Chapter 15
चिशन की दिलेरी
👉MCQ Online Exam
👉Click Here YouTube Video
👉MCQs Answer
प्रश्न और उत्तर:
प्रश्न: बिशन घर से बाहर क्यों निकला था?
उत्तर: बिशन हर दिन कर्नल दत्ता के फ़ार्म हाउस पर जाता था, जहाँ कर्नल दत्ता की पत्नी उसे पढ़ाई में मदद करती थीं। वह इसी समय घर से बाहर निकलता था।
प्रश्न: बिशन को गोली चलने की आवाज़ किस समय सुनाई दी?
उत्तर: बिशन को गोली चलने की आवाज़ सुबह के समय सुनाई दी, जब वह अपने रास्ते पर कर्नल दत्ता के फ़ार्म हाउस की ओर जा रहा था।
प्रश्न: बिशन के लिए गोली की आवाज़ सुनने के बाद क्या घटनाएँ घटित हुईं?
उत्तर: गोली की आवाज़ सुनकर बिशन सहम गया और उसने पेड़ों की आड़ में छिपकर खड़ा हो गया। उसने देखा कि गोलियों की आवाज़ से पूरी घाटी गूँज उठी और पंछी घबरा कर आसमान में गोल-गोल चक्कर लगाने लगे।
प्रश्न: बिशन को गोली चलने का कारण किस समय समझ में आया?
उत्तर: बिशन को गोली चलने का कारण तब समझ में आया जब उसने देखा कि फ़सल पक चुकी थी और गोली शायद तीतर या अन्य शिकारियों के खिलाफ चलाई जा रही थी।
प्रश्न: फ़सल के बारे में क्या विशेषताएँ दी गई हैं?
उत्तर: फ़सल तैयार खड़ी थी और सुबह की हल्की धूप में खेत सुनहरे दिखाई दे रहे थे। यह दृश्य खेतों की सुंदरता और किसान की मेहनत को दर्शाता है।
प्रश्न: क्यों बिशन ने पेड़ों की आड़ में छिपने का निर्णय लिया?
उत्तर: बिशन ने गोली चलने की आवाज़ सुनी और यह महसूस किया कि कुछ अनहोनी हो रही है। इस स्थिति से बचने के लिए उसने पेड़ों की आड़ में छिपने का निर्णय लिया।
प्रश्न: बिशन ने तीतर को क्यों बचाया?
उत्तर: बिशन ने तीतर को बचाने का निर्णय इस वजह से लिया क्योंकि वह यह जानता था कि शिकारी तीतरों को मारकर छोड़ देते हैं और घायल तीतर तड़प-तड़पकर मर जाते हैं। बिशन को यह बहुत दुखदायी लगता था और उसने उस घायल तीतर को बचाने की ठानी।
प्रश्न: बिशन ने तीतर को पकड़ने के लिए क्या तरीका अपनाया?
उत्तर: बिशन ने स्वेटर को तीतर पर डाल दिया, जिससे तीतर स्वेटर में फँस गया। फिर उसने तीतर को पकड़कर उसे अपने सीने से चिपका लिया और खेत से बाहर पहाड़ी की ओर दौड़ने लगा।
प्रश्न: बिशन का तेज़ चलने का क्या कारण था?
उत्तर: बिशन तेज़ चल रहा था क्योंकि वह घायल तीतर को लेकर जल्दी से सुरक्षित जगह पर पहुँचना चाहता था, ताकि शिकारी उसे ढूँढ़ न सकें और तीतर को कोई नुकसान न हो।
प्रश्न: शिकारी तीतरों को क्यों मारते हैं?
उत्तर: शिकारी तीतरों को गेहूँ के खेतों में दाना चुगते हुए पाते हैं, और इस समय तीतर उन खेतों में आ जाते हैं। शिकारी इस बात का फायदा उठाकर तीतरों को शिकार बनाते हैं। पहले कुछ तीतर मारकर ले जाते हैं, और बाकी को घायल कर छोड़ देते हैं, जिनका दुखद परिणाम होता है।
प्रश्न: बिशन के दिमाग में शिकारी को सबक सिखाने का विचार क्यों आया?
