बसंत मेरे गाँव का


1. मकर संक्रांति के बाद सूरज किस दिशा में खिसकता है और इसे समझाने के लिए दादी क्या कहती थीं?

उत्तर: मकर संक्रांति के बाद सूरज पंचाचूली की शिखरों से खिसककर चौखंभा पर्वत की तरफ बढ़ता है। दादी कहा करती थीं कि सूरज हर सुबह वालिश्त भर छलांग मारता है और पंचाचूली से चौखंभा पहुँचने में उसे चार महीने लगते हैं।


2. फूलदेई पर्व की तैयारी कैसे की जाती है और इसमें बच्चों की क्या भूमिका होती है?

उत्तर: फूलदेई की तैयारी में बच्चे देर शाम तक फूल चुनते हैं और उन्हें रिंगाल की टोकरियों में सजाकर गागरों पर रखते हैं ताकि वे मुरझाएँ नहीं। अगली सुबह बच्चे गाँव-भर घूमकर लोगों के घरों की देहरियों पर फूल सजाते हैं। इस पूरे आयोजन की ज़िम्मेदारी बच्चों की होती है, जबकि बड़ों की भूमिका केवल सलाह देने तक सीमित रहती है।


3. रिंगाल की टोकरी और गागर का फूलदेई पर्व से क्या संबंध है?

उत्तर: रिंगाल से बनी टोकरी में चुने गए फूल रखे जाते हैं और उन्हें पानी से भरी गागर के ऊपर रखा जाता है ताकि फूल रातभर ताजे बने रहें और सुबह तक मुरझाएँ नहीं। ये टोकरी फूलदेई पर्व की तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।


4. फूलदेई के दौरान बच्चों को दक्षिणा में क्या-क्या मिलता है और इसका क्या किया जाता है?

उत्तरबच्चों को दक्षिणा में चावल, गुड़, दाल आदि वस्तुएं दी जाती हैं। यह सामग्री इक्कीस दिनों तक एकत्र की जाती है और अंतिम दिन उससे सामूहिक भोज (भंडारा) बनाया जाता है, जिसे सभी मिलकर खाते हैं।


5. पाठ के अनुसार वसंत ऋतु के आने पर गाँव और प्रकृति में क्या परिवर्तन दिखाई देते हैं?

उत्तरवसंत के आगमन पर पहाड़ी ढलानों पर फ्योली और सरसों के फूल खिलते हैं, गेहूं की हरियाली छा जाती है। बुराँस के फूल खिलने लगते हैं जो पहाड़ों पर लालिमा बिखेरते हैं। सूरज की तपन बढ़ने लगती है और गंगा में जलधारा तेज हो जाती है।


6. पाठ में ‘बमाऊ की थाप’ और ‘चैती गीत’ का क्या महत्व बताया गया है?

उत्तर: बमाऊ की थाप (ढोल की ताल) पर बच्चे चैती गीत गाते हैं, जिनमें पांडवों की हिमालय यात्रा और वीरों की शौर्यगाथाएँ होती हैं। ये गीत वसंत ऋतु के उल्लास और लोक संस्कृति के जीवंत पक्ष को दर्शाते हैं।


7. पाठ में पांडवों की हिमालय यात्रा और पहाड़ के वीरों की गाथाओं को किस संदर्भ में उल्लेख किया गया है?

उत्तर: ये गाथाएँ चैती गीतों के माध्यम से सुनाई जाती हैं, जिन्हें बच्चे बमाऊ की थाप पर गाते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि फूलदेई सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि लोकगाथाओं और सांस्कृतिक विरासत को संजोने का माध्यम भी है।


8. पशुचारक अपने घर लौटते समय कौन-कौन से जीव उनके साथ होते हैं और इस अवसर को वे कैसे मनाते हैं?

उत्तर: पशुचारकों के साथ उनकी भेड़-बकरियाँ, घोड़े-खच्चर और कुत्ते होते हैं। घर लौटने की खुशी में वे गीत गाते और नाचते हैं। रास्ते में मिलने वाले गांवों (गौबों) से वे लेन-देन करते हैं। यह पूरा दृश्य एक उत्सव जैसा होता है।


9. 'बुराँस' किस मौसम में खिलता है और इसका दृश्य कैसा होता है?

