Chapter 13 
 बसेरा ऊँचाई पर 

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प्रश्न 1: 'लोनर' कौन है?

उत्तर: 'लोनर' गौरव जानी की मोटरसाइकिल का नाम है। यह उनकी यात्रा की साथी है।

प्रश्न 2: गौरव जानी और लोनर कहाँ से यात्रा शुरू करते हैं?

उत्तर: गौरव जानी और लोनर ने अपनी यात्रा मुंबई से शुरू की।

प्रश्न 3: गौरव जानी को किस चीज़ का शौक है?

उत्तर: गौरव जानी को अपने सुंदर देश के अलग-अलग इलाकों में घूमने का बहुत शौक है।

प्रश्न 4: यात्रा की तैयारी में उन्होंने क्या-क्या सामान लिया?

उत्तर: उन्होंने टेंट, प्लास्टिक की शीट, स्लीपिंग बैग, गर्म कपड़े, खराब न होने वाला खाना, कैमरा, पेट्रोल के डिब्बे आदि साथ लिए।

प्रश्न 5: मुंबई से दिल्ली तक की दूरी कितनी है और गौरव ने कितने दिनों में तय की?

उत्तर: मुंबई से दिल्ली की दूरी लगभग 1400 किलोमीटर है, जिसे उन्होंने तीन दिनों में तय किया।

प्रश्न 6: गौरव को दिल्ली कैसी लगी?

उत्तर: गौरव को दिल्ली भी मुंबई जैसी ही लगी – भीड़भाड़ और एक जैसे शहरों से वे ऊब चुके थे।

प्रश्न 7: 'लोनर' का मतलब क्या है और यह नाम क्यों रखा गया?

उत्तर: 'लोनर' का अर्थ है – अकेला रहने वाला। उन्होंने यह नाम मोटरसाइकिल को इसलिए दिया क्योंकि वह अक्सर अकेली सफर करती है, लेकिन गौरव हमेशा उसके साथ रहते हैं।

प्रश्न 8: गौरव ने लंबी यात्रा पर क्यों निकलने का फैसला किया?

उत्तर: गौरव एक जैसे शहरों से थक गए थे और कुछ नया, रोमांचक अनुभव करना चाहते थे। उन्हें घूमने का बहुत शौक था।

प्रश्न 9: गौरव जानी को आने वाले दिनों में किस तरह के घर देखने की कल्पना थी?

उत्तर: गौरव जानी को लकड़ी के बने, ढलवाँ छत वाले और बर्फ से ढँके घरों की कल्पना थी, जैसे उन्होंने किताबों में देखे थे।

प्रश्न 10: दिल्ली के बाद गौरव जानी कहाँ पहुँचे?

उत्तर: दिल्ली के बाद गौरव जानी मनाली पहुँचे।

प्रश्न 11: मनाली कैसा क्षेत्र है – मैदानी या पहाड़ी? और यह किस राज्य में स्थित है?

उत्तर: मनाली एक पहाड़ी क्षेत्र है और यह हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित है।

प्रश्न 12: गौरव जानी को यात्रा के दौरान क्या ज़रूरतें थीं?

उत्तर: गौरव जानी को भरपेट खाना और रात की ठंड से बचने के लिए एक टेंट की ज़रूरत थी।

प्रश्न 13: गौरव की टेंट में कितनी जगह थी?

उत्तर: गौरव की टेंट में केवल इतनी ही जगह थी कि वे उसमें सो सकें।

प्रश्न 14: गौरव हर सुबह कैसे जागते थे?

उत्तर: गौरव हर सुबह ठंडी हवा और चिड़ियों की चहक से जागते थे।

प्रश्न 15: गौरव जानी ने दिल्ली से लद्दाख तक किस राज्य से होकर यात्रा की?

उत्तर: गौरव ने दिल्ली से जम्मू-कश्मीर राज्य के कठिन रास्तों से होते हुए लद्दाख के लेह तक यात्रा की।

प्रश्न 16:मुंबई से कश्मीर जाने के रास्ते में कौन-कौन से राज्य आते हैं?

