Chapter 11
सुनीता अंतरिक्ष में
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प्रश्न 1: दिल की बात बताओ – तुम्हें क्या लगता है पृथ्वी कैसी है? अपनी कॉपी में चित्र बनाओ। इसमें तुम कहाँ हो, यह भी दिखाओ।
उत्तर: मुझे लगता है कि पृथ्वी एक गोल बॉल की तरह है। यह नीली, हरी और भूरे रंग की दिखाई देती है क्योंकि इसमें पानी, जंगल और ज़मीन हैं। मैं भारत देश में रहता हूँ, जो एशिया महाद्वीप में है।
प्रश्न 2: उजैरा और शाहमीर ग्लोब को घुमाते हुए क्या समझते हैं?
उत्तर: उजैरा और शाहमीर ग्लोब को देखकर यह समझ रहे हैं कि पृथ्वी गोल है और इसमें देश, महासागर, और महाद्वीप कहां हैं। वे यह भी सोच रहे हैं कि अगर पृथ्वी गोल है तो हम कैसे उस पर टिके हुए हैं, और अंतरिक्ष क्या होता है।
प्रश्न 3: सुनीता विलियम्स कौन हैं और उन्होंने क्या किया?
उत्तर: सुनीता विलियम्स एक अंतरिक्ष यात्री हैं। वे अमेरिका से हैं लेकिन उनका रिश्ता भारत से भी है। उन्होंने अंतरिक्ष में छह महीने से ज्यादा समय बिताया और वहाँ से पृथ्वी को देखा। उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग भी किए।
प्रश्न 4: अंतरिक्ष क्या होता है?
उत्तर: अंतरिक्ष वह जगह है जो पृथ्वी और बाकी ग्रहों से बाहर है। वहाँ हवा नहीं होती। वहाँ तारे, सूरज, चाँद, ग्रह, और उपग्रह होते हैं। अंतरिक्ष बहुत बड़ा, शांत और अंधकारमय होता है।
प्रश्न 5: अगर पृथ्वी गोल है, तो हम उस पर कैसे टिके रहते हैं? हम गिरते क्यों नहीं?
उत्तर: हम पृथ्वी पर इसलिए टिके रहते हैं क्योंकि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल होता है। यह हमें अपनी ओर खींचता है, इसलिए हम नीचे नहीं गिरते।
प्रश्न 6: ग्लोब और पृथ्वी में क्या समानता है?
उत्तर: ग्लोब पृथ्वी का एक छोटा मॉडल है। जैसे पृथ्वी गोल है, वैसे ही ग्लोब भी गोल होता है। ग्लोब पर देश, महासागर, महाद्वीप आदि दिखाए जाते हैं, जो असली पृथ्वी पर भी होते हैं।
शिक्षक संकेत
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बच्चों को कल्पना करने दें कि वे अंतरिक्ष में हैं और पृथ्वी को देख रहे हैं।
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ग्लोब और चित्रों की मदद से बच्चों को पृथ्वी के आकार और स्थान की समझ दें।
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उन्हें सुनीता विलियम्स जैसे रोल मॉडल से प्रेरणा लेने को कहें।
प्रश्न 7: हम धरती पर कैसे टिके रहते हैं? अगर पृथ्वी गोल है तो हम गिरते क्यों नहीं?
उत्तर: हम पृथ्वी पर इसलिए टिके रहते हैं क्योंकि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल (gravity) होता है। यह बल हर चीज़ को पृथ्वी की ओर खींचता है, चाहे वह कहीं भी हो – ऊपर, नीचे, दाएँ या बाएँ। इसलिए कोई भी नहीं गिरता।
प्रश्न 8: क्या अर्जेंटीना के लोग उल्टे खड़े होते हैं?
उत्तर: नहीं, अर्जेंटीना के लोग हमें भले "उल्टे" लगें, लेकिन उनके लिए भी "नीचे ज़मीन" और "ऊपर आसमान" होता है – जैसे हमारे लिए होता है। पृथ्वी गोल है, और "ऊपर" और "नीचे" सबके लिए उनके स्थान के अनुसार होता है। इसलिए किसी को भी उल्टा महसूस नहीं होता।
प्रश्न 9: अगर समुद्र ग्लोब के ऊपर हैं, तो उनका पानी नीचे क्यों नहीं गिरता?
