Chapter 20

मस्जिद या पुल

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 1: सम्राट अकबर ने मस्जिद और पुल में से क्या बनवाया और क्यों?

उत्तर: सम्राट अकबर ने पुल बनवाने का निर्णय लिया क्योंकि उन्होंने जन-कल्याण को प्राथमिकता दी। उन्होंने सोचा कि पुल से अधिक लोगों को लाभ होगा, जबकि मस्जिद बनाने से केवल एक विशेष समुदाय को ही लाभ होता।

 2: अकबर ने प्रजा की कठिनाइयों को जानने के लिए क्या किया?

उत्तर: अकबर प्रजा की कठिनाइयों को जानने के लिए वेश बदलकर उनके बीच जाते थे और उनकी समस्याओं का समाधान करते थे।

 3: मुबारक खान किसे निमंत्रण दे रहे थे?

उत्तर: मुबारक खान सम्राट अकबर को जौनपुर आने के लिए बरसों से निमंत्रण दे रहे थे।

 4: अकबर ने मस्जिद का नक्शा देखकर क्या प्रतिक्रिया दी?

उत्तर: अकबर ने मस्जिद का नक्शा देखकर कहा कि यह बहुत खूबसूरत है और उसकी मीनारें, गुंबद और तालाब बेमिसाल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोग इसमें बैठकर दुआ करेंगे और सुकून पाएँगे।

 5: अकबर का शासन प्रजा के लिए कैसा था?

उत्तर: अकबर का शासन प्रजा के लिए बहुत ही सहिष्णु और लाभकारी था। वे हमेशा प्रजा के दुख-सुख का ख्याल रखते थे और उनकी समस्याओं का समाधान करते थे।

 7: बुढ़िया की शिकायतें किसके प्रति थीं और क्यों?

उत्तर: बुढ़िया की शिकायतें मुंशी और सूबेदार मुबारक खान के प्रति थीं। मुंशी पर आरोप था कि वह समय पर अपने काम नहीं करता और मल्लाह भी नहीं आता था। सूबेदार मुबारक खान पर आरोप था कि वह केवल अपने ओहदे को बढ़ाने के लिए मस्जिद बनाने में व्यस्त था, जबकि लोगों को पुल की आवश्यकता थी।

8. अकबर ने बुढ़िया की मदद कैसे की?

उत्तर: अकबर ने बुढ़िया की मदद करने का वचन दिया और उसे पार पहुँचाने के लिए नाव खेने की कोशिश की। हालांकि, वह पहले कभी नाव नहीं खेते थे, लेकिन उन्होंने बुढ़िया को धीरज बंधाया और उसे पार पहुँचाने के लिए पूरी कोशिश की।

9. बुढ़िया ने अकबर के नाव खेने के तरीके पर क्या टिप्पणी की?

उत्तर: बुढ़िया ने अकबर को नाव खेने के तरीके पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह नाव ठीक से नहीं चला पा रहे हैं। उसने यह भी कहा कि अकबर की नाव चलाने की काबिलियत के कारण वे शायद उसे कभी पार नहीं पहुँचाएंगे।

10. बुढ़िया ने अकबर से पुल बनाने की बात क्यों की?

उत्तर: बुढ़िया ने अकबर से पुल बनाने की बात की क्योंकि उसके अनुसार मस्जिद बनाने की बजाय, पुल की आवश्यकता थी। पुल न होने के कारण लोगों को बहुत कठिनाई हो रही थी, खासकर जिन लोगों को पार जाने के लिए रास्ता चाहिए था। बुढ़िया ने बताया कि बिना पुल के लोग अपनी रोजमर्रा की ज़िंदगी में परेशान हैं और पुल से ही उनकी समस्याएँ हल हो सकती हैं।

11. अकबर ने बुढ़िया के साथ समय कैसे बिताया?

उत्तर: अकबर ने बुढ़िया के साथ समय बिताते हुए उसकी समस्याओं को समझा और उसे पार पहुँचाने के लिए पूरी कोशिश की। उन्होंने उसे समझाया कि वे धीरे-धीरे नाव चला रहे हैं और उसे धीरज रखने को कहा। अकबर ने बुढ़िया की पीड़ा को महसूस किया और उसकी मदद की।

यह पाठ अकबर के जन-कल्याण के प्रति समर्पण और उनकी सहिष्णुता को दर्शाता है। इसके माध्यम से यह भी दिखाया गया है कि एक अच्छे शासक को केवल महान संरचनाएँ नहीं, बल्कि जनता की वास्तविक समस्याओं का समाधान भी करना चाहिए।

12. बुढ़िया ने अकबर से क्या शिकायत की और उसने किसे सलाह दी?

उत्तर: बुढ़िया ने अकबर से शिकायत की कि मस्जिद बनाने की बजाय पुल बनवाना चाहिए, क्योंकि पुल के बिना लोगों को बड़ी कठिनाइयाँ होती हैं। उसने अकबर से यह सलाह दी कि अगर वह सचमुच लोगों का भला करना चाहते हैं, तो सबसे पहले पुल बनवाएँ, मस्जिद नहीं।

13. बुढ़िया के घर पहुँचने पर क्या स्थिति थी?

उत्तर: बुढ़िया के घर पहुँचने पर बच्चों का रोना सुनकर वह बहुत दुखी हो गई। उसके बच्चों ने भूखा रोते हुए मल्लाह को दोषी ठहराया। वह गुस्से में आकर मल्लाह के गालों को खरोंचते हुए उसे दोषी ठहराती है।

14. अकबर ने बुढ़िया से मिलकर क्या महसूस किया और क्या किया?

उत्तर: अकबर ने बुढ़िया से मिलकर उसकी सच्चाई और असलियत का सबक सीखा। उन्होंने महसूस किया कि उन्हें बुढ़िया का अहसानमंद होना चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें लोगों की वास्तविक समस्याओं से अवगत कराया। "शुक्रिया" कहकर अकबर चुपचाप वहाँ से चले गए।

15.  अकबर ने अगली सुबह क्या किया और क्यों?

उत्तर: अकबर ने अगले दिन जौनपुर में पहले पुल बनवाया, क्योंकि बुढ़िया की सलाह के बाद उन्हें यह महसूस हुआ कि पुल लोगों की वास्तविक जरूरत है। मस्जिद बनाने का काम बाद में किया।

16.  इस पाठ से क्या संदेश मिलता है?

उत्तर: इस पाठ से यह संदेश मिलता है कि एक सच्चा शासक अपनी प्रजा की वास्तविक जरूरतों को समझकर उनका समाधान करता है। अकबर ने अपनी स्थिति और ओहदे के बावजूद, लोगों के दुखों को समझने और उन्हें दूर करने का प्रयास किया। यह कहानी यह भी दिखाती है कि एक अच्छा शासक हमेशा अपनी जनता की समस्याओं को पहले प्राथमिकता देता है।


Editing By- Rita Moni Bora