उत्तर: बिशन को शिकारी के कार्यों से गहरी नफरत थी। उसने महसूस किया कि शिकारी तीतरों को न सिर्फ मारते हैं, बल्कि घायल करके छोड़ जाते हैं, जो पशु क्रूरता का उदाहरण था। बिशन ने सोचा कि इन शिकारी को एक सख्त सबक सिखाना चाहिए।
प्रश्न: बिशन शिकारी से क्यों बच रहा था?
उत्तर: बिशन शिकारी से बचने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह तीतर को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना चाहता था। शिकारी उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे और वह नहीं चाहता था कि शिकारी तीतर को फिर से मार डालें।
उत्तर: बिशन शिकारी से बचने की कोशिश कर रहा था क्योंकि वह तीतर को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना चाहता था। शिकारी उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे थे और वह नहीं चाहता था कि शिकारी तीतर को फिर से मार डालें।
प्रश्न: बिशन ने किस तरह से शिकारी से बचने का प्रयास किया?
उत्तर: बिशन ने कँटीले तारों की बाड़ से निकलने की कोशिश की, लेकिन उसे यह कठिनाई में महसूस हुआ। फिर उसने खेतों के छोटे रास्ते से जाने का निर्णय लिया, जहाँ काँटेदार झाड़ियाँ थीं। वह घुटनों के बल वहाँ से निकलने लगा, लेकिन इससे उसके हाथ-पाँव में खरोंचें आईं।
उत्तर: बिशन ने कँटीले तारों की बाड़ से निकलने की कोशिश की, लेकिन उसे यह कठिनाई में महसूस हुआ। फिर उसने खेतों के छोटे रास्ते से जाने का निर्णय लिया, जहाँ काँटेदार झाड़ियाँ थीं। वह घुटनों के बल वहाँ से निकलने लगा, लेकिन इससे उसके हाथ-पाँव में खरोंचें आईं।
प्रश्न: बिशन के लिए काँटेदार झाड़ियों से निकलना क्यों मुश्किल था?
उत्तर: काँटेदार झाड़ियों से निकलना बिशन के लिए मुश्किल था क्योंकि झाड़ियों में काँटे थे जो उसके शरीर को खरोंचने लगे। इस कारण से उसके हाथ और पाँव पर खून भी निकल आया और उसकी कमीज़ की आस्तीन भी फट गई।
उत्तर: काँटेदार झाड़ियों से निकलना बिशन के लिए मुश्किल था क्योंकि झाड़ियों में काँटे थे जो उसके शरीर को खरोंचने लगे। इस कारण से उसके हाथ और पाँव पर खून भी निकल आया और उसकी कमीज़ की आस्तीन भी फट गई।
प्रश्न: बिशन के मन में क्या संतोष था, जबकि उसे खरोंचें आईं?
उत्तर: बिशन को खरोंचों और फटी कमीज़ के बावजूद संतोष था क्योंकि उसने तीतर की जान बचाने में सफलता प्राप्त की थी। उसका मुख्य उद्देश्य तीतर को सुरक्षित रखना था और इस उद्देश्य में वह सफल हो गया था।
उत्तर: बिशन को खरोंचों और फटी कमीज़ के बावजूद संतोष था क्योंकि उसने तीतर की जान बचाने में सफलता प्राप्त की थी। उसका मुख्य उद्देश्य तीतर को सुरक्षित रखना था और इस उद्देश्य में वह सफल हो गया था।
प्रश्न: बिशन को आगे क्या समस्या आई, जब वह खेत से बाहर निकलने की कोशिश कर रहा था?
उत्तर: बिशन को खेत से बाहर निकलते समय ओस के कारण फिसलन का सामना करना पड़ा। घास के कारण वह पहाड़ी के कोने से नीचे नहीं उतर पा रहा था, और थककर एक किनारे बैठ गया।
उत्तर: बिशन को खेत से बाहर निकलते समय ओस के कारण फिसलन का सामना करना पड़ा। घास के कारण वह पहाड़ी के कोने से नीचे नहीं उतर पा रहा था, और थककर एक किनारे बैठ गया।
प्रश्न: बिशन ने तीतर को कर्नल दत्ता के फार्म हाउस में क्यों छिपाया?