उत्तर: समुद्र का पानी भी गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से पृथ्वी पर चिपका हुआ रहता है। इसलिए चाहे वह पृथ्वी के किसी भी हिस्से पर हो – पानी "गिरता" नहीं है, बल्कि पृथ्वी पर फैला रहता है।
प्रश्न 10: सुनीता विलियम्स भारत क्यों आई थीं?
उत्तर: सुनीता विलियम्स भारत इसलिए आईं क्योंकि उनकी दोस्त कल्पना चावला भारत में बच्चों से मिलना चाहती थीं। कल्पना का सपना अधूरा रह गया, इसलिए सुनीता ने बच्चों से मिलने और उन्हें प्रेरित करने का ज़िम्मा लिया।
प्रश्न 11: शिक्षक व सुझाव
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बच्चों को ग्लोब घुमा-घुमाकर यह समझने दें कि हर जगह पर लोग अपने हिसाब से सीधे ही खड़े होते हैं।
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उन्हें गुरुत्वाकर्षण का सरल प्रयोग (जैसे वस्तु को गिराकर) दिखाएं कि कैसे चीजें नीचे की ओर गिरती हैं।
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कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स जैसे अंतरिक्ष यात्रियों की कहानियाँ सुनाएँ।
प्रश्न 12: अंतरिक्ष में सुनीता के बाल खड़े क्यों रहते थे?
उत्तर: अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता या बहुत कम होता है, जिसे शून्यता (Zero Gravity) कहते हैं। इसलिए वहाँ कोई चीज़ नीचे नहीं गिरती और न ही किसी पर दबाव लगता है। इसी कारण सुनीता के बाल भी नीचे नहीं गिरते थे, बल्कि हर समय खड़े रहते थे।
प्रश्न 13: अंतरिक्ष में सुनीता कैसे सफाई करती थीं?
उत्तर: वहाँ पानी बुलबुलों की तरह उड़ता रहता था। सुनीता उड़ते हुए पानी के बुलबुले को पकड़तीं, फिर कपड़ा गीला करके हाथ-मुँह साफ़ करती थीं।
प्रश्न 14: अंतरिक्ष में खाना कैसे खाते थे?
उत्तर: अंतरिक्ष यात्री उड़ते हुए खाने के कमरे में जाते थे और उड़ते हुए खाने के पैकेटों को पकड़ते थे। फिर उन्हें खोलकर खाते थे। खाना भी खास पैकेटों में बंद होता था ताकि उड़ न जाए।
प्रश्न 15: क्या अंतरिक्ष में एक जगह टिककर बैठा जा सकता है?
उत्तर: नहीं, अंतरिक्ष में हर समय शरीर तैरता रहता है। इसलिए एक जगह टिकने के लिए अपने शरीर को बेल्ट से बाँधना पड़ता है।
प्रश्न 16: अंतरिक्ष में कागज़ और दूसरी चीज़ों को कैसे रखा जाता है?
उत्तर: कागज़ और दूसरी हल्की चीज़ें तैरने लगती हैं। इसलिए उन्हें दीवार या सतह पर बाँधकर या चिपकाकर रखा जाता है।
प्रश्न 17: चित्र देखकर अनुमान लगाने वाले प्रश्न (अगर चित्र दिए गए हों):
(यहाँ आप बच्चे से यह पूछ सकते हैं…)
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इस चित्र में सुनीता क्या कर रही हैं? क्या वह उड़ रही हैं?
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क्या तुम देख पा रहे हो कि खाने के पैकेट कैसे तैर रहे हैं?
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उनके बालों को देखो, क्या वे सीधे हैं या खड़े हैं?
प्रश्न 18: शिक्षक सुझाव:
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बच्चों से पूछें कि अगर वे अंतरिक्ष में जाएँ तो उन्हें क्या-क्या चीज़ें अजीब लगेंगी।
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छोटे-छोटे अनुभव लेखन या चित्रकथा गतिविधि करवा सकते हैं: "अगर मैं अंतरिक्ष में होता/होती तो..."
प्रश्न 19: क्या एक जगह बैठ भी पा रहे हो?
उत्तर: नहीं! जैसे ही हमारा अंतरिक्ष यान पृथ्वी से बाहर निकला, हम सब तैरने लगे। कोई सीट पर नहीं बैठ पाया, सब इधर-उधर हवा में उड़ने लगे।
प्रश्न 20: बालों का क्या हाल है?
