Chapter 2

कहानी सँपेरों की| 

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प्रश्नोत्तर

प्र. 1: आर्यनाथ कौन है और वह क्या कर सकता है?
उत्तर: आर्यनाथ एक सँपेरा है। वह बीन बजा सकता है और साँपों को अपनी बीन की धुन पर नचा सकता है। यह कला उसने अपने परिवार से सीखी है।

प्र. 2: आर्यनाथ के दादा का क्या नाम था और वे क्या करते थे?
उत्तर: आर्यनाथ के दादा का नाम रोशननाथ था। वे बहुत मशहूर सँपेरा थे और आसानी से खतरनाक व ज़हरीले साँपों को पकड़ लेते थे।

प्र. 3: आर्यनाथ की जाति का क्या नाम है?
उत्तर: आर्यनाथ की जाति का नाम 'कालबेलिया' है।

प्र. 4: 'नाग गुंफन' का प्रयोग कहाँ और किस काम के लिए किया जाता है?
उत्तर: 'नाग गुंफन' जैसे डिज़ाइन रंगोली, कढ़ाई और दीवारों को सजाने के लिए सौराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में प्रयोग किए जाते हैं।

प्र. 5: शिक्षक बच्चों से किस विषय पर बात कर सकते हैं ताकि कहानी दिलचस्प हो?
उत्तर: शिक्षक किस्सा शुरू करने से पहले बच्चों से साँपों से जुड़े उनके अनुभवों के बारे में बात कर सकते हैं। इससे कहानी और भी दिलचस्प बन सकती है।

प्र. 6: सँपेरे किस तरह जीवन यापन करते थे?
उत्तर: सँपेरे गाँव-गाँव घूमकर साँपों का खेल दिखाते थे। साथ ही वे जंगल से लाई गई जड़ी-बूटियों से बनी दवाइयाँ भी बेचते थे। लोग उन्हें दवाओं के बदले पैसे या अनाज देते थे।

प्र. 7: सँपेरा अपने साथ क्या-क्या रखता था?
उत्तर: सँपेरा अपने कंधे पर काँवड़ जैसी पिटारी और बाँस की टोकरी में साँप रखता था। साथ ही टिन के डिब्बे में दवाइयाँ भी रखता था।

प्र. 8: लेखक ने दवाएँ बनाना किससे सीखा?
उत्तर: लेखक ने दवाएँ बनाना अपने दादाजी से सीखा।

प्र. 9: साँप के काटने पर सँपेरा कैसे पहचान करता था कि किस साँप ने काटा है?
उत्तर: साँप के डंक के निशान से सँपेरा यह पहचानने की कोशिश करता था कि किस साँप ने काटा है।

प्र. 10: क्या सभी साँप ज़हरीले होते हैं?
उत्तर: नहीं, ज़्यादातर साँप ज़हरीले नहीं होते।

प्र. 11: आर्यनाथ के पिता ने उसे क्या सिखाया?
उत्तर: आर्यनाथ के पिता ने उसे साँप के डसने वाले दाँत निकालना और ज़हरीले साँप की ज़हर की नली बंद करना सिखाया।

प्र. 12: पहले के ज़माने में लोग सँपेरों को क्यों इज़्ज़त देते थे?
उत्तर: पहले के समय में सँपेरों की कला और उनकी दवाइयों से लोग लाभ पाते थे, इसलिए लोग उन्हें बहुत इज़्ज़त देते थे।

प्र. 13: अब लोगों का मनोरंजन किससे होता है?
उत्तर: अब लोग ज़्यादातर टी.वी. देखकर मनोरंजन करते हैं।

प्र. 14: सरकार ने कौन-सा कानून बनाया है?
उत्तर: सरकार ने कानून बनाया है कि कोई भी व्यक्ति जंगली जानवरों को पकड़ नहीं सकता और न ही उन्हें अपने पास रख सकता है।

प्र. 15: क्या सँपेरों ने कभी साँपों को मारा या उनकी खाल बेची?
उत्तर: नहीं, सँपेरों ने कभी साँपों को मारा नहीं और न ही उनकी खाल बेची।