उत्तर: मुंबई से कश्मीर जाते हुए निम्नलिखित राज्य आते हैं:

  1. महाराष्ट्र

  2. गुजरात

  3. राजस्थान

  4. हरियाणा

  5. दिल्ली

  6. पंजाब

  7. हिमाचल प्रदेश (मनाली)

  8. जम्मू-कश्मीर

प्रश्न 17: गौरव जानी जिन राज्यों से गुज़रे, उनकी राजधानियाँ क्या हैं?

  1. महाराष्ट्र – मुंबई

  2. गुजरात – गांधीनगर

  3. राजस्थान – जयपुर

  4. दिल्ली – नई दिल्ली 

प्रश्न 18: गौरव जानी और लोनर आखिरकार कहाँ पहुँचे? यह इलाका कैसा था?

उत्तर: गौरव जानी और लोनर लेह पहुँचे, जो लद्दाख का हिस्सा है। यह इलाका एक ठंडा रेगिस्तान है – सूखा, समतल और बर्फ़ से ढँके पहाड़ों वाला।

प्रश्न 19: लद्दाख में बारिश कितनी होती है?

उत्तर: लद्दाख में बहुत ही कम बारिश होती है।

प्रश्न 20: लेह शहर के घर कैसे थे?

उत्तर: लेह शहर में सफ़ेद पत्थर से बने, सुंदर और मजबूत घर थे। ये शांत गली में स्थित थे।

प्रश्न 21 : ताशी का घर कैसा था?

उत्तर: ताशी का घर दो मंज़िला था। यह पत्थरों को काटकर और एक के ऊपर एक रखकर बनाया गया था। उस पर मिट्टी और चूने से पुताई की गई थी। अंदर से घर छप्पर जैसा लगता था, और हर जगह घास-फूस पड़ी थी।

प्रश्न 22: ताशी और उसका परिवार किस मंज़िल पर रहता था? नीचे कौन रहता था?

उत्तर: ताशी और उसका परिवार ऊपर की मंज़िल पर रहता था और नीचे की मंज़िल पर जानवरों के रहने की जगह थी।

प्रश्न 23: लद्दाख को ‘ठंडा रेगिस्तान’ क्यों कहा गया है?

उत्तर: क्योंकि वहाँ बहुत कम बारिश होती है, जमीन सूखी है, और तापमान बहुत ठंडा रहता है। वहाँ पेड़-पौधे भी नहीं उगते।

प्रश्न 24: क्या तुम कभी टेंट में रहे हो? कहाँ? कैसा अनुभव था?

उत्तर: छात्र स्वयं अपने अनुभव के अनुसार दे सकते हैं। यदि नहीं रहे हैं तो कल्पना से लिखें।

प्रश्न 25: मान लो, तुम्हें पहाड़ पर अकेले दो दिन रहना हो और सिर्फ़ 10 चीजें साथ ले जा सकते हो, तो वे कौन सी होंगी?

उत्तर: उदाहरणस्वरूप:

  1. टेंट

  2. स्लीपिंग बैग

  3. गर्म कपड़े

  4. टॉर्च और बैटरियाँ

  5. पीने का पानी

  6. सूखा भोजन

  7. फर्स्ट ऐड बॉक्स

  8. मोबाइल फोन और चार्जर

  9. चाकू या मल्टीटूल

  10. माचिस या लाइटर

प्रश्न 26: तुमने किस-किस तरह के घर देखे हैं? उनके बारे में बताओ और चित्र बनाओ।

उत्तर: उदाहरणस्वरूप:

  • ईंट-पत्थर के पक्के घर

  • कच्चे मिट्टी के घर

  • झोंपड़ी या टीन की छत वाले घर

  • फ्लैट या अपार्टमेंट

  • लकड़ी के घर (पहाड़ी इलाकों में) 

प्रश्न 27: ताशी के इलाके के लोग सर्दियों में नीचे की मंज़िल पर रहते हैं। वे ऐसा क्यों करते होंगे?