उत्तर: मेरे बाल खड़े हो गए! जैसे किसी ने ऊपर खींच दिए हों। सबके बाल हवा में उड़ते-उड़ते अजीब लग रहे थे।
21: बस्ता और किताबें कहाँ घूम रही हैं?
उत्तर: बस्ता, किताबें और पेंसिल सब हवा में तैर रही थीं। हमें उन्हें पकड़ना भी मुश्किल हो रहा था।
प्रश्न 22: टीचर जी क्या कर रही हैं? उनकी चॉक का क्या हुआ?
उत्तर: टीचर जी भी तैरते हुए ब्लैकबोर्ड तक पहुँचीं। उन्होंने जैसे ही चॉक निकाली, चॉक भी उड़ने लगी! फिर उन्होंने चॉक को दीवार पर चिपकाकर लिखा।
प्रश्न 23: आधी छुट्टी में खाना कैसे खाया? पानी कैसे पिया?
उत्तर: खाने के पैकेट उड़ रहे थे, हमने उन्हें पकड़कर खाया। पानी बुलबुले बनकर तैर रहा था। हमने पानी के बुलबुले पकड़कर पिया।
प्रश्न 24: बॉल उछाली तो क्या हुआ?
उत्तर: बॉल नीचे नहीं गिरी। वह सीधी उड़ गई और दीवार से टकरा गई! फिर तैरती रही।
प्रश्न 25: बच्चों के लिए रचनात्मक कार्य:
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बच्चे चित्र बनाकर दिखाएँ कि स्पेसशिप में क्या-क्या उड़ रहा है।
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नाटक या एक्टिंग करके दिखा सकते हैं कि वे कैसे तैर रहे हैं, खाना खा रहे हैं या बस्ता पकड़ रहे हैं।
प्रश्न 26: क्या अब बता सकते हो कि अंतरिक्ष में सुनीता के बाल खड़े क्यों थे?
उत्तर: क्योंकि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता। इसलिए बाल नीचे नहीं गिरते और खड़े हो जाते हैं।
प्रश्न 27: पानी ढलान से नीचे ही क्यों बहता है?
उत्तर: क्योंकि पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति हर चीज़ को नीचे की ओर खींचती है। इसीलिए पानी ऊपर की बजाय नीचे की तरफ बहता है।
प्रश्न 29: सुनीता पृथ्वी से कितनी दूर गई थीं?
उत्तर: सुनीता पृथ्वी से 360 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में गई थीं।
प्रश्न 30: जब सिक्का और कागज को एक साथ गिराया तो क्या हुआ?
उत्तर: सिक्का सीधा नीचे गिरा लेकिन कागज धीरे-धीरे झूलता हुआ नीचे आया। वह सिक्के के साथ नहीं गिरा क्योंकि हवा ने उसे रोक दिया।
प्रश्न 31: जब कागज को सिक्के के ऊपर रखकर गिराया, तो क्या हुआ?
उत्तर: कागज सिक्के के साथ-साथ नीचे गिरा! क्योंकि अब हवा सीधे कागज को नहीं रोक पाई। यह देखकर बहुत अचंभा हुआ।
प्रश्न 32: चूहा हाथी को कैसे ऊपर खींच पाया?
उत्तर: जब हमने कागज के रोल को घुमाया, तो डोरी खिंचने लगी और छोटा पत्थर (जिस पर चूहा बना था) घूमता हुआ बड़े पत्थर (हाथी) को ऊपर खींचने लगा। ऐसा देखकर मज़ा भी आया और आश्चर्य भी!
प्रश्न 33: सुनीता कहती हैं कि अंतरिक्ष से पृथ्वी कैसी दिखती है?
उत्तर: अंतरिक्ष से पृथ्वी बहुत सुंदर और गोल दिखती है। इतनी सुंदर कि उसे देर तक निहारते रहो।
प्रश्न 34: जब सिक्के के ऊपर कागज रखकर गिराया तो वह साथ क्यों गिरा?
उत्तर: क्योंकि सिक्के की वजह से हवा कागज को रोक नहीं पाई। इसलिए वह भी सिक्के के साथ तेज़ी से गिर गया।
प्रश्न 35: क्या तुम्हें लगता है कि चूहा सच में हाथी को खींच सकता है?
