Chapter 5

   "जहाँ चाह वहाँ राह"

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प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: मलमली धोती का वर्णन किस प्रकार किया गया है?

उत्तर: मलमली धोती का वर्णन बड़े सुंदर ढंग से किया गया है। उसका बादामी रंग खिल उठा था, किनारों पर कसूती के टाँकों से पिरोई हुई बेल थी और पल्लू पर भरवाँ टाँके अपनी कला का कमाल दिखा रहे थे। सुनहरे-रूपहले बेल-बूटों से मलमल में जान आ गई थी।

प्रश्न 2: मलमल की धोती पर बेल-बूटे किसने सजाए थे?

उत्तर: मलमल की धोती पर बेल-बूटे इला सचानी ने सजाए थे।

प्रश्न 3: इला सचानी के बारे में लेखिका ने क्या कहा है?

उत्तर: लेखिका ने इला सचानी की हिम्मत को अनूठी मिसाल बताया है और कहा है कि उनके द्वारा बनाई गई कढ़ाई के नमूने उनकी मेहनत और प्रतिभा का प्रमाण हैं।

प्रश्न 4: 'जहाँ चाह वहाँ राह' कहावत का अर्थ इस पाठ में किस प्रकार व्यक्त हुआ है?

उत्तर: 'जहाँ चाह वहाँ राह' का अर्थ है कि अगर सच्ची लगन और हिम्मत हो तो कठिन से कठिन कार्य भी सफलतापूर्वक किया जा सकता है। इस पाठ में इला सचानी ने अपनी मेहनत और लगन से सुंदर कढ़ाई के नमूने तैयार किए, जो उनकी दृढ़ इच्छा-शक्ति का प्रतीक हैं।

प्रश्न 5: इला का बचपन कहाँ बीता?

उत्तर: इला का बचपन अमरेली जिले के राजकोट गाँव में अपने नाना के यहाँ बीता।

प्रश्न 6: बचपन में मोहल्ले के बच्चे कौन-कौन से खेल खेलते थे?

उत्तर: बचपन में मोहल्ले के बच्चे मिट्टी में आड़ी-तिरछी लकीरें खींचते, कनेर के पत्तों से पिटपिटी बजाते, गिट्टे खेलते, टूटे-फूटे घड़ों के ठीकरे बटोरकर पिट्टू खेलते और पेड़ की डालियों पर झूला डालकर गाते थे।

प्रश्न 7: इला खेलों में बच्चों के साथ पूरी तरह शामिल क्यों नहीं हो पाती थी?

उत्तर: इला खेलों में बच्चों के साथ पूरी तरह शामिल नहीं हो पाती थी क्योंकि उसके हाथ ठीक से काम नहीं करते थे। वह रस्सी पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाती थी, लेकिन हाथ उठते ही नहीं थे।

प्रश्न 8: इला ने अपने हाथों की कमजोरी को किस रूप में लिया?

उत्तर: इला ने अपने हाथों की कमजोरी को एक चुनौती के रूप में लिया।

प्रश्न 9: इला ने अपने पैरों से कौन-कौन से काम करना सीखा?

उत्तर: इला ने अपने पैरों से दाल-भात खाना, दूसरों के बाल बनाना, फ़र्श बुहारना, कपड़े धोना, तरकारी काटना और तख्ती पर लिखना सीखा।

प्रश्न 10: इला को स्कूल में दाखिला लेने में क्या कठिनाइयाँ आईं?

उत्तर: इला को स्कूल में दाखिला लेने में कठिनाइयाँ आईं क्योंकि कुछ स्कूल उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे और कुछ उसकी काम करने की धीमी गति को लेकर।

प्रश्न 11: इला दसवीं की परीक्षा क्यों नहीं पास कर पाई?

उत्तर: इला दसवीं की परीक्षा इसलिए नहीं पास कर पाई क्योंकि उसे यह जानकारी समय पर नहीं मिली कि वह अतिरिक्त समय या लिखने वाले सहायक की सुविधा प्राप्त कर सकती थी।

प्रश्न 12: इला को किस बात का दुख था?

