Chapter 16
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प्रश्न 1: क्या तुमने अपने आस-पास ऐसे दृश्य देखे हैं?
उत्तर: हाँ, मैंने अपने आस-पास कई बार कूड़े के ढेर, गंदी गलियाँ और नालियों की सफाई करते सफाई कर्मचारियों को देखा है। ये दृश्य अक्सर दुखद और अस्वच्छ लगते हैं।
प्रश्न 2: क्या कभी सोचा है, यह काम करना लोगों को कैसा लगता होगा?
उत्तर: यह काम बहुत मुश्किल, थकाऊ और अस्वच्छ होता है। सफाई करने वालों को यह काम मजबूरी में करना पड़ता है और उन्हें अक्सर इज्ज़त से नहीं देखा जाता, जबकि वे समाज के लिए ज़रूरी काम करते हैं। उन्हें यह काम करते समय अपमान, गंध और बीमारी का सामना करना पड़ता है।
प्रश्न 3: ऐसी जगहों की सफाई रखने में हमारी क्या ज़िम्मेदारी है?
उत्तर: हमें अपनी जगह को साफ़ रखने की पूरी ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए:
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कूड़ा कचरेदानी में ही डालें।
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सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी न फैलाएँ।
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सफाई कर्मचारियों का सम्मान करें और उन्हें इंसान की तरह देखें।
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स्वच्छता अभियान में भाग लें।
प्रश्न 4: लोगों को ऐसे काम क्यों करने पड़ते हैं?
उत्तर: अक्सर यह काम कुछ विशेष वर्ग के लोगों को इसलिए करना पड़ता है क्योंकि समाज में उन्हें वर्षों से ऐसा काम करने के लिए मजबूर किया गया है। यह एक सामाजिक अन्याय है जिसे बदलने की ज़रूरत है। कुछ लोग मजबूरी, गरीबी या अवसरों की कमी के कारण भी यह काम करते हैं।
प्रश्न 5: वे कब से यह काम कर रही हैं?
उत्तर: कमला देवी ने बताया कि वे पिछले 18 सालों से सफाई का काम कर रही हैं। उन्होंने यह काम शादी के बाद शुरू किया, जब परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी।
प्रश्न 6: कहाँ तक पढ़ी हैं?
उत्तर: उन्होंने बताया कि वे सिर्फ पाँचवीं कक्षा तक ही पढ़ सकीं। इसके बाद परिवार ने पढ़ाई छुड़वा दी और काम में लगा दिया।
प्रश्न 7: क्या उन्होंने और कोई काम ढूँढ़ने की कोशिश की?
उत्तर: हाँ, उन्होंने एक बार किसी प्राइवेट स्कूल में बाई का काम करने की कोशिश की थी, लेकिन वहाँ उन्हें बहुत कम पैसा और खराब व्यवहार मिला। इसलिए वापस सफाई का ही काम करने लगीं।
प्रश्न 8: क्या उनके परिवार के बड़े-बूढ़े भी यही काम करते थे?
उत्तर: हाँ, उनके माता-पिता और दादा-दादी भी यही काम करते थे। उन्होंने कहा, "हमारे समाज में यही काम होता आया है, इसलिए यही करना पड़ा।"
प्रश्न 9: उनको इस काम में क्या परेशानियाँ आती हैं?
उत्तर:
- लोगों का व्यवहार ठीक नहीं होता।
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सफाई करते समय गंदगी से बीमारियाँ हो जाती हैं।
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छुट्टी नहीं मिलती और पैसा भी बहुत कम मिलता है।
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कोई इज्ज़त नहीं देता, जबकि हम सबसे जरूरी काम करते हैं।
प्रश्न 10: इस चित्र में किस तरह के काम किए जा रहे हैं? पाँच कामों के नाम लिखो:
उत्तर:- फर्श पर झाड़ू लगाना
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कचरा उठाना और डस्टबिन में डालना
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बर्तन साफ़ करना
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टॉयलेट साफ़ करना
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दीवार या खिड़की की सफाई करना
प्रश्न 11:अगर इन पाँच कामों में से तुम्हें करने हों, तो तुम कौन-से काम चुनोगे? क्यों?
