Chapter 20
प्रश्न: इंग्लैंड की रानी कौन भारत आ रही थीं?
उत्तर: रानी एलिज़ाबेथ द्वितीय।-
प्रश्न: रानी भारत में किसके साथ आईं?
उत्तर: अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ। -
प्रश्न: रानी के भारत आने से पहले किसका तूफानी दौरा हुआ था?
उत्तर: रानी के सचिव और जासूस का। -
प्रश्न: रानी के कपड़े कौन तय कर रहा था?
उत्तर: उनका निजी दरजी। -
प्रश्न: दरजी किस बात को लेकर परेशान था?
उत्तर: भारत, पाकिस्तान, नेपाल में कौन-से कपड़े पहनाए जाएँ। -
प्रश्न: रानी के सूट का रंग क्या बताया गया था?
उत्तर: हल्का नीला। -
प्रश्न: उस सूट का कपड़ा कहाँ से मँगवाया गया था?
उत्तर: हिंदुस्तान से। -
प्रश्न: रानी के एक सूट की कीमत कितनी थी?
उत्तर: चार सौ पाउंड के लगभग। -
प्रश्न: अखबारों में रानी के क्या-क्या छपते रहे?
उत्तर: सूट, जूते, नौकर, कुत्ते, अंगरक्षक, और दिनचर्या। -
प्रश्न: दिल्ली में क्या विशेष तैयारियाँ की गईं?
उत्तर: सड़कों की मरम्मत, इमारतों की सजावट और नालियों की सफाई। -
प्रश्न: सबसे विचित्र समस्या क्या थी?
उत्तर: जॉर्ज पंचम की मूर्ति की टूटी हुई नाक। -
प्रश्न: जॉर्ज पंचम की मूर्ति कहाँ स्थित थी?
उत्तर: नयी दिल्ली में। -
प्रश्न: पहले मूर्ति की नाक किसने तोड़ी थी?
उत्तर: यह स्पष्ट नहीं, लेकिन यह "शर्मनाक घटना" कही गई। -
प्रश्न: नाक टूटने पर क्या कदम उठाए गए थे?
उत्तर: आंदोलन, मंत्रणा, और मूर्ति की सुरक्षा के लिए सिपाही तैनात किए गए। -
प्रश्न: फिर भी नाक क्यों नहीं लगाई गई?
उत्तर: उचित पत्थर और रूप नहीं मिला, निर्णय टलता रहा। -
प्रश्न: रानी के आने पर नाक लगाना क्यों जरूरी समझा गया?
उत्तर: क्योंकि रानी को मूर्ति की नाक के बिना देखना अपमानजनक माना गया। -
प्रश्न: मूर्तिकार को बुलाने का निर्णय किसने लिया?
उत्तर: संबंधित विभाग और प्रशासन ने। -
प्रश्न: मूर्तिकार ने सबसे पहले क्या जानना चाहा?
उत्तर: मूर्ति का निर्माण स्थान और पत्थर का स्रोत। -
प्रश्न: क्या पुरातत्व विभाग को वह जानकारी थी?
उत्तर: नहीं, फाइलें धूल खा रही थीं। -
प्रश्न: मूर्तिकार को पत्थर क्यों नहीं मिल सका?
उत्तर: क्योंकि पत्थर विदेशी था। -
प्रश्न: अगला सुझाव मूर्तिकार ने क्या दिया?
उत्तर: किसी भारतीय नेता की मूर्ति से नाक का नमूना लेना। -
प्रश्न: क्या किसी मूर्ति की नाक उपयुक्त मिली?
उत्तर: नहीं, सभी नाकें बड़ी थीं। -
प्रश्न: बाल-मूर्ति की नाक पर क्या स्थिति बनी?
उत्तर: वह भी बड़ी निकली। -
प्रश्न: मूर्तिकार का अंतिम सुझाव क्या था?
उत्तर: जीवित व्यक्ति की नाक काटकर जोड़ देना। -
प्रश्न: क्या इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिली?
उत्तर: हाँ, गोपनीय सहमति से। -
प्रश्न: नाक लगने की तारीख क्या थी?
उत्तर: एक दिन रानी के आगमन से पहले। -
प्रश्न: उस दिन अखबारों में क्या छपा?
उत्तर: कोई उद्घाटन या कार्यक्रम नहीं, सब सूना रहा। -
प्रश्न: रानी की यात्रा से लेखक ने क्या व्यंग्य किया?
उत्तर: विदेशी चमक-दमक पर अंधी श्रद्धा और गुलामी मानसिकता पर। -
प्रश्न: इस नाटक में मूर्ति की नाक किसका प्रतीक है?
उत्तर: राष्ट्रीय स्वाभिमान और खोखले औपचारिक आदर्शों का। -
प्रश्न: पाठ की शैली कैसी है?
उत्तर: तीव्र व्यंग्यात्मक, राजनीतिक कटाक्ष से भरपूर।