Chapter 19
किसानों की कहानी- बीज की जुबानी
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प्रश्न 1: बाजरे के बीज को लकड़ी के बक्से में कब और किसने रखा था?
उत्तर: बाजरे के बीज को सन् 1940 में दामजीभाई ने लकड़ी के सुंदर बक्से में रखा था।
प्रश्न 2: दामजीभाई हर साल क्या किया करते थे?
उत्तर: दामजीभाई हर साल अच्छी फ़सल के कुछ बीज अगले साल के लिए रखा करते थे।
प्रश्न 3: बीजों को सुरक्षित रखने के लिए क्या उपाय किए गए थे?
उत्तर: बीजों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें लकड़ी के बक्से में रखा गया और कीड़ों से बचाने के लिए उसमें नीम की पत्तियाँ बिछाई गईं।
प्रश्न 4: वानगाम गाँव किस बात के लिए मशहूर था?
उत्तर: वानगाम गाँव अनाज, साग और सब्ज़ी के लिए मशहूर था।
प्रश्न 5: उस समय गाँव में किस तरह का माहौल होता था?
उत्तर: उस समय गाँव में त्योहार जैसा माहौल होता था और लोग एक-दूसरे के खेतों में मदद करते थे।
प्रश्न 6: उस ज़माने में खाने-पीने का क्या महत्व था?
उत्तर: उस ज़माने में खाने-पीने का तरीका बहुत खास होता था। लोग खेतों में ताज़ी सब्जियाँ पकाते और मिल-जुलकर खाते थे।
प्रश्न 7: 'उँधीयूँ' किसे कहते हैं और यह कैसे पकाई जाती है?
उत्तर: 'उँधीयूँ' एक पारंपरिक गुजराती सब्ज़ी है, जिसे कोयले के अंगारों पर मटके को उल्टा रखकर पकाया जाता है। इसमें तरह-तरह की सब्जियाँ डाली जाती हैं और मटके को सीलबंद कर दिया जाता है। 'उँधीयूँ' का मतलब ही होता है 'उल्टा'।
प्रश्न 8: बाजरे की रोटी के साथ क्या-क्या खाया जाता था?
उत्तर: बाजरे की रोटी के साथ मिट्टी के चूल्हे में पकी हुई सब्ज़ी, घर का मक्खन, दही और जितनी चाहे उतनी छाछ खाई जाती थी।
प्रश्न 9: किसान अपनी फसल का क्या करते थे?
उत्तर: किसान अपनी जरूरत का अनाज और सब्ज़ी घर में रखते थे और बाकी का शहर के दुकानदारों को बेच देते थे।
प्रश्न 10: कपास की खेती का क्या उपयोग होता था?
उत्तर: कपास से सूत की कताई और बुनाई की जाती थी, जो घर में ही चरखों और करघों से होती थी।
प्रश्न 11: त्योहारों और खेती का क्या संबंध होता था?
उत्तर: खेती के अनुसार अलग-अलग मौसम में त्योहार मनाए जाते थे। इन त्योहारों में खास पकवान बनाए जाते और लोग मिलकर इन्हें मनाते थे।
प्रश्न 12: तुम्हारे घर में रोटियाँ किस अनाज से बनती हैं?
उत्तर: का उदाहरण: हमारे घर में गेहूँ और ज्वार की रोटियाँ बनती हैं।
प्रश्न 13: क्या तुमने कभी ज्वार या बाजरे की रोटी खाई है? तुम्हें कैसी लगी?
उत्तर: का उदाहरण: हाँ, मैंने बाजरे की रोटी खाई है। यह बहुत स्वादिष्ट और सौंधी लगी।
प्रश्न 14: अनाज और दालों को कीड़ों से बचाने के लिए क्या-क्या किया जाता है?
