Chapter 2                                        लघु कथाएँ         


1.प्रश्न अ.

दावत में होने वाली अन्न की बरबादी पर उषा की प्रतिक्रिया –

उत्तर :

उषा की आँखों में आँसू आ गए।

प्रश्न आ.

संवादों का उचित घटनाक्रम –

(i) “रुपये खर्च हो गए मालिक।”

(ii) “स्कूल नहीं जाता तू? अजीब है….!”

(iii) “अरे क्या हुआ ! जाता क्यों नहीं?”

(iv) “माँ, बाल-मजदूरी अपराध है न?’

उत्तर :

(i) “स्कूल नहीं जाता तू? अजीब है….!”

(ii) “माँ, बाल-मजदूरी अपराध है न?’

(iii) “अरे क्या हुआ ! जाता क्यों नहीं?”

(iv) “रुपये खर्च हो गए मालिक।”


2.प्रश्न अ.

समूह में से विसंगति दर्शानेवाला कृदंत/तद्धित शब्द चुनकर लिखिए –

(i) मानवता, हिंदुस्तानी, ईमानदारी, पढ़ाई

(ii) थकान, लिखावट, सरकारी, मुस्कुराहट

(iii) बुढ़ापा, पितृत्व, हँसी, आतिथ्य

(iv) कमाई, अच्छाई, सिलाई, चढ़ाई

उत्तर :

(i) पढ़ाई, (कृदंत शब्द)

(ii) सरकारी – (तद्धित शब्द)

(iii) हँसी – (कृदंत शब्द)

(iv) अच्छाई – (तद्धित शब्द)


3.प्रश्न आ.

निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए शब्दों के वचन परिवर्तन करके वाक्य फिर से लिखिए –


(i) पेड़ पर सुंदर फूल खिला है।

उत्तर :

पेड़ों पर सुंदर फूल खिले हैं।

(ii) कला के बारे में उनकी भावना उदात्त थी।

उत्तर :

कलाओं के बारे में उनकी भावनाएँ उदात्त थीं।


(iii) दीवारों पर टँगे हुए विशाल चित्र देखे।

उत्तर :

दीवार पर टँगा हुआ विशाल चित्र देखा।


(iv) वे बहुत प्रसन्न हो जाते थे।

उत्तर :

वह बहुत प्रसन्न हो जाता था।


(v) हमारी-तुम्हारी तरह इनमें जड़ें नहीं होती।

उत्तर :

हमारी-तुम्हारी तरह इसमें जड़ नहीं होती।


(vi) ये आदमी किसी भयानक वन की बात कर रहे थे।

उत्तर :

यह आदमी किसी भयानक वन की बात कर रहा था।


(vii) वह कोई बनावटी सतह की चीज है।

उत्तर :

वे कोई बनावटी सतह की चीजें हैं।


4.प्रश्न अ.

‘अन्न बैंक की आवश्यकता’, इसपर अपने विचार लिखिए।

उत्तर :

‘वित्त बैंक’, ‘ब्लड बैंक’ यह शब्द हम सुनते हैं किंतु ‘अन्न बैंक’ शब्द कभी सुना नहीं है। सचमुच ऐसा बैंक अगर खुल जाए तो गरीबों के जीवन में भूखा सोने की नौबत नहीं आएगी। आज अमीरों के घरों का बहुत सारा खाना कूड़े-कचरे के हवाले हो जाता है।

होटलों का, शादी-ब्याह में लोगों के प्लेटों का बचा-खुचा खाना अगर जरूरतमंदों को मिल जाए तो बेचारों की जिंदगी खुशी से भर जाएगी। अत: ‘अन्न बैंक’ खुलवाकर वहाँ अगर ऐसा अन्न दिया जाए तो इस अन्न को सुरक्षित रखने की व्यवस्था हो जाएगी और आवश्यकता के अनुसार यह अन्न गरीबों को दे दिया जाए तो देश की भूख की समस्या हल हो पाएगी।


प्रश्न आ.