उत्तर: ताशी के इलाके में बहुत ज्यादा ठंड पड़ती है। सर्दियों में नीचे की मंज़िल पर जानवर भी रहते हैं और वहां कोई खिड़की नहीं होती, जिससे ठंडी हवा अंदर न आ सके। जानवरों की गर्मी और बंद जगह की वजह से नीचे की मंज़िल थोड़ी गर्म रहती है, इसलिए लोग वहीं रहते हैं।

प्रश्न 28: ताशी के घर की छत कैसी थी और वह किन-किन कामों के लिए इस्तेमाल होती थी?

उत्तर: ताशी के घर की छत समतल थी। वहाँ गर्मियों में:

  • फल-सब्ज़ियाँ सुखाई जाती थीं (जैसे लाल मिर्च, सीताफल, मक्का)।

  • धान के ढेर और उपले भी सुखाए जाते थे।
    यह सब ठंड के समय काम आते थे, जब फल-सब्ज़ियाँ मिलना मुश्किल होता था।

प्रश्न 29: यह सब सुखाने का काम किन महीनों में होता होगा और क्यों?

उत्तर: यह काम गर्मियों के महीनों (जैसे मई, जून, जुलाई) में होता होगा क्योंकि उस समय तेज धूप होती है। सर्दियों में धूप कम होती है और तापमान बहुत नीचे चला जाता है, जिससे चीज़ें जल्दी सूखती नहीं।

प्रश्न 30: तुम्हारे घर की छत कैसी है? तुम्हारे यहाँ छत किन-किन कामों के लिए इस्तेमाल होती है?

उत्तर: मेरे घर की छत समतल है। हमारे यहाँ छत का इस्तेमाल:

  • कपड़े सुखाने

  • धूप लेने

  • त्योहारों के समय पतंग उड़ाने

  • गर्मी की रातों में सोने

  • और कभी-कभी सब्जियाँ या उपले सुखाने के लिए किया जाता है। 

प्रश्न 31: तुम जिस इलाके में रहते हो, वह कितनी ऊँचाई पर है?

उत्तर: मैं मैदानी इलाके में रहता हूँ। मेरा इलाका समुद्र तल से लगभग 200 मीटर की ऊँचाई पर है।

प्रश्न 32: गौरव जानी ने ऐसा क्यों कहा 'इतनी ऊँचाई पर साँस लेने में भी मुश्किल हो रही थी'?

उत्तर: गौरव जानी 5000 मीटर की ऊँचाई पर थे। इतनी ऊँचाई पर हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इसलिए शरीर को सांस लेने में मुश्किल होती है, सिर दर्द होता है और कमजोरी महसूस होती है।

प्रश्न 33: क्या तुम कभी पहाड़ी इलाके में गए हो? कहाँ?

उत्तर: हाँ, मैं शिमला/नैनीताल/मनाली (या कोई और पहाड़ी जगह) गया हूँ।
वहाँ बहुत ठंड थी और चारों ओर पहाड़ थे।

प्रश्न 34: वह कितनी ऊँचाई पर था? क्या वहाँ साँस लेने में तुम्हें भी परेशानी आई?

उत्तर: मनाली जैसे शहर समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर की ऊँचाई पर हैं। वहाँ थोड़ी सी चढ़ाई करते समय थकावट ज्यादा होती है, लेकिन साँस लेने में बहुत अधिक परेशानी नहीं होती।
लेकिन बहुत ऊँचाई (जैसे 4000 मीटर से ऊपर) पर जाना हो तो साँस लेने में दिक्कत हो सकती है।

प्रश्न 35: तुम ज़्यादा-से-ज़्यादा कितनी ऊँचाई तक गए हो?

उत्तर: मैं अधिकतम 3000 मीटर तक गया हूँ, जब हम परिवार के साथ रोहतांग पास गए थे। 

प्रश्न 36: चांगपा कौन हैं?

