Chapter 8


1. एक एथलीट वृत्तीय रास्ते, जिसका व्यास 200 m है, का एक चक्कर 408 में लगाता है। 2 min 20 s के बाद वह कितनी दूरी तय करेगा और उसका विस्थापन क्या होगा?

उत्तर:

हम इस प्रश्न को दो हिस्सों में बाँटकर हल करेंगे:

1. दूरी (Distance):

चूंकि एथलीट वृत्तीय पथ पर दौड़ रहा है और उसका एक चक्कर पूरी तरह वृत्तीय पथ पर होता है, तो हम पहले वृत्त की परिधि (Circumference) निकालेंगे।

वृत्त की परिधि CC का सूत्र है:

C=π×dC = \pi \times d

जहां dd वृत्त का व्यास (diameter) है।

दिया गया है, d=200md = 200 \, \text{m}, तो:

C=π×200=3.1416×200628.32mC = \pi \times 200 = 3.1416 \times 200 \approx 628.32 \, \text{m}

अब एथलीट 2 मिनट 20 सेकंड (या 140 सेकंड) में एक चक्कर पूरा करता है, तो उसका गति (speed) निकालने के लिए हम समय और दूरी का उपयोग करेंगे:

Speed=DistanceTime=628.32m140s4.49m/s\text{Speed} = \frac{\text{Distance}}{\text{Time}} = \frac{628.32 \, \text{m}}{140 \, \text{s}} \approx 4.49 \, \text{m/s}

अब, 140 सेकंड में वह कितनी दूरी तय करेगा, यह जानने के लिए हम गति का उपयोग करेंगे:

Distance in 140 s=Speed×Time=4.49m/s×140s628.32m\text{Distance in 140 s} = \text{Speed} \times \text{Time} = 4.49 \, \text{m/s} \times 140 \, \text{s} \approx 628.32 \, \text{m}

तो, 2 मिनट 20 सेकंड में एथलीट द्वारा तय की गई कुल दूरी 628.32 मीटर होगी।

2. विस्थापन (Displacement):

विस्थापन उस दिशा में सीधी रेखा से दूरी होती है, जो प्रारंभ और समाप्ति बिंदु के बीच होती है। चूंकि एथलीट वृत्तीय पथ पर दौड़ रहा है और 140 सेकंड में एक चक्कर पूरा कर रहा है, तो उसका प्रारंभिक बिंदु और समाप्ति बिंदु वही होंगे।

इसलिए, यदि एथलीट पूरा चक्कर लगाता है, तो विस्थापन 0 मीटर होगा, क्योंकि वह अपनी प्रारंभिक स्थिति पर लौट आया है।

उत्तर:

  • दूरी = 628.32 मीटर

  • विस्थापन = 0 मीटर

3. अब्दुल गाड़ी से स्कूल जाने के क्रम में औसत चाल को 20 km h पाता है। उसी रास्ते से लौटने के समय वहाँ भीड़ कम है और औसत चाल 40 km h है। अब्दुल की इस पूरी यात्रा में उसकी औसत चाल क्या है?

उत्तर: अब्दुल की पूरी यात्रा में औसत चाल निकालने के लिए हम हर्मिटेज औसत (Harmonic Mean) का उपयोग करेंगे, क्योंकि यह तब लागू होता है जब कोई वस्तु दो अलग-अलग गति से एक ही दूरी पर यात्रा करती है।

हर्मिटेज औसत का सूत्र है:

औसत चाल=2×v1×v2v1+v2\text{औसत चाल} = \frac{2 \times v_1 \times v_2}{v_1 + v_2}

जहाँ:

  • v1=20km/hv_1 = 20 \, \text{km/h} (जाने की औसत चाल)

  • v2=40km/hv_2 = 40 \, \text{km/h} (लौटने की औसत चाल)

अब, इन मानों को सूत्र में रखते हैं:

औसत चाल=2×20×4020+40=160060=26.67km/h\text{औसत चाल} = \frac{2 \times 20 \times 40}{20 + 40} = \frac{1600}{60} = 26.67 \, \text{km/h}

उत्तर:

अब्दुल की पूरी यात्रा में औसत चाल 26.67 km/h होगी।

4.कोई मोटरबोट झील में विरामावस्था से सरल रेखीय पथ पर 3.0 m s- की नियत त्वरण से 8.0 तक चलती है। इस समय अं. तराल में मोटरबोट कितनी दूरी तय करती है?

