Chapter 2


भारत में राष्ट्रवाद



सत्याग्रह और रॉलट एक्ट — 10 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. सत्याग्रह का अर्थ क्या है?
उत्तर:सत्याग्रह सत्य की शक्ति पर विश्वास है, जिसमें बिना हिंसा और प्रतिशोध के अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया जाता है। इसमें उत्पीड़क की चेतना को झिंझोड़कर सच्चाई को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

2. गांधीजी का विश्वास सत्याग्रह के बारे में क्या था?
उत्तर:गांधीजी का विश्वास था कि सत्याग्रह और अहिंसा भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँध सकते हैं और अन्याय के खिलाफ सफल संघर्ष कर सकते हैं।

3. चंपारण आंदोलन (1917) क्यों किया गया था?
उत्तर:चंपारण आंदोलन दमनकारी बागान व्यवस्था के खिलाफ था, जहाँ किसानों को जबरन नील की खेती करने के लिए मजबूर किया जाता था।

4. खेड़ा सत्याग्रह (1917) का मुख्य कारण क्या था?
उत्तर:खेड़ा जिले में फसल खराब हो गई थी और प्लेग फैल गया था, जिससे किसान लगान नहीं चुका सकते थे। वे लगान में छूट चाहते थे।

5. अहमदाबाद मिल मजदूर आंदोलन (1918) किससे जुड़ा था?
उत्तर:यह आंदोलन सूती कपड़ा मिल मजदूरों के वेतन में वृद्धि और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए किया गया था।

6. रॉलट एक्ट (1919) क्या था?
उत्तर:रॉलट एक्ट एक ऐसा कानून था जो सरकार को बिना मुकदमा चलाए राजनीतिक कैदियों को दो साल तक जेल में रखने और राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने का अधिकार देता था।

7. गांधीजी ने रॉलट एक्ट के खिलाफ किस प्रकार का आंदोलन शुरू किया?
उत्तर:गांधीजी ने 6 अप्रैल 1919 को रॉलट एक्ट के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल और नागरिक अवज्ञा आंदोलन शुरू किया।

8. रॉलट एक्ट के खिलाफ आंदोलन का असर क्या हुआ?
उत्तर:देश भर में हड़तालें हुईं, रैलियाँ निकलीं, रेलवे वर्कशॉप के मजदूर हड़ताल पर चले गए और दुकानें बंद हो गईं। सरकार ने दमनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी।

9. अमृतसर में 10 अप्रैल 1919 को क्या घटना घटी?
उत्तर:अमृतसर में शांतिपूर्ण जुलूस पर पुलिस ने गोली चला दी, जिससे गुस्साए लोगों ने बैंकों, डाकखानों और रेलवे स्टेशनों पर हमला कर दिया।

10. अमृतसर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए किसने कमान संभाली?
उत्तर:मार्शल लॉ लागू कर दिया गया और जनरल डायर ने अमृतसर की कमान संभाली।
जलियाँवाला बाग, खिलाफत और असहयोग आंदोलन — 10 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

1. जलियाँवाला बाग हत्याकांड कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में यह हत्याकांड हुआ था।

2. जलियाँवाला बाग में लोग क्यों एकत्र हुए थे?
उत्तर:लोग सालाना वैसाखी मेले में हिस्सा लेने और सरकार के दमनकारी कानूनों का विरोध करने के लिए एकत्र हुए थे।

3. जनरल डायर ने जलियाँवाला बाग में क्या किया?
उत्तर:जनरल डायर ने मैदान के सारे रास्ते बंद कर दिए और बिना चेतावनी के भीड़ पर अंधाधुंध गोलियाँ चलवाईं, जिससे सैकड़ों लोग मारे गए।

4. जलियाँवाला बाग हत्याकांड के बाद देश में क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:देशभर में गुस्सा फैल गया, लोग सड़कों पर उतर आए, हड़तालें और सरकारी इमारतों पर हमले हुए। सरकार ने इस आंदोलन को दमन से कुचलने की कोशिश की।