उत्तर: चांगपा लद्दाख के चांगथांग इलाके में रहने वाले घुमंतू लोग हैं। ये एक जगह पर स्थायी रूप से नहीं रहते, बल्कि अपनी भेड़-बकरियों के झुंड को लेकर हरे मैदानों की तलाश में घूमते रहते हैं।

प्रश्न 37: चांगपा लोग किन जानवरों को पालते हैं और क्यों?

उत्तर: चांगपा लोग विशेष प्रकार की बकरियाँ पालते हैं जिनके नरम और गर्म बालों से दुनिया की प्रसिद्ध पश्मीना ऊन बनती है। इसके अलावा वे भेड़, याक और घोड़े भी पालते हैं जो उनके टेंट खींचने, सामान ढोने और खाद्य सामग्री देने में मदद करते हैं।

प्रश्न 38: चांगपा लोगों का जीवन कैसा होता है?

उत्तर: चांगपा लोग बहुत ही कठिन हालातों में, ऊँचाई वाले और ठंडे इलाकों में रहते हैं। वे अपना पूरा घर और सामान याक और घोड़ों पर लादकर चलते हैं और ढाई घंटे में अपना डेरा समेटकर दूसरी जगह पहुँच जाते हैं। ये लोग 'रेबो' नामक टेंट में रहते हैं, जो याक के बालों से बनाए गए होते हैं और बहुत गर्म और मज़बूत होते हैं।

प्रश्न 39: चांगपा लोग 'रेबो' टेंट कैसे बनाते हैं?

उत्तर: चांगपा लोग याक के बालों से मोटी पट्टियाँ बुनते हैं, फिर उन पट्टियों को सिलकर जोड़कर बड़ा तीकोना टेंट बनाते हैं जिसे वे 'रेबो' कहते हैं। ये टेंट ठंड से बचाने वाले, मजबूत और आसानी से ले जाने योग्य होते हैं।

प्रश्न 40: चांगपा लोग ऊँचाई पर रहना क्यों पसंद करते हैं?

उत्तर: ऊँचाई पर ठंड अधिक होती है जिससे बकरियों के बाल ज्यादा और नरम होते हैं, जिससे अच्छी पश्मीना ऊन मिलती है। यही उनकी रोजी-रोटी का साधन है। इसलिए वे कठिन जीवन होते हुए भी ऊँचाई पर रहना पसंद करते हैं। 

प्रश्न 41: पशमीना ऊन क्या है और यह किससे बनता है?

उत्तर: पश्मीना ऊन बहुत ही बारीक, नरम और गर्म ऊन होती है, जो पहाड़ी बकरियों की एक खास नस्ल से प्राप्त होती है। ये बकरियाँ लगभग 5000 मीटर ऊँचाई पर रहती हैं जहाँ का तापमान बहुत ठंडा (-40°C तक) होता है। इस ठंड से बचने के लिए इनके शरीर पर बहुत पतले और गर्म बाल उगते हैं जो गर्मियों में झड़ जाते हैं।

प्रश्न 42: पशमीना ऊन से बनी शॉल की खासियत क्या है?

उत्तर: एक पशमीना शॉल में छह स्वेटरों जितनी गर्मी होती है, फिर भी वह बहुत हल्की और पतली होती है। उसके बाल इतने पतले होते हैं कि छह बाल मिलाकर भी एक सिर के बाल के बराबर मोटाई होती है।

प्रश्न 43: पशमीना शॉल कैसे बनाई जाती है?

उत्तर: पश्मीना शॉल हाथों से बुनी जाती है क्योंकि यह इतनी बारीक होती है कि मशीन से नहीं बुनी जा सकती। एक साधारण पशमीना शॉल को तैयार करने में एक बुनकर को लगभग 250 घंटे लगते हैं।

प्रश्न 44: चांगपा लोग 'रेबो' टेंट कैसे बनाते हैं?