उत्तर: इला को इस बात का दुख था कि वह दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर पाई थी।

प्रश्न 13: इला ने कशीदाकारी करना कैसे सीखा?

उत्तर: इला ने अपनी माँ और दादी को कशीदाकारी करते देखकर कशीदाकारी करना सीखा। उसने अपने पैर के अँगूठों के सहारे सुई पकड़कर रेशम पिरोना और बूटियाँ बनाना सीखा।

प्रश्न 14: कठिनाई के बावजूद इला ने कशीदाकारी में कैसे सफलता प्राप्त की?

उत्तर: इला ने अपने विश्वास और धैर्य के बल पर कठिनाइयों को पार किया और कशीदाकारी में महारत हासिल कर ली। उसने अपने पैरों से सुई और धागे को संभालते हुए कढ़ाई के विभिन्न नमूनों को उकेरा।

प्रश्न 15: इला ने किन-किन प्रकार की कशीदाकारी का प्रयोग किया?

उत्तर: इला ने काठियावाड़ी कशीदाकारी के साथ-साथ लखनऊ की चिकनकारी, बंगाल की कांथा कढ़ाई, कसूती और जंजीर टाँकों का भी प्रयोग किया।

प्रश्न 16: इला के बनाए परिधानों में कौन-कौन से क्षेत्र की झलक मिलती थी?

उत्तर: इला के बनाए परिधानों में काठियावाड़, लखनऊ और बंगाल की झलक मिलती थी।

प्रश्न 17: पारंपरिक डिज़ाइनों में इला ने किस प्रकार नवीनता लाई?

उत्तर: इला ने पारंपरिक डिज़ाइनों में विभिन्न क्षेत्रों की कढ़ाई शैलियों को मिलाकर नवीनता लाई, जिससे उसके परिधान सभी को बहुत पसंद आए।

प्रश्न 18: आज इला का स्वभाव और कार्यशैली कैसी है?

उत्तर: आज इला की आँखों में चमक, होंठों पर मुस्कान और एक अनूठा विश्वास है। वह सुनहरे-रूपहले बूटियाँ उकेरते थकती नहीं है।

19. इला या इला जैसी कोई लड़की यदि तुम्हारी कक्षा में दाखिला लेती तो तुम्हारे मन में कौन-कौन से प्रश्न उठते?

उत्तर: अगर इला जैसी कोई लड़की हमारी कक्षा में दाखिला लेती, तो मेरे मन में ये प्रश्न उठते:

  • क्या वह हमारे साथ आसानी से पढ़-लिख सकेगी?

  • क्या वह खेल-कूद और अन्य गतिविधियों में भाग ले पाएगी?

  • उसे किन-किन बातों में सहायता की ज़रूरत होगी?

  • हम उसकी कैसे मदद कर सकते हैं ताकि वह सहज महसूस करे?

20. इस लेख को पढ़ने के बाद क्या तुम्हारी सोच में कुछ बदलाव आए?

उत्तर: हाँ, इस लेख को पढ़ने के बाद मेरी सोच में बदलाव आया है। अब मैं समझती हूँ कि कठिनाइयों के बावजूद भी दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है। अब मैं किसी भी शारीरिक बाधा को कमजोरी नहीं, बल्कि एक चुनौती मानती हूँ, जिसे मेहनत से पार किया जा सकता है।

21. यदि इला तुम्हारे विद्यालय में आए तो उसे किन-किन कामों में परेशानी आएगी?

उत्तर: इला को लिखने, कला-कृतियों में भाग लेने, खेलों में दौड़ने, कुछ वस्तुएँ उठाने, और जल्दी-जल्दी कार्य करने में परेशानी आ सकती है।

22. उसे यह परेशानी न हो इसके लिए अपने विद्यालय में क्या तुम कुछ बदलाव सुझा सकती हो?

