Chapter 8
मच्छरों की दावत ?
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प्रश्न 1: रजत को कैसे पता चला कि उसे मलेरिया है?
उत्तर: रजत को खून की जाँच (ब्लड टेस्ट) से पता चला कि उसे मलेरिया है। डॉक्टर ने उसकी खून की दो-तीन बूँदें लीं और टेस्ट किया।
प्रश्न 2: क्या हर मच्छर के काटने से मलेरिया हो जाता है?
उत्तर: नहीं, मलेरिया हर मच्छर के काटने से नहीं होता।
केवल वही मच्छर मलेरिया फैलाते हैं जो पहले किसी मलेरिया वाले व्यक्ति को काट चुके हों और फिर किसी और को काटें।
प्रश्न 3: मलेरिया की बीमारी कैसे फैलती है?
उत्तर: मलेरिया फैलता है:
-
मादा एनाफिलीस मच्छर के काटने से
-
जब यह मच्छर किसी मलेरिया पीड़ित को काटकर फिर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो बीमारी फैलती है
प्रश्न 4: रजत ने खून की जाँच करवाने में क्या महसूस किया?
उत्तर: रजत ने कहा कि जब सूई चुभी तो ऐसा लगा जैसे चींटी ने काट लिया हो। यानी उसे बहुत ज़्यादा दर्द नहीं हुआ।
प्रश्न 5: आरती को सारे मच्छर एक जैसे लगते हैं। क्या यह सही है?
उत्तर: नहीं, सभी मच्छर एक जैसे नहीं होते।
कुछ मच्छर सामान्य होते हैं, लेकिन कुछ मच्छर बीमारियाँ फैलाते हैं, जैसे:
-
मलेरिया फैलाने वाले: मादा एनाफिलीस मच्छर
-
डेंगू फैलाने वाले: एडीज मच्छर
प्रश्न 6: क्या होगा, जिससे मलेरिया का पता चल पाया?
उत्तर: मलेरिया का पता खून की जाँच से चलता है।
डॉक्टर खून की बूँद को काँच की स्लाइड पर रखकर माइक्रोस्कोप से देखते हैं।
अगर खून में मलेरिया के परजीवी (पैरासाइट) दिखाई देते हैं, तो मलेरिया की पुष्टि हो जाती है।
प्रश्न 7: खून में क्या दिखा होगा जिससे मलेरिया का पता चला?
उत्तर: डॉक्टर को खून की स्लाइड में मलेरिया का परजीवी दिखाई दिया होगा।
यह परजीवी खून के लाल कणों (RBC) में रहता है और वही मलेरिया की वजह होता है।
प्रश्न 8: क्या तुम किसी को जानते हो जिसे मलेरिया हुआ हो? कैसे पता चला था?
उत्तर: हाँ, मेरे चाचा को एक बार मलेरिया हुआ था। उन्हें तेज़ बुखार आता था, शरीर में कंपकंपी होती थी और बहुत कमजोरी लगती थी। डॉक्टर ने खून की जाँच की, तब मलेरिया का पता चला।
प्रश्न 9 : मलेरिया होने पर क्या-क्या तकलीफ़ होती है?
उत्तर:
-
तेज़ बुखार और कंपकंपी
-
सिर दर्द
-
थकान और कमजोरी
-
कभी-कभी उल्टी भी
-
भूख कम लगती है
प्रश्न 10: मच्छरों के काटने से और कौन-कौन-सी बीमारियाँ होती हैं?
उत्तर: मच्छरों के काटने से कई बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे:
-
डेंगू
-
चिकनगुनिया
-
ज़ीका वायरस
-
फाइलेरिया
-
मलेरिया
प्रश्न 11: कौन-से मौसम में मलेरिया ज़्यादा फैलता है? क्यों?
