Chapter 10
एक दिन की बादशाहत
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प्रश्न और उत्तर:
प्रश्न: आरिफ़ और सलीम की योजना क्या थी?
उत्तर: आरिफ़ और सलीम ने अपने बड़ों की नकल की और उनके अधिकारों को छीन लिया, जिससे वे बड़ों की तरह व्यवहार करने लगे और घर में हास्य की स्थिति उत्पन्न की।
उत्तर: इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी बच्चों की विद्रोही और मजाकिया नकल बड़ों की स्थिति को हास्यपूर्ण बना देती है, लेकिन अंत में उन्हें अपनी जिम्मेदारियों और सीमाओं का एहसास होता है।
उत्तर: आरिफ़ और सलीम ने बड़ों की नकल की क्योंकि वे अपनी इच्छाओं को पूरा करने और बड़ों के अधिकारों का मज़ाक उड़ाने के लिए उनका अनुकरण करते थे। इससे हास्य उत्पन्न होता है क्योंकि वे बड़ों की आदतों को अपने तरीके से बदल देते हैं।
उत्तर: हास्य इस हिस्से में बड़ों की नकल करने और उनके सामान्य व्यवहार को बच्चों की दृष्टि से प्रस्तुत करने से उत्पन्न होता है। बच्चों का अपनी नकल से बड़ों को चिढ़ाना और उनका मज़ाक बनाना स्थिति को हास्यपूर्ण बनाता है।
उत्तर: आरिफ़ ने भाई जान को धमकाया कि इम्तिहान पास होने को हैं, इसलिए सैर-सपाटे पर जाना ठीक नहीं है। लेकिन फिर भाई जान ने शिष्ट तरीके से इजाजत माँगी, और आरिफ़ ने अंततः लापरवाही से अनुमति दे दी।
उत्तर: सलीम ने आपा की आदत की नकल करते हुए उन्हें अपनी भारी साड़ी बदलने की सलाह दी, यह दिखाते हुए कि जैसे आपा बच्चों से उनकी पसंद की चीज़ें बदलवाती हैं, वैसे ही सलीम ने उन्हें भी ऐसा करने के लिए कहा।
उत्तर: हास्य इस हिस्से में बड़ों की आदतों की नकल करके और उनकी स्थिति को उलटकर उत्पन्न किया गया है। बच्चों ने बड़ों की नकल की, जैसे कि गाने, खाने की आदतें और कपड़ों के आदेश, जिससे एक हास्यपूर्ण वातावरण बना।
कहानी की बात
अम्मा ने क्या सोचकर आशिफ़ की बात मान ली?उत्तर: अम्मा ने आरिफ़ और सलीम की ज़िद देखकर और शायद उन्हें खुश करने के लिए उनका प्रस्ताव मान लिया। यह दिखाने के लिए कि कभी-कभी बच्चों के आगे बड़े भी हार मान लेते हैं, और इस परिस्थिति में अम्मा को यह लगा कि बच्चों को एक दिन के लिए बड़ों के अधिकार दिए जाएं तो शायद वे थोड़ा अच्छा महसूस करेंगे।
आरिफ़ ने: आरिफ़ ने सोचा होगा कि बड़ों के अधिकार और जिम्मेदारियाँ कितनी बोझिल होती हैं। शायद वह समझ गए होंगे कि हमेशा बड़ों की तरह आदेश देना आसान नहीं होता।
अम्मा ने: अम्मा को शायद यह एहसास हुआ होगा कि बच्चों की तरह रहकर खुद की जिम्मेदारी का अहसास नहीं हो सकता। वह बच्चों के व्यवहार से थोड़ी परेशान हो सकती थीं।
दादी ने: दादी ने शायद यह महसूस किया होगा कि घर के बाकी लोग, खासकर बच्चे, अगर उनके अधिकारों का मज़ाक उड़ाते हैं तो यह कितनी तकलीफदेह बात हो सकती है।
तुम्हारी बात: मुझे लगता है कि बच्चों को बड़ों के अधिकार मिल जाने के बाद, वे इस बात को समझ पाए होंगे कि बड़ों की तरह सोचना और काम करना आसान नहीं है। वे शायद महसूस कर रहे होंगे कि हर काम में जिम्मेदारी होती है।
1. अगर तुम्हें घर में एक दिन के लिए सारे अधिकार दे दिए जाएँ तो तुम क्या-क्या करोगी?
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अगर मुझे सारे अधिकार मिलते, तो मैं सबसे पहले घर के कामों में थोड़ी मदद करती, लेकिन अपने दोस्तों को बुलाकर और खेल-कूद भी करती। मैं घर में क्या चल रहा है, इसका ध्यान रखते हुए भी थोड़ा खुद के लिए समय निकालने की कोशिश करती।
2. कहानी में ऐसे कई काम बताए गए हैं जो बड़े लोग आरिफ़ और सलीम से करने के लिए कहते थे। तुम्हारे विचार से उनमें से कौन-कौन से काम उन्हें बिना शिकायत किए कर लेने चाहिए थे और कौन-कौन से कामों के लिए मना कर देना चाहिए था?
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बिना शिकायत किए करने योग्य काम: बच्चों को ज़्यादा नखरे नहीं करने चाहिए थे। घर के छोटे-मोटे काम जैसे किसी को पानी देना, या घर में शांति बनाए रखना आदि बिना शिकायत के कर लेने चाहिए थे।
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मना करने योग्य काम: अगर कोई काम बच्चों की सेहत या आराम के खिलाफ हो, जैसे देर तक काम करना या बड़ों की तरह ज़्यादा दबाव बनाना, तो उसे मना करना चाहिए था।
तरकीब
तुम्हारे विचार से वे कौन-कौन सी तरकीबें सोचते होंगे?