उत्तर: अनाज और दालों को साफ-सुथरे डिब्बों में नीम की पत्तियों, लौंग, या कपूर के साथ रखा जाता है ताकि कीड़े न लगें।
प्रश्न 15: एक खेती से जुड़ा त्योहार और उसकी जानकारी लिखो।
उत्तर: का उदाहरण: मकर संक्रांति एक खेती से जुड़ा त्योहार है। इसे जनवरी में मनाया जाता है। यह खासकर गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, और उत्तर भारत में मनाया जाता है। इस दिन तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी और अन्य पकवान बनाए जाते हैं। लोग पतंग उड़ाते हैं और आपस में मिठाइयाँ बाँटते हैं।
प्रश्न 16: क्या खाने की कोई पुरानी चीज़ है जो अब नहीं बनाई जाती? (उत्तर विद्यार्थी अपने परिवार से पूछकर दें)
उत्तर: का उदाहरण: मेरी दादी बताती हैं कि पहले घर में खांडव, सत्तू और मक्के की रोटियाँ बहुत बनती थीं, जो अब कम बनती हैं।
प्रश्न 17: बाजरे के बीज ने दामजीभाई और हसमुख की खेती में क्या-क्या अंतर देखे?
उत्तर: बाजरे के बीज ने देखा कि दामजीभाई की खेती में परंपरागत तरीके अपनाए जाते थे। वे बैल से खेत जोतते थे, सिंचाई प्राकृतिक तरीकों से होती थी और जैविक खाद जैसे गोबर का इस्तेमाल करते थे। वहीं, हसमुख की खेती में ट्रैक्टर से खेत जोता जाता है, नई महँगी खाद और कीटनाशकों का उपयोग होता है। पुराने तरीकों की जगह मशीनें और रासायनिक चीज़ें आ गई हैं।
प्रश्न 18: हसमुख कहता है कि खेती के मुनाफ़े से तरक्की हो सकती है। तुम 'तरक्की' से क्या समझते हो?
उत्तर: 'तरक्की' का मतलब है जीवन में सुधार और आगे बढ़ना। जैसे–बेहतर शिक्षा, पक्के मकान, अच्छी स्वास्थ्य सुविधा, तकनीकी विकास, और आर्थिक स्थिति में सुधार।
प्रश्न 19: तुम अपने गाँव या इलाके में क्या-क्या तरक्की देखना चाहोगे?
उत्तर: का उदाहरण: मैं अपने गाँव में अच्छी सड़कें, साफ पानी की व्यवस्था, अच्छी स्कूलें, अस्पताल और किसानों के लिए सस्ती खाद और बीज देखना चाहूँगा।
प्रश्न 20: नए बीजों और खादों के आने से खेती में क्या बदलाव आए?
उत्तर: नए बीजों के आने से फ़सल ज्यादा होती है, लेकिन जल्दी कीड़े लगने का खतरा भी बढ़ गया है। किसानों को महँगी खाद और कीटनाशकों का उपयोग करना पड़ता है, जिससे खर्च भी बढ़ गया है।
प्रश्न 21: हसमुख की खेती में कौन-कौन सी समस्याएँ आईं?
उत्तर: हसमुख की खेती में कई समस्याएँ आईं। मुनाफ़ा कम होने लगा, जमीन की उर्वरता घट गई, दवाइयों से बदबू और खर्च दोनों बढ़ गए। नहरों का पानी कम होने से पंप लगाकर ज़मीन के नीचे से पानी खींचना पड़ा, जिससे खर्च और बढ़ गया। कपास की कीमतें भी गिरने लगीं। बार-बार एक ही फसल उगाने और रासायनिक खादों से ज़मीन की ताकत खत्म होने लगी।
प्रश्न 22: खेती के नुकसान का असर हसमुख और उसके परिवार पर क्या पड़ा?
उत्तर: खेती के नुकसान से हसमुख चिड़चिड़ा हो गया। उसका बेटा परेश खेती छोड़कर ट्रक ड्राइवर बन गया और अब वह अक्सर घर से बाहर रहता है। परिवार में पहले जैसा सुख-शांति का माहौल नहीं रहा।
प्रश्न 23: परेश ने अपने दादाजी के बीजों के बक्से के बारे में क्या कहा?
उत्तर: परेश ने माँ से पूछा कि दादाजी का पुराना बीजों का बक्सा कहाँ है, ताकि वह उसमें ट्रक के औज़ार रख सके।
प्रश्न 24: कहानी के अंत में बीज अपनी कहानी क्यों सुनाना चाहता है?