उत्तर: बरसात (मानसून) के मौसम में मलेरिया ज्यादा फैलता है,
क्योंकि इस समय पानी इकट्ठा होता है और वहीं मच्छर अंडे देते हैं।
इसलिए मच्छरों की संख्या बढ़ जाती है।
प्रश्न 12: मच्छरों से बचने के लिए तुम्हारे घर में क्या-क्या उपाय किए जाते हैं?
उत्तर : सोते समय मच्छरदानी का उपयोग
-
कमरे में मच्छर भगाने वाला लिक्विड या धूपबत्ती
-
पानी की टंकी को ढँककर रखना
-
कूलर और गमलों में पानी जमा न होने देना
-
खिड़कियों पर जाली लगाना
प्रश्न 13: यहाँ पर खून की जाँच की रिपोर्ट दी गई है। इसमें किन शब्दों से पता चल रहा है कि मरीज़ को मलेरिया है?
उत्तर: रिपोर्ट में लिखा है –
"Malarial Parasite Found in Blood Sample"
जिसका मतलब है — खून में मलेरिया के परजीवी (जीवाणु) पाए गए।
इसी वाक्य से साफ़ पता चलता है कि मरीज़ को मलेरिया है।
प्रश्न 15: मलेरिया की दवाई कहाँ से बनती है?
उत्तर: मलेरिया की दवाई सिनकोना पेड़ की छाल से बनती है।
पुराने समय में लोग उसकी छाल को उबालकर और छानकर पीते थे।
अब छाल से दवाइयाँ बनाई जाती हैं।
प्रश्न 16: अनीमिया क्या होता है?
उत्तर: अनीमिया तब होता है जब खून में हीमोग्लोबिन या आयरन (लोहा) की कमी हो जाती है।
इससे थकान लगती है और शरीर में कमजोरी महसूस होती है।
प्रश्न 17: अनीमिया से बचने के लिए क्या खाना चाहिए?
उत्तर:
-
गुड़
-
आँवला
-
हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ (जैसे पालक)
इनमें आयरन होता है, जो खून को ताकत देता है और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है।
प्रश्न 18: क्या खून में सच में 'लोहा' होता है?
उत्तर: हाँ, लेकिन वह चाबी वाला लोहा नहीं होता!
खून में एक खास तरह का लोहा होता है जो हीमोग्लोबिन बनाने में मदद करता है।
हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुँचाने का काम करता है।
प्रश्न 19: आरती की रिपोर्ट के हिसाब से हीमोग्लोबिन कम-से-कम कितना होना चाहिए था?
उत्तर: आरती की रिपोर्ट में Normal Range (सामान्य सीमा) 12 से 16 gm/dl दी गई है।
इसलिए हीमोग्लोबिन कम-से-कम 12 gm/dl होना चाहिए था।
प्रश्न 20: आरती का हीमोग्लोबिन कितने दिनों में कितना बढ़ पाया?
उत्तर: पहली रिपोर्ट की तारीख: 20/06/2007 – हीमोग्लोबिन = 8 gm/dl
-
दूसरी रिपोर्ट की तारीख: 15/09/2007 – हीमोग्लोबिन = 10.5 gm/dl
मतलब:
लगभग 3 महीने (लगभग 87 दिन) में आरती का हीमोग्लोबिन 2.5 gm/dl बढ़ा।
प्रश्न 21: अखबार की रिपोर्ट में अनीमिया से होने वाली परेशानी के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर: अखबार की रिपोर्ट के अनुसार:
-
अनीमिया से बच्चों की शारीरिक और दिमागी सेहत पर असर होता है।
-
बच्चे ठीक से बढ़ नहीं पाते हैं और उनमें फुर्ती कम होती है।
-
पढ़ाई में भी असर पड़ता है क्योंकि बच्चे ध्यान से नहीं समझ पाते।
-
दिल्ली के स्कूलों में अब हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं और आयरन की दवा दी जा रही है।
प्रश्न 22: खून टेस्ट से क्या पता चला था?
