Chapter 2
घी, गुड़ और शहद देनेवाला वृक्ष
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प्रश्न 1: 'घी, गुड़ और शहद देनेवाला वृक्ष' कहाँ पाया जाता है?
उत्तर: यह वृक्ष उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में, विशेषकर कुमाऊँ एवं पिथौरागढ़ जनपद तथा भारत-नेपाल की सीमा पर काली नदी के किनारे 3000 फीट की ऊँचाई तक पाया जाता है।
प्रश्न 2: इस वृक्ष को स्थानीय लोग क्या कहते हैं और अँग्रेज़ ने इसे क्या नाम दिया?
उत्तर: स्थानीय लोग इस वृक्ष को 'च्यूरा' कहते हैं, जबकि अँग्रेज़ ने इसे 'घी वाला वृक्ष' (Indian Butter Tree) नाम दिया।
प्रश्न 3: यह वृक्ष किन-किन चीजों के लिए उपयोगी है?
उत्तर: यह वृक्ष घी, गुड़, शहद, फल, औषधि, चारा, ईंधन और कीटनाशक के रूप में उपयोगी होता है।
प्रश्न 4: इस वृक्ष को 'कल्पवृक्ष' के समान क्यों कहा गया है?
उत्तर: यह वृक्ष लोगों की अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है और वहाँ की जलवायु में ही पनपता है, इसलिए वहाँ के लोग इसे 'कल्पवृक्ष' के समान मानते हैं।
प्रश्न 5: इस वृक्ष के फल कैसे होते हैं और कब पकते हैं?
उत्तर: इसके फल पीले रंग के, स्वादिष्ट, मीठे और सुगंधित होते हैं। ये फल जुलाई-अगस्त में पकते हैं।
प्रश्न 6: अगर किसी के पास 3-4 च्यूरा वृक्ष हों, तो उसे क्या लाभ होता है?
उत्तर: अगर किसी के पास 3-4 च्यूरा वृक्ष हों, तो उसे साल भर बाजार से वनस्पति घी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। उसे गुड़ और शुद्ध शहद भी प्राप्त होता है।
प्रश्न 7: च्यूरा के पकने का पता कैसे चलता है?
उत्तर: च्यूरा के पकने का पता उसकी महक से चल जाता है।
प्रश्न 8: च्यूरा के बीज किस प्रकार इकट्ठा किए जाते हैं?
उत्तर: च्यूरा के फल बंदरों व लंगूरों को खाने दिए जाते हैं। वे फलों का बाहरी भाग खाकर बीज नीचे गिरा देते हैं, जिन्हें गाँव के लोग जमीन से बीनकर इकट्ठा कर लेते हैं।
प्रश्न 9: च्यूरा के एक वृक्ष से प्रति वर्ष लगभग कितने बीज मिलते हैं?
उत्तर: एक वृक्ष से प्रति वर्ष लगभग एक से डेढ़ क्विंटल बीज मिलते हैं।
प्रश्न 10: च्यूरा घी बनाने की विधि क्या है?
उत्तर: बीजों के छिलके निकालकर अंदर के भाग को सुखाकर पीसा जाता है और पानी में उबालने के बाद ठंडा किया जाता है। ठंडा होने पर घी जैसा पदार्थ सतह पर तैरने लगता है जिसे कपड़े से छानकर अलग कर लिया जाता है।
प्रश्न 11: च्यूरा घी के क्या-क्या उपयोग हैं?
उत्तर: 1.यह घी भोजन पकाने (जैसे पूड़ी, हलवा आदि) में उपयोग होता है।
2. यह जलाने के लिए भी काम आता है और धुआँ नहीं करता।
3. यह फटे होंठ, हाथ-पैर, गठियावात आदि में औषधि की तरह उपयोग होता है।
प्रश्न 12: च्यूरा घी में कौन-सा रसायन पाया जाता है और इसका क्या उपयोग है?.
उत्तर: इसमें पामेटिक अम्ल नामक रसायन पाया जाता है, जिसका उपयोग औषधियाँ और सौंदर्यवर्द्धक रसायन बनाने में होता है।
प्रश्न 13: च्यूरा के फूल किसे आकर्षित करते हैं और क्यों?
उत्तर: च्यूरा के सफेद फूल मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं क्योंकि वे शहद बनाने के लिए उपयुक्त होते हैं।
प्रश्न 14: शहद प्राप्त करने के लिए क्या सुझाव दिया गया है?
