Chapter 4
'1. 'घना अँधेरा चमकता प्रकाश और अधिक — इस पंक्ति का आशय क्या है?
उत्तर: जब जीवन में अंधकार गहराता है, तब आशा और प्रकाश की चमक और भी स्पष्ट हो जाती है। कठिनाइयों में सकारात्मकता अधिक मूल्यवान बन जाती है।
2. ‘करते जाओ पाने की मत सोचो जीवन सारा’ — इसमें किस जीवन-दर्शन की बात की गई है?
उत्तर: यह निष्काम कर्म का संदेश देता है — बिना फल की चिंता किए निरंतर कर्म करते रहने का।
3. ‘जीवन नैया मंझधार में डोले, सँभाले कौन?’ — इस प्रश्न में कवि किस मानसिक स्थिति को प्रकट करता है?
उत्तर: यह जीवन की अनिश्चितता, अकेलेपन और कठिन दौर में सहारे की खोज को दर्शाता है।
4. ‘रंग-बिरंगे रंग-संग लेकर आया फागुन’ — फागुन का प्रतीकात्मक अर्थ क्या है?
उत्तर: फागुन यहाँ उल्लास, उत्सव, प्रेम और रंगों से भरे जीवन का प्रतीक है।
5. ‘काँटों के बीच खिलखिलाता फूल देता प्रेरणा’ — यह पंक्ति किस प्रेरणा की ओर संकेत करती है?
उत्तर: यह कठिन परिस्थितियों में भी सुंदरता और सकारात्मकता बनाए रखने की प्रेरणा देती है।
6. ‘भीतरी कुंठा आँखों के द्वार से आई बाहर’ — इसका क्या तात्पर्य है?
उत्तर: यह आंतरिक मानसिक वेदना और दबावों के अंततः आँखों के आँसुओं के रूप में बाहर आने को दर्शाता है।
7. ‘खारे जल से धुल गए विषाद, मन पावन’ — पंक्ति का सार क्या है?
उत्तर: दुख और आँसुओं ने मन की पीड़ा को धो डाला, जिससे मन शुद्ध और शांत हो गया।
8. ‘मृत्यु को जीना जीवन विष पीना है जिजीविषा’ — इसमें किस जीवन-सत्य को उजागर किया गया है?
उत्तर: यह बताता है कि कठिनाइयों और दुखों को झेलते हुए भी जीने की इच्छा ही असली जीवटता (जिजीविषा) है।
9. ‘चलतीं साथ पटरियों रेल की फिर भी मौन’ — यह पंक्ति किस जीवन स्थिति को दर्शाती है?
उत्तर: यह साथ रहते हुए भी दूरी और संवादहीनता को दर्शाती है; जैसे दो लोग साथ हों, लेकिन मौन और अलग-अलग।
10. ‘सागर में भी रहकर मछली प्यासी ही रही’ — यह पंक्ति किस विडंबना की ओर इशारा करती है?
उत्तर: यह उस विडंबना को दिखाती है जब संसाधन पास होते हुए भी कोई उनकी पूर्ति से वंचित रह जाता है — जैसे भीतर की प्यास बनी रहना।
Answar By Barasha Bora