उत्तर: खून टेस्ट से पता चला था कि रजत को मलेरिया है।
खून में मलेरिया के परजीवी (जैवाणु) पाए गए थे।
आरती के खून टेस्ट से अनीमिया (हीमोग्लोबिन की कमी) का पता चला था।
प्रश्न 23: क्या तुम्हारे स्कूल में कभी हैल्थ (स्वास्थ्य) जाँच हुई है? डॉक्टर ने तुम्हें क्या बताया?
उत्तर: का सुझाव (बच्चा अपने अनुभव अनुसार लिखे):
हाँ, हमारे स्कूल में पिछले साल डॉक्टरों की टीम आई थी।
उन्होंने वजन, लंबाई, आँखें और दाँत चेक किए।
डॉक्टर ने मुझे बताया कि मुझे हरी सब्जियाँ और फल ज्यादा खाने चाहिए, और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
प्रश्न 24:पता करो: खाने की किन चीजों में लोहा (Iron) होता है?
उत्तर: (डॉक्टर या बड़ों से पूछकर या सामान्य ज्ञान से):
इन चीज़ों में लोहा (Iron) होता है:
-
गुड़
-
हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी, सरसों)
-
आँवला
-
दालें
-
अखरोट और किशमिश
-
अनार
-
बीन्स और चना
प्रश्न 25: मच्छर के बच्चे (पोस्टर से जानकारी):
सावधानियाँ (मच्छरों से बचने के लिए):
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आस-पास पानी जमा न होने दें
-
गड्ढों को मिट्टी से भर दें
-
टंकी, कूलर और पानी के बर्तन हर हफ्ते साफ़ करें और सुखाएँ
-
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें
-
गड्ढों या नालियों में मिट्टी का तेल या केरोसीन छिड़कें
प्रश्न 26: लारवे क्या होते हैं?
उत्तर: लारवे मच्छरों के छोटे बच्चे होते हैं जो पानी में रहते हैं। ये मच्छरों जैसे नहीं दिखते। मच्छर जब अंडे देता है, तो उनसे लारवे निकलते हैं।
प्रश्न 27: तुमने ऐसा पोस्टर कहीं लगा हुआ देखा है? ये पोस्टर कौन लगाता होगा?
उत्तर: हाँ, ऐसे पोस्टर मैंने स्कूल, अस्पताल, मोहल्ले के पार्क और सार्वजनिक जगहों पर देखे हैं।
इन्हें सरकार, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग या कभी-कभी अखबार और NGO भी लगाते हैं।
प्रश्न 28: पोस्टर में किन बातों पर ध्यान दिलाने की कोशिश की गई है?
उत्तर:
-
मच्छरों को पानी में अंडे देने से रोकना
-
पानी जमा न होने देना
-
टंकी, कूलर, गड्ढों को साफ़ और सूखा रखना
-
मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों जैसे मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया से बचना
प्रश्न 29: टंकी, कूलर तथा गड्ढों के चित्र क्यों दिखाए गए हैं?
उत्तर: क्योंकि ये ऐसे जगहें हैं जहाँ पानी जमा रहता है, और मच्छर वहीं अंडे देते हैं। इसलिए लोगों को इन जगहों को साफ़ रखने और पानी न जमा होने देने की चेतावनी दी जाती है।
प्रश्न 30: सोचो, पानी में मछलियाँ डालने के लिए क्यों कहा गया होगा?
उत्तर: क्योंकि कुछ मछलियाँ जैसे गम्बूसिया मछली मच्छरों के लारवे खा जाती हैं। इससे मच्छर पनप नहीं पाते और बीमारी नहीं फैलती।
प्रश्न 31: पानी में तेल का छिड़काव करने को क्यों कहा गया होगा?
उत्तर: तेल पानी की सतह पर एक परत बना देता है, जिससे मच्छरों के लारवे साँस नहीं ले पाते और मर जाते हैं। इससे मच्छरों की संख्या घटती है।
प्रश्न 32:मक्खी से कौन-कौन सी बीमारियाँ फैलती हैं और कैसे?