उत्तर: मधुमक्खी पालन गृहों को च्यूरा के वृक्षों के पास रखकर वैज्ञानिक तकनीक अपनाकर सुगमता से शहद प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 15: पता करो कि हमारे यहाँ घी व गुड़ कैसे बनाया जाता है?
उत्तर: 1. घी दूध से मक्खन निकालकर और उसे गरम करके बनाया जाता है।
2. गुड़ गन्ने के रस को उबालकर गाढ़ा किया जाता है और ठंडा होने पर वह ठोस रूप में जम जाता है।
प्रश्न 16: च्यूरा वृक्ष से गाँव वालों को क्या-क्या मिलता है?
उत्तर: च्यूरा वृक्ष से गाँव वालों को घी, गुड़, शहद, फल, चारा, औषधि, ईंधन और कीटनाशक मिलते हैं।
प्रश्न 17: च्यूरा वृक्ष छत्तीसगढ़ राज्य में क्यों नहीं पाया जाता है?
उत्तर: च्यूरा वृक्ष विशेष रूप से उत्तराखंड की जलवायु में ही पनपता है। छत्तीसगढ़ की जलवायु इसके अनुकूल नहीं है, इसलिए यह वहाँ नहीं पाया जाता।
प्रश्न 18: च्यूरा वृक्ष के बीज स्थानीय लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी हैं। यदि हाँ तो क्यों?
उत्तर: हाँ, क्योंकि इन बीजों से घी जैसा तैलीय पदार्थ प्राप्त होता है जो खाना पकाने, औषधि, मालिश और जलाने के लिए उपयोग होता है।
प्रश्न 19: हमारे राज्य में विदेशों या अन्य राज्यों से बहुत सारी चीजें आती हैं किन्तु च्यूरा वृक्ष से बना गुड़ नहीं आता। क्यों?
उत्तर: क्योंकि च्यूरा वृक्ष का गुड़ केवल उत्तराखंड व नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में ही बनता है और वह सारा स्थानीय स्तर पर ही उपयोग हो जाता है, बाहर भेजा नहीं जाता।
प्रश्न 20: पता करो कि हमारे यहाँ घी व गुड़ कैसे बनाया जाता है?
उत्तर: 1.घी: दूध को जमाकर दही बनाया जाता है। फिर मथकर मक्खन निकाला जाता है और उसे गर्म करके घी बनाया जाता है।
2. गुड़: गन्ने या खजूर के रस को उबालकर गाढ़ा किया जाता है, जिससे ठंडा होने पर ठोस गुड़ बन जाता है।
प्रश्न 21: च्यूरा वृक्ष से गाँव वालों को क्या-क्या मिलता है?
उत्तर: च्यूरा वृक्ष से गाँव वालों को घी, गुड़, शहद, फल, औषधि, चारा, ईंधन, और कीटनाशक प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 22: च्यूरा वृक्ष छत्तीसगढ़ राज्य में क्यों नहीं पाया जाता है?
उत्तर: च्यूरा वृक्ष केवल उत्तराखंड के ठंडे और पहाड़ी इलाकों की जलवायु में पनपता है। छत्तीसगढ़ की जलवायु इसके अनुकूल नहीं है, इसलिए यह वहाँ नहीं पाया जाता।
प्रश्न 23: च्यूरा वृक्ष के बीज स्थानीय लोगों के लिए अत्यधिक उपयोगी हैं। यदि हाँ, तो क्यों?
उत्तर: हाँ, च्यूरा के बीजों से तैलीय पदार्थ (घी) प्राप्त होता है जो भोजन बनाने, औषधि, मालिश, और ईंधन के रूप में भी काम आता है। इससे लोगों को बाजार से घी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती।
प्रश्न 24: हमारे राज्य में विदेशों या अन्य राज्यों से बहुत सारी चीजें आती हैं, किन्तु च्यूरा वृक्ष से बना गुड़ नहीं आता। क्यों?
उत्तर: क्योंकि च्यूरा गुड़ का उत्पादन सीमित मात्रा में होता है और वह स्थानीय लोगों द्वारा ही उपयोग में ले लिया जाता है। इसके कारण वह अन्य राज्यों में नहीं भेजा जाता।
यहाँ पर दिए गए कोष्ठक (जायकेदार, निराला, दवाई, कोशिश) से मिलान करते हुए शब्दों के अर्थ लिखे गए हैं:
1. विचित्र – निराला
2. औषधि – दवाई
3. प्रयास – कोशिश
4. स्वादिष्ट – जायकेदार
Editing By- Rita Moni Bora