मैं ये पाँच काम चुनूँगा/चुनूँगी:
उत्तर:- फर्श पर झाड़ू लगाना – यह साफ-सुथरे माहौल के लिए जरूरी है।
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कचरा डस्टबिन में डालना – इससे बीमारी नहीं फैलती।
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दीवार या खिड़की साफ़ करना – इससे क्लासरूम अच्छा दिखता है।
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बर्तन साफ़ करना – यह घर में भी करना पड़ता है, मुझे आता है।
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पौधों को पानी देना (अगर चित्र में हो) – यह मुझे अच्छा लगता है और पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।
प्रश्न 12: कौन-से पाँच काम मैं नहीं चुनूँगा/चुनूँगी? क्यों?
उत्तर:- टॉयलेट साफ़ करना – मुझे इसकी आदत नहीं है और अभी सीखना होगा।
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नाले की सफाई – यह बहुत गंदा और खतरनाक काम हो सकता है।
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सीवेज साफ़ करना – इसके लिए सुरक्षा उपकरण जरूरी हैं।
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भारी कचरा उठाना – यह मेरे लिए बहुत भारी हो सकता है।
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बिना दस्ताने या मास्क के गंदगी उठाना – यह अस्वस्थ हो सकता है।
प्रश्न 13: तुम्हारी समझ में किस तरह के काम करना लोग पसंद नहीं करते? क्यों?
उत्तर: लोग आमतौर पर ऐसे काम करना पसंद नहीं करते जो बहुत गंदे, कठिन या जिन्हें समाज में "निचला" माना जाता है। जैसे – कचरा उठाना, टॉयलेट साफ़ करना, नाली और सीवेज की सफाई करना।
क्यों?
क्योंकि इन कामों में बदबू आती है, स्वास्थ्य के लिए खतरा होता है और समाज में इन कामों को कम दर्जे का माना जाता है। लोग ऐसे काम करने वालों को इज़्ज़त नहीं देते, जो बहुत ग़लत बात है।
प्रश्न 14: फिर इस तरह के काम कौन करता है? ये लोग ऐसे काम क्यों करते हैं जिन्हें कोई भी करना पसंद नहीं करता?
उत्तर: अक्सर यह काम वही लोग करते हैं जिनके परिवार में पहले से यह काम होता आया है।
क्यों करते हैं?
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क्योंकि उन्हें और कोई नौकरी या अवसर नहीं मिलते।
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शिक्षा की कमी होती है।
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समाज में उन्हें दूसरे कामों के लिए स्वीकार नहीं किया जाता।
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कभी-कभी मजबूरी में और पेट पालने के लिए करते हैं।
प्रश्न 15:अगर कोई भी यह काम न करे तो क्या होगा?
उत्तर:- चारों तरफ गंदगी फैल जाएगी।
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बीमारियाँ फैलने लगेंगी।
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बदबू के कारण रहना मुश्किल हो जाएगा।
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स्कूल, घर और मोहल्ला सब गंदे और अस्वस्थ हो जाएंगे।
प्रश्न 16: यदि एक हफ़्ते तक कोई भी तुम्हारे स्कूल या घर के आस-पास फैला कूड़ा-कचरा साफ़ न करे तो क्या होगा?
उत्तर:- स्कूल आना मुश्किल हो जाएगा।
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कीड़े-मकोड़े और मक्खियाँ बढ़ जाएँगी।
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बीमार होने की संभावना बढ़ेगी।
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हमें खुद को भी गंदगी में रहना पड़ेगा।
प्रश्न 17:कचरा साफ़ करने के कुछ अलग तरीके सोचो, जिससे लोगों को नापसंद काम न करना पड़े:
कुछ नए विचार –
उत्तर:- सफाई रोबोट: जो फर्श, टॉयलेट और नालियाँ साफ़ करें।
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स्वचालित झाड़ू मशीनें: सड़क पर चलने वाली गाड़ियाँ जो कचरा खुद उठा लें।
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स्मार्ट डस्टबिन: जो खुद कचरा पहचानकर अलग-अलग डिब्बों में डाल दें।
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पाइप क्लीनिंग ड्रोन: जो सीवर की सफाई बिना इंसान के करें।
प्रश्न 18: गांधीजी ने भी खुद और अपने साथियों के साथ सफ़ाई का काम करना क्यों शुरू किया होगा? तुम्हें क्या लगता है?