उत्तर: मक्खियाँ गंदगी पर बैठती हैं – जैसे कचरा, गंदे शौचालय, सड़े-गले खाने पर – और वहीं से कीटाणु अपने पैरों और पंखों में चिपकाकर हमारे खाने-पीने की चीजों पर बैठती हैं। इस तरह बीमारियाँ फैलती हैं:
बीमारी का नाम | कैसे फैलती है |
---|---|
डायरिया | गंदे खाने के ज़रिए |
टाइफॉइड | मक्खी संक्रमित पानी या खाना दूषित करती है |
हैजा (Cholera) | मक्खी गंदगी से कीटाणु लाकर भोजन में डालती है |
पेचिश | दूषित भोजन के कारण पेट की बीमारी होती है |
प्रश्न 33:निरीक्षण वाली गतिविधि के लिए रिपोर्ट बनाने का तरीका:
स्थान का नाम | पानी जमा? (✓/✗) | कितने दिन से? | सफ़ाई की ज़िम्मेदारी | पानी में क्या दिखा? | लारवे दिखे? (✓/✗) | परेशानी |
---|---|---|---|---|---|---|
गमले | ✓ | 4 दिन | माली / सफाईकर्मी | मच्छर, काई | ✓ | मच्छर बढ़े |
कूलर | ✓ | 3 दिन | स्कूल के सफाई कर्मचारी | गंदा पानी | ✓ | बदबू, मच्छर |
टंकी | ✗ | — | स्कूल प्रशासन | — | ✗ | — |
नालियाँ | ✓ | 6 दिन | नगर निगम | कचरा, पानी | ✓ | बदबू, मच्छर |
स्कूल का मैदान | ✗ | — | — | — | ✗ | — |
प्रश्न 34: पोस्टर के लिए नारे और सुझाव (स्कूल/घर में लगाने के लिए):
पोस्टर शीर्षक: "मच्छरों को ना, साफ़-सफाई को हाँ!"
नारे:
-
"हफ्ते में एक दिन, सूखा रखें हर बर्तन।"
-
"कूलर, टंकी, गमले सुखाओ – मलेरिया से बचाओ।"
-
"मच्छर भगाओ, बीमारी से बचाओ।"
-
"घर-आंगन रखो साफ़ – तभी मच्छर होंगे माफ़!"
प्रश्न 35: क्या पानी में या उसके आस-पास हरी-हरी काई दिखाई दी?
उत्तर: हाँ, तालाब के किनारे और स्कूल के नल के पास हरी-हरी काई दिखाई दी। यह काई गीली जगहों पर अपने-आप उग जाती है।
प्रश्न 36: तुमने काई और किन-किन जगहों पर देखी है?
उत्तर: हमने काई इन जगहों पर देखी:
-
स्कूल के नल के पास
-
सीढ़ियों पर जहाँ पानी जमा रहता है
-
तालाब के किनारे
-
पुराने फर्शों पर जहाँ धूप नहीं आती
प्रश्न 37: क्या किनारे पर या पानी में कुछ पौधे दिख रहे हैं? उनके नाम पता करो।
उत्तर: तालाब के किनारे और पानी पर ये पौधे दिखे:
-
जलकुंभी (Water Hyacinth)
-
नेनूफर (Water Lily)
-
घास जैसे पौधे – नाम नहीं पता, लेकिन तालाब में उगे हुए थे
सुझाव: इन पौधों का चित्र अपनी कॉपी में बनाओ या रंगीन पेन्सिल से तालाब का दृश्य बनाओ जिसमें पानी, पौधे, काई और मच्छर दिख रहे हों।
प्रश्न 38: क्या ये पौधे लगाए गए हैं या अपने-आप उग गए हैं?
