचना तथा भाषा विज्ञानं प्रददाति।
१२. प्रश्न: वेदाङ्गानां महत्त्वं किं?
उत्तर: वेदाङ्गाः वेदस्य शुद्धपठन, यज्ञसम्पादन तथा धार्मिक क्रियाप्रवर्तन हेतु अत्यावश्यकाः सन्ति।
१३. प्रश्न: ऋग्वेदस्य मन्त्राणि के विषयेषु सन्ति?
उत्तर: ऋग्वेदे देवतानां स्तुत्यर्थे मन्त्राः सन्ति।
१४. प्रश्न: जुर्वेदस्य उद्देश्यं किम्?
उत्तर: जुर्वेदे यज्ञविधि तथा कर्मकाण्डनिर्देशाः सन्ति।
१५. प्रश्न: सामवेदस्य विशिष्टता का?
उत्तर: सामवेदे देवतानां प्रसन्नार्थे सङ्गीतमय मन्त्राः संकलिताः सन्ति।
१६. प्रश्न: अथर्ववेदस्य उपयोगं कथं दृश्यते?
उत्तर: अथर्ववेदे यज्ञसम्पादनार्थे औषधिमन्त्राः तथा रक्षणकर्माणि वर्णितानि सन्ति।
१७. प्रश्न: वेदाः कति प्रकाराः सन्ति?
उत्तर: प्रमुखतया चत्वारि वेदाः – ऋग्वेदः, यजुर्वेदः, सामवेदः, अथर्ववेदः।
१८. प्रश्न: वेदाङ्गं पुरुषरूपेण कथं प्रदर्शितम्?
उत्तर: वेदाङ्गाः पुरुषस्य अंगरूपेण, यथा – शिक्षा उदरम्, कल्प हाथः, छन्दः पादः, व्याकरण सुखम् इत्यादि, निरूपिताः।
१९. प्रश्न: वेदस्य अध्ययनस्य लाभः किं?
उत्तर: वेदस्य अध्ययनं मनसः शुद्धि, धार्मिकज्ञान, संस्कृतिप्रवर्तनं च ददाति।
२०. प्रश्न: वेदाङ्गस्य उपकारकत्वं कथं प्रमाणितम्?
उत्तर: वेदाङ्गाः वेदस्य शुद्धपठन, यज्ञविधि, भाषा विज्ञान, छन्दोबद्ध रचना इत्यादिषु उपकारकाः सन्ति, अतः एते वेदाङ्ग इत्याख्यन्ते।