Chapter 6

रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं उत्प्रेरक 


अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न.11 रासायनिक परिवर्तन से क्या समझते हैं?

उत्तर: रासायनिक परिवर्तन वह प्रक्रिया है जिसमें एक या एक से अधिक पदार्थों के रासायनिक गुणों में परिवर्तन होता है, जिससे नए पदार्थ उत्पन्न होते हैं। यह परिवर्तन स्थायी होता है और आसानी से उलटा नहीं जा सकता। उदाहरण: जल का वाष्पीकरण, लकड़ी का जलना।

प्रश्न.12 वनस्पति तेल को वनस्पति घी में परिवर्तित करने वाली अभिक्रिया:

उत्तर: यह हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) प्रक्रिया द्वारा संभव है। इस प्रक्रिया में, वनस्पति तेल में हाइड्रोजन गैस जोड़ी जाती है, जिससे तेल का रूप ठोस में बदल जाता है और वह वनस्पति घी में परिवर्तित हो जाता है। उत्प्रेरक के रूप में निकेल (Ni) का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न.13 उत्प्रेरण के प्रकार:

उत्तर:

  • धनात्मक उत्प्रेरक: जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को बढ़ाता है।

  • ऋणात्मक उत्प्रेरक: जो रासायनिक अभिक्रिया के वेग को कम करता है।


प्रश्न.14 Zn + CuSO₄ → ZnSO₄ + Cu:

उत्तर: हरण है, जिसमें जिंक (Zn) ताम्र (Cu) को विस्थापित करता है और ताम्र सल्फेट (CuSO₄) से ताम्र (Cu) उत्पन्न होता है।


प्रश्न.15 रेडॉक्स अभिक्रिया का एक उदाहरण:

उत्तर: 2Na + Cl₂ → 2NaCl
इस अभिक्रिया में सोडियम (Na) का ऑक्सीकरण होता है और क्लोरीन (Cl₂) का अपचयन होता है, जो कि एक रेडॉक्स अभिक्रिया है।


प्रश्न.16 उत्क्रमणीय अभिक्रिया:

उत्तर: उत्क्रमणीय अभिक्रिया वह होती है जिसमें उत्पाद और अभिकारक एक दूसरे में परिवर्तित हो सकते हैं। यह दोनों दिशाओं में हो सकती है, यानी उत्पाद फिर से अभिकारक में परिवर्तित हो सकते हैं। उदाहरण: अमोनिया का संश्लेषण (N₂ + 3H₂ ↔ 2NH₃)


प्रश्न.17 उत्प्रेरक वर्धक व उत्प्रेरक विष का कार्य:
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उत्तर:
  • उत्प्रेरक वर्धक: ये वे पदार्थ होते हैं जो उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ाते हैं, लेकिन खुद उत्प्रेरक नहीं होते। उदाहरण: मोलिब्डेनम (Mo) आयरन के उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को बढ़ाता है।

  • उत्प्रेरक विष: ये वे पदार्थ होते हैं जो उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को कम करते हैं। उदाहरण: कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) आयरन के उत्प्रेरक की क्रियाशीलता को घटाता ह

प्रश्न.18 अम्ल व क्षार की परस्पर अभिक्रिया:

उत्तर: यह उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralization Reaction) कहलाती है, जिसमें अम्ल और क्षार मिलकर जल (H₂O) और लवण का निर्माण करते हैं। उदाहरण: HCl + NaOH → NaCl + H₂O

वेग के आधार पर अभिक्रिया के प्रकार:

प्रश्न.19 अभिक्रिया को मुख्यतः दो प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है:

उत्तर:
  • तीव्र अभिक्रिया (Fast reactions): जिनमें परिवर्तन बहुत जल्दी होते हैं।

  • मंद अभिक्रिया (Slow reactions): जिनमें परिवर्तन धीरे-धीरे होते हैं।

प्रश्न.20 ताप अपघटन अभिक्रिया का उदाहरण:

उत्तर:
  • CaCO₃ → CaO + CO₂


लघुत्तरात्मक प्रश्नों

प्रश्न.26. भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन में अंतर:

उत्तर:

भौतिक परिवर्तन             रासायनिक परिवर्तन                
पदार्थ का केवल रूप या अवस्था बदलती है                 पदार्थ का रासायनिक संघटन बदलता है
नया पदार्थ नहीं बनता नया पदार्थ बनता है
परिवर्तन सामान्यतः उलटनीय होता है परिवर्तन सामान्यतः अपरिवर्तनीय होता है
उदाहरण: बर्फ का पिघलना उदाहरण: लोहे का जंग लगना