उत्तर: आरिफ़ और सलीम ने पहले तो सोचा होगा कि बड़ों के अधिकार मिलने पर वे क्या मज़ा करेंगे। जैसे बड़ों की तरह आदेश देना और किसी को भी मर्जी से काम कराना। शायद उन्होंने घर के कामों में लापरवाही बरतने की योजना बनाई हो ताकि वे महसूस कर सकें कि यह जिम्मेदारी कितनी कठिन है।उत्तर: उनकी इच्छा पूरी हो गई थी जब अब्बा ने उन्हें बड़ों के सारे अधिकार दे दिए थे। वे इस दिन का आनंद लेने के लिए खुलकर खुद को व्यक्त कर पा रहे थे, लेकिन अंत में उन्हें समझ में आया कि यह कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
अधिकारों की बात
तुम्हारे विचार से इस कहानी का नाम 'एक दिन की बादशाहत' क्यों रखा गया है?
उत्तर: इस कहानी का नाम 'एक दिन की बादशाहत' इसलिए रखा गया है क्योंकि इसमें बच्चों को एक दिन के लिए बड़ों के सारे अधिकार मिल जाते हैं, और वे अपने आप को बादशाह की तरह महसूस करते हैं। वे सोचते हैं कि अब वे जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन बाद में उन्हें एहसास होता है कि जिम्मेदारियाँ आसान नहीं होतीं।
तुम भी अपने मन से सोचकर कहानी को कोई शीर्षक दो।
उत्तर: मैं इस कहानी का नाम "बड़ों के अधिकार का मज़ा" रखता, क्योंकि यह नाम बच्चों के दृष्टिकोण से दिखाता है कि वे बड़ों के अधिकारों का मज़ाक और मज़ा लेते हैं।उत्तर: उस दिन बच्चों को सारे काम करने पड़े थे, लेकिन असल में 'बादशाह' वह दिन था जब वे बड़ों के अधिकारों को समझे और महसूस किया कि यह कितना मुश्किल होता है। हालांकि आरिफ़ और सलीम ने थोड़ी देर के लिए "बादशाह" बनने का आनंद लिया, लेकिन असली 'बादशाह' वह दिन था जब उन्हें बड़ों की जिम्मेदारी का अहसास हुआ।
तर माल
कहानी में किन-किन चीज़ों को तर माल कहा गया है?
उत्तर: कहानी में "तर माल" से तात्पर्य उन चीज़ों से है जो खास तौर पर स्वादिष्ट या विशेष होती हैं। जैसे कि आलू, गोश्त, कबाब, मिर्चों का सालन, जो आमतौर पर घर में बड़ों के लिए बनाई जाती हैं।उत्तर: दाल, चावल, रोटी, सादे सूप आदि जो आम तौर पर रोज़ के खाने में होती हैं, वे "तर माल" नहीं लगतीं।
उत्तर: मैं इन्हें "रोज़मरा" या "साधारण स्वाद" कह सकता हूँ, क्योंकि ये रोज़मर्रा के खाने में आती हैं और इनका कोई विशेष आकर्षण नहीं होता।
मनपसंद कपड़े
तुम्हें भी अपना कोई खास कपड़ा सबसे अच्छा लगता होगा। उस कपड़े के बारे में बताओ। वह तुम्हें सबसे अच्छा क्यों लगता है?
उत्तर: मेरा मनपसंद कपड़ा एक हल्का सूती शर्ट है, जो बेहद आरामदायक है। यह गर्मी में बहुत आरामदायक लगता है और इसकी रंगत भी बहुत प्यारी है। मुझे यह शर्ट इस वजह से पसंद है क्योंकि यह पहनने में हल्की और ठंडी रहती है, और इसे कहीं भी पहना जा सकता है।(ख) खाने-पीने की चीजें: मुझे ज्यादा मसालेदार और तीव्र स्वाद वाली चीजें बेकार लगती हैं।
(ग) करने के काम: मुझे उन कामों में समय बर्बाद करना बेकार लगता है जिनसे कुछ खास परिणाम नहीं मिलते, जैसे बहुत सारी फालतू बातें करना।
(घ) खेल: मुझे बहुत ही मुश्किल या उबाऊ खेल बेकार लगते हैं जिनमें मज़ा नहीं आता, जैसे बहुत सारी शारीरिक मेहनत वाले खेल।
हल्का-भारी
(क) 'भारी' का उपयोग:
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भारी साड़ी: इसका मतलब है साड़ी का वजन ज्यादा है। इसमें बड़े-बड़े नमूने और कढ़ाई होती है जो इसे भारी बनाती है।
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भारी अटैची: इसका मतलब है कि अटैची का वजन ज्यादा है और उसमें बहुत सारी चीजें रखी गई हैं।
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भारी काम: इसका मतलब है काम करना बहुत कठिन और थकाने वाला है।
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भारी बारिश: इसका मतलब है कि बारिश बहुत ज्यादा हो रही है या बहुत तेज़ हो रही है।
(ख) 'भारी' का अर्थ: इन चारों में "भारी" का अर्थ भिन्न-भिन्न है। साड़ी और अटैची में इसका अर्थ शारीरिक वजन है, जबकि काम और बारिश में इसका अर्थ शारीरिक या मानसिक दबाव और अधिकता है।
'हल्का' का अर्थ अलग-अलग संदर्भों में
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हल्का कपड़ा: इसका मतलब है कि कपड़ा बहुत ही हल्का और आरामदायक है।
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हल्का काम: इसका मतलब है कि काम आसान है, जिससे ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती।
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हल्की बारिश: इसका मतलब है कि बारिश बहुत कम और धीमी गति से हो रही है।
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हल्का मन: इसका मतलब है कि किसी चिंता या तनाव से मुक्त होना, यानी मन हल्का होना।