Chapter 10

लोहा कैसे बनता है?

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प्रश्न1: लोहा कैसे बनता है?

उत्तर: लोहा धरती की सतह के नीचे पाए जाने वाले लौह अयस्क (iron ore) से बनता है। इस अयस्क को बहुत ऊँचे तापमान पर गर्म करके उससे अशुद्धियाँ अलग की जाती हैं और फिर शुद्ध लोहा प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया को "पिघलाने" (smelting) कहते हैं। लोहे को पिघलाकर उसे अलग-अलग आकारों में ढाला जाता है, जिससे औजार, मशीनें और अन्य उपयोगी वस्तुएँ बनाई जाती हैं।

प्रश्न2: लुहार लोहे की कई वस्तुएँ बनाता है। तुमने अपने गाँव या कस्बे में लोहार को लोहे की वस्तुएँ बनाते देखा होगा। लुहार द्वारा बनाई गई कुछ वस्तुओं के नाम लिखो।

उत्तर: 1. फावड़ा

2. हल

3. कुदाल

4. तसला

5. दरवाजे की चादर

6. कील और हथौड़ी

प्रश्न3: इन वस्तुओं को बनाते हुए लुहार क्या करता है? अपने शब्दों में उत्तर लिखो।

उत्तर: लुहार पहले लोहे को आग में गरम करता है। जब लोहा लाल होकर नरम हो जाता है, तब वह उस पर हथौड़े से मारकर उसे मनचाहा आकार देता है। कभी-कभी वह उसे किसी साँचे में भी डालता है। ठंडा होने के बाद वह वस्तु तैयार हो जाती है।

प्रश्न4: क्या तुमने कभी सोचा है कि आखिर यह लोहा कहाँ से आता है? पता करो।

उत्तर: लोहा खदानों से निकाला जाता है। वहाँ से कच्चा लोहा कारखानों में लाया जाता है। कारखानों में इसे गर्म करके, साफ करके और प्रक्रिया से गुज़ारकर उपयोगी लोहे में बदला जाता है। फिर इससे कई प्रकार की वस्तुएँ बनती हैं।

प्रश्न5: नक्शा 1-1 देखकर लोहे के खनिज वाले जिले और लोहे के कारखाने वाले जिलों के नाम अपने शब्दों में लिखो।

उत्तर: लोहे के खनिज (खनन) वाले जिले:

उत्तर प्रदेश – मिर्ज़ापुर

मध्य प्रदेश – बालाघाट

महाराष्ट्र – गढ़चिरौली

तेलंगाना – खम्मम

आंध्र प्रदेश – विशाखापत्तनम

झारखंड – सिंहभूम

लोहे के कारखाने वाले जिले:

झारखंड – जमशेदपुर

छत्तीसगढ़ – भिलाई

ओडिशा – राउरकेला

पश्चिम बंगाल – दुर्गापुर

कर्नाटक – भद्रावती

आंध्र प्रदेश – विशाखापत्तनम

प्रश्न6: क्या राम लोहा बनाने के कारखाने में गया था? वहाँ क्या देखा?

उत्तर: हाँ, राम लोहा बनाने के कारखाने में गया था। वहाँ उसने देखा कि बड़ी-बड़ी मशीनों से काम लिया जा रहा था। मजदूर और कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे थे। वहाँ बहुत अधिक मात्रा में लोहे की वस्तुएँ बनाई जा रही थीं।

प्रश्न7 : क्या इस कारखाने में तुम्हारे घर के किसी व्यक्ति ने काम किया है? उससे यह जानकारी लो।

उत्तर: मेरे परिवार का कोई सदस्य भिलाई के कारखाने में काम नहीं करता, लेकिन मैंने इसके बारे में किताबों और शिक्षकों से जानकारी प्राप्त की है।

प्रश्न8 : तुम्हें क्या लगता है – इतने बड़े कारखाने में रोज़ कितना लोहा बनता होगा, कितनी पानी की ज़रूरत होती होगी, कितने लोग काम करते होंगे आदि?

उत्तर: भिलाई के इस बड़े कारखाने में रोज़ाना टनों लोहा बनता है।

इतनी बड़ी मात्रा में लोहा बनाने के लिए बहुत पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए यह कारखाना शिवनाथ नदी के पास बना है।

यहाँ लगभग 55,000 लोग काम करते हैं।

इतने बड़े कारखाने के कारण वहाँ एक पूरा नगर बस गया है, जहाँ सभी कर्मचारियों के परिवार रहते हैं।

प्रश्न9 : क्या अधिकतर कारखाने नदी के पास ही बनाए जाते हैं?

