Chapter 1
हमारे आस-पास के पदार्थ
2. निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 25 deg * C
उत्तर: सूत्र:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
उत्तर:
(a) 300 K
सेल्सियस में तापमान (°C) निकालने के लिए, केल्विन तापमान से 273 घटाते हैं:
300 K - 273 = 27°C
(b) 573 K
573 K - 273 = 300°C
-
निम्नलिखित तापमान को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 25°C
केल्विन में तापमान (K) निकालने के लिए, सेल्सियस तापमान में 273 जोड़ते हैं:
25°C + 273 = 298 K
-
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
नैफ्थलीन का उर्ध्वपातन (sublimation) गुण इसे बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए सीधे गैसीय अवस्था में बदलने की अनुमति देता है, जिससे यह धीरे-धीरे अदृश्य हो जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र में उपस्थित सुगंधित अणु वायु में फैलकर हमारे नथुनों तक पहुँचते हैं, जिससे हम उनकी गंध महसूस करते हैं।
-
निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन
पदार्थों की अवस्थाएँ और उनके कणों के बीच आकर्षण बलों के अनुसार, गैसों में आकर्षण बल सबसे कम, द्रवों में मध्यम, और ठोसों में सबसे अधिक होता है।
इसलिए, ऑक्सीजन (गैस) < जल (द्रव) < चीनी (ठोस)Pariksha Point+2Brainly+2Brainly+2
नैफ्थलीन की गोलियाँ समय के साथ बिना कोई ठोस अवशेष छोड़े अदृश्य हो जाती हैं क्योंकि वे ठोस अवस्था से सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाती हैं, इस प्रक्रिया को 'उर्ध्वपातन' कहते हैं। इसमें नैफ्थलीन के कण ठोस से सीधे गैस में परिवर्तित होकर वायुमंडल में मिश्रित हो जाते हैं, जिससे गोलियाँ धीरे-धीरे गायब हो जाती हैं।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
उत्तर: (a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
यह घटना 'ऊर्ध्वपातन' के कारण होती है, जिसमें ठोस पदार्थ बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाता है। नैफ्थलीन की गोलियाँ अपने कणों की उच्च वाष्पदाब के कारण वाष्पित होकर वायुमंडल में मिल जाती हैं, जिससे वे बिना कोई ठोस अवशेष छोड़े अदृश्य हो जाती हैं।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र में उपस्थित सुगंधित अणु वायुमंडल में फैलकर हमारी नासिका तक पहुँचते हैं। यह गैसों के कणों की गतिशीलता और विसरण (diffusion) के कारण संभव होता है, जिससे इत्र की गंध दूर-दूर तक पहुँचती है।
4. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार
उत्तर: (a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
नेफ़्थलीन की गोलियाँ ठोस अवस्था से सीधे गैसीय अवस्था में बदल जाती हैं, जिसे 'उर्ध्वपातन' कहा जाता है। इस प्रक्रिया में द्रव अवस्था से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती, और ठोस पदार्थ बिना कोई अवशेष छोड़े हवा में घुलकर अदृश्य हो जाता है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र के कण वाष्पित होकर हवा में फैल जाते हैं और वायु के माध्यम से हमारे नथुनों तक पहुँचते हैं। यह 'प्रसार' (diffusion) प्रक्रिया के कारण होता है, जिसमें उच्च सांद्रता वाले क्षेत्र से कम सांद्रता वाले क्षेत्र में कण स्वतः फैलते हैं।
4. निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार
व्यवस्थित करें:
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन
(c) 100 deg * C ?
