Chapter 15
🔹 1–10: लेखक और नवाब साहब का परिचय
यशपाल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
➤ सन् 1903 में, फीरोजपुर छावनी (पंजाब) में।-
यशपाल की प्रारंभिक शिक्षा कहाँ हुई थी?
➤ काँगड़ा में। -
यशपाल ने उच्च शिक्षा कहाँ से प्राप्त की थी?
➤ लाहौर के नेशनल कॉलेज से। -
यशपाल किन क्रांतिकारियों के संपर्क में आए थे?
➤ भगत सिंह और सुखदेव। -
यशपाल को जेल क्यों जाना पड़ा था?
➤ स्वाधीनता संग्राम की क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लेने के कारण। -
यशपाल की मृत्यु कब हुई थी?
➤ सन् 1976 में। -
यशपाल किस प्रकार की शैली के लेखक थे?
➤ यथार्थवादी शैली के लेखक। -
उनकी रचनाओं में किसका चित्रण होता है?
➤ आम आदमी के सरोकारों का। -
नवाब साहब कहाँ के थे?
➤ लखनऊ के नवाबी नस्ल से। -
लेखक किस श्रेणी का टिकट लेकर यात्रा कर रहे थे?
➤ सेकंड क्लास का टिकट।
🔹 11–20: यात्रा, खीरे और व्यवहार पर आधारित
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लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट क्यों लिया?
➤ भीड़ से बचकर एकांत में यात्रा और प्रकृति देखने के लिए। -
नवाब साहब कैसे बैठे थे?
➤ पालथी मारकर, सफेद पोशाक में। -
नवाब साहब के सामने क्या रखा था?
➤ दो ताजे खीरे, एक तौलिये पर। -
नवाब साहब ने लेखक से पहले क्या कहा?
➤ "आदाब अर्ज, जनाब, खीरे का शौक फ़रमाएँगे?" -
लेखक ने नवाब साहब के प्रस्ताव पर क्या उत्तर दिया?
➤ "शुक्रिया, किबला शौक फरमाएँ।" -
नवाब साहब खीरे को किस प्रकार तैयार करते हैं?
➤ धोकर, छीलकर, झाग निकालकर, फाँकों में काटकर, नमक-मिर्च छिड़ककर। -
लेखक ने खीरा क्यों नहीं खाया?
➤ आत्मसम्मान के कारण और पहले ही मना कर चुके थे। -
खीरे की फाँकों के साथ नवाब साहब क्या करते हैं?
➤ उन्हें सुंघते हैं और फिर खिड़की से बाहर फेंकते हैं। -
नवाब साहब ने खीरा खाया या नहीं?
➤ नहीं खाया, सिर्फ रसास्वादन किया। -
नवाब साहब के व्यवहार से लेखक को क्या महसूस हुआ?
➤ यह खानदानी नफ़ासत और तहज़ीब है।
🔹 21–30: प्रतीक, भाषा और व्यंग्य पर आधारित
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लेखक ने नवाब साहब के व्यवहार को किस रूप में देखा?
➤ बनावटी तहज़ीब और दिखावे के रूप में। -
‘खीरा’ यहाँ किस बात का प्रतीक है?
➤ नयी कहानी के रस का, जो बिना उपयोग के भी आत्मसंतोष दे सकता है। -
खीरे का स्वाद लेने का नवाब साहब का तरीका क्या दिखाता है?
➤ दिखावटी तहज़ीब, खानदानी नकलीपन। -
लेखक नवाब साहब की किस बात पर चकित हैं?
➤ बिना खाए पेट भरने का दावा और डकार। -
खीरे की फाँकें फेंकने की क्रिया क्या दर्शाती है?
➤ आत्मप्रदर्शन और कृत्रिम व्यवहार। -
लेखक ने नवाब साहब को किस रूप में पहचाना?
➤ नयी कहानी के लेखक के रूप में। -
‘नयी कहानी’ किसका प्रतीक है?
➤ विचार और पात्रविहीन रचना, जो केवल लेखक की इच्छा से चलती है। -
नवाब साहब ने खीरे को क्या कहकर टाल दिया?
➤ "खीरा लज़ीज होता है लेकिन मेदे पर बोझ डाल देता है।" -
लेखक को नवाब साहब के व्यवहार में क्या व्यंग्य मिला?
➤ केवल कल्पना और शैली से संतुष्टि जताना। -
‘अनुभवहीन साहित्य’ का प्रतीक पाठ में क्या है?
➤ खीरे की फाँकों को सुंघकर फेंक देना।
🔹 31–35: भाषा, निष्कर्ष और शैली पर आधारित
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पाठ में किस प्रकार की भाषा शैली है?
➤ व्यंग्यात्मक, यथार्थपरक और चित्रात्मक। -
यशपाल ने किस माध्यम से आधुनिक लेखन पर कटाक्ष किया है?
➤ नवाब साहब के खीरे खाने के तरीके द्वारा। -
‘नफासत’ का अर्थ क्या है?
➤ शालीनता, शुद्धता और बारीकी से सज्जित व्यवहार। -
‘गुलाबी आँखों से देखना’ का तात्पर्य क्या है?
➤ गर्व और आत्मसंतोष से देखना। -
पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
➤ बनावटी तहज़ीब और विचारशून्य साहित्य पर व्यंग्य करना।