5. गांधीजी ने रॉलट सत्याग्रह को वापस क्यों लिया?
उत्तर:गांधीजी ने आंदोलन में बढ़ती हिंसा को देखकर सत्याग्रह वापस ले लिया क्योंकि वे अहिंसा के सिद्धांत पर अडिग थे।

6. गांधीजी ने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कौन-सा मुद्दा उठाया?
उत्तर:गांधीजी ने खिलाफत आंदोलन के जरिए हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करने की कोशिश की।

7. खिलाफत आंदोलन किस बात से जुड़ा था?
उत्तर:खिलाफत आंदोलन इस्लामिक दुनिया के आध्यात्मिक नेता खलीफा की शक्तियों की रक्षा करने के लिए चलाया गया था।

8. खिलाफत आंदोलन की शुरुआत कब और कहाँ हुई?
उत्तर:मार्च 1919 में बंबई (अब मुंबई) में खिलाफत समिति का गठन हुआ था।

9. गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का सुझाव कब दिया?
उत्तर:सितंबर 1920 में कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गांधीजी ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का प्रस्ताव रखा।

10. गांधीजी के अनुसार असहयोग आंदोलन क्यों आवश्यक था?
उत्तर:गांधीजी ने "हिंद स्वराज" में कहा था कि ब्रिटिश शासन भारतीयों के सहयोग से ही टिका है, और यदि भारतीय सहयोग बंद कर दें तो एक साल के भीतर स्वराज हासिल किया जा सकता है।
असहयोग आंदोलन — महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
 
1. असहयोग आंदोलन का विचार किसने और कैसे प्रस्तुत किया?
उत्तर:महात्मा गांधीजी ने असहयोग आंदोलन का विचार प्रस्तुत किया। उनका सुझाव था कि चरणबद्ध ढंग से सरकारी पदवियाँ लौटाई जाएँ, सरकारी संस्थाओं और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया जाए, और यदि सरकार दमन करे तो सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया जाए।

2. असहयोग आंदोलन के पहले चरण में गांधीजी ने किन कार्यों का प्रस्ताव किया?
उत्तर:सरकारी पदवियाँ लौटाना
सरकारी नौकरियों, सेना, पुलिस, अदालतों, विधायी परिषदों का बहिष्कार
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार
विदेशी वस्त्रों और वस्तुओं का बहिष्कार

3. 1920 की गर्मियों में गांधीजी और शौकत अली ने क्या किया?
उत्तर:गांधीजी और शौकत अली ने देशभर में यात्राएँ कर के असहयोग आंदोलन के लिए जनता से समर्थन जुटाया।

4. कांग्रेस में असहयोग आंदोलन को लेकर क्या मतभेद थे?
उत्तर:कांग्रेस के कई नेताओं को डर था कि असहयोग आंदोलन से हिंसा फैल सकती है। कुछ नेता विधायी परिषद के चुनावों का बहिष्कार करने में भी हिचक रहे थे।

5. कांग्रेस ने असहयोग आंदोलन को कब और कहाँ स्वीकृति दी?
उत्तर:दिसंबर 1920 में नागपुर अधिवेशन में कांग्रेस ने असहयोग आंदोलन के कार्यक्रम को स्वीकृति दी।

6. विभिन्न सामाजिक समूहों ने असहयोग आंदोलन के विचार को कैसे समझा?
उत्तर:किसानों ने इसे जमींदारों के खिलाफ संघर्ष के रूप में देखा।
श्रमिकों ने इसे मजदूरी और काम के बेहतर हालात के लिए लड़ाई माना।
छात्रों और शिक्षकों ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों का बहिष्कार किया।
व्यापारी वर्ग ने विदेशी कपड़े और वस्त्रों का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्त्रों को अपनाया।
(पूरा विस्तार अगले हिस्से में आता है जिसे भी हम आगे पढ़ सकते हैं।)
संक्षिप्त सारांश 
विषय विवरण
आंदोलन का विचार गांधीजी ने चरणबद्ध असहयोग और सविनय अवज्ञा का प्रस्ताव दिया।
मुख्य कार्य पदवियाँ लौटाना, बहिष्कार करना, विदेशी वस्त्रों का त्याग।
कांग्रेस में मतभेद हिंसा के डर से कुछ नेता सहमत नहीं थे।
अंतिम निर्णय दिसंबर 1920, नागपुर अधिवेशन में आंदोलन को स्वीकृति।
विभिन्न समूहों की भूमिका किसानों, मजदूरों, छात्रों, व्यापारियों ने आंदोलन में अलग-अलग तरीके से भाग लिया।


