Chapter 14
जब धरती काँपी
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प्रश्न 1: यह कहानी किसके बारे में है और वह कहाँ रहती है?
उत्तर: यह कहानी जस्मा नाम की लड़की के बारे में है, जो गुजरात के कच्छ इलाके में रहती है।
प्रश्न 2: जस्मा को रात में सपना क्यों आया?
उत्तर: जस्मा को रात में सपना आया क्योंकि छह साल पहले आए भयंकर भूकंप की डरावनी यादें उसके मन में अब भी थीं।
प्रश्न 3: जस्मा की उम्र उस समय कितनी थी जब भूकंप आया था?
उत्तर: जब भूकंप आया था, तब जस्मा की उम्र ग्यारह साल थी।
प्रश्न 4: लोग उस समय क्या कर रहे थे जब भूकंप आया?
उत्तर: जब भूकंप आया, तब गाँव के बच्चे और बड़े स्कूल के आँगन में बैठकर 26 जनवरी की परेड टीवी पर देख रहे थे।
प्रश्न 5: भूकंप आने पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: भूकंप आने पर लोग घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे। किसी को पता नहीं था कि क्या करना चाहिए।
प्रश्न 6: जस्मा को सपना देखकर क्या अनुभव हुआ?
उत्तर: जस्मा डर गई और जोर से चिल्लाई। उसकी माँ दौड़कर आईं और उसे छाती से लगा लिया। जस्मा को एहसास हुआ कि वह सिर्फ़ सपना था।
प्रश्न 7: अगर भूकंप आए तो हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर: भूकंप आने पर हमें:
-
खुले मैदान में चले जाना चाहिए।
-
इमारत के कोनों या मजबूत मेज के नीचे छिप जाना चाहिए।
-
लिफ्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
-
शांत रहकर सुरक्षित स्थान की ओर जाना चाहिए।
-
गैस और बिजली बंद कर देनी चाहिए।
प्रश्न 8: भूकंप के बाद गाँव में क्या असर हुआ होगा?
उत्तर: भूकंप के बाद गाँव में:
-
घर गिर गए होंगे।
-
लोग घायल हुए होंगे।
-
पानी, बिजली और सड़कें खराब हो गई होंगी।
-
लोगों को खाने-पीने और रहने की दिक्कतें आई होंगी।
प्रश्न 10: भूकंप आने की जानकारी हमें कैसे मिल सकती है?
उत्तर: भूकंप की जानकारी भूकंपीय केंद्रों (seismic centers), टीवी, रेडियो, मोबाइल अलर्ट आदि के माध्यम से मिल सकती है।
प्रश्न 11: भूकंप के बाद गाँव का क्या हाल हुआ?
उत्तर: भूकंप के बाद पूरा गाँव मलबे का ढेर बन गया। कपड़े, बर्तन, खाना सब दब गए। लोग बहुत डर और दुख में थे।
प्रश्न 12: उस समय लोगों का ध्यान किन दो बातों पर था?
उत्तर: लोगों का ध्यान था:
-
मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाना।
-
घायलों की मरहम-पट्टी करना।
प्रश्न 13: डॉक्टर बाबू ने कैसे मदद की?
उत्तर: डॉक्टर बाबू ने गाँववालों की मदद से ही घायलों का इलाज किया क्योंकि अस्पताल को भी नुकसान पहुँचा था।
प्रश्न 14: जस्मा को क्या चोट लगी थी?
उत्तर: भूकंप में जस्मा की टाँग टूट गई थी।
प्रश्न 15: गाँव के सरपंच मोटा बापू ने क्या किया?
उत्तर: मोटा बापू ने अपने गोदाम से अनाज दिया और उनके घर पर महिलाएँ मिलकर सबके लिए खाना पकाती रहीं।
प्रश्न 16: रात में लोगों को नींद क्यों नहीं आती थी?
उत्तर: क्योंकि बहुत ठंड थी और सभी को भूकंप के फिर से आने का डर बना रहता था।
प्रश्न 17: क्या तुमने या तुम्हारे किसी जानने वाले ने कभी ऐसी मुसीबत का सामना किया है?