उत्तर: हम विद्यालय में इन बदलावों का सुझाव दे सकते हैं:

  • कक्षाओं में विशेष सुविधाएँ जैसे कि आरामदायक बैठने की व्यवस्था।

  • परीक्षा में लिखने के लिए सहायक प्रदान करना।

  • कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय देना।

  • विद्यालय में मित्रतापूर्ण और सहयोगी वातावरण बनाना ताकि इला को कभी अकेलापन न लगे।

23.प्यारी इला... (चिट्ठी लेखन)

प्रिय इला,

नमस्ते!
तुम्हारे बारे में पढ़कर मेरे मन में बहुत सम्मान और प्रेरणा की भावना जागी है। तुम्हारी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास ने यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन से सब कुछ संभव है। तुम्हारी कहानी ने मुझे सिखाया कि किसी भी कठिनाई को चुनौती मानकर उस पर विजय पाई जा सकती है।
तुमने अपने पैरों से कशीदाकारी करके जो अद्भुत नमूने बनाए हैं, वह हम सबके लिए एक मिसाल हैं।
तुमसे मिलकर या तुम्हारी और कहानियाँ जानकर मुझे बहुत खुशी होगी। मैं तुम्हारे उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ देती हूँ।
हम सब तुम्हारी प्रेरणा से सीख सकते हैं कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।

तुम्हारी मित्र,
(तुम्हारा नाम)

24. इला को लेकर स्कूल वाले चिंतित क्यों थे? क्या उनका चिंता करना सही था या नहीं? अपने उत्तर का कारण लिखो।

उत्तर: स्कूल वाले इला को लेकर इसलिए चिंतित थे क्योंकि उन्हें उसकी सुरक्षा और काम करने की गति को लेकर चिंता थी।
उनकी चिंता आंशिक रूप से सही थी, क्योंकि हर बच्चे की विशेष ज़रूरतों को समझना ज़रूरी होता है। परंतु यदि वे उसे अवसर और सहारा देते, तो इला अपनी मेहनत से यह साबित कर सकती थी कि वह भी अन्य बच्चों की तरह सक्षम है।

25. इला की कशीदाकारी में खास बात क्या थी?

उत्तर: इला की कशीदाकारी की खास बात यह थी कि उसने पैरों के अँगूठों से सुंदर-सुंदर बेल-बूटे बनाए और काठियावाड़ी, लखनऊ की चिकनकारी, बंगाल की कांथा तथा कसूती जैसी विभिन्न शैलियों को मिलाकर अपने काम में नवीनता लाई।

26. सही के आगे (✔️) का निशान लगाओ।

प्रश्न: इला दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर सकी, क्योंकि...

  • परीक्षा के लिए उसने अच्छी तरह तैयारी नहीं की थी।

  • वह परीक्षा पास करना नहीं चाहती थी।

  • लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी। ✔️

  • उसको पढ़ाई करना कभी अच्छा लगा ही नहीं।

 सही उत्तर: लिखने की गति धीमी होने के कारण वह प्रश्न-पत्र पूरे नहीं कर पाती थी।

27. क्या इला अपने पैर के अँगूठे से कुछ भी करना सीख पाती, अगर उसके आस-पास के लोग उसके लिए सभी काम स्वयं कर देते और उसको कुछ करने का मौका नहीं देते?

उत्तर: नहीं, यदि इला को मौका नहीं मिलता और उसके सारे काम लोग खुद कर देते, तो वह अपने पैरों के अँगूठों से काम करना नहीं सीख पाती। अभ्यास और अवसर ने ही उसे आत्मनिर्भर और कुशल बनाया।

कशीदाकारी

28. (क) इस पाठ में सिलाई-कढ़ाई से संबंधित कई शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ।

उत्तर :

  • कशीदाकारी

  • सुई

  • धागा

  • टाँके

  • बेल-बूटे

  • रेशम

  • मलमल

  • चिकनकारी

  • कसूती

  • कांथा

(ख) नीचे दी गई सूची में से किन्हीं दो से संबंधित शब्द (संज्ञा और क्रिया दोनों) इकट्ठा करो।

उत्तर:

(1) फुटबाल:

  • संज्ञा: फुटबाल, गेंद, खिलाड़ी

  • क्रिया: दौड़ना, मारना, गोल करना

(2) पतंगबाज़ी:

  • संज्ञा: पतंग, डोरी, चरखी

  • क्रिया: उड़ाना, काटना, लड़ाना

"बात का सफर"

1. इस लंबी सूची में और क्या जोड़ा जा सकता है?

