Chapter 11
छत्तीसगढ़ के जंगल
----------------------
✍️ प्रश्नों के उत्तर:
1. चाचाजी ने जंगल में कौन-कौन से जानवर और पक्षी देखे?
उत्तर: 1.तेंदुआ
2. बंदर
3. चितकबरा पक्षी
4. चिड़िया
5. कीड़ा और टिड्डा
2. चाचाजी ने जंगल में किन लोगों से बात की और उन्होंने क्या बताया?
उत्तर: चाचाजी ने जंगल में आदिवासी महिला-पुरुषों से बात की। उन्होंने जंगल के पौधों, जीवों और उनके उपयोग के बारे में कई मजेदार जानकारियाँ दीं।
3. चाचाजी ने अपनी डायरी में क्या-क्या नोट किया?
उत्तर: चाचाजी ने जंगल में देखे गए जानवरों, पक्षियों, कीड़ों, पेड़-पौधों, और आदिवासियों से मिली जानकारियों को अपनी डायरी में लिखा।
4. क्या तुमने कभी चिड़िया का घोंसला देखा है? वह कैसा था?
उत्तर (उदाहरण): हाँ, मैंने चिड़िया का घोंसला देखा है। वह पेड़ की शाखा पर बना था, गोल और सूखे तिनकों से बना हुआ था। उसमें अंडे भी थे।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर:
1. छत्तीसगढ़ में कौन-कौन से पेड़ पाए जाते हैं?
उत्तर: साल, सागौन, महुआ, तेंदू, शीशम, हल्दू, आँवला और बाँस।
2. साल के वृक्ष कहाँ ज्यादा मिलते हैं?
उत्तर: अंबिकापुर, बस्तर और जशपुर के जंगलों में।
3. साल वृक्ष की क्या खासियत है?
उत्तर: इसकी पत्तियाँ एक साथ नहीं झड़तीं।
यह पेड़ सालभर हरा रहता है।
इसकी छाल काली, कड़ी और मुड़ी हुई होती है।
इससे जंगलों में ठंडक और हरियाली बनी रहती है।
4. वर्षा के समय जंगल का क्या दृश्य होता है?
उत्तर: पेड़-पौधे बारिश की बौछारों को रोकते हैं।
जीव-जंतु झाड़ियों और झुरमुटों में दुबके होते हैं।
जंगल में सन्नाटा छा जाता है।
आदिवासी लोग दिखाई नहीं देते।
🧐 प्रश्न और उत्तर:
1. साल के वृक्ष का उपयोग किस-किस चीज़ के निर्माण में होता है?
उत्तर: घर के दरवाजे
खिड़कियाँ
फर्नीचर
रेल की स्लीपर (पहले)
पुल, नाव, डोंगियाँ, खेती के औज़ार
चमड़ा उद्योग
धूपबत्ती, दवाइयाँ, जूता पॉलिश
साबुन
2. साल की लकड़ी में कौन-सी विशेषता है जो इसे टिकाऊ बनाती है?
उत्तर: साल की लकड़ी पानी पड़ने पर भी जल्दी खराब नहीं होती, यही इसकी प्रमुख विशेषता है।
🌲 सागौन के पेड़ और उनका व्यवहार
सागौन के पेड़ गर्मियों में अपने पत्ते झाड़ देते हैं, जिससे गर्मी के समय में सागौन के जंगल सूखे और उजड़े हुए दिखते हैं।
🌳 बस्तर के जंगलों में पाए जाने वाले पेड़
बस्तर के जंगलों में साल और सागौन के अलावा, निम्नलिखित पेड़ भी पाए जाते हैं:
शीशम
महुआ
खैर
बीजा
साजा
तेंदू
बॉस
अर्जुन
पलाश
आम
इमली
🍃 वनौषधियाँ और वनोपज
छत्तीसगढ़ के जंगलों में वनौषधियों की बड़ी विविधता पाई जाती है। यही कारण है कि इसे प्राकृतिक औषधि वाला राज्य (हर्बल स्टेट) कहा जाता है। यहां के लोग वनों से प्राप्त वनोपज, जैसे तेंदूपत्ता, महुआ, इमली, चार आदि से अपना जीवन यापन करते हैं।
🦏 संरक्षित जंगल और जानवरों की सुरक्षा
हमारे देश में कई जानवरों को उनके दाँतों, सींगों, खालों आदि के लिए मारा जाता है, जैसे:
हाथी (दाँत)
गैंडा (सींग)
शेर, मगरमच्छ और साँप (खाल)
इन लुप्तप्राय जानवरों की सुरक्षा के लिए, सरकार ने कई जंगलों को सुरक्षित जंगल (अभ्यारण) घोषित किया है, जहाँ लोग जानवरों या जंगलों को कोई नुकसान नहीं पहुँचा सकते हैं।
प्रश्न: क्या तुम जानते हो कि हमारे राज्य में जानवरों की सुरक्षा के लिए अभ्यारण कहाँ-कहाँ हैं?
