Chapter 16
पानी रे पानी
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प्रश्न और उत्तर:
प्रश्न: जल-चक्र क्या है?
उत्तर: कहानी में यह बताया गया है कि अब नल से पानी नियमित रूप से नहीं आता। कभी पानी देर रात या भोर में आता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। इसके अलावा, पानी की आपूर्ति को लेकर मोहल्ले में झगड़े भी होते हैं।
उत्तर: पानी की आपूर्ति की समस्या को हल करने के लिए कई घरों में मोटर लगाई जाती है, जिससे पानी एक ही घर में खिंचकर आता है। हालांकि, यह तरीका आसपास के लोगों के हक को छीनने जैसा हो सकता है, लेकिन इसे मजबूरी मानकर अपनाया जाता है।
उत्तर: पानी की कमी के कारण लोग रोज़-रोज़ झगड़ते हैं। कभी पानी की आपूर्ति समय पर नहीं होती, तो कभी पानी का वितरण असमान होता है, जिससे मोहल्ले में तनाव और विवाद उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न: तुम्हारे अनुसार जल-चक्र में किस हिस्से को सबसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है और क्यों?
उत्तर: जल-चक्र में समुद्र से पानी का भाप बनकर उड़ना और फिर बादल बनकर वर्षा के रूप में धरती पर लौटना सबसे महत्वपूर्ण माना जा सकता है, क्योंकि यह जल की निरंतरता और पुनःसंचयन को सुनिश्चित करता है।
प्रश्न: क्या तुम्हें लगता है कि जल-चक्र के बारे में पढ़ने से पानी के उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकती है?
प्रश्न: गर्मी के मौसम में पानी की कमी के कारण क्या समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर: बरसात में अधिक पानी के कारण बाढ़ जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इससे शहरों और गाँवों की सड़कों, रेल पटरियों और घरों में पानी भर जाता है। कई हिस्सों में बाढ़ के कारण जनजीवन प्रभावित हो जाता है। इस बाढ़ में समस्त चीजें बह जाती हैं और लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उत्तर: अकाल और बाढ़ दोनों ही पानी की समस्या से जुड़े हुए हैं। अकाल तब होता है जब पानी की कमी होती है, जबकि बाढ़ तब होती है जब पानी की अत्यधिकता होती है। ये दोनों स्थितियाँ पानी से संबंधित समस्याएं हैं, और यदि हम इन्हें सही तरीके से संभाल सकें तो हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
उत्तर: गुल्लक के उदाहरण के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि हमें अपनी मेहनत की चीजों को बचाकर रखना चाहिए। जैसे हम पैसे को गुल्लक में बचाकर जरूरत के समय उसका उपयोग करते हैं, वैसे ही हमें पानी को भी समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए और उसका संरक्षण करना चाहिए ताकि हमें कभी पानी की कमी का सामना न करना पड़े।
प्रश्न: दिल्ली में पानी की खपत बढ़ने के बावजूद झुग्गी बस्तियों को क्यों कम पानी मिलता है?
उत्तर: हमारे समाज में पानी के अलावा कई अन्य संसाधनों का भी असमान वितरण होता है। जैसे, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, रोजगार के अवसर, और संपत्ति। अमीर और गरीब के बीच इन सुविधाओं का असमान वितरण होता है, जिससे कुछ लोगों का हक छिन जाता है और कुछ लोगों को अधिक सुविधाएँ मिलती हैं। यह असमानता समाज में अनेक समस्याओं का कारण बनती है।
उत्तर: जलस्रोतों की रक्षा करना हमारे अस्तित्व के लिए जरूरी है। जलस्रोतों जैसे तालाबों, झीलों और नदियों का सही तरीके से संरक्षण करने से हम जल संकट से बच सकते हैं। यदि हम इन जलस्रोतों को सही तरीके से संरक्षित करते हैं, तो हमारे भूजल भंडार समृद्ध होंगे और हमें सालभर पानी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, जल स्रोतों की रक्षा से बाढ़ और सूखा जैसी समस्याएँ भी कम हो सकती हैं।
उत्तर: हमारी धरती को गुल्लक के रूप में देखा गया है क्योंकि प्रकृति हमें वर्षा के रूप में पानी देती है, जिसे हमें सुरक्षित रूप से संचित करना चाहिए। जैसे हम पैसे को गुल्लक में जमा करते हैं और जरूरत के समय उसका उपयोग करते हैं, वैसे ही हमें वर्षा के पानी को अपने जलस्रोतों में जमा करना चाहिए ताकि हम भविष्य में पानी की कमी से बच सकें। अगर हम इस जल भंडारण की अनदेखी करेंगे, तो हम अकाल और बाढ़ जैसी समस्याओं का सामना करेंगे।
प्रश्न: क्या आप मानते हैं कि अगर जल-चक्र का सही उपयोग किया जाए तो पानी की समस्या का समाधान हो सकता है?
प्रश्न: तुम्हारे घर में पानी कहाँ से आता है?
उत्तर: यह जानना महत्वपूर्ण है कि हमारे घर का गंदा पानी (सीवेज) कहां जाता है। आमतौर पर, यह नगर निगम के सीवेज सिस्टम में जाता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह गंदा पानी नालों या खुले में बहता है, जिससे जल प्रदूषण हो सकता है।
उत्तर: इस सवाल का उत्तर आपके इलाके के भूजल स्तर पर निर्भर करेगा। यह जानकारी स्थानीय जल विभाग या जलस्रोतों की देखभाल करने वाले संस्थानों से मिल सकती है।
प्रश्न: आज से पंद्रह वर्ष पहले यह पानी कितना नीचा था?