उत्तर:‘रेबो’ टेंट याक के बालों से बनी पट्टियों को सिलकर बनाए जाते हैं। टेंट लगाने से पहले 2 फुट गहरा गड्ढा खोदा जाता है और उसके चारों ओर ऊँची जमीन पर टेंट बाँधा जाता है। टेंट में धुँआ निकालने के लिए बीच में एक छेद होता है और यह तेज़ ठंडी हवाओं से बचाने के लिए खास तरीके से बनाया जाता है।

प्रश्न 45: 'रेबो' टेंट की खासियत क्या है?

उत्तर:

  • यह बहुत मजबूत और गर्म होता है।

  • इसमें आराम से खड़ा हुआ जा सकता है

  • अंदर का आकार एक कमरे जितना बड़ा होता है।

  • इसका डिज़ाइन हजारों साल पुराना है और ठंड से बचाने के लिए एकदम उपयुक्त है। 

प्रश्न 46: चांगपा 'लेखा' क्या है?

उत्तर: 'लेखा' भेड़-बकरियों को रखने की जगह होती है। इसकी दीवारें पत्थरों और चट्टानों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर बनाई जाती हैं। जानवरों को पहचानने के लिए चांगपा लोग उनके शरीर पर खास निशान बनाते हैं।

प्रश्न 47: चांगपा महिलाओं और लड़कियों का क्या काम होता है?

उत्तर: चांगपा समुदाय में रोज़ सुबह महिलाएँ और जवान लड़कियाँ जानवरों को ‘लेखा’ से बाहर निकालकर गिनती करती हैं और उन्हें चराने ले जाती हैं। यह उनका रोज़ का काम होता है।

प्रश्न 48: क्या कोई जानवर तुम्हारी जिंदगी का हिस्सा हैं? पाँच उदाहरण लिखो।

उत्तर :

  1. गाय – दूध देती है, जिससे हम दूध, दही और घी प्राप्त करते हैं।

  2. भैंस – खेतों में हल चलाने और दूध देने के काम आती है।

  3. कुत्ता – घर की रखवाली करता है और परिवार का सदस्य बन जाता है।

  4. बकरी – दूध और माँस के लिए पाली जाती है।

  5. ऊँट – रेगिस्तानी इलाकों में सामान ढोने और सवारी के लिए उपयोग होता है।

प्रश्न 49:भेड़-बकरियों को अपने शरीर के बाल की ज़रूरत क्यों होती है?

उत्तर: हाँ, भेड़-बकरियों को अपने शरीर के बालों की ज़रूरत होती है क्योंकि ये बाल उन्हें सर्दी से बचाते हैं। खासकर ठंडी जगहों में रहने वाली भेड़-बकरियों के बाल बहुत नरम और घने होते हैं, जो उन्हें -40°C जैसी ठंड में गर्म रखते हैं। गर्मियों में जब उन्हें बालों की ज़रूरत नहीं होती, तब वे खुद-ब-खुद झड़ जाते हैं।

प्रश्न 50: ऐसे कौन-कौन से शहर हैं जिनका तापमान 0°C से कम हो जाता है?

उत्तर : लेह (लद्दाख) – भारत

  1. श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – भारत

  2. मनाली (हिमाचल प्रदेश) – भारत

  3. शिमला (हिमाचल प्रदेश) – भारत

  4. मसूरी (उत्तराखंड) – भारत

  5. मिनेसोटा (USA) – अमेरिका

  6. मास्को (Russia) – रूस

  7. ओस्लो (Norway) – नार्वे

प्रश्न 51:ऐसे तापमान की खबरें तुम्हें किन महीनों में देखने को मिलेंगी?

उत्तर: ऐसी ठंड की खबरें आमतौर पर दिसंबर से फरवरी के महीनों में देखने को मिलती हैं, जब ठंड अपने चरम पर होती है। 

प्रश्न 52: लेखक ने श्रीनगर में किस खास अनुभव का ज़िक्र किया है?

उत्तर: लेखक ने श्रीनगर में पानी पर रहने का अनुभव बताया है। वहाँ के लोग डल झील में बने हाउसबोट और शिकारे में रहते और घूमते हैं, जो श्रीनगर की खास पहचान हैं।

प्रश्न 53: जम्मू-कश्मीर में घर कैसे होते हैं?