(क) उपनिवेशों में राष्ट्र के निर्माण की प्रक्रिया उपनिवेशवाद-विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई क्यों थी?
 उत्तर:क्योंकि लोग अंग्रेजों के अन्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते-करते राष्ट्र की भावना से जुड़ने लगे।
अंग्रेजों से मुक्ति की चाह ने राष्ट्रीय एकता को जन्म दिया।

(ख) लोक परंपराओं ने राष्ट्रवाद के विकास में किस प्रकार योगदान दिया?
 उत्तर:लोक कथाएँ, लोक गीत, लोक कला ने लोगों को उनकी सांस्कृतिक पहचान से जोड़ा।
इससे राष्ट्र के प्रति गर्व और एकता की भावना मजबूत हुई।

(ग) भारत के लोग रोलेक्ट एक्ट के विरोध में क्यों थे?
उत्तर:रोलेक्ट एक्ट बिना मुकदमे के गिरफ्तारी और नजरबंदी की इजाजत देता था।
यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन था, इसलिए इसका जोरदार विरोध हुआ।

(घ) गांधीजी ने असहयोग आंदोलन क्यों शुरू किया?
 उत्तर:जलियाँवाला बाग हत्याकांड और रोलेक्ट एक्ट जैसे अत्याचारों से आहत होकर,
गांधीजी ने अंग्रेजी शासन से असहयोग करके स्वराज पाने का आह्वान किया।

2. सविनय अवज्ञा (सायापद) आंदोलन के विचार का मतलब:
कानून तोड़ना पर शांति बनाए रखना।
 उत्तर:अन्यायपूर्ण ब्रिटिश कानूनों का अहिंसक तरीके से विरोध करना।

3. रिपोर्ट लेखन:

(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड रिपोर्ट:
 उत्तर:13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग में हजारों लोग शांतिपूर्वक इकट्ठा हुए थे।
जनरल डायर ने बिना चेतावनी के भीड़ पर गोली चलवाई, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए।
इस घटना ने पूरे देश में क्रोध और शोक की लहर दौड़ा दी और आजादी की माँग तेज हो गई।

(ख) साइमन कमीशन रिपोर्ट:
 उत्तर:1928 में ब्रिटेन ने भारत में सुधारों की जांच के लिए साइमन कमीशन भेजा।
कमीशन में कोई भारतीय सदस्य नहीं था।
इसका विरोध करते हुए भारतीयों ने नारे लगाए: "साइमन गो बैक"।
विरोध प्रदर्शनों में लाला लाजपत राय पर लाठीचार्ज हुआ, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।

4. भारत माता की छवि की तुलना:
उत्तर:भारत माता को एक देवी के रूप में चित्रित किया गया।
वह राष्ट्र की शक्ति और गौरव का प्रतीक बनी।
इस चित्रण ने लोगों के मन में राष्ट्रभक्ति की भावना प्रबल की, जैसे कोई माँ अपने बच्चों की रक्षा करती है।
पूरा संक्षिप्त चार्ट:
प्रश्न उत्तर
उपनिवेशवाद और राष्ट्र स्वतंत्रता संघर्ष ने राष्ट्रवाद को जन्म दिया।
लोक परंपराएँ सांस्कृतिक गर्व और एकता को बढ़ावा मिला।
रोलेक्ट एक्ट विरोध स्वतंत्रता पर हमला था।
असहयोग आंदोलन अन्याय का अहिंसक विरोध।
सविनय अवज्ञा शांतिपूर्वक कानून तोड़ना।
जलियाँवाला बाग नृशंस गोलीकांड, देश में रोष।
साइमन कमीशन भारतीयों का अपमान, विरोध प्रदर्शन।
भारत माता चित्रण राष्ट्रभक्ति का सशक्त प्रतीक।