उत्तर: बिशन ने तीतर को कर्नल दत्ता के फार्म हाउस में इसलिए छिपाया क्योंकि वह शिकारी से तीतर को बचाना चाहता था। शिकारी तीतर को मारने के लिए उसे ढूँढ रहे थे और बिशन जानता था कि उसे किसी सुरक्षित स्थान पर रखना जरूरी था।
प्रश्न: बिशन ने तीतर को किस तरह से छिपाया?
उत्तर: बिशन ने तीतर को एक टूटी हुई टोकरी में रखा और उसे स्वेटर से ढक दिया ताकि शिकारी उसे देख न सकें। फिर, बिशन ने छत पर चढ़कर छिपने का निर्णय लिया ताकि वह बाहर से आने वाले शिकारियों को देख सके, लेकिन खुद को छिपा सके।
प्रश्न: कर्नल दत्ता का कुत्ता बिशन को क्यों परेशान कर रहा था?
उत्तर: कर्नल दत्ता का कुत्ता बिशन को इसलिए परेशान कर रहा था क्योंकि वह किसी अजनबी को देखकर भौंकने लगा था। बिशन ने कुत्ते के भौंकने से अंदाजा लगाया कि शिकारी आ रहे हैं।
प्रश्न: बिशन ने छत पर चढ़ने का क्या तरीका अपनाया?
उत्तर: बिशन ने छत पर चढ़ने के लिए शेड के लकड़ी के खंभे का सहारा लिया। वह बंदर की तरह खंभे पर छलांग लगाकर ऊपर चढ़ गया और खपरैल की ढलवाँ छत पर जाकर चिमनी के पीछे छिप गया ताकि वह न तो दिखाई दे और न शिकारी उसे देख सकें।
प्रश्न: शिकारी और कर्नल साहब के बीच क्या बातचीत हुई?
उत्तर: शिकारी कर्नल साहब के पास आए और कर्नल ने रौबदार आवाज़ में उनसे पूछा, "कौन हो तुम?" इसके बाद कुत्ता भौंकता रहा, लेकिन कर्नल ने उसे डाँटा, "चुप रहो।" इस बातचीत से पता चलता है कि शिकारी कर्नल के पास आए थे, लेकिन कर्नल ने अपनी उपस्थिति से उन्हें हतोत्साहित करने की कोशिश की।
प्रश्न: कर्नल दत्ता ने शिकारी से क्या सवाल पूछा और क्यों?
उत्तर: कर्नल दत्ता ने शिकारी से पूछा, "तुम हर साल तीतरों का शिकार करते हो?" यह सवाल कर्नल दत्ता ने शिकारी की आदतों और उनके द्वारा पक्षियों को मारने के बारे में चिंता जताते हुए पूछा था। वह यह जानना चाहते थे कि शिकारी किस प्रकार से तीतरों को मारते हैं और उनके शिकार का उद्देश्य क्या होता है।
प्रश्न: कर्नल दत्ता शिकारी को क्यों डाँटते हैं?
उत्तर: कर्नल दत्ता शिकारी को डाँटते हैं क्योंकि वे तीतरों का शिकार करते हैं, न केवल उन्हें मारकर खाते हैं बल्कि उन्हें घायल करके छोड़ देते हैं। कर्नल को इस पर गुस्सा आता है क्योंकि इससे पक्षियों को बहुत कष्ट होता है। वह यह मानते हैं कि पक्षियों को मारने और घायल करने में कोई बहादुरी नहीं है।
प्रश्न: शिकारी बिशन को किस बारे में बता रहे थे?
उत्तर: शिकारी ने बताया कि वे बिशन को ढूँढ़ रहे थे क्योंकि वह तीतर को लेकर कर्नल दत्ता के यहाँ छुपा आया था। यह बात कर्नल दत्ता के सामने आने पर शिकारी चुप हो गए क्योंकि उन्हें यह उम्मीद नहीं थी कि कर्नल उनके शिकार को लेकर इतनी तीखी प्रतिक्रिया देंगे।
प्रश्न: बिशन ने तीतर को बचाने के लिए क्या कदम उठाए?