उत्तर:मोटरबोट द्वारा तय की गई दूरी को निकालने के लिए हम निम्नलिखित समीकरण का उपयोग करेंगे, जो एकसमान त्वरण से चलने वाली वस्तु के लिए होता है:

s=ut+12at2s = ut + \frac{1}{2} a t^2

यहाँ,

  • u=0m/su = 0 \, \text{m/s} (प्रारंभिक वेग, क्योंकि मोटरबोट विरामावस्था से शुरू हो रही है)

  • a=3.0m/s2a = 3.0 \, \text{m/s}^2 (त्वरण)

  • t=8.0st = 8.0 \, \text{s} (समय)

समीकरण में इन मानों को रखकर:

s=0×8.0+12×3.0×(8.0)2s = 0 \times 8.0 + \frac{1}{2} \times 3.0 \times (8.0)^2 s=0+12×3.0×64s = 0 + \frac{1}{2} \times 3.0 \times 64 s=96ms = 96 \, \text{m}

उत्तर: मोटरबोट ने इस समय अंतराल में 96 मीटर की दूरी तय की है।

5. किसी गाड़ी का चालक 52 km h की गति से चल रही कार में ब्रेक लगाता है तथा कार विपरीत दिशा में एकसमान दर से त्वरित होती है। कार 5 में रुक जाती है। दूसरा चालक 30 km h की गति से चलती हुई दूसरी कार पर धीमे-धीमे ब्रेक लगाता है तथा 10 s में रुक जाता है। एक ही ग्राफ़ पेपर पर दोनों कारों के लिए चाल समय ग्राफ आलेखित करें। ब्रेक लगाने के पश्चात् दोनों में से कौन-सी कार अधिक दूरी तक जाएगी?

उत्तर:

इस सवाल में दो कारों के लिए ब्रेक लगाने के दौरान उनके वेग-समय ग्राफ़ बनाने और यह जानने का प्रयास किया गया है कि कौन सी कार अधिक दूरी तय करेगी।

  1. पहली कार (जो 52 km/h की गति से चल रही थी और 5 सेकंड में रुक गई):

    • प्रारंभिक गति, u1=52km/h=52×10003600=14.44m/su_1 = 52 \, \text{km/h} = \frac{52 \times 1000}{3600} = 14.44 \, \text{m/s}

    • समय, t1=5st_1 = 5 \, \text{s}

    • अंतिम गति, v1=0m/sv_1 = 0 \, \text{m/s} (क्योंकि कार रुक गई है)

    अब, हम त्वरण a1a_1 की गणना करेंगे:

    a1=v1u1t1=014.445=2.888m/s2a_1 = \frac{v_1 - u_1}{t_1} = \frac{0 - 14.44}{5} = -2.888 \, \text{m/s}^2

    इसके बाद, हम कार के द्वारा तय की गई दूरी s1s_1 को निम्नलिखित समीकरण से निकालेंगे:

    s1=u1t1+12a1t12s_1 = u_1 t_1 + \frac{1}{2} a_1 t_1^2 s1=(14.44×5)+12×(2.888)×(5)2s_1 = (14.44 \times 5) + \frac{1}{2} \times (-2.888) \times (5)^2 s1=72.236.1=36.1ms_1 = 72.2 - 36.1 = 36.1 \, \text{m}
  2. दूसरी कार (जो 30 km/h की गति से चल रही थी और 10 सेकंड में रुक गई):

    • प्रारंभिक गति, u2=30km/h=30×10003600=8.33m/su_2 = 30 \, \text{km/h} = \frac{30 \times 1000}{3600} = 8.33 \, \text{m/s}

    • समय, t2=10st_2 = 10 \, \text{s}

    • अंतिम गति, v2=0m/sv_2 = 0 \, \text{m/s} (क्योंकि कार रुक गई है)

    अब, हम त्वरण a2a_2 की गणना करेंगे:

    a2=v2u2t2=08.3310=0.833m/s2a_2 = \frac{v_2 - u_2}{t_2} = \frac{0 - 8.33}{10} = -0.833 \, \text{m/s}^2

    इसके बाद, हम कार के द्वारा तय की गई दूरी s2s_2 को निम्नलिखित समीकरण से निकालेंगे:

    s2=u2t2+12a2t22s_2 = u_2 t_2 + \frac{1}{2} a_2 t_2^2 s2=(8.33×10)+12×(0.833)×(10)2s_2 = (8.33 \times 10) + \frac{1}{2} \times (-0.833) \times (10)^2 s2=83.341.65=41.65ms_2 = 83.3 - 41.65 = 41.65 \, \text{m}

निष्कर्ष:

  • पहली कार (52 km/h से चल रही) ने ब्रेक लगने के बाद 36.1 मीटर की दूरी तय की।

  • दूसरी कार (30 km/h से चल रही) ने ब्रेक लगने के बाद 41.65 मीटर की दूरी तय की।

अतः दूसरी कार (जो 30 km/h की गति से चल रही थी) अधिक दूरी तक गई।

ग्राफ़:

ग्राफ़ में, X-अक्ष (समय) और Y-अक्ष (गति) पर दोनों कारों के लिए अलग-अलग वेग-समय ग्राफ़ दिखाए जा सकते हैं, जिसमें:

  • पहली कार का ग्राफ़ तीव्रता से नीचे जाएगा और 5 सेकंड में वेग शून्य हो जाएगा।

  • दूसरी कार का ग्राफ़ धीमे तरीके से नीचे जाएगा और 10 सेकंड में वेग शून्य हो जाएगा।

ग्राफ़ में दूसरी कार का ग्राफ़ लंबा होगा, क्योंकि उसने अधिक दूरी तय की।

यहाँ कुछ पाठ आधारित प्रश्न-उत्तर चयन किए गए हैं जो आपके द्वारा दिए गए सामग्री से संबंधित हैं:


प्रश्न 1: वृत्तीय गति का उदाहरण क्या है?