उत्तर: हाँ, मेरे गाँव में एक बार बाढ़ आ गई थी। घरों में पानी भर गया और हम लोगों को स्कूल में शरण लेनी पड़ी थी।
प्रश्न 18: ऐसे समय में किन लोगों ने मदद की? उनकी सूची बनाओ।
उत्तर: भूकंप या किसी आपदा के समय मदद करने वाले लोग:
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गाँव के लोग (पड़ोसी)
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डॉक्टर और नर्स
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सरपंच या गाँव के नेता
-
महिलाएँ जो खाना पकाती हैं
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सरकारी कर्मचारी (पुलिस, फौज, आपदा राहत टीम)
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सामाजिक संस्थाएँ (NGOs)
प्रश्न 19: भूकंप के बाद कौन-कौन मदद करने आया?
उत्तर: भूकंप के बाद शहरों से लोग, संस्थाएँ, डॉक्टर, वैज्ञानिक, इंजीनियर और आर्किटेक्ट गाँव में मदद करने आए।
प्रश्न 20: शहर से आए लोग गाँववालों को क्या-क्या देकर गए?
उत्तर: वे लोग खाने-पीने की चीज़ें, कपड़े, दवाइयाँ और रहने के लिए तंबू देकर गए।
प्रश्न 21: वैज्ञानिक किस बात की जाँच करने आए थे?
उत्तर: वैज्ञानिक यह पता लगाने आए थे कि किस इलाके में भूकंप आने का कितना खतरा है।
प्रश्न 22: इंजीनियर और आर्किटेक्ट ने गाँववालों को क्या सुझाव दिए?
उत्तर: उन्होंने भूकंप-रोधी डिज़ाइन दिखाए ताकि भविष्य में कम नुकसान हो।
प्रश्न 23: गाँववालों को नए घर बनाने से क्या डर था?
उत्तर: गाँववालों को डर था कि नए डिज़ाइन से उनका गाँव अपने पुराने गाँव जैसा न लगे।
प्रश्न 24: गाँव को दोबारा बनाने में गाँववालों ने क्या-क्या किया?
उत्तर: गाँववालों ने:
-
तालाब से चिकनी मिट्टी निकाली।
-
मिट्टी में गोबर मिलाकर उपले बनाए।
-
चूने से दीवारों की पुताई की।
-
दीवारें खड़ी कीं और मिलकर नए घर बनाए।
प्रश्न 25: स्कूल किसने बनाने का निर्णय लिया?
उत्तर: संस्था के लोगों ने गाँव का स्कूल बनाने का जिम्मा लिया।
प्रश्न 26: ऐसे समय में कौन-कौन सी संस्थाएँ मदद करती हैं?
उत्तर: ऐसे समय में ये संस्थाएँ मदद करती हैं:
-
सरकारी संस्थाएँ (जैसे NDRF, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग)
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गैर-सरकारी संस्थाएँ (NGOs)
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सेना और राहत दल
-
स्थानीय पंचायत और समाजसेवी संगठन
-
इंजीनियर, डॉक्टर और वैज्ञानिक
प्रश्न 26: जस्मा के गाँव में बाहर के बहुत सारे लोग आए। ये कौन लोग होंगे?
उत्तर: ये लोग सरकारी अधिकारी, डॉक्टर, राहतकर्मी, वैज्ञानिक, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और समाजसेवी संस्थाओं के सदस्य हो सकते हैं।
प्रश्न 27: इन लोगों ने किस प्रकार की मदद की होगी?
उत्तर: इन लोगों ने गाँववालों को खाने-पीने का सामान, दवाइयाँ, तंबू, कपड़े, इलाज, और घर बनाने के सुझाव दिए।
प्रश्न 28: जस्मा के गाँव के लोगों ने अपने घर कैसे मजबूत बनाए?