प्रश्न.27. संयुग्मन व अपघटनीय अभिक्रियाएँ:

उत्तर:

  • संयुग्मन अभिक्रिया (Combination Reaction): दो या अधिक पदार्थ मिलकर एक नया यौगिक बनाते हैं।
    उदाहरण: H₂ + Cl₂ → 2HCl

  • अपघटनीय अभिक्रिया (Decomposition Reaction): एक यौगिक विघटित होकर दो या अधिक उत्पाद बनाता है।
    उदाहरण: 2HgO → 2Hg + O₂

प्रश्न.28. AgNO₃ + KCl → AgCl + KNO₃

उत्तर:

यह दोहरा विस्थापन अभिक्रिया (Double Displacement Reaction) और अपसारी अभिक्रिया (Precipitation Reaction) का उदाहरण है क्योंकि इसमें AgCl ठोस अवक्षेप के रूप में बाहर आता है।


प्रश्न.29. ऑक्सीकरण व अपचयन (इलेक्ट्रॉन के आधार पर):

उत्तर:

  • ऑक्सीकरण: जब किसी तत्व से इलेक्ट्रॉन निकल जाते हैं (Electron loss), उसे ऑक्सीकरण कहते हैं।
    उदाहरण: Na → Na⁺ + e⁻

  • अपचयन: जब किसी तत्व में इलेक्ट्रॉन जुड़ते हैं (Electron gain), उसे अपचयन कहते हैं।
    उदाहरण: Cl₂ + 2e⁻ → 2Cl⁻


प्रश्न.30. उत्प्रेरक के प्रकार:

उत्तर:

  1. धनात्मक उत्प्रेरक (Positive Catalyst)

  2. ऋणात्मक उत्प्रेरक (Negative Catalyst)

  3. स्वतः उत्प्रेरक (Auto Catalyst)

  4. जैव उत्प्रेरक/एंजाइम (Biocatalyst)

  5. समांगी उत्प्रेरक (Homogeneous Catalyst)

  6. विषमांगी उत्प्रेरक (Heterogeneous Catalyst)


प्रश्न.31. अपघटनीय अभिक्रियाएँ दो प्रकार की होती हैं:

उत्तर:

  1. तापीय अपघटन (Thermal Decomposition): ऊष्मा से होती है।
    उदाहरण: CaCO₃ → CaO + CO₂

  2. विद्युत अपघटन (Electrolytic Decomposition): विद्युत धारा से होती है।
    उदाहरण: 2H₂O → 2H₂ + O₂ (विद्युत अपघटन)


प्रश्न.32. क्लोरोफार्म में एथिल एल्कोहॉल मिलाने का कारण:

उत्तर: क्लोरोफार्म वायु के संपर्क में आने पर फॉस्जीन (COCl₂) नामक विषैली गैस बना सकता है। एथिल एल्कोहॉल मिलाने से यह ऑक्सीकरण की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे फॉस्जीन नहीं बनता।


प्रश्न.33. दुर्बल अम्ल व प्रबल क्षार से बने लवण का जलीय विलयन क्षारीय क्यों होता है?

उत्तर: दुर्बल अम्ल पूर्णतया आयनित नहीं होते, जबकि प्रबल क्षार पूर्णतया आयनित होते हैं। अतः विलयन में OH⁻ आयनों की संख्या H⁺ आयनों से अधिक होती है, जिससे pH 7 से अधिक होता है और विलयन क्षारीय हो जाता है।


प्रश्न.34. क्या ये अभिक्रियाएँ संभव हैं? उत्तर कारण सहित लिखें:

उत्तर: (आपके प्रश्न में विशेष अभिक्रियाएँ दी नहीं गईं — कृपया वे दो अभिक्रियाएँ स्पष्ट करें, ताकि उनका विश्लेषण किया जा सके।


निबंधात्मक प्रश्नों

प्रश्न 37: रासायनिक अभिक्रियाएँ कितने प्रकार की होती हैं? वर्णन करें।

उत्तर: रासायनिक अभिक्रियाएँ मुख्यतः पाँच प्रकार की होती हैं:

  1. संयोजन अभिक्रिया – दो या अधिक पदार्थ मिलकर एक नया पदार्थ बनाते हैं।
    उदाहरण: 2H₂ + O₂ → 2H₂O

  2. अपघटन अभिक्रिया – एक यौगिक टूटकर दो या अधिक पदार्थों में बदलता है।
    उदाहरण: CaCO₃ → CaO + CO₂