उत्तर: बुराँस वसंत ऋतु में खिलता है, विशेषकर जब दोपहर की धूप तेज होने लगती है। इसके फूल पहाड़ों पर सुंदर लालिमा बिछा देते हैं, जिससे पूरा क्षेत्र रंग-बिरंगा और मनोहारी लगने लगता है।


10. इस पाठ के माध्यम से लेखक किस प्रकार की संस्कृति और जीवनशैली को उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं?

उत्तर: लेखक उत्तराखंड के ग्रामीण और हिमालयी क्षेत्रों की प्राकृतिक सुंदरता, लोक पर्वों, बाल सहभागिता, पशुचारकों के जीवन और सांस्कृतिक परंपराओं को उजागर करते हैं। यह पाठ पहाड़ों की आत्मा, सामूहिकता और प्रकृति के साथ सामंजस्य की भावना को दर्शाता है।


बिलकुल! चलिए अब इस अध्याय पर आधारित व्याकरण (Grammar) सत्र तैयार करते हैं। यह सत्र छात्रों की हिंदी भाषा कौशल, वाक्य निर्माण, शब्द भंडार, और व्याकरणिक समझ को मज़बूत करने के लिए बनाया गया है।


 व्याकरण सत्र (Grammar Session)

1. मुहावरे और उनके अर्थ

(पाठ में प्रयुक्त या उससे संबंधित)

मुहावरा अर्थ
वालिश्त भर छलांग मारना थोड़ा-थोड़ा आगे बढ़ना
बौराना बहुत अधिक खुश या उत्साहित होना
देहरी सजाना घर के प्रवेश द्वार को सजाना
लालिमा बिछ जाना चारों ओर लाल रंग फैल जाना
भटकना इधर-उधर घूमते फिरना

2. संधि विच्छेद

शब्द संधि विच्छेद
फूलदेई फूल + देई
देहरी द्वार + ई
बुराँस बुर + आँस
उत्सव उत् + सव
चरागाह चर + गाह

3. समास (विग्रह सहित)

शब्द समास का प्रकार विग्रह
सामूहिक भोज कर्मधारय समास सामूहिक + भोज = सामूहिक भोज
हिमालयी अंचल तत्पुरुष समास हिमालय के अंचल
ढलानों पर बहुव्रीहि समास जहाँ ढलान हो
वसंतोत्सव द्वंद्व समास वसंत + उत्सव = वसंतोत्सव

4. काल पहचानिए

(इन वाक्यों में काल पहचानिए)

  1. सूरज पंचाचूली से चौखंभा की ओर खिसकता है।
    वर्तमान काल

  2. बच्चे फूलों को टोकरियों में सजाते थे।
    भूतकाल

  3. अंतिम दिन सामग्री से सामूहिक भोज बनाया जाता है।
    वर्तमान काल

  4. गायक गाँव में चमकते हैं तो भीड़ इकट्ठी हो जाती है।
    वर्तमान काल


5. काल परिवर्तन करें

(वाक्यों को भूतकाल में बदलिए)

  1. बच्चे फूलदेई के लिए फूल चुनते हैं।
    → बच्चे फूलदेई के लिए फूल चुना करते थे।

  2. बुराँस के फूल खिलते हैं।
    → बुराँस के फूल खिले थे।


6. विलोम शब्द

शब्द विलोम शब्द
ऊपर नीचे
दिन रात
गर्मी ठंड
सुख दुःख
उजाला अँधेरा

7. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

वाक्यांश एक शब्द
समूह में मिलकर किया गया भोजन सामूहिक भोज
फूलों से सजी देहरी पुष्पसज्जित देहरी
गाँव में घूमते हुए गीत गाने वाले टोलियाँ / गीतगायक बच्चे
बर्फ से ढके शिखर हिमाच्छादित शिखर

8. भाववाचक संज्ञा बनाएँ

शब्द भाववाचक संज्ञा
वीर वीरता
बच्चा बचपन
सुंदर सुंदरता
संगीत संगीतिकता / संगीतता
पर्व पर्वता / पर्वोत्सव