उत्तर: बिशन ने तीतर को बचाने के लिए उसे कर्नल दत्ता के फार्म हाउस में छिपा दिया। फिर, जब शिकारी चले गए, तो उसने तीतर को उठाया और घर के अंदर जाते हुए मालकिन को पुकारा, ताकि वह घायल तीतर की मदद कर सकें।
प्रश्न: कर्नल दत्ता के शिकारी के प्रति दृष्टिकोण से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: कर्नल दत्ता का दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की ओर इंगीत करता है। वह शिकारी को तीतरों की हत्या और घायल करने के प्रति सख्त असहमति व्यक्त करते हैं और यह संदेश देते हैं कि शिकार करना और पक्षियों को नुकसान पहुँचाना कोई बहादुरी की बात नहीं है, बल्कि यह एक अमानवीय कार्य है।
प्रश्न: बिशन ने तीतर को बचाने के लिए क्या किया?
उत्तर: बिशन ने तीतर को कर्नल दत्ता के फार्म हाउस में लेकर आया ताकि वह तीतर की मदद कर सके। उसने तीतर को बचाने के लिए उसे अपने सीने से लगाए रखा और बाद में उसे कर्नल दत्ता के पास लाकर इलाज करवाया।
प्रश्न: कर्नल दत्ता ने तीतर का इलाज कैसे किया?
उत्तर: कर्नल दत्ता ने तीतर के पैरों का जख्म साफ किया और उस पर दवाई लगाई। फिर उसने तीतर के टूटे पंख को फैला कर टेप से बांध दिया ताकि वह ज्यादा हिले-डुले नहीं। कर्नल ने बिशन को गेंदे के पत्तों का रस देने की सलाह दी ताकि तीतर जल्दी ठीक हो सके।
प्रश्न: कर्नल दत्ता और बिशन के बीच क्या बातचीत हुई?
उत्तर: कर्नल दत्ता ने बिशन से कहा, "अच्छा! तो तीतर चुराने वाला लड़का तू ही था!" इसके बाद बिशन ने बताया कि तीतर बहुत चोटिल था, और अगर वह उसे नहीं लाता, तो वह मर जाता। कर्नल दत्ता ने उसे दवाइयों का बक्सा लाने को कहा और तीतर का इलाज किया।
प्रश्न: बिशन ने तीतर के लिए क्या खाना दिया?
उत्तर: कर्नल दत्ता की बहू ने बिशन को तीतर के लिए दलिया खिलाने की सलाह दी क्योंकि तीतर को दलिया बहुत पसंद था। इसके साथ ही बिशन को यह भी बताया गया कि तीतर को गेंदे के पत्तों का रस भी देना चाहिए।
प्रश्न: कर्नल दत्ता और बहूजी ने तीतर के बारे में क्या मजाक किया?
उत्तर: कर्नल दत्ता ने बिशन से पूछा कि क्या वह तीतर की आवाज़ जानता है, और बिशन ने तीतर की आवाज़ निकालते हुए कहा, "क्वाक... क्वाक... क्वाक..." इस पर कर्नल और बहूजी दोनों हँस पड़े। यह दृश्य हल्का-फुल्का और मस्ती से भरा था।
प्रश्न: कहानी से क्या संदेश मिलता है?
उत्तर: यह कहानी यह सिखाती है कि हमें जानवरों और पक्षियों के प्रति दयालु और संवेदनशील होना चाहिए। बिशन का तीतर को बचाने का साहस और कर्नल दत्ता का तीतर की देखभाल करने का तरीका यह दिखाता है कि हमें किसी भी जीव की रक्षा करनी चाहिए, चाहे वह कितनी भी छोटी कोशिश हो।
प्रश्न: "जी हाँ, हमारे पास लाइसेंस वाली बंदूकें हैं। सरपंच माधो सिंह भी हमें जानता है।" शिकारियों ने कर्नल साहब से क्या सोचकर ऐसा कहा होगा?
उत्तर: शिकारियों ने यह इसलिए कहा क्योंकि वे अपनी गतिविधियों को सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह जताने का प्रयास किया कि उनके पास कानूनी अनुमति है (लाइसेंस वाली बंदूकें), और सरपंच माधो सिंह भी उन्हें जानता है, ताकि कर्नल साहब को यह विश्वास हो सके कि वे नियमों का पालन करते हुए शिकार कर रहे हैं।
उत्तर: शिकारियों ने यह इसलिए कहा क्योंकि वे अपनी गतिविधियों को सही ठहराने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने यह जताने का प्रयास किया कि उनके पास कानूनी अनुमति है (लाइसेंस वाली बंदूकें), और सरपंच माधो सिंह भी उन्हें जानता है, ताकि कर्नल साहब को यह विश्वास हो सके कि वे नियमों का पालन करते हुए शिकार कर रहे हैं।
प्रश्न: बिशन घायल तीतर को क्यों बचाना चाहता था?
उत्तर: बिशन घायल तीतर को इसीलिए बचाना चाहता था क्योंकि उसे उस पर दया आ रही थी। वह जानता था कि शिकारियों द्वारा मारे गए तीतर का कोई भविष्य नहीं था, और वह यह नहीं चाहता था कि वह घायल पक्षी तड़प-तड़पकर मर जाए। बिशन का दिल बहुत कोमल था और उसे तीतर की पीड़ा से दुख हो रहा था।
उत्तर: बिशन घायल तीतर को इसीलिए बचाना चाहता था क्योंकि उसे उस पर दया आ रही थी। वह जानता था कि शिकारियों द्वारा मारे गए तीतर का कोई भविष्य नहीं था, और वह यह नहीं चाहता था कि वह घायल पक्षी तड़प-तड़पकर मर जाए। बिशन का दिल बहुत कोमल था और उसे तीतर की पीड़ा से दुख हो रहा था।
प्रश्न: घायल तीतर को बचाने के लिए उसे किस तरह की परेशानियाँ हुई?
उत्तर: बिशन को घायल तीतर को बचाने के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले तो वह शिकारी से बचने के लिए छिपता रहा, फिर खेतों और कँटीले तारों के रास्ते में घुटनों के बल चलने की वजह से उसके हाथ-पाँव पर खरोंचें आईं। इसके बाद, वह जल्दी से तीतर को कर्नल दत्ता के फार्म हाउस तक ले जाने के लिए दौड़ता रहा, जिससे वह बहुत थक गया था।
उत्तर: बिशन को घायल तीतर को बचाने के लिए बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पहले तो वह शिकारी से बचने के लिए छिपता रहा, फिर खेतों और कँटीले तारों के रास्ते में घुटनों के बल चलने की वजह से उसके हाथ-पाँव पर खरोंचें आईं। इसके बाद, वह जल्दी से तीतर को कर्नल दत्ता के फार्म हाउस तक ले जाने के लिए दौड़ता रहा, जिससे वह बहुत थक गया था।
प्रश्न: घायल तीतर अगर तुम्हें मिला होता, तो क्या तुम उसे पालते या अच्छा होने पर छोड़ देते? क्यों?
उत्तर: अगर मुझे घायल तीतर मिलता, तो मैं उसे पहले ठीक करने की कोशिश करता, जैसा बिशन ने किया। मैं उसे इलाज करवाकर उसे ठीक करता और अगर वह ठीक होकर उड़ने लायक होता तो उसे स्वच्छंद रूप से उड़ने के लिए छोड़ देता। पक्षियों को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार है, और अगर वह स्वस्थ हो जाए तो उसे प्राकृतिक रूप से अपनी जिंदगी जीने देना सबसे अच्छा रहेगा।
उत्तर: अगर मुझे घायल तीतर मिलता, तो मैं उसे पहले ठीक करने की कोशिश करता, जैसा बिशन ने किया। मैं उसे इलाज करवाकर उसे ठीक करता और अगर वह ठीक होकर उड़ने लायक होता तो उसे स्वच्छंद रूप से उड़ने के लिए छोड़ देता। पक्षियों को स्वतंत्र रूप से जीवन जीने का अधिकार है, और अगर वह स्वस्थ हो जाए तो उसे प्राकृतिक रूप से अपनी जिंदगी जीने देना सबसे अच्छा रहेगा।
प्रश्न: इन वाक्यों को अपने शब्दों में लिखो:
उत्तर: सुबह की हल्की धूप में खेत सुनहरे दिख रहे थे।
सुबह की हल्की रोशनी में खेत स्वर्णिम नजर आ रहे थे।
वह इतना तेज़ चल रहा था मानो उसके पंख लग गए हों।
वह इतनी तेज़ी से दौड़ रहा था जैसे उसे उड़ने की शक्ति मिल गई हो।
प्रश्न: सर्वनाम का सही रूप:
उत्तर: (क) मास्टर साहब ने अप्पाराव को तुम पास बुलाकर कहा, कल घर आना।
(ख) सेंटीला घर तुम नागालैंड के किस शहर में है?
(ग) सुधा ने बुआ से पूछा, पापा कितने बड़े हैं? आप
(घ) मोहन को समझ में नहीं आ रहा कि क्या करना चाहिए? वह
(ङ) विमल ने अफसर को याद दिलाया कि चार बजे बैठक में आप जाना है।
प्रश्न: इन वाक्यों को पूरा करो:
उत्तर: (क) वह इतना धीरे चल रहा था, मानो वह कोई बडी़ जिम्मेदारी संभाल रहा हो।
(ख) रात में चमकते तारे ऐसे दिख रहे थे, मानो वे किसी अलौकिक दुनिया से आए हों।
(ग) तुम तो मंगल ग्रह के बारे में ऐसे बता रहे हो, मानो तुमने वहां का पूरा दौरा किया हो।
(घ) बिल्ली चूहे को ऐसी ललचाई नजरों से देख रही थी, मानो वह उसका अंतिम शिकार करने वाली हो।
प्रश्न: हाथी के झुंड में 'धुई' क्या होती हैं?
उत्तर: हाथियों के झुंड में 'धुई' वह हथिनियाँ होती हैं जिनके साथ छोटे बच्चे होते हैं, जिन्हें 'दुधगृहि' कहा जाता है। इन हथिनियों का मुख्य कार्य अपने बच्चों की रक्षा करना होता है।
प्रश्न: हाथियों के झुंड में छोटे बच्चे की सुरक्षा कैसे की जाती है?
उत्तर: हाथियों के झुंड में बड़े ढतेल (पुराने हाथी) और बड़ी हथिनियाँ छोटे बच्चों की रक्षा करती हैं। यदि कोई शिकारियों या शेर द्वारा हमला होता है, तो ये बड़े हाथी बच्चों को बचाने के लिए प्रयास करते हैं।
प्रश्न: हाथियों के झुंड के छोटे टोलियों में बंटने का कारण क्या है?
उत्तर: सर्दियों में जब जंगलों में घास कम हो जाती है, तो हाथियों के बड़े झुंड को पर्याप्त भोजन नहीं मिल पाता। इस कारण ये झुंड छोटे टोलियों में बंट जाते हैं और अलग-अलग स्थानों पर चरने जाते हैं।
प्रश्न: 'थुई' और उसकी माँ के बारे में क्या बताया गया है?
उत्तर: 'थुई' एक दो साल का हाथी बच्चा है, जो झुंड में सबसे छोटा है और अभी भी माँ का दूध पीता है। वह अपनी माँ से अलग नहीं हो सकता है और उसकी सुरक्षा के लिए झुंड के अन्य हाथी जिम्मेदार होते हैं।
प्रश्न: हाथी के बच्चे को शेर ने क्यों हमला किया था?
प्रश्न: हाथियों ने अपने बच्चे को कैसे बचाया?
उत्तर: जब हाथी के बच्चे पर शेर ने हमला किया, तो सभी बड़े हाथी दौड़कर आए और शेर को वहां से खदेड़ दिया। शेर को छोड़कर नाले की ओर भागना पड़ा। हालांकि, शेर का हमला बहुत गंभीर था और बच्चे के सिर पर बड़ा घाव हो गया था।
उत्तर: जब हाथी के बच्चे पर शेर ने हमला किया, तो सभी बड़े हाथी दौड़कर आए और शेर को वहां से खदेड़ दिया। शेर को छोड़कर नाले की ओर भागना पड़ा। हालांकि, शेर का हमला बहुत गंभीर था और बच्चे के सिर पर बड़ा घाव हो गया था।
प्रश्न: रेंजर ऑफिस के सामने हाथियों ने क्या किया?
उत्तर: घायल हाथी के बच्चे को रेंजर ऑफिस के सामने ले जाया गया, जहाँ हाथी महसूस करते थे कि वे सुरक्षित हैं। वहां कुछ हाथी बच्चे की निगरानी करते रहे जबकि बाकी हाथी चरने चले गए। बच्चे की माँ ने घास का पूला उठाकर घाव पर मक्खियाँ न बैठने देने का प्रयास किया और उसके आँसू बहते रहे।
उत्तर: घायल हाथी के बच्चे को रेंजर ऑफिस के सामने ले जाया गया, जहाँ हाथी महसूस करते थे कि वे सुरक्षित हैं। वहां कुछ हाथी बच्चे की निगरानी करते रहे जबकि बाकी हाथी चरने चले गए। बच्चे की माँ ने घास का पूला उठाकर घाव पर मक्खियाँ न बैठने देने का प्रयास किया और उसके आँसू बहते रहे।
प्रश्न: हाथी के बच्चे की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर: हाथी का बच्चा इतना जख्मी हो गया था कि वह दूध भी नहीं पी सकता था। जंगल में प्राकृतिक रूप से छोटे-मोटे घाव ठीक हो जाते हैं, लेकिन इस बच्चे के घाव बहुत गंभीर थे। अगले दिन वह मर गया।
उत्तर: हाथी का बच्चा इतना जख्मी हो गया था कि वह दूध भी नहीं पी सकता था। जंगल में प्राकृतिक रूप से छोटे-मोटे घाव ठीक हो जाते हैं, लेकिन इस बच्चे के घाव बहुत गंभीर थे। अगले दिन वह मर गया।
प्रश्न: हाथियों ने बच्चे की मृत्यु के बाद कैसे शोक व्यक्त किया?
उत्तर: बच्चे की मृत्यु के बाद, हाथियों ने शोक मनाया। उन्होंने रेंजर ऑफिस के सामने शव को घेर लिया और सारी रात वहाँ खड़े रहे। उनकी आँखों से आँसू बहते रहे, वे चिंघाड़ते, रोते और बिलखते रहे, जो उनकी गहरी संवेदनाओं को दर्शाता है।
उत्तर: बच्चे की मृत्यु के बाद, हाथियों ने शोक मनाया। उन्होंने रेंजर ऑफिस के सामने शव को घेर लिया और सारी रात वहाँ खड़े रहे। उनकी आँखों से आँसू बहते रहे, वे चिंघाड़ते, रोते और बिलखते रहे, जो उनकी गहरी संवेदनाओं को दर्शाता है।
अन्य सवाल
उत्तर: शेर ने हमला किया क्योंकि हाथी का बच्चा अकेला था और शेर के लिए उसे शिकार बनाना आसान था।
उत्तर: शेर ने हमला किया क्योंकि हाथी का बच्चा अकेला था और शेर के लिए उसे शिकार बनाना आसान था।
प्रश्न: हाथियों के शोक का दृश्य कैसे था?
प्रश्न: क्या यह कहानी हाथियों की संवेदनाओं को दिखाती है?
उत्तर: हाँ, यह कहानी हाथियों की गहरी संवेदनाओं को दर्शाती है, जिसमें वे अपने बच्चे की रक्षा करने और उसकी मृत्यु पर शोक मनाने की प्रक्रिया को दिखाती है। यह उनके रिश्तों और परिवार की महत्ता को भी उजागर करती है।