उत्तर: बीज अपनी कहानी इसलिए सुनाना चाहता है ताकि लोग समझें कि असली तरक्की क्या है। वह दिखाना चाहता है कि परंपरागत खेती में अपनापन, सहयोग और ज़मीन की रक्षा होती थी, जबकि आज की नई तकनीकी खेती ने ज़मीन, किसान और परिवार – तीनों को नुकसान पहुँचाया है।
प्रश्न 25: आगे चलकर हसमुख की खेती का क्या हुआ होगा? (उत्तर विद्यार्थी अपने विचार से दें)
उत्तर : का उदाहरण: शायद आगे चलकर हसमुख को खेती बंद करनी पड़ी होगी या फिर उसने कोई और काम पकड़ लिया होगा। या फिर हो सकता है कि उसका बेटा परेश पुराने तरीकों की ओर लौटकर देसी बीज और जैविक खेती को अपनाने की कोशिश करे।
प्रश्न 26: 'तरक्की' से तुम क्या समझते हो?
उत्तर: तरक्की का मतलब केवल पैसा कमाना नहीं, बल्कि ऐसा जीवन जीना है जिसमें हम प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखें, स्वास्थ्य अच्छा रहे, ज़मीन और पानी बचे रहें, और हर व्यक्ति को रोजगार और सम्मान मिले।
प्रश्न 27: दामजीभाई के बेटे हसमुख ने अपने पिता की तरह खेती करना पसंद किया। हसमुख का बेटा परेश खेती न करके ट्रक चला रहा है। उसने ऐसा क्यों किया होगा?
उत्तर: परेश ने खेती करना इसलिए नहीं चुना क्योंकि उसने देखा कि उसके पिता हसमुख को खेती से मुनाफ़ा नहीं हो रहा था। कर्ज़ बढ़ता जा रहा था और खेती में मेहनत तो बहुत थी पर संतोष नहीं था। इसलिए परेश ने ऐसा काम चुना जिससे उसे नियमित आमदनी हो सके।
प्रश्न 28: बीज को शक था कि जो हसमुख के साथ हुआ वह तरक्की नहीं है। तुम्हें क्या लगता है?
उत्तर: हाँ, बीज की बात सही लगती है। अगर तरक्की से ज़मीन की उर्वरता घटे, किसान कर्ज़ में डूब जाएं, परिवार बिखर जाए और खेती से दूरी बनानी पड़े, तो वह तरक्की नहीं बल्कि नुकसान है। असली तरक्की वह होती है जिसमें प्रकृति, किसान और समाज – सभी का भला हो।
प्रश्न 29: क्या तुम्हारे आस-पास कुछ ऐसे बदलाव हुए हैं, जिन्हें 'तरक्की' मानने में कुछ दिक्कतें भी हैं? क्या?
उत्तर: हाँ, जैसे–अब बहुत से लोग खेत की जगह मकान बना रहे हैं। गाँवों में पहले सब मिल-जुलकर त्योहार और काम करते थे, अब हर कोई अपने-अपने घर तक सीमित है। ज़्यादा मशीनों से काम तो तेज़ होता है पर बेरोज़गारी भी बढ़ती है। ऐसे बदलावों को तरक्की कहना थोड़ा मुश्किल है।
प्रश्न 30: अखबार की रिपोर्ट में किस बात पर ज़ोर दिया गया है?
उत्तर: रिपोर्ट में बताया गया है कि किसान जब कर्ज़ नहीं चुका पाते तो उन्हें जेल भेजा जाता है, जबकि बड़े व्यापारी और उद्योगपति करोड़ों का कर्ज़ नहीं चुकाते फिर भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती। इससे किसानों के साथ अन्याय होता है।
प्रश्न 31: 1997 से 2005 तक कितने किसानों ने आत्महत्या की? और क्यों?
उत्तर: सरकारी आँकड़ों के अनुसार 1997 से 2005 तक लगभग 1,50,000 किसानों ने आत्महत्या की। इसका कारण था – खेती में लगातार घाटा, कर्ज़ का बोझ और सरकार से पर्याप्त मदद न मिलना।
प्रश्न 32: बच्चों ने भास्करभाई की बाड़ी में कौन-कौन सी बातें देखीं?
उत्तर: बच्चों ने देखा कि भास्करभाई की बाड़ी में नारियल के पेड़ लगे थे और जमीन पर सूखे पत्ते, घास-फूस और खरपतवार फैले थे। वहाँ कोई फैक्ट्री की बनी खाद का इस्तेमाल नहीं होता था। उन्होंने देखा कि ज़मीन में केंचुए थे जो ज़मीन को उपजाऊ बना रहे थे। कुछ पौधे (क्रोटोन) ऐसे भी थे जिनसे पानी की जरूरत का पता चलता था।
प्रश्न 33: भास्करभाई किस तरह की खेती करते हैं?
