Chapter 2
क्या हमारे आस-पास के पदार्थ शुद्ध हैं
1. निम्नलिखित को पृथक् करने के लिए आप किन विधियों को अपनाएँगे?
(a) सोडियम क्लोराइड को जल के विलयन से पृथक् करने में।
उत्तर:
सोडियम क्लोराइड (NaCl) को जल के विलयन से पृथक् करने के लिए आप निम्नलिखित विधियों का उपयोग कर सकते हैं:
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वाष्पीकरण (Evaporation):
इस विधि में, जल के विलयन को गर्म किया जाता है ताकि जल वाष्पीकृत हो जाए और केवल सोडियम क्लोराइड बच जाए। यह विधि तब उपयोगी होती है जब आप एक ठोस को विलयन से पृथक् करना चाहते हैं। जल के वाष्पित होने पर सोडियम क्लोराइड के क्रिस्टल बच जाते हैं।-
प्रक्रिया:
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पहले सोडियम क्लोराइड का जल के साथ मिश्रण लें।
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मिश्रण को गर्म करें, जिससे जल वाष्पीकृत हो जाएगा।
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अंत में, सोडियम क्लोराइड के क्रिस्टल बचेंगे।
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सुझाव:
वाष्पीकरण विधि में यह ध्यान रखना जरूरी है कि जल का उबालते समय सोडियम क्लोराइड आसानी से ठोस रूप में एकत्रित हो जाता है। इस प्रक्रिया का उपयोग तब किया जाता है जब हमें विलयन से केवल एक ठोस पदार्थ को निकालना हो, जैसे नमक को पानी से निकालना।
b) अमोनियम क्लोराइड को सोडियम क्लोराइड तथा अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने में।
उत्तर:
अमोनियम क्लोराइड (NH₄Cl) को सोडियम क्लोराइड (NaCl) और अमोनियम क्लोराइड के मिश्रण से पृथक् करने के लिए आप "सपारीकरण (Sublimation)" विधि का उपयोग कर सकते हैं।
विधि: सपारीकरण (Sublimation)
सपारीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें कुछ पदार्थ सीधे ठोस से गैस के रूप में बदल जाते हैं, बिना तरल अवस्था में आए। अमोनियम क्लोराइड एक ऐसा पदार्थ है, जो गर्म करने पर सीधे ठोस से गैस (वाष्प) में बदल जाता है। जबकि सोडियम क्लोराइड (NaCl) इस प्रक्रिया में नहीं बदलता और यह ठोस के रूप में रहता है।
प्रक्रिया:
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मिश्रण तैयार करें: अमोनियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड का मिश्रण लें।
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गर्म करें: मिश्रण को धीरे-धीरे गर्म करें। इस तापमान पर अमोनियम क्लोराइड वाष्पीकृत हो जाएगा (सपारीकरण), जबकि सोडियम क्लोराइड ठोस रूप में रहेगा।
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संग्रहण: अमोनियम क्लोराइड की वाष्प को ठंडा करके पुनः ठोस रूप में जमा किया जा सकता है। यह प्रक्रिया तब होती है जब अमोनियम क्लोराइड ठंडी सतह पर संघनित हो जाता है।
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सोडियम क्लोराइड: सोडियम क्लोराइड गर्मी से प्रभावित नहीं होता और वह मिश्रण में ठोस रूप में बना रहता है।
इस प्रक्रिया के लाभ:
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अमोनियम क्लोराइड और सोडियम क्लोराइड के मिश्रण से अमोनियम क्लोराइड को आसानी से पृथक् किया जा सकता है।
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यह प्रक्रिया केवल अमोनियम क्लोराइड पर लागू होती है, क्योंकि इसका क्वथनांक बहुत कम है और यह सीधे ठोस से गैस में बदल सकता है।
यह विधि विशेष रूप से तब उपयोगी होती है जब दोनों पदार्थों के भौतिक गुण (जैसे क्वथनांक) बहुत अलग होते हैं, और एक पदार्थ गैसीकरण द्वारा आसानी से पृथक् हो सकता है।
(c) धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन आयल से पृथक् करने में।
उत्तर: धातु के छोटे टुकड़े को कार के इंजन आयल (तेल) से पृथक् करने के लिए आप "चुंबकीय पृथक्करण (Magnetic Separation)" विधि का उपयोग कर सकते हैं।
विधि: चुंबकीय पृथक्करण (Magnetic Separation)
चुंबकीय पृथक्करण एक भौतिक प्रक्रिया है, जिसमें चुंबकीय गुण रखने वाले पदार्थों को चुंबक द्वारा पृथक् किया जाता है। अगर धातु के छोटे टुकड़े (जो चुंबकीय होते हैं) इंजन आयल (जो गैर-चुंबकीय होता है) में मिल गए हैं, तो आप इसे चुंबक का उपयोग करके आसानी से पृथक् कर सकते हैं।
प्रक्रिया:
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मिश्रण तैयार करें: कार के इंजन आयल में मिलाए गए धातु के छोटे टुकड़े लें।
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चुंबक का उपयोग करें: एक मजबूत चुंबक लें और उसे धीरे-धीरे मिश्रण के पास लाकर धातु के टुकड़ों को खींचें। चूंकि धातु चुंबकीय होते हैं, वे चुंबक द्वारा आकर्षित हो जाएंगे।