उत्तर: (a) 300 K
सेल्सियस में तापमान (°C) निकालने के लिए, केल्विन तापमान से 273 घटाते हैं:
300 K - 273 = 27°C
(b) 573 K
573 K - 273 = 300°C
-
निम्नलिखित तापमान को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 25°C
केल्विन में तापमान (K) निकालने के लिए, सेल्सियस तापमान में 273 जोड़ते हैं:
25°C + 273 = 298 K
-
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
नैफ्थलीन का उर्ध्वपातन (sublimation) गुण इसे बिना द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए सीधे गैसीय अवस्था में बदलने की अनुमति देता है, जिससे यह धीरे-धीरे अदृश्य हो जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र में उपस्थित सुगंधित अणु वायु में फैलकर हमारे नथुनों तक पहुँचते हैं, जिससे हम उनकी गंध महसूस करते हैं।
-
निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन
पदार्थों की अवस्थाएँ और उनके कणों के बीच आकर्षण बलों के अनुसार, गैसों में आकर्षण बल सबसे कम, द्रवों में मध्यम, और ठोसों में सबसे अधिक होता है।
इसलिए, ऑक्सीजन (गैस) < जल (द्रव) < चीनी (ठोस)
5. निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है:
(a) 25 deg * C
6. पुष्टि हेतु कारण दें:
(b) 0 °C
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव k_{1}
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर: (a) 300 K
सेल्सियस में तापमान निकालने के लिए, केल्विन तापमान से 273.15 घटाते हैं:
300 K - 273.15 = 26.85°C
(b) 573 K
573 K - 273.15 = 299.85°C
-
निम्नलिखित तापमानों को केल्विन में परिवर्तित करें:
(a) 25°C
केल्विन में तापमान निकालने के लिए, सेल्सियस तापमान में 273.15 जोड़ते हैं:
25°C + 273.15 = 298.15 K
-
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ बिना ठोस पदार्थ छोड़े अदृश्य हो जाती है।
नैफ्थलीन एक सुगंधित ठोस है जो कमरे के तापमान पर सीधे गैस में परिवर्तित हो जाती है, प्रक्रिया जिसे 'सबलिमेशन' कहते हैं। इसमें ठोस से सीधे गैस में परिवर्तन होता है, जिससे कोई तरल अवस्था नहीं होती और ठोस पदार्थ बिना अवशेष के अदृश्य हो जाता है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
इत्र में सुगंधित अणु वायुमंडल में फैलते हैं और हमारी नाक तक पहुँचते हैं। गैसों के कण उच्च तापमान पर अधिक गतिशील होते हैं, जिससे उनकी विसरण क्षमता बढ़ती है। इसलिए, इत्र की गंध हमें दूर से भी महसूस होती है।
-
निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:
कणों के बीच आकर्षण बलों की तीव्रता के अनुसार, पदार्थों की व्यवस्था इस प्रकार होगी:
-
ऑक्सीजन (गैस): गैसों में कणों के बीच आकर्षण बल न्यूनतम होते हैं।
-
जल (द्रव): द्रवों में कणों के बीच आकर्षण बल मध्यम होते हैं।
-
चीनी (ठोस): ठोसों में कणों के बीच आकर्षण बल सबसे अधिक होते हैं।
-
निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है:
(a) 25°C
25°C पर जल तरल अवस्था में होता है। यह सामान्यतः कमरे का तापमान होता है, जहाँ जल द्रव रूप में पाया जाता है।
(b) 0°C
0°C पर जल ठोस अवस्था में होता है। यह जल का गलनांक है, जहाँ जल बर्फ के रूप में जम जाता है।
(c) 100°C
100°C पर जल गैसीय अवस्था में होता है। यह जल का क्वथनांक है, जहाँ जल वाष्पित होकर भाप में बदल जाता है।
-
पुष्टि हेतु कारण दें:
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।
कमरे के तापमान (लगभग 25°C) पर जल की कणों के बीच आकर्षण बल और गतिज ऊर्जा के संतुलन के कारण यह तरल अवस्था में रहता है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
कमरे के तापमान पर, लोहे के कणों के बीच आकर्षण बल इतने अधिक होते हैं कि वे एक निश्चित आकार और रूप में स्थिर रहते हैं, जिससे लोहे की अलमारी ठोस अवस्था में होती है।
7. 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
उत्तर: 273 K (0°C) पर बर्फ को ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक होता है क्योंकि इस तापमान पर बर्फ का गलनांक होता है, और इसे ठंडा करने के लिए संगलन की गुप्त ऊष्मा का विमोचन होता है। यह अतिरिक्त ऊर्जा अवशोषण के कारण बर्फ वातावरण से अधिक ऊष्मा अवशोषित करती है, जिससे अधिक ठंडक महसूस होती है
8. उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है?
