Chapter 3
रहीम, बिहारी, वृन्द
क) विषय-बोध
निम्नलिखित प्रश्नों के एक-दो पंक्तियों में उत्तर दीजिए-
(1) रहीम जी के अनुसार सच्चे मित्र की क्या पहचान है ?
(2) ज्ञानी व्यक्ति सम्पत्ति का संचय किस लिए करते हैं ?
(3) बिहारी जी के अनुसार किसका साथ शोभा देता है ?
(4) बिहारी जी ने मानव को आशावादी होने का क्या संदेश दिया है ?
(5) छल और कपट का व्यवहार बार-बार नहीं चल सकता इसके लिए वृन्द जी ने क्या उदाहरण दिया है ?
(०) निरन्तर अभ्यास से व्यक्ति कैसे योग्य बन जाता है? वृन्द जी ने इसके लिए क्या
उदाहरण दिया है ?
(7) शत्रु को कमतोर या छोटा क्यों नहीं समझना चाहिए ?
11. निम्नलिखित पद्द्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
(1) रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दौजिये डारि।
जहां काम आये सुई. का करे तरवारि ।।
(2) कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय।
बह खाये बौरात है, यह पाये बौराय।।
(3) मधुर वचन ते जात मिट, उत्तम जन अभिमान। तनिक सीत जल सॉ मिटे, जैसे दूध उफान ।।