उत्तर: गाँववालों ने संस्थाओं द्वारा सुझाए डिज़ाइन के अनुसार घर बनाए।
-
चिकनी मिट्टी और गोबर से दीवारें बनाई।
-
चूने से पुताई की।
-
घास-फूस की छत डाली।
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आईनों से सजावट की।
-
चित्रकारी भी की जिससे घर सुंदर और मजबूत बना।
प्रश्न 29: सोचो – अगर तुम्हारे यहाँ भूकंप आ जाए, तो क्या तुम्हारे घर को खतरा होगा?
उत्तर: हाँ, अगर भूकंप तेज़ हुआ तो हमारे घर को नुकसान हो सकता है, क्योंकि घर सीमेंट और ईंटों से बना है लेकिन भूकंप-रोधी डिज़ाइन नहीं है।
प्रश्न 30: तुम कहाँ रहोगे?
उत्तर: ऐसे समय में मैं खुले मैदान या सुरक्षित जगह पर रहूँगा/रहूँगी, जहाँ गिरने का खतरा न हो।
प्रश्न 31: ऐसे समय में अपने पालतू जानवरों की सुरक्षा कैसे करोगे?
उत्तर:
-
उन्हें खुले और सुरक्षित स्थान पर ले जाऊँगा।
-
रस्सी से बाँधकर नहीं रखूँगा, ताकि भाग सकें।
-
उनके लिए भी खाने और पानी की व्यवस्था करूँगा।
प्रश्न 32: लिखो – अपने घर की तुलना जस्मा के घर से करो।
जस्मा का घर | मेरा घर |
---|---|
मिट्टी, गोबर, चूना, घास, फूस | ईंट, सीमेंट, लोहा, लकड़ी, टाइल |
घर की सजावट आईने और चित्रकारी से | पेंट और खिड़कियाँ, दरवाजे |
हाथ से गाँववालों ने मिलकर बनाया | राजमिस्त्री और मज़दूरों ने बनाया |
ढलवाँ छत और मिट्टी की दीवारें | पक्की छत और मजबूत दीवारें |
प्रश्न 33: भविष्य में क्या करें – भूकंप के समय के लिए तैयारी:
-
भूकंप सुरक्षा अभ्यास करें।
-
मजबूत और भूकंप-रोधी घर बनाएँ।
-
खुले स्थानों का पता रखें।
-
ज़रूरी सामान का इमरजेंसी बैग तैयार रखें।
-
जानवरों और बुज़ुर्गों की विशेष देखभाल करें।
प्रश्न 34: अगर हो सके तो भूकंप आने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर:
-
अगर हो सके तो तुरंत खुले में बाहर चले जाना चाहिए।
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अगर बाहर न जा सको, तो मज़बूत मेज़, पलंग या टेबल के नीचे छिप जाओ।
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उसे कसकर पकड़ लो ताकि वह हिल न जाए।
-
जब तक कंपन बंद न हो जाए, नीचे ही रुके रहो।
प्रश्न 35: क्या तुम्हें कभी स्कूल में या कहीं और बताया गया है कि भूकंप जैसी मुसीबत के समय क्या करना चाहिए?
उत्तर: हाँ, स्कूल में अभ्यास (ड्रिल) कराया गया है।
हमें बताया गया कि –
-
डरना नहीं है।
-
भागने की जगह छिपना ज़रूरी है।
-
सिर को किताब या बैग से ढँकना चाहिए।
प्रश्न 36: भूकंप के समय किसी मजबूत चीज के नीचे छिप जाने को क्यों कहा गया है?
उत्तर: क्योंकि भूकंप के समय छत या दीवारें गिर सकती हैं।
अगर हम मजबूत मेज़ या टेबल के नीचे छिपते हैं, तो उससे हमारी सिर और शरीर की सुरक्षा हो सकती है।
प्रश्न 37: भुज में आए भूकंप की रिपोर्ट के अनुसार किन-किन लोगों ने मदद की?