उत्तर: गांधीजी ने खुद सफाई का काम इसलिए करना शुरू किया क्योंकि वे मानते थे कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। वे छुआछूत और भेदभाव के सख्त खिलाफ थे। वे चाहते थे कि लोग समझें – सफाई करना एक ज़िम्मेदारी है और हर किसी को इसे अपनाना चाहिए, ना कि इसे किसी एक समाज के लोगों तक सीमित करना चाहिए। यह उनके बराबरी और आत्मनिर्भरता के सिद्धांत का हिस्सा था।
प्रश्न 19: क्या तुम ऐसे किन्हीं लोगों को जानते हो जो आस-पास के लोगों की कठिनाइयों को आसान करने की कोशिश करते हैं? पता करो।
उत्तर: हाँ, हमारे मोहल्ले में एक "रवि अंकल" हैं जो हर रविवार को बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते हैं, जिनके पास ट्यूशन के पैसे नहीं होते। वे आसपास की सफाई और पौधे लगाने के काम में भी मदद करते हैं। वे हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते हैं।
प्रश्न 20: गांधीजी के आश्रम में आने वाले नए मेहमानों को भी इस काम को सीखना पड़ता था। अगर तुम इन मेहमानों में से होते तो तुम क्या करते?
उत्तर: अगर मैं उन मेहमानों में होता तो मैं भी सफाई का काम सीखता और उसे पूरी मेहनत और समझदारी से करता। क्योंकि यह सिर्फ सफाई का काम नहीं बल्कि समाज में समानता और जिम्मेदारी को समझने का एक तरीका है। इससे मैं यह सीख पाता कि कोई भी काम छोटा नहीं होता और हम सभी को मिलकर समाज को बेहतर बनाना चाहिए।
प्रश्न 21: तुम्हारे घर में 'टॉयलेट' की क्या व्यवस्था है? 'टॉयलेट' घर के अंदर है या बाहर? 'टॉयलेट' कौन साफ करता है?
उत्तर: मेरे घर में टॉयलेट घर के अंदर ही है। हमारे घर में सफाई का काम सभी लोग मिलकर करते हैं, लेकिन ज़्यादातर मम्मी ही टॉयलेट की सफाई करती हैं। हम भी सफाई में उनकी मदद करते हैं।
प्रश्न 22: गाँव में गंदी संडास की तरफ़ से लोटा लेकर आ रहे आदमी ने महादेवभाई के साथ कैसा बर्ताव किया? क्यों?
उत्तर: उस आदमी ने महादेवभाई को ऐसा बोला जैसे सफाई करना सिर्फ उन्हीं का काम हो – "उस तरफ़ ज्यादा गंदगी है, वहाँ सफाई करो।" यह बर्ताव अपमानजनक था, क्योंकि वह मान रहा था कि सफाई का काम सिर्फ कुछ ही लोग करेंगे। उसे आदत हो गई थी कि गंदगी साफ करना उसका नहीं, दूसरों का काम है।
प्रश्न 23: जो लोग टॉयलेट और नालियों वगैरह की सफ़ाई का काम करते हैं, उनसे आम लोगों का किस तरह का बर्ताव होता है? लिखकर समझाओ।
उत्तर: बहुत बार सफाई का काम करने वाले लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता। उन्हें "अलग" या "नीचा" समझा जाता है। लोग उनके काम को गंदा मानते हैं, जबकि वह सबसे ज़रूरी और साफ-सुथरा रखने वाला काम है। उन्हें इज्ज़त नहीं मिलती, जबकि उन्हें सबसे ज़्यादा सम्मान मिलना चाहिए।
प्रश्न 24: नारायण और बाबासाहब के बचपन की बात तो अब कई साल पुरानी है। क्या आज हालात बदल गए हैं?