उत्तर: हाँ, अधिकतर बड़े कारखाने नदियों के पास बनाए जाते हैं क्योंकि उन्हें चलाने के लिए बहुत मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है। पानी से मशीनें ठंडी रहती हैं और कई प्रक्रियाओं में उसका उपयोग होता है।

प्रश्न10 : नक्शा 1-1 में एक और लोहे का कारखाना ढूंढो। पता करो कि वह कितने मजदूरों को काम देता है।

उत्तर (उदाहरण): जमशेदपुर का टाटा स्टील कारखाना (झारखंड):
यह भारत का एक प्रसिद्ध लोहा-इस्पात कारखाना है। यहाँ हज़ारों मजदूर काम करते हैं। यह कारखाना सुवर्णरेखा नदी के किनारे स्थित है।

प्रश्न11: कारखाने में सुरक्षा के लिए क्या आवश्यक होता है?

उत्तर: कारखाने में सुरक्षा के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है:

मजदूरों को हेलमेट, दस्ताने, जूते और सुरक्षात्मक कपड़े पहनने चाहिए।

आँखों की सुरक्षा के लिए चश्मा पहनना चाहिए।

भट्टियों और मशीनों के पास सावधानी से काम करना चाहिए।

आग बुझाने के यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) पास में होने चाहिए।

कारखाने में साफ-सफाई और सही रोशनी होनी चाहिए।

प्रशिक्षित लोग ही मशीनों को चलाएँ।

इमरजेंसी के लिए निकासी के रास्ते (emergency exits) तय और खुले रहने चाहिए।

प्रश्न12 : कारखाने में काम कर रहे मजदूरों को देखकर, उनके बारे में लिखो – वे क्या कर रहे हैं? उन्हें सुरक्षा के लिए क्या-क्या मिला है?

उत्तर (उदाहरण): मैंने देखा कि मजदूर भट्टी के पास काम कर रहे थे। कुछ लोग मशीनों से लोहे को साँचे में डाल रहे थे।

उन्होंने सिर पर हेलमेट और आँखों पर सुरक्षा चश्मा पहना था।

हाथों में दस्ताने और पैरों में मजबूत जूते थे।

उनके शरीर को ढँकने वाले मोटे कपड़े थे, जो आग और गर्मी से बचा सकें।

वहाँ आग बुझाने के यंत्र भी लगे हुए थे।

यह सब उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक था।

प्रश्न13: क्या तुम्हारे आस-पास कोई कारखाना है? यदि हाँ, तो वह किस प्रकार की चीज़ें बनाता है?

उत्तर: हाँ, मेरे आस-पास एक फैक्ट्री है। वहाँ प्लास्टिक की बाल्टियाँ और अन्य घरेलू सामान बनाए जाते हैं। (अगर आपके पास कोई लोहे का कारखाना हो तो उसके अनुसार जवाब बदल सकते हो)

प्रश्न14 :तुम्हारे विचार में कारखानों में प्रदूषण को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?

उत्तर: कारखानों में पानी और हवा को साफ करने वाली मशीनें लगानी चाहिए।

धुएँ को कम करने के लिए फिल्टर और ऊँची चिमनियाँ होनी चाहिए।

कारखानों के आसपास अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए।

गंदा पानी बिना ट्रीटमेंट के बाहर नहीं फेंकना चाहिए।

पर्यावरण नियमों का पालन कड़ाई से किया जाना चाहिए।

प्रश्न15 :हमने क्या सीखा?

मुख्य बिंदु: लोहे को खदानों से निकाला जाता है।

कारखानों में इसे गरम करके वस्तुएँ बनाई जाती हैं।

इनसे प्रदूषण भी होता है, जिसे रोकने के उपाय जरूरी हैं।

मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाना चाहिए।

अतिरिक्त प्रश्न:

1. हमारे प्रदेश में इस्पात के प्रसिद्ध कारखाने का क्या नाम है?
उत्तर: भिलाई इस्पात संयंत्र (छत्तीसगढ़ में) प्रसिद्ध है।

2. लोहे के गेट में लगी जालियों की पट्टियों को जोड़ने के लिए किस मशीन का प्रयोग होता है?
उत्तर: वेल्डिंग मशीन का उपयोग किया जाता है।

लिखित प्रश्नों के उत्तर:

1. कारखानों व उद्योगों के आसपास ज्यादा पेड़-पौधे क्यों लगाए जाते हैं?

उत्तर: कारखानों से निकलने वाला धुआँ और धूल वायु को प्रदूषित करता है। पेड़-पौधे हवा को साफ करते हैं और प्रदूषण को कम करते हैं। इसलिए कारखानों के आसपास ज्यादा पेड़-पौधे लगाए जाते हैं।

2. स्पंज लोहा कैसे बनता है?

उत्तर: खनिज को कोयले के साथ भट्टी में बहुत गरम किया जाता है। इससे अशुद्धियाँ जलकर या पिघलकर अलग हो जाती हैं और शुद्ध लोहा पिघले रूप में मिल जाता है। यह मुलायम होता है, इसलिए इसे स्पंज लोहा कहते हैं।

3. छत्तीसगढ़ में लोहे का खनिज कहाँ-कहाँ पाया जाता है?

उत्तर: छत्तीसगढ़ में दल्लीराजहरा, बस्तर, रायगढ़, और कांकेर जैसे क्षेत्रों में लोहे का खनिज पाया जाता है।