उत्तर:
-
सेना के जवान
-
स्थानीय लोग
-
देश-विदेश की राहत संस्थाएँ
-
सरकारी और गैर-सरकारी संगठन
प्रश्न 38: भूकंप के समय क्या करें – क्या न करें:
क्या करें | क्या न करें |
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खुले में चले जाएँ | लिफ्ट या सीढ़ियों का उपयोग न करें |
मजबूत चीज के नीचे छिपें | खिड़की या काँच के पास खड़े न हों |
सिर और गर्दन को किसी चीज से ढँक लें | पैनिक या डर से इधर-उधर न भागें |
बिजली के स्विच बंद करें | बिजली के खंभों के पास न खड़े हों |
रेडियो/मोबाइल से जानकारी लेते रहें | अफवाहें न फैलाए |
प्रश्न 39: टीवी की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात में हजारों लोग घायल हुए और मरे भी। अगर यहाँ बनी इमारतें भूकंप से सुरक्षित होतीं, तो क्या नुकसान में कुछ अंतर होता? क्या?
उत्तर: हाँ, अगर इमारतें भूकंप से सुरक्षित बनाई गई होतीं, तो नुकसान कम होता।
-
मजबूत और भूकंप-रोधी डिज़ाइन वाली इमारतें इतनी आसानी से नहीं गिरतीं।
-
लोगों की जान बच सकती थी।
-
मलबे में दबने की घटनाएँ कम होतीं।
-
घायल और मृत लोगों की संख्या कम हो सकती थी।
प्रश्न 40: ऐसे समय पर जब लोगों के घर ही नहीं रहे, तब लोगों को किस-किस तरह की राहत की जरूरत पड़ी होगी?
उत्तर: भूकंप जैसी आपदा के समय लोगों को इन चीजों की जरूरत होती है:
-
रहने के लिए तंबू या अस्थायी घर
-
खाने और पीने का सामान
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कपड़े और कंबल
-
दवाइयाँ और प्राथमिक उपचार
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साफ पानी और शौचालय की व्यवस्था
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भावनात्मक सहारा और सुरक्षा
प्रश्न 41: ऐसे में किन-किन की मदद की ज़रूरत पड़ती होगी और किस काम के लिए? तालिका बनाओ।
किन-किन की मदद | काम में मदद | |
---|---|---|
1. | कुत्ता | सूँघकर यह पता लगाना कि कौन कहाँ दबा है |
2. | सेना के जवान | लोगों को मलबे से बाहर निकालना, राहत देना |
3. | डॉक्टर और नर्स | घायलों का इलाज करना |
4. | इंजीनियर | भूकंपरोधी घरों का डिज़ाइन बनाना |
5. | स्थानीय लोग | खाना बनाना, मदद बाँटना |
6. | सरकारी कर्मचारी | बचाव और राहत कार्य को संगठित करना |
7. | संस्थाएँ और NGO | कपड़े, दवाइयाँ, तंबू, सामग्री लाना |
8. | बच्चे और युवा | छोटे-मोटे कामों में सहायता करना |
प्रश्न 42: क्या तुमने कभी अपने इलाके में देखा है कि आस-पड़ोस के लोगों ने मिलकर एक-दूसरे की मदद की हो? कब-कब?
उत्तर: हाँ, बारिश के समय जब एक घर में पानी भर गया था, तब आस-पास के लोगों ने मिलकर उनका सामान ऊपर रखा और रहने के लिए जगह दी।
त्योहारों और शादी-ब्याह में भी सभी मिलकर काम करते हैं।
प्रश्न 43: लोग अकसर एक जगह पर पास-पास क्यों बसते हैं?
उत्तर:
-
एक-दूसरे की मदद के लिए
-
अकेलापन न लगे
-
बच्चों को खेलने के लिए साथी मिलें
-
त्योहार और मुश्किल समय साथ में बाँट सकें
-
सुरक्षा की भावना बनी रहे
प्रश्न 44: अगर तुम्हारा घर अपने इलाके में अकेला होता, यानी तुम्हारे आस-पास कोई न रहता तो कैसा लगता?
उत्तर:
-
बहुत अकेलापन लगता
-
खेलने के लिए साथी नहीं होते
-
किसी मुसीबत में मदद माँगना मुश्किल होता
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डर भी लगता
-
त्योहार मनाने में मज़ा नहीं आता