बताओ (निजी उत्तर)
(1) क्या तुमने कभी किसी को बीन बजाते देखा है? कहाँ?
हाँ/नहीं, मैंने बीन बजाते देखा है/नहीं देखा। (यह उत्तर विद्यार्थी अपने अनुभव के अनुसार देंगे।)

(2) क्या तुमने कभी साँप देखा है? कहाँ?
हाँ/नहीं, मैंने साँप देखा है/नहीं देखा। (व्यक्तिगत अनुभव)

(3) क्या तुम्हें उससे डर लगा? क्यों?
हाँ/नहीं, मुझे डर लगा क्योंकि साँप ज़हरीले हो सकते हैं।

(4) क्या सभी साँप ज़हरीले होते हैं?
नहीं, सभी साँप ज़हरीले नहीं होते।

(5) साँप बीन की धुन पर क्यों नाचता है?
साँप के बाहरी कान नहीं होते, इसलिए वह बीन की धुन नहीं सुन सकता। वह बीन के हिलने-डुलने की हरकत को देखकर नाचता है।

प्र. 16: साँपों को सँपेरे अपनी बेटी की शादी में तोहफे के रूप में क्यों देते हैं?
उत्तर: साँप सँपेरों की पूँजी होते हैं। वे उन्हें बहुत मूल्यवान मानते हैं, इसलिए वे अपनी अगली पीढ़ी को सौंपते हैं। इस परंपरा के तहत वे बेटियों को शादी में भी तोहफे में साँप देते हैं।

प्र. 17: कालबेलिया नाच में कैसी मुद्राएँ होती हैं?
उत्तर: कालबेलिया नाच में साँप जैसी मुद्राएँ होती हैं।

प्र. 18: आर्यनाथ को दादाजी ने क्या सलाह दी?
उत्तर: दादाजी ने आर्यनाथ को सलाह दी कि वह अपने साथियों के साथ बीन पार्टी बनाकर लोगों का मनोरंजन करे और पीढ़ियों से मिली साँपों की जानकारी को व्यर्थ न जाने दे।

प्र. 19: बीन पार्टी में कौन-कौन से बाजे होते हैं?
उत्तर: बीन पार्टी में बीन, तुम्बा, खंजरी और ढोल होते हैं।

प्र. 20: साँप किसानों के दोस्त कैसे होते हैं?
उत्तर: साँप चूहों को खाते हैं, जो खेतों में फसल को नुकसान पहुँचाते हैं। इसीलिए साँप किसानों के दोस्त कहलाते हैं।

प्र. 21: साँपों के प्रति लोगों को कौन-कौन सी बातें बतानी चाहिए?
उत्तर: लोगों को बताना चाहिए कि साँपों से डरने या नफ़रत करने की ज़रूरत नहीं है, कैसे जहरीले साँपों को पहचाना जा सकता है और साँपों का पर्यावरण में क्या महत्त्व है।

प्र.22. क्या तुमने कभी जानवरों के खेल या नाच होते देखे हैं? जैसे- सरकस में, सड़क पर, पार्क में। कब और कहाँ देखा? किस जानवर का खेल देखा?
उत्तर: हाँ, मैंने एक बार मेले में बंदरों का खेल देखा था। यह गाँव के एक मेले में था। वहाँ एक आदमी बंदरों को तरह-तरह की हरकतें करवाकर लोगों को दिखा रहा था। बंदर टोपी पहनकर नाच रहा था और झूल रहा था।

प्र.23. जानवरों के प्रति लोगों का क्या व्यवहार था?
उत्तर: कुछ लोग जानवर को देखकर खुश हो रहे थे और ताली बजा रहे थे, लेकिन कुछ लोग उसे देखकर चिल्ला रहे थे और जोर-जोर से हँस रहे थे।

प्र.24. क्या कोई जानवर को परेशान भी कर रहा था? कैसे?
उत्तर: हाँ, बंदर वाला आदमी उसे डंडे से डराकर खेल करवा रहा था। अगर बंदर कुछ गलत करता, तो उसे डांटता और कभी-कभी हल्के से मारता भी था।

प्र.25. वह खेल देखकर तुम्हारे दिमाग में किस-किस तरह के सवाल उठे?
उत्तर: मेरे मन में यह सवाल आया कि क्या जानवर को जबरदस्ती सिखाया जाता है? क्या उसे दर्द नहीं होता? क्या उसे ऐसे खेल करने में मजा आता होगा? क्या यह सही है?