1.1931 में राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल होने वाले प्रमुख सामाजिक समूहों की सूची:
उत्तर:किसान
मजदूर
व्यापारी
छोटे कर्मचारी
विद्यार्थी
महिलाएँ
वकील
आदिवासी
दस्तकार (कारीगर)
व्यापारी समुदाय

2.किसी दो समूहों की आशाएँ और संघर्ष (चयन: किसान और महिलाएँ):
उत्तर:(क) किसान:
आशाएँ:
जमींदारों और अंग्रेजों से मुक्ति।
लगान (टैक्स) कम हो।
अपनी जमीन पर अधिकार मिले।
संघर्ष:
अंग्रेजों के अत्याचार और भारी करों का विरोध।
आंदोलन में भाग लेकर स्वतंत्रता की माँग करना।

(ख) महिलाएँ:
उत्तर:आशाएँ:
समाज में सम्मान और बराबरी का अधिकार।
अंग्रेजों से आज़ादी के साथ अपना हक़ पाना।
संघर्ष:
घर से बाहर निकलकर जुलूसों और आंदोलनों में भाग लेना।
नमक सत्याग्रह, धरने, सभाओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना।
ये दोनों समूह आंदोलन में इसलिए शामिल हुए क्योंकि उन्हें अपनी स्थिति बदलने और न्याय पाने की उम्मीद थी।

3.नमक यात्रा और उपनिवेशवाद के खिलाफ इसका प्रतीक बनना:
उत्तर:नमक यात्रा 1930 में गांधीजी ने दांडी तक पैदल यात्रा करके शुरू की थी।
अंग्रेजों ने नमक पर टैक्स लगाया था, जो आम आदमी के लिए भी अन्याय था।
नमक यात्रा ने दिखाया कि अंग्रेजों का हर कानून अन्यायपूर्ण और शोषणकारी है।
इस यात्रा ने पूरे देश में लोगों को एकजुट कर दिया।
इसलिए नमक आंदोलन उपनिवेशवाद के खिलाफ जनसंघर्ष का प्रतीक बन गया।

4.कल्पना करें: आप 1930 की महिला हैं, तो इसका आपके जीवन पर प्रभाव:
उत्तर:मैं घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो जाती।
सभाओं, जुलूसों और सत्याग्रह में भाग लेती।
समाज में महिलाओं की बराबरी और अधिकार की माँग करती।
स्वतंत्र भारत में शिक्षा, सम्मान और स्वतंत्रता पाने की उम्मीद करती।

5.राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका (Separate Electorate) के पक्ष में क्यों थे?
उत्तर:क्योंकि कई नेता चाहते थे कि
अल्पसंख्यक समुदायों (जैसे मुस्लिम, सिख, दलित) को अपना अलग प्रतिनिधि चुनने का अधिकार मिले।
इससे वे अपने हितों की रक्षा कर सकते थे।
उन्हें डर था कि सामान्य चुनाव में उनकी आवाज दब जाएगी।
संक्षिप्त चार्ट:
प्रश्न उत्तर
1931 के सामाजिक समूह किसान, मजदूर, व्यापारी, महिलाएँ आदि।
किसान और महिलाएँ अपने हक़ और सम्मान के लिए संघर्षरत।
नमक यात्रा अंग्रेजी शोषण के खिलाफ राष्ट्रीय एकता का प्रतीक।
1930 की महिला का जीवन संघर्ष और स्वतंत्रता की उम्मीद से भरा।
पृथक निर्वाचिका अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा हेतु।