उत्तर: प्रश्न 7: 273 K पर बर्फ़ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
उत्तर: 273 K पर बर्फ़ (0°C) और जल (0°C) दोनों का तापमान समान होता है, लेकिन बर्फ़ के कणों में जल के कणों की तुलना में कम ऊर्जा होती है। इसलिए, बर्फ़ वातावरण से अधिक ऊष्मा अवशोषित कर सकता है, जिससे अधिक शीतलता का प्रभाव महसूस होता है।
प्रश्न 8: उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है?
उत्तर: भाप में जलने की तीव्रता उबलते हुए जल की तुलना में अधिक महसूस होती है। यह इसलिए है क्योंकि भाप में वाष्पन की गुप्त ऊष्मा के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा होती है, जो त्वचा के संपर्क में आने पर अधिक ऊर्जा मुक्त करती है, जिससे अधिक जलन महसूस होती है।
अतिरिक्त प्रश्न उत्तर:
पाठ आधारित प्रश्न और उत्तर विद्यार्थियों की समझ और ज्ञान को मापने के महत्वपूर्ण उपकरण हैं। यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
प्रश्न 1: निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 300 K
(b) 573 K
उत्तर:
सेल्सियस में तापमान (°C) निकालने के लिए:
°C = K - 273.15
(a) 300 K = 300 - 273.15 = 26.85°C
(b) 573 K = 573 - 273.15 = 299.85°C
प्रश्न 2: निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें:
(a) 25°C
उत्तर:
केल्विन में तापमान (K) निकालने के लिए:
K = °C + 273.15
(a) 25°C = 25 + 273.15 = 298.15 K
प्रश्न 3: निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
उत्तर:
नैफ्थलीन का ठोस रूप बिना द्रवित हुए सीधे गैसीय रूप में परिवर्तित हो जाता है, जिसे ऊर्ध्वपातन कहते हैं। इस प्रक्रिया में ठोस कण सीधे गैस में बदलते हैं, जिससे कोई तरल अवशेष नहीं बचता और पदार्थ अदृश्य हो जाता है।
प्रश्न 4: निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें:
(a) जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन
उत्तर:
पदार्थों को उनके कणों के बीच आकर्षण बल के अनुसार बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करें:
-
ऑक्सीजन (गैस)
-
जल (द्रव)
-
चीनी (ठोस)
प्रश्न 5: निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है:
(a) 25°C
(b) 100°C
उत्तर:
-
(a) 25°C पर जल द्रव अवस्था में होता है।
-
(b) 100°C पर जल का क्वथनांक होता है, इस तापमान पर जल उबालकर वाष्प में बदलता है।
प्रश्न 6: पुष्टि हेतु कारण दें:
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।
उत्तर:
जल का गलनांक 0°C है और क्वथनांक 100°C है। कमरे का सामान्य तापमान (लगभग 25°C) जल के गलनांक और क्वथनांक के बीच आता है, इसलिए जल इस तापमान पर द्रव अवस्था में रहता है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर:
लोहे का गलनांक लगभग 1538°C है। कमरे का सामान्य तापमान इससे काफी कम होने के कारण, लोहा इस तापमान पर ठोस अवस्था में रहता है।
प्रश्न 7: 273 K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
उत्तर:
273 K (0°C) पर बर्फ का गलनांक होता है, इसलिए इस तापमान पर बर्फ के पिघलने से शीतलता का प्रभाव अधिक होता है। जबकि जल पहले से ही द्रव अवस्था में होता है, इसलिए उसे ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव कम होता है।
प्रश्न 8: उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है?
उत्तर:
भाप में जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है, क्योंकि भाप में जलित कणों की गतिज ऊर्जा अधिक होती है, जिससे त्वचा में अधिक ऊर्जा स्थानांतरित होती है और जलन अधिक होती है।
इन प्रश्नों और उत्तरों के माध्यम से विद्यार्थियों को भौतिक विज्ञान की अवधारणाओं को समझने में सहायता मिलती है।