उत्तर: नहीं, असली में नहीं! लेकिन खेल में ऐसा लगता है क्योंकि डोरी घूमने पर छोटा पत्थर भी बड़ी चीज़ को ऊपर खींच सकता है।
प्रश्न 36: क्या भारत को पहचान पा रहे हो?
उत्तर: हाँ, फ़ोटो में भारत को एशिया महाद्वीप में पहचान सकते हैं। यह त्रिकोण जैसा दिखता है और समुद्र से घिरा है।
प्रश्न 37: क्या कोई और जगह पहचान पा रहे हो?
उत्तर: हाँ, इसके पास पाकिस्तान, श्रीलंका और अरब सागर भी दिख रहे हैं। कुछ दूरी पर अफ्रीका भी दिखाई देता है।
प्रश्न 38: देखो, समुद्र कहाँ-कहाँ है?
उत्तर: समुद्र भारत के नीचे और बाईं ओर दिखाई देता है। पूरा नीला भाग समुद्र है जो पृथ्वी का बहुत बड़ा हिस्सा घेरे हुए है।
प्रश्न 39: ग्लोब और इस फ़ोटो में क्या कुछ मिलता-जुलता है? क्या कोई फ़र्क भी दिखता है?
उत्तर: हाँ, ग्लोब और फ़ोटो दोनों में पृथ्वी गोल दिखाई देती है और महाद्वीपों और समुद्रों की जगह भी मिलती-जुलती है।
फ़र्क: फ़ोटो असली है और उसमें रंग, बादल और मौसम की झलक मिलती है जबकि ग्लोब एक मॉडल है।
प्रश्न 40: क्या सुनीता अंतरिक्ष से भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बर्मा को अलग-अलग बता सकती थीं?
उत्तर: नहीं, अंतरिक्ष से देशों की सीमाएँ नहीं दिखतीं। बस ज़मीन, पहाड़, जंगल, नदियाँ और समंदर दिखते हैं।
प्रश्न 41: क्या भारत को ढूँढ़ पाए?
उत्तर: हाँ, भारत को ग्लोब पर एशिया महाद्वीप में आसानी से ढूँढ़ा जा सकता है। यह समुद्र से घिरा है।
प्रश्न 42: इसमें समुद्र कहाँ-कहाँ दिख रहा है?
उत्तर: भारत के चारों ओर – दक्षिण में हिंद महासागर, पश्चिम में अरब सागर और पूर्व में बंगाल की खाड़ी दिखती है।
प्रश्न 43: इसमें कौन-कौन से देश तुम देख पाए?
उत्तर: पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, चीन, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका जैसे देश देखे।
प्रश्न 44: भारत जिन देशों के साथ क्रिकेट खेलता है, क्या उन्हें देख पाए?
उत्तर: हाँ, ग्लोब पर इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका जैसे सभी देशों को देख सकते हैं।
प्रश्न 45: क्या पृथ्वी पर लकीरें खिंची होती हैं?
उत्तर: नहीं, असली पृथ्वी पर कोई लकीरें नहीं होतीं। ये लकीरें तो नक्शों और ग्लोब पर देशों और राज्यों को अलग दिखाने के लिए बनाई जाती हैं।
प्रश्न 46: उजैरा अगर हम दिल्ली से राजस्थान जाएँगे तो क्या रास्ते में ज़मीन पर ऐसी लाइनें दिखेंगी?
उत्तर: नहीं, ज़मीन पर कोई लकीरें नहीं बनी होतीं। राज्यों की सीमाएँ सिर्फ नक्शों और ग्लोब पर दिखाई देती हैं। असली ज़मीन पर वे नजर नहीं आतीं।
प्रश्न 47: क्या तुम अपने राज्य को पहचान पाए? नक्शे पर उसका नाम लिखो।
उत्तर: (यह उत्तर विद्यार्थी अपने राज्य के अनुसार लिखेगा, जैसे – "हाँ, मैंने उत्तर प्रदेश को पहचान लिया और नक्शे में उसका नाम लिखा।")
प्रश्न 48: तुम्हारे राज्य से लगे हुए कौन-से राज्य हैं?
उत्तर: (विद्यार्थी अपने राज्य के अनुसार लिखेगा, जैसे –
उत्तर प्रदेश के साथ – बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, दिल्ली।)
प्रश्न 49: क्या तुम कभी किसी और राज्य में गए हो?