उत्तर: कुछ हद तक हालात बदले हैं – अब सफाई कामगारों के लिए कानून हैं, शिक्षा के ज़रिए जागरूकता बढ़ी है, और बहुत लोग बराबरी की बात करते हैं। लेकिन अभी भी कई जगहों पर भेदभाव होता है, खासकर गाँवों में। आज भी कुछ बच्चों को स्कूलों में अलग काम करवाया जाता है या मार मिलती है। इसलिए बदलाव अभी अधूरा है हमें और जागरूकता और सम्मान की ज़रूरत है।
प्रश्न 25:तुम्हारे स्कूल की सफ़ाई कौन करता है? क्या-क्या साफ़ करना पड़ता है?
उत्तर: हमारे स्कूल की सफाई स्कूल के सफाई कर्मचारी करते हैं। उन्हें कमरों, टॉयलेट, बरामदे, मैदान और नालियों की सफाई करनी पड़ती है।
प्रश्न 26:क्या तुम्हारे जैसे बच्चे इसमें मदद करते हैं? अगर हाँ, तो किस तरह की?
उत्तर: हाँ, कभी-कभी हम भी कक्षा की सफाई में मदद करते हैं जैसे डेस्क-कुर्सी को ठीक से लगाना, कूड़ा डस्टबिन में डालना, दीवारों पर कुछ न लिखना।
प्रश्न 27: अगर मदद नहीं करते तो क्यों नहीं?
उत्तर: अगर कुछ बच्चे मदद नहीं करते तो यह सोचकर कि यह उनका काम नहीं है, या वे गंदगी से दूर रहना चाहते हैं। कभी-कभी उन्हें ऐसा करने से रोका भी जाता है।
प्रश्न 28:क्या सभी बच्चे सभी तरह के काम करते हैं?
उत्तर: नहीं, सभी बच्चे सभी काम नहीं करते। कई बार कुछ कामों को लेकर भेदभाव होता है – जैसे लड़कियों को झाडू देना और लड़कों को कुर्सियाँ उठवाना।
प्रश्न 29:काम करने के लिए क्या क्लास की पढ़ाई छूट जाती है?
उत्तर: अगर बहुत समय तक सफाई करनी पड़े तो पढ़ाई छूट सकती है, पर यह सही नहीं है। पढ़ाई सभी बच्चों के लिए बराबर ज़रूरी है।
प्रश्न 30: क्या लड़के और लड़कियाँ एक ही तरह के काम करते हैं?
उत्तर: अक्सर ऐसा नहीं होता। समाज में लड़कों और लड़कियों के काम बाँटे जाते हैं, जैसे लड़कियों से घर का काम और लड़कों से बाहर का।
प्रश्न 31: घर में तुम किस तरह के काम करते हो?
उत्तर: मैं घर में झाड़ू-पोंछा में मदद करता हूँ, टेबल लगाता हूँ, बर्तन भी धोने में कभी-कभी मदद करता हूँ।
प्रश्न 32: क्या लड़के-लड़कियों और मर्द-औरतों के किए जाने वाले कामों में समानता है?
उत्तर: अभी भी ज़्यादातर घरों में समानता नहीं है। महिलाएँ घर का काम करती हैं और पुरुष बाहर का। लेकिन धीरे-धीरे यह सोच बदल रही है।
प्रश्न 33: क्या तुम इसमें कुछ बदलाव लाना चाहोगे? किस तरह का?
उत्तर: हाँ, मैं चाहता हूँ कि सभी लोग हर तरह का काम करें – चाहे घर का हो या बाहर का। सब मिलकर काम करेंगे तो किसी पर बोझ नहीं पड़ेगा और सबको बराबरी का अनुभव होगा।
Priyanka Das