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धातु के टुकड़ों का पृथक्करण: चुंबक के माध्यम से सारे धातु के टुकड़े आयल से अलग हो जाएंगे, और तेल (जो गैर-चुंबकीय होता है) अलग रह जाएगा।
इस विधि के लाभ:
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यह विधि बहुत सरल और तेज है, विशेषकर तब जब एक पदार्थ चुंबकीय होता है।
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चुंबक का उपयोग करके आप धातु के टुकड़ों को बिना किसी रासायनिक प्रतिक्रिया के पृथक् कर सकते हैं।
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यह प्रक्रिया आयल के गुणधर्मों को प्रभावित नहीं करती है, और यह अधिक प्रभावी होती है जब धातु के टुकड़े छोटे और चुंबकीय होते हैं।
ध्यान देने योग्य बात:
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इस विधि का उपयोग केवल उन मिश्रणों में किया जा सकता है, जिनमें एक पदार्थ चुंबकीय होता है। अगर मिश्रण में धातु चुंबकीय नहीं है, तो इस विधि का उपयोग नहीं किया जा सकता।
(d) दही से मक्खन निकालने के लिए।
उत्तर:
विधि: विघटन (Churning)
विघटन एक भौतिक प्रक्रिया है, जिसमें किसी मिश्रण को घुमाकर या मंथन करके उसके घटकों को पृथक् किया जाता है। दही में मक्खन निकालने के लिए, दही को लगातार मंथन (घुमाने) से उसकी वसा (फैट) अलग हो जाती है और मक्खन के रूप में जमा हो जाती है, जबकि बाकी दही का पानी (मठा) अलग हो जाता है।
प्रक्रिया:
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दही लें: ताजे दही को एक गहरे बर्तन में डालें।
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मंथन करें: दही को मंथन यंत्र (जैसे मथनी) से मथें। यदि मथनी न हो, तो एक इलेक्ट्रिक मिक्सर का भी उपयोग किया जा सकता है। इसे कुछ मिनटों तक घुमाते रहें।
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मक्खन का रूप लेना: जैसे-जैसे आप मंथन करते हैं, दही की वसा (फैट) एकत्र होकर मक्खन के रूप में इकट्ठा होने लगेगी।
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मठा अलग करें: मंथन के बाद, मक्खन का एक हिस्सा और पानी (मठा) अलग हो जाता है। मठा को बाहर निकाल सकते हैं, और मक्खन को एकत्रित कर सकते हैं।
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धोना (वैकल्पिक): यदि आपको शुद्ध मक्खन चाहिए तो आप मक्खन को ठंडे पानी से धो सकते हैं ताकि उसमें किसी भी प्रकार की अतिरिक्त दही की अशुद्धियाँ निकल जाएं।
इस विधि के लाभ:
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यह एक बहुत ही पारंपरिक और सरल विधि है।
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इससे दही से शुद्ध मक्खन प्राप्त किया जा सकता है।
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मठा (दही का पानी) भी उपयोगी होता है और इसे अन्य खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे कि पेय पदार्थों या भोजन में।
ध्यान देने योग्य बात:
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विघटन से प्राप्त मक्खन का स्वाद ताजगी और प्राकृतिक होता है, जो पारंपरिक विधियों के द्वारा होता है।
मंथन करते समय गति को नियंत्रित रखना जरूरी है, ताकि अधिक समय तक मंथन से वसा एकत्र हो सके।
(c) जल से तेल निकालने के लिए।
उत्तर:
(1) चाय से चाय की पत्तियों को पृथक् करने में।
उत्तर:
(g) बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने में।
उत्तर: बालू से लोहे की पिनों को पृथक् करने के लिए "चुंबक (Magnetism)" की विधि का उपयोग किया जाता है।
(h) भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने में।
उत्तर: भूसे से गेहूँ के दानों को पृथक् करने के लिए "हवा से छलना (Winnowing)" की विधि का उपयोग किया जाता है।
(1) पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कण को पानी से अलग करने के लिए।
उत्तर: पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कणों को पानी से अलग करने के लिए "संचयन (Sedimentation)" और "साफ़ाई" या "छानने" (Filtration) की विधि का उपयोग किया जा सकता है।
(1) पुष्प की पंखुड़ियों के निचोड़ से विभिन्न रंजकों को पृथक् करने में।
उत्तर:पानी में तैरते हुए महीन मिट्टी के कणों को पानी से अलग करने के लिए "संचयन (Sedimentation)" और "साफ़ाई" या "छानने" (Filtration) की विधि का उपयोग किया जा सकता है।
2. चाय तैयार करने के लिए आप किन-किन चरणों का प्रयोग करेंगे। विलयन, विलायक, विलेय, घुलना, घुलनशील, अघुलनशील, घुलेय (फिल्ट्रेट) तथा अवशेष शब्दों का प्रयोग करें।
उत्तर: चाय तैयार करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाएगा, जिसमें "विलयन," "विलायक," "विलेय," "घुलना," "घुलनशील," "अघुलनशील," "घुलेय (फिल्ट्रेट)," और "अवशेष" शब्दों का उपयोग किया जाएगा:
उत्तर: