Chapter 17
छोटी-सी हमारी
👉MCQ Online Exam
👉Click Here YouTube Video
👉MCQs Answer
प्रश्न और उत्तर:
प्रश्न: नदी के बारे में तुम क्या समझते हो?
उत्तर: कविता में नदी का जीवन चित्रित किया गया है, जिसमें नदी के पानी का उपयोग और उसके आस-पास का जीवन दिखाया गया है। क्या तुम्हारे आसपास ऐसी कोई नदी है जो तुम्हारे जीवन में इस तरह से जुड़ी हुई हो?
प्रश्न: क्या नदी का वेग हमारे जीवन पर प्रभाव डालता है?
उत्तर: कविता में नदी के वेग और उसकी धारा के बदलाव का ज़िक्र है। बारिश के मौसम में नदी का बहाव तेज़ हो जाता है। क्या इस तरह के बदलाव तुम्हारे आसपास की नदियों में भी देखे गए हैं?
प्रश्न: नदी का पानी हमारे दैनिक जीवन में कैसे उपयोग होता है?
उत्तर: कविता में नदी के पानी का उपयोग नहाने, कपड़े धोने, और अन्य दैनिक कार्यों के लिए किया जाता है। क्या तुम्हारे आस-पास की नदी का पानी इसी तरह से इस्तेमाल किया जाता है?
प्रश्न:क्या तुम्हारी देखी हुई नदी भी ऐसी ही है या कुछ अलग है? अपनी परिचित नदी के बारे में छूटी हुई जगहों पर लिखो।
धार: मेरी नदी की धार बहुत तेज़ नहीं होती, खासकर गर्मियों में, जब पानी की कमी हो जाती है।
पाट: नदी का पाट ढालू और नर्म है, जिससे पानी धीरे-धीरे बहता है।
बालू और कीचड़: नदी के किनारे हल्की बालू और कीचड़ मौजूद हैं, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होता।
किनारे: नदी के किनारे ऊँचे हैं और कुछ जगहों पर छोटे पौधे भी उगते हैं।
बरसात में नदी: बरसात के मौसम में नदी का पानी बहुत बढ़ जाता है, और यह आस-पास के खेतों को भी डुबो सकता है। तेज़ बहाव और कोलाहल के साथ नदी बहती है
उत्तर: नदी के किनारे पर अक्सर लोग नहाने आते हैं, बच्चे खेलते हैं और कुछ लोग पानी भरने भी आते हैं। कुछ किसानों के खेत भी नदी के पास हैं, जो बारिश के बाद नदी के पानी से अपनी ज़रूरतें पूरी करते हैं। आसपास के पेड़-पौधे और घास भी बहुत हरे-भरे होते हैं। लोग यहाँ पिकनिक भी मनाने आते हैं।
उत्तर: यहाँ मेरे आसपास एक प्रमुख नदी है, जो किसी पहाड़ी क्षेत्र से निकलती है। यह नदी हमारे गाँव के पास से होकर बहती है और शहर में मिलकर समुद्र तक जाती है। यह नदी बारिश के मौसम में बहुत तेज़ होती है और गर्मियों में सूख जाती है।
उत्तर: इस किताब में एक और पाठ है "नदी और जीवन", जिसमें नदी के जल, इसके महत्व और इससे जुड़ी पारिस्थितिकी का वर्णन किया गया है। नदी का पानी जीवन के लिए आवश्यक होता है, और यह हमारे पर्यावरण में अहम भूमिका निभाती है।
उत्तर: एक प्रसिद्ध कविता "नदी की बात" है, जिसमें नदी के जीवन और इसके पानी के महत्व को बखूबी चित्रित किया गया है।
उत्तर: नदी में नहाने का अनुभव बहुत शांति और ताजगी देने वाला होता है। जब भी हम नदी में नहाते हैं, यह हमें सुकून और राहत महसूस कराता है।
उत्तर: हां, एक बार हम नदी के किनारे मछली पकड़ने गए थे। यह अनुभव बहुत रोमांचक था, क्योंकि हमने छोटी मछलियाँ पकड़ी थीं और बहुत मजा आया।
ये किसकी तरह लगते हैं?
प्रश्न: नदी की टेढ़ी-मेढ़ी धार?
उत्तर: नदी की टेढ़ी-मेढ़ी धार झूलते हुए रास्ते की तरह लगती है, जैसे किसी बालक का सफर हो, जो कभी इधर जाता है तो कभी उधर।उत्तर: मैना की आवाज़ टेढ़ी-मेढ़ी नदी की धार से मिलती है, जो धीरे-धीरे और बिना किसी चिंता के अपने रास्ते पर बहती रहती है।
प्रश्न: उछल-उछल के नदी में नहाते कच्चे-बच्चे?
प्रश्न: कविता के पहले पद को दुबारा पढ़ो। वर्णन पर ध्यान दो। इसे पढ़कर जो चित्र तुम्हारे मन में उभरा उसे बनाओ। बताओ चित्र में तुमने क्या-क्या दर्शाया?
प्रश्न: इस कविता के पद में कौन-कौन से शब्द तुकांत हैं? उन्हें छाँटो।
उत्तर: तुकांत शब्द जैसे 'धार-जार', 'पाट-घाट', 'बालू-कीचड़', 'गमछों-घमछों' आदि हैं।उत्तर: "ढोर-डंगर" शब्द से यह पता चलता है कि नदी के किनारे जानवर भी जाते थे।
उत्तर: नदी के तट की खासियत यह थी कि यहाँ पानी साफ था, लोग नहाते थे और किसान अपने खेतों के लिए जल का उपयोग करते थे।
प्रश्न: अमराई दूजे किनारे चल देतीं।
प्रश्न : इस घर का वातावरण कैसा है?
उत्तर: इस घर का वातावरण अजीब और जटिल है, क्योंकि इसमें चक्करदार सीढ़ियाँ हैं जो अनजाने कमरों तक जाती हैं और ऊँची-नीची ज़मीन पर बने अलग-अलग छज्जे और चबूतरे हैं। इसे एक रहस्यमय और जटिल स्थान कहा जा सकता है, जहाँ कई अलग-अलग स्तर और रास्ते हैं।
प्रश्न : घर के बाहरी और आंतरिक हिस्सों का वर्णन करें।
उत्तर: इस घर के सामने के कमरे और बरामदे बहुत बड़े और खूबसूरत हैं। इनका फर्श संत्रमरमर का बना हुआ है। खिड़कियाँ लंबी हैं और इनमें रंजीन काँच लगे हुए हैं, जो एक आकर्षक दृश्य उत्पन्न करते हैं। घर के अहाते में बड़े-बड़े मकान, घास का मैदान, बजरी का रास्ता और फूलों वाली झाड़ियाँ हैं। ये सभी चीजें घर को और भी खूबसूरत और मनमोहक बनाती हैं।
प्रश्न : घर की सुरक्षा कैसी है?
उत्तर: घर को सुरक्षा देने के लिए ऊँची चारदीवारी से घेरा गया है। इसमें दो बड़े फाटक हैं जो अंधी बली में खुलते हैं। यह चारदीवारी घर को बाहरी दुनिया से अलग और सुरक्षित रखती है।
प्रश्न : इस घर के अजीब डिज़ाइन को लेकर आपके क्या विचार हैं?
उत्तर: इस घर का डिज़ाइन बहुत जटिल और रहस्यमय लगता है। चक्करदार सीढ़ियाँ, ऊँची-नीची ज़मीन, और अलग-अलग छज्जे इस घर को एक迷惑 और खास बनाते हैं। यह शायद एक आदर्श या पुरानी वास्तुकला का उदाहरण है, जो किसी समय में इस तरह के डिज़ाइन को पसंद किया गया होगा।
प्रश्न 1: इस घर के बारे में लेखक ने क्या बताया है?
उत्तर: लेखक ने बताया है कि यह घर कलकत्ता के लोन इसे दैलोर भवन के नाम से जाना जाता है, जो ईस्ट इंडिया कंपनी के जमाने में लगभग दो सौ बरस पहले बना था। इस घर की खासियत उसकी पुरानी छाप और जटिल डिज़ाइन है। छोटे से शिव मंदिर और संकरी बली जैसे स्थान भी इसके साथ जुड़े हुए हैं, जहाँ पुराने समय की छाप अब भी मौजूद है।
प्रश्न : घर के अहाते में क्या दृश्य था?
उत्तर: घर के अहाते में पीतल के बने चिड़ियों के अड्डों की एक कतार थी, जिनमें हर अड्डे पर एक काकातुआ था। इन पक्षियों की तीखी चीख-चिल्लाहट चारों ओर सुनाई देती थी। यह दृश्य घर की विचित्रता और अजीबियत को और बढ़ाता था।
प्रश्न : उस खूबसूरत लड़के के बारे में क्या जानकारी दी गई है?
उत्तर: उस लड़के के बारे में बताया गया कि वह खिड़की से झुककर बेचैनी से पानी से भरी नली को देख रहा था। उसने साधारण सूती कपड़े पहन रखे थे और उसके बाल लंबे थे। कुछ लोग उसे लड़के की बजाय लड़की जैसा मानते थे, क्योंकि उसका रूप और कपड़े कुछ इस तरह के थे कि उसे लड़की समझा गया। इस बारे में एक अफवाह भी फैल गई थी कि वह लड़कियों जैसे कपड़े पहनने वाला एक लड़की है।
प्रश्न : लड़के और उसके साथियों के बीच किस तरह का संवाद हुआ था?
उत्तर: लड़के के साथियों ने यह अफवाह फैलाई कि वह एक लड़की है जो लड़कों जैसे कपड़े पहनती है। इस अफवाह को साबित करने के लिए, उसके साथियों ने उसे चाय पीने के लिए बुलाया और उसे ऊँचे बेंच से कूबने के लिए मज़बूर किया, क्योंकि उनका मानना था कि लड़कियां नीचे उतरते समय पहले कूबने की कोशिश करती हैं।
प्रश्न : इस घर का माहौल किस तरह का था?
उत्तर: इस घर का माहौल अजीब और गैरमामुली था। पुराने ज़माने के प्रभाव और विशेषताओं का संकेत देती हुई जगह थी, जहां पक्षियों की आवाजें और पुरानी इमारतों का विशेष आकार उसकी विचित्रता को व्यक्त करता था।
प्रश्न : रबि के बारे में क्या जानकारी दी गई है?
उत्तर: रबि, जिनका नाम रवींद्रनाथ या संक्षेप में रबि था, एक आठ साल का लड़का था। वह बरसाती मौसम के तीसरे पहर अपने मास्टर के आने की राह देख रहा था, लेकिन चाहता था कि मास्टर न आए ताकि वह आराम से समय बिता सके। रबि का मास्टर पाबंदी के साथ समय पर आता था, जिससे रबि की उम्मीदें टूट जाती थीं। वह पढ़ाई में गहरी रुचि रखता था और रातभर पढ़ाई करता था, जिसमें अनेकों विषय शामिल थे जैसे अँग्रेजी, अणित, विज्ञान, इतिहास और शरीर के हड्डियों का अध्ययन भी।
प्रश्न : उस समय के जीवन के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर: उस समय में बिजली की बत्तियाँ नहीं होती थीं, और सूर्य की रोशनी भी उतनी पर्याप्त नहीं थी। रबि के घर में पानी इकट्ठा करने के लिए मिट्टी के घड़े उपयोग किए जाते थे। बाढ़ का पानी रबि के लिए अचरज और खुशी का कारण बनता था, क्योंकि वह नदी के पानी को सूरज की किरणों से चमकते हुए देखता था। घर में अन्य कार्यों के साथ-साथ छोटे तालाब में मछलियाँ भी पाली जाती थीं।
प्रश्न : रबि का घर किस प्रकार का था?
उत्तर: रबि का घर बहुत भीड़-भाड़ वाला था, जिसमें उसके पिता, माता, चाचा, चाचियाँ, आई, बहनें, चचेरे भाई, भानियाँ, दोस्त और कई अन्य लोग रहते थे। यह एक अचरज भरा मकान था, जिसमें सभी लोग मिलजुलकर रहते थे।
प्रश्न : शांति निकेतन में रबि का योगदान क्या था?
उत्तर: जब रबि बड़ा हुआ, तो उसने अपनी जिंदगी का ज्यादातर समय शांति निकेतन में बिताया। शांति निकेतन में उसने अपना खुद का स्कूल बनवाया, जो आज प्रसिद्ध शांति निकेतन विश्वविद्यालय का हिस्सा है।
प्रश्न : रबि के मास्टर और पढ़ाई के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर: रबि के मास्टर पूरी समय पाबंदी के साथ आते थे। रबि अक्सर चाहता था कि मास्टर न आए ताकि वह आराम से समय बिता सके। लेकिन जब मास्टर आते थे, तो रबि को अपनी किताबें लेकर नीचे के कमरे में पढ़ाई करनी पड़ती थी। रबि रातभर विभिन्न विषयों पर अध्ययन करता था।
Priyanka Das