उत्तर: जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में घर वहाँ के मौसम और जरूरतों के अनुसार बनाए जाते हैं

  • लेह में घर ठंड से बचाने के लिए होते हैं – मोटी दीवारें, लकड़ी की छतें।

  • श्रीनगर में पानी पर घर (हाउसबोट) होते हैं।

  • और जम्मू में साधारण ईंट-पत्थर वाले पक्के घर दिखाई देते हैं।

प्रश्न 54: लेखक ने किन-किन घरों की तुलना की है?

उत्तर: लेखक ने लेह, श्रीनगर और मुंबई के घरों की तुलना की है।

  • लेह के घर ठंडी जलवायु के अनुसार बनाए जाते हैं।

  • श्रीनगर में पानी पर घर और शिकारे होते हैं।

  • मुंबई में ईंट, सीमेंट और स्टील से बने आम पक्के घर होते हैं।

प्रश्न 55: लेखक ने कश्मीर की किस खास बेकरी का जिक्र किया है?

उत्तर: कश्मीर की स्थानीय बेकरी दुकानों का ज़िक्र किया है, जहाँ लोग रोज़मर्रा की रोटी और अन्य बेकरी चीजें खरीदते हैं। कश्मीरी लोग अक्सर घर पर रोटियाँ नहीं बनाते, बल्कि बेकरी से खरीदते हैं। 

प्रश्न 56: हाउसबोट क्या होते हैं और इनकी क्या विशेषताएँ हैं?

उत्तर: हाउसबोट लकड़ी से बने पानी पर तैरते घर होते हैं।

  • ये लगभग 80 फुट लंबे और 8–9 फुट चौड़े होते हैं।

  • इनकी भीतर की छत पर सुंदर लकड़ी की नक्काशी होती है।

  • हाउसबोट में भी मकान की तरह अलग-अलग कमरे होते हैं।

  • इनका डिजाइन ‘खतमबंद’ कहलाता है, जो जिग्स पज़ल जैसा दिखता है।

प्रश्न 57: श्रीनगर के डोंगे कैसे होते हैं और कौन उनमें रहते हैं?

उत्तर: डोंगे लकड़ी की नाव जैसे घर होते हैं जो पानी पर तैरते रहते हैं

  • इनमें अलग-अलग कमरे होते हैं, जैसे एक घर में होते हैं।

  • कई परिवार झेलम नदी और डल झील में इन डोंगों में रहते हैं।

प्रश्न 58: कश्मीर के गाँवों में किस तरह के घर होते हैं?

उत्तर: कश्मीर के गाँवों में घर:

  • पत्थरों को काटकर, एक-दूसरे के ऊपर रखकर बनाए जाते हैं।

  • पत्थरों पर मिट्टी की पुताई की जाती है और लकड़ी का भी उपयोग होता है।

  • इनकी छतें ढलवाँ (तिरछी) होती हैं ताकि बर्फ या पानी टिके नहीं।

प्रश्न 59: ‘डब’ क्या है और इसका उपयोग क्या होता है?

उत्तर: डब’ कश्मीर के पुराने घरों की एक खास किस्म की जालीदार खिड़की होती है।

  • ये बाहर की ओर उभरी होती हैं।

  • इसमें बैठकर लोग बाहर का नज़ारा देख सकते हैं।

प्रश्न 60: श्रीनगर के पुराने घरों की कौन-सी खास बातें हैं?

उत्तर:

  • ये घर पत्थर, ईंट और लकड़ी से मिलकर बने होते हैं।

  • दरवाजों और खिड़कियों पर सुंदर मेहराब (आर्क डिजाइन) बनाए जाते हैं।

  • इनमें लकड़ी की नक्काशी और पारंपरिक डिजाइनों का सुंदर उपयोग होता है।

प्रश्न 61: क्या तुम्हारे इलाके में भी लकड़ी या पत्थर से बने घर होते हैं? वहाँ के घरों की क्या खासियत है?