प्र.26. मान लो, तुम एक जानवर हो, जो कैद में है। अब तुम इन वाक्यों को पूरा करो:

मुझे डर लगता है जब
...कोई मुझे डांटता है या डंडा दिखाता है।

मेरी इच्छा है कि मैं
...खुले जंगल में अपने परिवार के साथ रह सकूँ।

मैं उदास होता हूँ जब
...लोग मेरी आज़ादी छीन लेते हैं और मुझे नचाते हैं।

अगर मुझे मौका मिलता तो मैं
...कैद से भागकर जंगल चला जाता और आज़ादी से जीता।

मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं
...जब लोग मुझे ताली बजाकर हँसी का साधन बनाते हैं।

प्र.25. सँपेरों के अलावा और कौन-कौन लोग अपनी रोजी-रोटी के लिए जानवरों पर निर्भर होते हैं?
उत्तर: सँपेरों के अलावा दूध बेचने वाले लोग गाय और भैंस पालकर अपना जीवन यापन करते हैं। किसान बैल का उपयोग खेत जोतने के लिए करते हैं। ताँगे वाले लोग घोड़ा रखते हैं। कुछ लोग बकरियाँ पालकर दूध और मांस बेचते हैं। मुर्गीपालक लोग अंडों और मांस के लिए मुर्गियाँ पालते हैं। मछुआरे मछलियाँ पकड़कर अपनी आजीविका चलाते हैं। ऊँट और हाथी पालने वाले भी पर्यटन या माल ढोने के काम से कमाते हैं।

प्र 26: क्या जानवरों को रखने के लिए अलग जगह है?
उत्तर: हाँ, घर के पीछे एक छोटा-सा गोठ (गाय का बाड़ा) बना हुआ है, वहीं सब जानवर रहते हैं। वहाँ उनके खाने-पीने और साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है।

प्र 27:  जानवरों की देखभाल कौन करता है?
उत्तर: जानवरों की देखभाल घर के सभी सदस्य मिलकर करते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह जिम्मेदारी घर के बुजुर्ग या पशुपालक की होती है।

प्र.28: वे क्या खाते हैं?
उत्तर: गाय और भैंस भूसा, चारा, हरी घास और खली खाते हैं। मुर्गियाँ अनाज, चावल, और चूजे वाला खाना खाती हैं।

प्र.29: क्या कभी जानवर बीमार भी पड़ते हैं? तब पालने वाला क्या करता है?
उत्तर: हाँ, कभी-कभी जानवर बीमार पड़ते हैं। तब पालने वाला उन्हें नज़दीकी पशु चिकित्सालय ले जाता है या डॉक्टर को घर बुलाता है और दवा दिलवाता है।

प्र.30: जानवरों की सफाई और नहाने की व्यवस्था कैसी होती है?
उत्तर: उन्हें रोज़ साफ़ पानी से नहलाया जाता है और उनका बाड़ा साफ़ रखा जाता है ताकि वे बीमार न पड़ें।

प्र.31: क्या जानवरों के लिए टीकाकरण करवाते हैं?
उत्तर: हाँ, जानवरों को समय-समय पर सरकारी पशु डॉक्टर द्वारा टीके भी लगवाए जाते हैं।

प्र.32: क्या जानवरों से प्यार करते हैं?
उत्तर: हाँ, पालक जानवरों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं और बहुत प्यार करते हैं।

प्रश्न.33: सरकार ने कानून बना दिया है कि न तो कोई जंगली जानवरों को पकड़ सकता है और न ही उन्हें अपने पास रख सकता है। तुम्हें क्या लगता है – क्या यह कानून सही है या नहीं?
उत्तर: हाँ, मुझे लगता है कि यह कानून बिल्कुल सही है। जंगली जानवरों की अपनी आज़ादी है। उन्हें पकड़कर पिंजरे में रखना या उनसे काम करवाना उनके साथ अन्याय है। कुछ लोग जानवरों को मारकर उनकी खाल बेचते हैं, जो गलत है। ऐसे कानून से जानवरों की रक्षा होती है और पर्यावरण का संतुलन बना रहता है।


Priyanka Das