उत्तर:

वृत्तीय गति एक ऐसी गति है जिसमें वस्तु एक वृत्तीय पथ पर चलती है, और उसकी दिशा निरंतर बदलती रहती है। उदाहरण के तौर पर, चंद्रमा और पृथ्वी की गति, पृथ्वी के चारों ओर वृत्तीय कक्षा में घूर्णन करता उपग्रह, और साइकिल सवार का वृत्तीय पथ पर दौड़ना एकसमान वृत्तीय गति के उदाहरण हैं।


प्रश्न 2: जब कोई पत्थर वृत्तीय पथ से छोड़ा जाता है, तो वह किस दिशा में जाएगा?

उत्तर:

जब पत्थर को वृत्तीय पथ से छोड़ा जाता है, तो वह वृत्तीय पथ के स्पर्शरेखीय दिशा में गति करता है। यह इसलिए होता है क्योंकि जब पत्थर छोड़ा जाता है, वह उसी दिशा में गति करना जारी रखता है, जिसमें वह उस क्षण में गति कर रहा था।


प्रश्न 3: किसी वस्तु का त्वरण कैसे परिभाषित किया जाता है?

उत्तर:

त्वरण को एक वस्तु के वेग में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह प्रति इकाई समय में वेग में होने वाले परिवर्तन के रूप में मापा जाता है। अर्थात, यदि कोई वस्तु अपने वेग को समय के साथ बदलती है, तो वह त्वरित हो रही होती है।


प्रश्न 4: एकसमान त्वरण के तहत एक वस्तु की गति का समीकरण क्या होता है?

उत्तर:

यहाँ कुछ पाठ आधारित प्रश्न-उत्तर चयन किए गए हैं जो आपके द्वारा दिए गए सामग्री से संबंधित हैं:

प्रश्न 1: वृत्तीय गति का उदाहरण क्या है?

उत्तर:
वृत्तीय गति एक ऐसी गति है जिसमें वस्तु एक वृत्तीय पथ पर चलती है, और उसकी दिशा निरंतर बदलती रहती है। उदाहरण के तौर पर, चंद्रमा और पृथ्वी की गति, पृथ्वी के चारों ओर वृत्तीय कक्षा में घूर्णन करता उपग्रह, और साइकिल सवार का वृत्तीय पथ पर दौड़ना एकसमान वृत्तीय गति के उदाहरण हैं।

प्रश्न 2: जब कोई पत्थर वृत्तीय पथ से छोड़ा जाता है, तो वह किस दिशा में जाएगा?

उत्तर:
जब पत्थर को वृत्तीय पथ से छोड़ा जाता है, तो वह वृत्तीय पथ के स्पर्शरेखीय दिशा में गति करता है। यह इसलिए होता है क्योंकि जब पत्थर छोड़ा जाता है, वह उसी दिशा में गति करना जारी रखता है, जिसमें वह उस क्षण में गति कर रहा था।

प्रश्न 3: किसी वस्तु का त्वरण कैसे परिभाषित किया जाता है?

उत्तर:
त्वरण को एक वस्तु के वेग में परिवर्तन के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह प्रति इकाई समय में वेग में होने वाले परिवर्तन के रूप में मापा जाता है। अर्थात, यदि कोई वस्तु अपने वेग को समय के साथ बदलती है, तो वह त्वरित हो रही होती है।

प्रश्न 4: एकसमान त्वरण के तहत एक वस्तु की गति का समीकरण क्या होता है?

उत्तर:
एकसमान त्वरण से चल रही एक वस्तु की गति को निम्नलिखित समीकरणों के माध्यम से व्यक्त किया जा सकता है:

v=u+atv = u + at

जहाँ vv अंतिम वेग, uu प्रारंभिक वेग, aa त्वरण, और tt समय है।

s=ut+12at2s = ut + \frac{1}{2} a t^2

जहाँ ss दूरी है, uu प्रारंभिक वेग है, aa त्वरण है, और tt समय है।

प्रश्न 5: वृत्तीय पथ पर एकसमान गति से चलने वाली वस्तु का वेग क्या कहलाता है?

उत्तर:
जब कोई वस्तु वृत्तीय पथ पर एकसमान चाल से चलती है, तो उसकी गति को एकसमान वृत्तीय गति कहा जाता है। इसका मतलब है कि वस्तु का वेग एक निश्चित परिमाण से चल रहा होता है, परंतु उसकी दिशा निरंतर बदलती रहती है।

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