उत्तर: (विद्यार्थी अपना अनुभव लिखेगा – जैसे:
"हाँ, मैं राजस्थान गया था। वहाँ की संस्कृति, खाना और कपड़े अलग थे।")
प्रश्न 50: शाहमीर यह सोचता है कि राज्यों के बीच ज़मीन पर लाइन बनी होती है। तुम इस बारे में क्या सोचते हो?
उत्तर: नहीं, ज़मीन पर कोई लाइन नहीं होती। ये लाइनें नक्शों पर बनाकर हमें अलग-अलग राज्य और देश समझाने के लिए बनाई जाती हैं। असली पृथ्वी पर ये दिखाई नहीं देतीं।
प्रश्न 51: तुम भी सिक्का लेकर चाँद को छुपाने की कोशिश करो। सिक्के को आँखों से कितने सेंटीमीटर पर रखकर चाँद को छुपा पाए?
उत्तर: (बच्चों से यह गतिविधि करवाई जाए। औसतन लगभग 25–30 सेंटीमीटर दूर पर सिक्का रखने से चाँद छुप सकता है।)
प्रश्न 52: सोचो – क्या चाँद सिक्के की तरह चपटा होगा या बॉल की तरह गोल?
उत्तर: चाँद बॉल की तरह गोल होता है, सिक्के की तरह चपटा नहीं। वह एक गोल आकृति वाला पिंड है जो पृथ्वी के चारों ओर घूमता है।
प्रश्न 53: क्या तुमने कभी रात में आसमान को गौर से देखा है?
उत्तर: हाँ, रात में चमकते तारे और चाँद बहुत सुंदर लगते हैं। कभी-कभी चाँद बहुत बड़ा दिखता है और कई बार वह बादलों में छुप जाता है।
प्रश्न 54: आज चाँद को देखो और उसका चित्र बनाओ।
उत्तर: आज की तारीख के अनुसार चाँद कैसा दिखता है, उसका चित्र बनाओ। (उदाहरण: आधा चाँद, टेढ़ा-मेढ़ा चाँद, गोला आदि)
प्रश्न 55: तारीखें भरें:
अवधी | तारीख भरें |
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आज की तारीख | 7 अप्रैल 2025 |
एक हफ्ते बाद | 14 अप्रैल 2025 |
15 दिन बाद | 22 अप्रैल 2025 |
हर तारीख को चाँद को देखकर उसका चित्र बनाना है और अंतर देखना है – जैसे कभी पूरा, कभी आधा, कभी बिल्कुल नहीं दिखे।
प्रश्न 56: अगली पूर्णिमा कब है?
उत्तर: अगली पूर्णिमा 23 अप्रैल 2025 को है।
प्रश्न 57: उस दिन चाँद किस समय निकलेगा और कैसा दिखेगा?
उत्तर: 23 अप्रैल को चाँद शाम को लगभग 18:40 बजे निकलेगा और पूरा गोल (पूर्णिमा) होगा।
प्रश्न 58: कौन-कौन-से त्योहार चाँद से जुड़े हैं?
उत्तर:
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करवा चौथ
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ईद
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रक्षाबंधन (श्रावण पूर्णिमा)
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गुरु पूर्णिमा
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होली (फाल्गुन पूर्णिमा)
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शरद पूर्णिमा
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बुद्ध पूर्णिमा
प्रश्न 59: आसमान को ध्यान से 5 मिनट तक देखो। क्या-क्या देख पाए?
उत्तर:
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तारे चमकते हुए दिखे।
-
एक तारा धीरे-धीरे चलता हुआ दिखा – शायद कोई उपग्रह रहा हो।
-
एक छोटा सा तेज़ चमकता तारा अचानक गायब हो गया – यह टूटता तारा हो सकता है।
-
चाँद भी आकाश में साफ़ दिखा।
प्रश्न 60: चलती चीज़ क्या हो सकती है?
उत्तर:
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वह उपग्रह हो सकता है, जो TV, फोन और मौसम की जानकारी देने में मदद करता है।
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यह ISS (International Space Station) भी हो सकता है।
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अगर चमकता हुआ तारा अचानक गिरता हुआ दिखे, तो वह टूटता तारा (meteor) भी हो सकता है।
प्रश्न 61: अक्तूबर को चाँद शाम के कितने बजे निकला?