उत्तर: इस सूची में और भी चीजें जोड़ी जा सकती हैं जैसे — मोबाइल फोन, वीडियो कॉल, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, रेडियो, टेलीविजन, अखबार, चिट्ठी, फैक्स इत्यादि।

2. इन सभी में क्या समानता है?

उत्तर: इन सभी का काम एक ही है — सूचना देना या एक-दूसरे से बातचीत करना। ये सब संपर्क और संचार के साधन हैं।

3. सड़कों के चौराहे पर खड़ा ट्रैफिक पुलिस का आदमी क्या करता है?

उत्तर: ट्रैफिक पुलिस का आदमी हाथों के इशारों और संकेतों से गाड़ियों को रोकता और चलने का निर्देश देता है, ताकि ट्रैफिक सही ढंग से चलता रहे।

4. कत्थक, भरतनाट्यम जैसे शास्त्रीय नृत्य की भाव-भंगिमाएँ क्या अभिव्यक्त करती हैं?

उत्तर: इन नृत्यों की भाव-भंगिमाएँ किसी भावना, कहानी या विचार को बिना बोले हावभाव और मुद्राओं से व्यक्त करती हैं।

5. दो बच्चे जो टीचर के पढ़ाते समय इशारों से या कागज पर लिखकर बातें करते हैं, वे क्या कर रहे होते हैं?

उत्तर: वे चुपचाप संवाद (संचार) कर रहे होते हैं। यानी बिना आवाज के आपस में अपनी बातें या विचार साझा कर रहे होते हैं।

6. डाक के ज़रिए संदेश पहुँचाने का काम कैसा होता है?

उत्तर: डाक के ज़रिए संदेश पहुँचाने का काम थकाऊ और जोखिम भरा होता है। इसमें कभी लंबी दूरियाँ तय करनी पड़ती हैं, कभी कठिन रास्तों से गुजरना पड़ता है और मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है।

7. समय के साथ संदेश पहुँचाने के तरीके में क्या बदलाव आया है?

उत्तर: पहले संदेश कई दिनों में पहुँचते थे, अब तकनीक की मदद से पल भर में संदेश भेजे जा सकते हैं। अब ई-मेल, मोबाइल, इंटरनेट जैसे साधनों ने डाक का काम बहुत तेज कर दिया है।

8. संदेश पहुँचाने की जरूरत कब से रही है?

उत्तर: संदेश पहुँचाने की जरूरत इंसानों को हमेशा से रही है। यह मानव समाज के प्रारंभ से ही महत्वपूर्ण रही है।

9. समाज के विभिन्न वर्गों ने संचार के माध्यमों का कैसे उपयोग किया है?

उत्तर: हर वर्ग ने अपने तरीके से संचार के माध्यमों का उपयोग किया है — राजा-महाराजा अपने दूत भेजते थे, व्यापारी पत्र लिखते थे, अब आम लोग मोबाइल और इंटरनेट से बातचीत करते हैं।

10. "एक माँ की बेबसी" कविता किस विषय पर है?

उत्तर: यह कविता एक ऐसे बच्चे के बारे में है जो बोल नहीं सकता। यह उसकी माँ के दर्द और बेबसी को बहुत मार्मिक ढंग से दिखाती है।

11. संवाद न होने पर क्या असर पड़ता है?

उत्तर: जब संवाद नहीं होता, तो हम दूसरों को सही से जान और समझ नहीं पाते। इससे दूरियाँ बढ़ सकती हैं और लोग अजनबी बने रह सकते हैं।

Priyanka Das