उत्तर: यह सवाल भूजल स्तर में हुए बदलाव को समझने में मदद करता है। सामान्यत: बढ़ती जल खपत और पानी की बचत के उपायों की कमी के कारण भूजल स्तर में गिरावट होती है।
प्रश्न: अपने घर के नल के पाइप में मोटर लगवाना दूसरों का हक छीनने के बराबर है। लेखक ऐसा क्यों मानते हैं?
उत्तर: लेखक मानते हैं कि यदि हम अपने नल के पाइप में मोटर लगवाते हैं, तो इससे पानी का असमान वितरण होता है। कुछ लोग अधिक पानी खींचते हैं और उनके आस-पास के अन्य लोग पानी की कमी का सामना करते हैं। इससे सामाजिक असमानता और जल संकट बढ़ता है।
प्रश्न: बड़ी संख्या में इमारतें बनने से बाढ़ और अकाल का खतरा कैसे पैदा होता है?
उत्तर: धरती की गुल्लक में पानी भरने के मुख्य साधन वर्षा, जलाशय, नदियाँ, तालाब, और जलसंचयन के अन्य उपाय हैं। ये सभी स्रोत धरती के अंदर पानी जमा करने का काम करते हैं, जिससे भूजल भंडार भरता है और हमें सालभर पानी मिल सकता है।
प्रश्न: क्या तुम्हारे घर में पानी कुछ ही घंटों के लिए आता है? यदि हाँ, तो बताओ कि कैसे तुम्हारे परिवार की दिनचयां नल में पानी आने के साथ बँधी होती है?
पानी की बचत के उपाय:
नल बंद करना जब उपयोग न हो।
पानी की बचत करने वाले उपकरणों का उपयोग करना।
वर्षा के पानी का संचयन करना।
गीले कपड़े धोने के बाद उस पानी का उपयोग बागवानी के लिए करना।
प्रश्न: जितना उपलब्ध है, उससे कहीं ज्यादा खर्च करने से पानी का संकट उत्पन्न होता है। क्या यही बात हम बिजली के संकट के बारे में भी कह सकते हैं?
पानी का चक्कर भाषा का चक्कर
प्रश्न: पानी की समस्या या बचत से संबंधित पोस्टर और नारे तैयार करो। यह काम तुम चार-चार के समूह में कर सकते हो।
उत्तर: यह एक रचनात्मक गतिविधि है, जहां आप पानी बचाने के संदेश वाले पोस्टर और नारे बना सकते हैं, जैसे:
"पानी बचाओ, जीवन बचाओ!"
"पानी है तो जीवन है!"
प्रश्न: "पानी की बर्बादी, सबकी बर्बादी" इस नारे में 'बर्बादी' शब्द का एक अर्थ है या दो अलग अर्थ हैं? सोचो।
पहला अर्थ: पानी की बर्बादी से जीवन का संकट बढ़ता है, जिससे सबकी बर्बादी होती है।
दूसरा अर्थ: जब पानी की बर्बादी होती है, तो पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों की भी बर्बादी होती है, जिससे समग्र रूप से सबका नुकसान होता है।
प्रश्न: पानी हमारी जिंदगी में महत्वपूर्ण तो है ही, मुहावरों की दुनिया में भी उसकी खास जगह है। पानी से संबंधित कुछ मुहावरे इकट्ठे करो और उनका उचित संदर्भ में प्रयोग करो।
मुहावरे:
पानी का रंग देखना - किसी परिस्थिति की गंभीरता का अनुमान लगाना।
पानी में रहकर मगर से बैर करना - किसी संकट में रहकर उस संकट से लड़ना।
पानी पियेंगे और कटोरा फोड़ेंगे - काम करने के बाद उसकी कीमत चुकाना।
प्रश्न: नदी की शुरुआत कहाँ से होती है?
उत्तर: जहाँ से नदी की शुरुआत होती है, उसे नदी का 'उद्गम' कहते हैं। यह वह स्थान होता है जहाँ नदी अपने सफर की शुरुआत करती है।
उत्तर: महाड़ी क्षेत्र में दाल अधिक होने के कारण नदी का बहाव तेज़ होता है, जिससे नदी गहरी और तेज़ बहने लगती है।
उत्तर: कई सारी छोटी नदियाँ मुख्य नदी में मिलकर उसे बड़ी नदी बना देती हैं। इन छोटी नदियों को मुख्य नदी की सहायक नदियाँ कहते हैं।
प्रश्न: नदी के पानी का बहाव किस प्रकार होता है?
प्रश्न: नदी की धारा का विकास:
उत्तर: नदी समुद्र में मिलते समय अपनी रेत और मिट्टी को समुद्र के किनारे पर छोड़ देती है। यह नदी के साथ बहकर आने वाले पदार्थ होते हैं जो नदी के बहाव में शामिल होते हैं।
उत्तर: जब नदी में जल की मात्रा कम हो जाती है और बहाव बहुत धीमा हो जाता है, तो नदी घुमावदार रास्ते अपनाती है, जिसे विसर्प या मिचण्डर कहते हैं। यह तब होता है जब नदी अपने रास्ते को मोड़ देती है, जिससे उसकी दिशा बदल जाती है।
उत्तर: अगर तुम्हारे आस-पास कोई नदी है, तो तुम उस नदी के बारे में क्या जानते हो? जैसे नदी का उद्गम स्थल, उसकी दिशा, और क्या वह समुद्र में मिलती है या किसी अन्य जलाशय में। नदी का यह सफर बहुत ही दिलचस्प होता है, और यह हमारे पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।