उत्तर: 28 अक्तूबर को चाँद शाम 7 बजकर 16 मिनट (19:16) पर निकला।
प्रश्न 62: अक्तूबर को चाँद शाम के कितने बजे निकला?
उत्तर: 29 अक्तूबर को चाँद शाम 8 बजकर 17 मिनट (20:17) पर निकला।
प्रश्न 62: अक्तूबर को चाँद निकलने में कितना फ़र्क आया?
उत्तर: चाँद निकलने में 1 घंटा 1 मिनट का फ़र्क आया।
प्रश्न 63: अगर आज चाँद शाम 7 बजे निकला, तो क्या कल भी उतने ही बजे निकलेगा?
उत्तर: नहीं, कल चाँद थोड़ा देर से निकलेगा। हर दिन चाँद निकलने का समय लगभग 50 मिनट से 1 घंटे तक देर से होता है।
प्रश्न 64: अक्तूबर को चाँद डूबने का समय 12:03 है। क्या कभी दिन के 12 बजे चाँद देखा है?
उत्तर: हाँ, कभी-कभी चाँद दिन में भी दिखाई देता है, खासकर पूर्णिमा से पहले और बाद के दिनों में।
प्रश्न 65: दिन में चाँद और तारे साफ़ क्यों नहीं दिखते?
उत्तर: दिन में सूरज की रोशनी बहुत तेज़ होती है। इस वजह से चाँद और तारे की हल्की रोशनी छिप जाती है और हमें दिखाई नहीं देती।
प्रश्न 66: दिन में क्यों छिपते हैं तारे?
उत्तर: सूरज की रोशनी के कारण तारे हमें दिन में नहीं दिखते। वो तो रात में ही चमकते हैं।
प्रश्न 67: रात में क्यों दिखते हैं तारे?
उत्तर: रात को अंधेरा होने पर आसमान साफ़ दिखता है और तारे चमकने लगते हैं।
प्रश्न 68: क्या तारे टिमटिमाते हैं?
उत्तर: हाँ, तारे बहुत दूर होते हैं और उनकी रोशनी हवा में से गुजरती है, इसलिए वो टिमटिमाते हैं।
प्रश्न 69: थ्वी की तस्वीर से जुड़े सवाल
चित्र देखकर बच्चों को खुद से सवाल बनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए। कुछ संभावित सवाल:
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चाँद से पृथ्वी इतनी सुंदर क्यों दिखती है?
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क्या अंतरिक्ष से देश और राज्य दिखते हैं?
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चाँद की सतह कैसी होती है?
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क्या हम भी स्पेस में जाकर ऐसा देख सकते हैं?
प्रश्न 70: बच्चे फिसल पट्टी (स्लाइड) पर नीचे की ओर ही क्यों फिसलते हैं? नीचे से ऊपर क्यों नहीं?
उत्तर: क्योंकि पृथ्वी हमें अपनी ओर खींचती है। इस खिंचाव को ही गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं। इसीलिए स्लाइड पर ऊपर चढ़ने में मेहनत लगती है, और नीचे आना आसान होता है।
प्रश्न 71: अगर यही फिसलन सुनीता के अंतरिक्ष यान में पहुँच जाए, तो क्या ऐसे फिसल सकेंगे? क्यों?
उत्तर: नहीं, अंतरिक्ष यान में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता। वहाँ चीजें तैरती हैं, इसलिए कोई स्लाइड पर फिसल नहीं सकता। शरीर और चीजें हवा में ही तैरने लगती हैं।
प्रश्न 72: तारे ज्यादातर रात में ही क्यों दिखते हैं?
उत्तर: दिन में सूर्य की तेज रोशनी के कारण तारे नहीं दिखते। लेकिन रात को अंधेरा होने पर वे चमकने लगते हैं और साफ दिखाई देते हैं।
प्रश्न 73: सुनीता विलियम्स ने कहा – "अंतरिक्ष से अलग-अलग देश नहीं दिखते। ये लाइनें तो कागज पर ही होती हैं।" इससे तुम क्या समझे?
उत्तर: इसका मतलब है कि देशों की सीमाएँ इंसानों द्वारा बनाई गई हैं, जो असली जमीन पर नहीं होतीं। अंतरिक्ष से पूरी पृथ्वी एक जैसी और सुंदर दिखती है – बिना किसी बँटवारे के।