Chapter 12

यशपाल

📘 पाठ आधारित प्रश्नोत्तर

  1. यशपाल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
    सन् 1903 में पंजाब के फिरोजपुर छावनी में।

  2. यशपाल की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई?
    काँगड़ा में।

  3. उन्होंने बी.ए. की पढ़ाई कहाँ से की?
    लाहौर के नेशनल कॉलेज से।

  4. नेशनल कॉलेज में यशपाल की मुलाकात किन क्रांतिकारियों से हुई थी?
    भगत सिंह और सुखदेव से।

  5. यशपाल को जेल क्यों जाना पड़ा?
    स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने के कारण।

  6. यशपाल की मृत्यु कब हुई थी?
    सन् 1976 में।

  7. यशपाल किस शैली के विशिष्ट रचनाकार माने जाते हैं?
    यथार्थवादी शैली के।

  8. उनके प्रमुख कहानी संग्रह कौन-कौन से हैं?
    ज्ञानदान, तर्क का तूफान, पिंजरे की उड़ान, वा दुलिया, फूलों का कुर्ता।

  9. उनका कौन-सा उपन्यास भारत विभाजन की त्रासदी को दर्शाता है?
    झूठा सच।

  10. यशपाल की भाषा की क्या विशेषता है?
    स्वाभाविकता और सजीवता।


🚆 गद्यांश "नवाब साहब और खीरे" पर आधारित प्रश्नोत्तर

  1. लेखक किस ट्रेन में सफर कर रहे थे?
    मुफस्सिल की पैसेंजर ट्रेन में।

  2. उन्होंने सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया?
    एकांत और बाहर के दृश्य देखने के लिए।

  3. लेखक किसके साथ डिब्बे में बैठे?
    लखनऊ के नवाबी नस्ल के एक सफेदपोश सज्जन के साथ।

  4. नवाब साहब डिब्बे में क्या कर रहे थे?
    दो ताजे खीरे तौलिये पर रखे थे, संभवतः उन्हें खाने वाले थे।

  5. लेखक ने नवाब साहब के भाव से क्या अनुमान लगाया?
    नवाब साहब को उनके एकांत में विघ्न का असंतोष था।

  6. लेखक को नवाब साहब की चुप्पी क्यों खटक रही थी?
    क्योंकि नवाब साहब संगति के लिए उत्साह नहीं दिखा रहे थे।

  7. नवाब साहब ने लेखक को खीरा खाने का आग्रह कैसे किया?
    “आदाब अर्ज, जनाब, खीरे का शौक फ़रमाएँगे?”

  8. लेखक ने खीरा खाने से इनकार क्यों किया?
    आत्मसम्मान के कारण।

  9. नवाब साहब ने खीरे को खाने से पहले क्या किया?
    धोया, छिला, फाँकों में काटा, नमक-मिर्च छिड़का।

  10. लेखक ने खीरे के रसास्वादन के किस दृश्य का वर्णन किया?
    नवाब साहब खीरे को सूँघकर उसका रसास्वादन करते हैं और फिर खिड़की से फेंक देते हैं।

  11. नवाब साहब ने खीरे की फाँकों के साथ क्या किया?
    एक-एक कर उन्हें खिड़की से बाहर फेंक दिया।

  12. लेखक ने नवाब साहब के इस व्यवहार को क्या कहा?
    खानदानी तहज़ीब, नफ़ासत और नजाकत।

  13. लेखक को नवाब साहब की क्रिया से क्या महसूस हुआ?
    नवाब साहब दिखावा कर रहे हैं और असलियत छिपा रहे हैं।

  14. खीरे की फाँकों को फेंकने के पीछे नवाब साहब का क्या कारण था?
    खीरा स्वादिष्ट है लेकिन भारी (सकील) होता है, मेदे पर बोझ डालता है।

  15. नवाब साहब के किस शब्द से लेखक चकित हो गया?
    डकार लेकर बोले, “खीरा लज़ीज होता है, लेकिन सकील होता है।”

  16. लेखक को नवाब साहब की क्रिया से क्या बोध हुआ?
    यही है नयी कहानी की तरह की कल्पना—स्वाद के बिना तृप्ति।

  17. नयी कहानी को लेखक किससे जोड़ते हैं?
    बिना पात्र, घटना, विचार के लेखक की इच्छा मात्र से बनी कहानी।

  18. नवाब साहब ने खीरे के स्वाद का रसास्वादन कैसे किया?
    केवल सूँघकर और कल्पना से।

  19. लेखक ने नवाब साहब को किस प्रकार का रईस बताया है?
    दिखावटी और खानदानी नफ़ासत प्रदर्शित करने वाला।

  20. इस पूरे प्रसंग का व्यंग्यात्मक उद्देश्य क्या है?
    समाज में व्याप्त दिखावे, खोखले आचरण और साहित्यिक बनावट की आलोचना।