उत्तर : हाँ/नहीं – (बच्चों के स्थान के अनुसार उत्तर भिन्न हो सकता है)।
अगर होते हैं, तो वे अधिकतर ठंडी जगहों पर होते हैं। इनसे घर गरम रहते हैं और बरसात/बर्फ में भी सुरक्षित होते हैं।

प्रश्न 62: क्या तुम्हारे इलाके में भी अलग-अलग तरह के घर हैं? अगर हाँ, तो इसके कारण सोचो।

उत्तर: हाँ, मेरे इलाके में भी अलग-अलग तरह के घर हैं।
इसके कारण:

  • कुछ लोग ईंट और सीमेंट से घर बनाते हैं क्योंकि यह मजबूत होता है।

  • गाँव में कई लोग मिट्टी, पत्थर और लकड़ी से घर बनाते हैं क्योंकि ये वहाँ आसानी से मिलते हैं और सस्ते होते हैं।

  • अमीर लोग मल्टीस्टोरी पक्के घर बनाते हैं और गरीब लोग छोटे झोंपड़े

प्रश्न 63: तुम्हारे घर में क्या कोई खास बात है?

उत्तर : मेरे घर की खास बात यह है कि:

  • हमारे घर की छत ढलवाँ है ताकि बारिश का पानी जमा न हो।

  • एक बड़ा बरामदा है जहाँ हम गर्मियों में सोते हैं और धूप में अचार या कपड़े सुखाते हैं।

  • घर के आस-पास पेड़-पौधे लगे हैं जिससे ठंडक मिलती है।

प्रश्न 64: घर बनाने के लिए किन चीजों का इस्तेमाल हुआ है?

उत्तर: हमारे घर के निर्माण में इन चीजों का उपयोग हुआ है:

  • ईंट, सीमेंट, लोहा, लकड़ी और टाइल्स।
    (या: मिट्टी और गोबर, अगर मिट्टी का घर है)

प्रश्न 65: बकरवाल और चांगपा लोगों की जिंदगी में कौन-सी बातें मिलती-जुलती हो सकती हैं? और क्या फ़र्क है?

उत्तर:

बातेंचांगपाबकरवाल
जीवनशैलीघुमंतूघुमंतू
पालतू जानवरखास नस्ल की बकरियाँबकरियाँ, भेड़
रहने की जगह'रेबो' टेंटलकड़ी-मिट्टी के घर (गर्मियों में)
समयसालभर ऊँचाई पर रहते हैंगर्मियों में ऊँचाई पर जाते हैं
मुख्य उद्देश्यपशमीना ऊनबकरियाँ चराना

दोनों समुदाय घूम-घूमकर अपने जानवरों के साथ रहते हैं और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं।

प्रश्न 66: जम्मू-कश्मीर के घर वहाँ के लोगों की जरूरत के अनुसार कैसे बने हैं?

उत्तर: जम्मू-कश्मीर के घर वहाँ की जलवायु और जीवनशैली के अनुसार बने हैं:

  • ठंडे मौसम से बचने के लिए घरों में लकड़ी की नक्काशीदार छत और दीवारें होती हैं।

  • हाउसबोट पानी पर रहने वाले लोगों के लिए।

  • डोंगे में रहने वाले लोग झीलों में जीवन व्यतीत करते हैं।

  • रेबो टेंट चलायमान जीवनशैली वाले चांगपा लोगों के लिए।

  • पत्थर-मिट्टी के घर गाँवों में रहते लोगों के लिए सस्ते और टिकाऊ होते हैं।

प्रश्न 67: ये घर तुम्हारे घर से कैसे अलग हैं?

उत्तर :

  • मेरे घर में ईंट और सीमेंट का प्रयोग हुआ है, लेकिन श्रीनगर में कई लोग लकड़ी और पत्थर से घर बनाते हैं।

  • मेरे घर की छत समतल (फ्लैट) है, जबकि वहाँ की छतें ढलवाँ होती हैं ताकि बर्फ या पानी न रुके।

  • हमारे यहाँ कोई हाउसबोट या डोंगा नहीं है।  

Priyanka Das