उत्तर: भास्करभाई प्राकृतिक और जैविक खेती करते हैं। वे रासायनिक खाद या दवाइयों का उपयोग नहीं करते। वे पेड़-पौधों की सूखी पत्तियाँ, शाखाएँ, और केंचुओं के मल से जैविक खाद तैयार करते हैं।
प्रश्न 34: केंचुए ज़मीन के लिए कैसे फायदेमंद हैं?
उत्तर: केंचुए ज़मीन में छेद करते हैं जिससे हवा और पानी भीतर तक पहुँचता है। उनका मल ज़मीन को उपजाऊ बनाता है।
प्रश्न 35: प्रवीण ने अपने चाचा के बारे में क्या बताया?
उत्तर: प्रवीण ने बताया कि उनके चाचा ने एक गड्ढा बनाया है जिसमें केंचुए रखे हैं। वे उस गड्ढे में रसोई का कचरा, फल-सब्जियों के छिलके डालते हैं जिससे सस्ती और अच्छी खाद बनती है।
प्रश्न 36: ‘तकनीक’ से क्या समझते हो?
उत्तर: तकनीक का मतलब है किसी काम को करने का तरीका। जैसे–बाजरे को बाली से हाथ से कूटकर निकालना एक तरीका है, और मशीन (थ्रेशर) से निकालना दूसरा तरीका। दोनों तकनीकें हैं, एक परंपरागत और दूसरी आधुनिक।
प्रश्न 37: बच्चों ने फ़ार्म पर और क्या किया?
उत्तर: बच्चों ने खेत में उगे फल खाए, भिन्न खेती की जानकारी ली और जैविक खेती की उपयोगिता को समझा।
प्रश्न 38: चित्र (4) में दिखाई चक्की में क्या हो रहा होगा?
उत्तर: चित्र (4) में दिखाई दे रही चक्की में बाजरे के दानों को पीसा जा रहा होगा, जिससे बाजरे का आटा तैयार किया जाता है। यह एक पुरानी तकनीक है जिसमें हाथ से या बैल के सहारे पत्थर की चक्की को घुमाया जाता है।
प्रश्न 39: फिर चित्र (5) और (6) में किस 'तकनीक' से आटा तैयार किया गया होगा?
उत्तर: चित्र (5) और (6) में आधुनिक तकनीक का उपयोग हुआ होगा। इसमें बिजली से चलने वाली मशीनों से बाजरे के दानों को पीसकर जल्दी और अधिक मात्रा में आटा तैयार किया गया होगा।
प्रश्न 40: छलनी का इस्तेमाल कब किया गया होगा?
उत्तर: छलनी का इस्तेमाल तब किया जाता है जब पीसे हुए आटे को बारीक और साफ़ करने के लिए छाना जाता है। इससे मोटा और बारीक आटा अलग हो जाता है और कंकड़ या भूसी भी निकल जाती है।
प्रश्न 41: हमारे खाने में कई बदलाव आए हैं। ऐसा कैसे कह सकते हैं? बाजरे के बीज की कहानी और बड़ों से मिली जानकारी के आधार पर लिखो।
उत्तर: पहले लोग अपने खेतों में उगाए बाजरे को हाथ से साफ़ करते, चक्की से पीसते और मिट्टी के चूल्हे में ताज़ा खाना बनाते थे। अब बाजरे की जगह पैकेट में मिलने वाला रिफाइंड आटा आ गया है। पहले घर में ही दही, मट्ठा, मक्खन तैयार होता था, अब बाज़ार से पैकेट में सब कुछ मिलता है। यह सब बदलाव हमारे खाने में आए हैं।
प्रश्न 42: अगर सभी किसान एक ही तरह के बीज बोएँ, एक ही तरह की फ़सल उगाएँ, तो क्या होगा?
उत्तर: अगर सभी किसान एक ही तरह की फ़सल उगाएँगे तो बाज़ार में उस फ़सल की बहुतायत हो जाएगी और उसकी क़ीमत गिर जाएगी। किसान को मुनाफा नहीं मिलेगा। साथ ही ज़मीन पर भी बुरा असर पड़ेगा क्योंकि एक ही तरह की फसल से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है।
Priyanka Das