उत्तर: ये पौधे अपने-आप उग गए हैं। किसी ने इन्हें नहीं लगाया।
प्रश्न 39: पानी में और क्या-क्या दिख रहा है?
उत्तर: पानी में दिखी चीज़ों की सूची:
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काई
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मच्छर के लारवे
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प्लास्टिक की थैलियाँ
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टायर का टुकड़ा
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जलकुंभी
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डूबी हुई लकड़ी
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गंदा पानी
-
कुछ कचरा और झाग
प्रश्न 40: "मच्छर के पेट की कहानी, वैज्ञानिक की जुबानी" – मज़ेदार जानकारी:
उत्तर: यह कहानी रॉनाल्ड रोस (Ronald Ross) की है। उन्होंने यह पता लगाया था कि मलेरिया मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से फैलता है।
वो भारत में ही थे जब उन्होंने मच्छर के पेट की जाँच की और पाया कि उसमें मलेरिया के परजीवी होते हैं।
इस खोज के लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला!
प्रश्न 41: रचनात्मक गतिविधि (Activity):
उत्तर: एक छोटा सा चित्र बनाओ या पोस्टर तैयार करो जिसमें दिखाओ कि:
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तालाब में पौधे हैं
-
मच्छर के लारवे हैं
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काई फिसलन पैदा कर रही है
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और कोई बच्चा सफ़ाई कर रहा है
प्रश्न 42: अपने घर में, स्कूल में और आस-पास मच्छर न हों, इसके लिए तुम्हारी क्या जिम्मेदारी है? इसके लिए तुम क्या-क्या करोगे?
उत्तर: मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने आस-पास साफ़-सफाई रखूँ, ताकि मच्छर न पनप सकें। इसके लिए मैं ये काम करूँगा / करूँगी:
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पानी जमा न होने दूँ (कूलर, गमला, टंकी आदि को साफ़ करूँ)
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मच्छरदानी का इस्तेमाल करूँ
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जहां पानी भरा हो, वहाँ मिट्टी का तेल या जलीय कीटनाशक डलवाऊँ
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स्कूल और मोहल्ले में साफ़-सफाई के लिए लोगों को जागरूक करूँ
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पोस्टर बनाकर मच्छर से बचने के उपाय बताऊँ
प्रश्न 43: कैसे पता कर सकते हैं कि किसी को मलेरिया तो नहीं?
उत्तर: अगर किसी को बार-बार तेज बुखार आता है, कंपकंपी लगती है और बहुत कमजोरी महसूस होती है, तो मलेरिया हो सकता है।
पक्का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून की जाँच कराते हैं।
खून की स्लाइड बनाकर उसे माइक्रोस्कोप से देखा जाता है। अगर उसमें मलेरिया के परजीवी (प्लास्मोडियम) दिखते हैं, तो मलेरिया की पुष्टि हो जाती है।
प्रश्न 44: वैज्ञानिक प्रक्रिया की सीख:
उत्तर: रोनॉल्ड रोस ने यह खोज कैसे की, इसे हम वैज्ञानिक प्रक्रिया के रूप में समझ सकते हैं:
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सवाल उठाया – मलेरिया खून में कैसे आता है?
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अनुमान लगाया – शायद मच्छर फैलाते हैं।
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प्रयोग किया – मरीजों को मच्छर से कटवाया।
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अवलोकन किया – माइक्रोस्कोप से मच्छरों के पेट में जीवाणु देखे।
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सबूत पाया – मलेरिया वाकई मच्छर से फैलता है।
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दुनिया को बताया – और नोबेल पुरस्कार मिला!
प्रश्न 45: क्रिएटिव टास्क (अगर चाहो तो कर सकते हो):
उत्तर: एक पोस्टर बनाओ: "मलेरिया से बचो – मच्छर भगाओ!"
उसमें ये बातें हों:
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मच्छर कहाँ पनपते हैं
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मलेरिया के लक्षण क्या हैं
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बचाव के उपाय क्या हैं