  3. विस्थापन अभिक्रिया – एक तत्व किसी यौगिक से दूसरे तत्व को विस्थापित करता है।
    उदाहरण: Zn + CuSO₄ → ZnSO₄ + Cu

  4. युग्मन अभिक्रिया (Double Displacement) – दो यौगिकों के आयन आपस में बदलते हैं।
    उदाहरण: NaCl + AgNO₃ → NaNO₃ + AgCl

  5. उदासीनीकरण अभिक्रिया – अम्ल और क्षार की अभिक्रिया से नमक और जल बनता है।
    उदाहरण: HCl + NaOH → NaCl + H₂O


प्रश्न 38: ऑक्सीकरण-अपचयन से क्या समझते हैं? उदाहरण सहित।

उत्तर: ऑक्सीकरण-अपचयन (Redox Reaction) वे अभिक्रियाएँ होती हैं जिनमें एक तत्व इलेक्ट्रॉन खोता है (ऑक्सीकरण) और दूसरा इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है (अपचयन)

  • ऑक्सीकरण: इलेक्ट्रॉन खोना (या ऑक्सीजन जुड़ना)।

  • अपचयन: इलेक्ट्रॉन प्राप्त करना (या ऑक्सीजन हटना)।

उदाहरण:
CuO + H₂ → Cu + H₂O
यहाँ CuO का अपचयन हुआ (Cu बना), और H₂ का ऑक्सीकरण हुआ (H₂O बना)।


प्रश्न 39: उत्प्रेरक की विशेषताएँ एवं प्रकार।

उत्तर: विशेषताएँ:

  1. उत्प्रेरक अभिक्रिया के वेग को बदलते हैं।

  2. स्वयं की रासायनिक प्रकृति में परिवर्तन नहीं करते।

  3. कम मात्रा में प्रभावी होते हैं।

  4. एक ही उत्प्रेरक विशेष अभिक्रिया के लिए कार्य करता है।

  5. केवल वेग को प्रभावित करता है, उत्पाद नहीं बदलता।

प्रकार:

  1. धनात्मक उत्प्रेरक – वेग बढ़ाते हैं (जैसे Ni)।

  2. ऋणात्मक उत्प्रेरक – वेग कम करते हैं (जैसे Glycerol)।

  3. स्वतः उत्प्रेरक – उत्पाद स्वयं उत्प्रेरक का कार्य करता है।

  4. समांगी उत्प्रेरक – उत्प्रेरक व अभिकारक एक ही अवस्था में।

  5. विषमांगी उत्प्रेरक – उत्प्रेरक व अभिकारक अलग अवस्था में।


प्रश्न 40: रासायनिक समीकरण लिखने के चरण और विशेषताएँ।

उत्तर: चरण:

  1. अभिकारकों और उत्पादों को पहचानें।

  2. उनके रासायनिक सूत्र लिखें।

  3. समीकरण संतुलित करें (परमाणुओं की संख्या बराबर करें)।

  4. अवस्था (s, l, g, aq) अंकित करें।

विशेषताएँ:

  • पदार्थों का सही अनुपात दिखाता है।

  • द्रव्यमान संरक्षण नियम को संतुष्ट करता है।

  • उष्मा परिवर्तन (Δ) को दर्शाया जा सकता है।


प्रश्न 41: अंतर स्पष्ट कीजिए—

उत्तर: 

(a) उत्क्रमणीय व अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया

उत्क्रमणीय अनुत्क्रमणीय
उत्पाद पुनः अभिकारकों में बदल सकते हैं उत्पाद अभिकारकों में नहीं बदलते
संतुलन बनता है संतुलन नहीं बनता

(b) उत्प्रेरक वर्धक व उत्प्रेरक विष

वर्धक विष
उत्प्रेरक की क्रियाशीलता बढ़ाता है क्रियाशीलता घटाता है
जैसे: Mo (Iron के लिए) जैसे: CO (Iron के लिए हानिकारक)

(c) समांगी व विषमांगी उत्प्रेरण

समांगी विषमांगी
उत्प्रेरक और अभिकारक समान अवस्था में भिन्न अवस्था में
उदाहरण: NO (गैस) उदाहरण: Ni (ठोस) व H₂ (गैस)

(d) ऑक्सीकरण व अपचयन

ऑक्सीकरण अपचयन
इलेक्ट्रॉन खोना इलेक्ट्रॉन पाना
ऑक्सीजन जुड़ना ऑक्सीजन हटना

यदि आप चाहें तो इन उत्तरों को एक PDF या नोट्स के रूप में भी प्राप्त कर सकते हैं। क्या आप उसकी जरूरत महसूस कर रहे हैं?