इस बारे में जानकारी पता करो और लिखो।
🦁 संरक्षित प्रजातियाँ
राज्य पशु: वन भैंसा
राज्य पक्षी: पहाड़ी मैना
इन प्रजातियों की संख्या बहुत कम हो गई है, और इन्हें बचाने के लिए सरकार ने विशेष कदम उठाए हैं।
🌳 जंगलों की सुरक्षा और सफाई
जंगल में पेड़ों को काटना मना है, क्योंकि यह जंगल के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर जंगल में आग लग जाए तो इससे बहुत नुकसान होता है। इसलिए वन विभाग के कर्मचारी जमीन से घास-फूस की सफाई करते हैं और बीच में खाली मैदानी पट्टियाँ बना देते हैं। इससे आग फैलने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, पेड़ों में कीड़े न लगने का भी ध्यान रखा जाता है।
🌲 सवाल और उत्तर
1. छत्तीसगढ़ के किन-किन जिलों में घने जंगल पाए जाते हैं?
2. साल वृक्ष की लकड़ी के क्या उपयोग हैं?
3. छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाए जाने वाले पेड़ों के नाम बताओ।
🌳 साल वृक्ष की विशेषताएँ
साल वृक्ष की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ हैं:
यह मजबूत और टिकाऊ होता है।
इसका उपयोग फर्नीचर, घर के दरवाजों और खिड़कियों बनाने में किया जाता है।
साल की लकड़ी पानी में भी जल्दी खराब नहीं होती, इसीलिए इसे पहले रेल की पटरियाँ बिछाने में इस्तेमाल किया जाता था।
इसके राल का उपयोग धूपबत्तियाँ, कान की बीमारियों की दवाइयाँ, और जूता पॉलिश बनाने में होता है।
साल के बीज से साबुन भी बनता है।
🌿 छत्तीसगढ़ को हर्बल स्टेट क्यों कहा जाता है?
छत्तीसगढ़ को प्राकृतिक औषधि वाला राज्य (हर्बल स्टेट) कहा जाता है क्योंकि यहाँ वनौषधियों की बहुत बड़ी विविधता पाई जाती है, जिनका उपयोग विभिन्न दवाइयों और उपचार में किया जाता है।
🦜 जंगलों में पाए जाने वाले जीव-जन्तु
जंगलों में अनेक प्रकार के जंतु पाए जाते हैं, जैसे:
बाघ
हाथी
गैंडा
भालू
बंदर
तेंदुआ
साँप
शेर
आदि
इनके अलावा कीड़े और पक्षी भी जंगलों का अभिन्न हिस्सा हैं।
🌍 जंगल कम होने से होने वाले नुकसान
जंगलों के कम होने से विभिन्न पारिस्थितिकीय समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे:
प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे बाढ़, सूखा, और तूफान।
वन्यजीवों की नरमी और मृत्यु।
जंगलों से प्राप्त होने वाली वनस्पतियाँ और औषधियाँ कम हो जाती हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।
🌱 साल और सागौन के जंगलों की तुलना
साल वृक्ष और सागौन वृक्ष के जंगलों की तुलना निम्नलिखित शीर्षकों के आधार पर कीजिए:
विषय | साल वृक्ष | सागौन वृक्ष |
---|---|---|
जिले जहाँ ये पाए जाते हैं | अंबिकापुर, बस्तर, जशपुर | बस्तर के जंगलों में |
छाल का उपयोग | चमड़ा उद्योग में, राल उत्पादन में | कुछ स्थानों पर उपयोग |
लकड़ी का उपयोग | फर्नीचर, रेल स्लीपर, पुल निर्माण | इमारती लकड़ी, भवन निर्माण में |
बीज का उपयोग | साबुन बनाने में | - |
पतझड़ का मौसम | साल के वृक्ष में पत्तियाँ गर्मी में झड़ती हैं | सागौन के वृक्ष में सर्दियों में पत्तियाँ झड़ती हैं |
🏞️ प्रेरणा और कार्य
-
अपने आस-पास के जंगलों में पेड़-पौधे कम होने के कारणों का पता लगाओ।
-
जंगलों में पाए जाने वाले जंतु के बारे में बड़ों से जानकारी प्राप्त करो।