‘शिक्षा से वंचित बालकों की समस्याएँ’, इस विषय पर अपना मत लिखिए।

उत्तर :

भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत 06 से 14 साल तक के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का कानून बनाया है। फिर भी आज तक अनेक बालक हशिये पर हैं। निरक्षरता सभी समस्याओं की नींव है। इसी कारण सरकार ने शिक्षा अभियान का प्रारंभ किया है।

बंजारे, आदिवासी, गड़रिया, भटकते मजदूरों की टोलियाँ इन लोगों के बच्चे शिक्षा से वंचित रहते हैं। झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवाले गरीबों के बच्चे भी पेट के पीछे दौड़ते स्कूल से वंचित रहते हैं। इन समस्याओं पर सरकार के साथ हम सबका योगदान भी आवश्यक है.आज सरकार मुक्त विद्यालय की स्थापना कर चुकी है। जिसके माध्यम से नियमित स्कूल न जानेवाले बच्चे भी शिक्षा से जुड़े रह सकते हैं। हर पढ़े-लिखे व्यक्ति ने स्कूल से वंचित बच्चों को पढ़ाने के लिए दिल से प्रयास किया तो संभव है कि समस्या कुछ हद तक मिट पाएगी।

5. प्रश्न अ.

‘उषा की दीपावली लघुकथा द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए।

उत्तर :

‘उषा की दीपावली’ यह श्रीमती संतोष श्रीवास्तव जी द्वारा लिखित एक सुंदर मर्मस्पर्शी (heart touching) लघुकथा है।

इस पाठ की छोटी उषा एक संवेदनशील (sensitive) लड़की है। दीपावली के अवसर पर वह देखती है कि सफाई का काम करने वाला बबन ‘नरक चौदस’ पर जलाए हुए आटे के दीपक कूड़े-कचरे के डिब्बे में न फेंकते हुए अपनी जेब में रख रहा है। बबन इतना गरीब था कि ये दीपक सेंककर खाना चाहता था। ये आटे के दीप जिसे लोग कचरे में फेंकते हैं वे किसी का पेट भरने के भी काम आते हैं। यह सुनकर उषा को तकलीफ होती है।

शादी-ब्याह में लोग प्लेटों में जरूरत से ज्यादा खाना लेकर बाद में बचा हुआ खाना फेंकते हैं। यह दृश्य उषा को याद आया और उषा दीपावली के पकवान बबन को देकर सच्ची खुशी महसूस करती है। इस कहानी से अन्न की बरबादी टालकर बचा-खुचा अन्न गरीबों तक पहुँचाने का संदेश मिलता है। ‘देने की खुशी महसूस करने का अनोखा संदेश इस कहानी से मिलता है।


प्रश्न आ.

‘मुस्कुराती चोट’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :

‘मुस्कुराती चोट’ एक प्रेरणादायी लघुकथा है। इस कथा का बबलू अभाव में जीता है। ‘पिता की बीमारी’ माँ का संघर्ष देखकर खुद भी घर-घर जाकर रद्दी इकट्ठा करता है। किताबें न मिलने से उसकी पढ़ाई रुक गई है। बबूल एक दिन एक घर में रद्दी लेने के लिए जाता है तो उसकी बाल-मजदूरी पर बिना वजह उसके माँ-बाप को दोष देकर मालकिन ताने मारती है।

मालकिन की लड़की जब रद्दी की किताबें उसकी पढ़ाई के लिए मुफ्त में देना चाहती है, तब मालकिन विरोध करती है। किताबें लेकर वह पढ़ाई करेगा इस पर अविश्वास प्रकट करती है। ये बातें बबलू के मन को चोट पहुँचाती हैं। परंतु बाद में जब मालकिन को पता चलता है कि उन किताबों को रद्दी में बेचने के बजाय उसने खुद की पढ़ाई के लिए किताबें अलग रखी हैं तो उसे अपने अपशब्दों पर पछतावा होता है और वह बबलू की आगे की पढ़ाई का सारा खर्चा स्वयं उठाने का निश्चय करती है। इससे बबलू की चोट मुस्कुराहट में परिवर्तित होती है।

दिल की चोट अब खुशी में बदलती है। अत: सुखांत वाली इस लघुकथा को ‘मुस्कुराती चोट’ यह शीर्षक अत्यंत सार्थक लगता है।


6. जानकारी दीजिए:


प्रश्न अ.

संतोष श्रीवास्तव जी लिखित साहित्यिक विधाएँ –

……………………………………………………………………………………….

……………………………………………………………………………………….

उत्तर :

कहानी, उपन्यास, लघुकथा, ललित निबंध तथा यात्रा संस्मरण इन अनेक गद्य विधाओं में संतोष जी का संचार हुआ


प्रश्न आ.

अन्य लघुकथाकारों के नाम –

……………………………………………………………………………………….

……………………………………………………………………………………….

उत्तर :

डॉ. कमल किशोर गोयनका, डॉ. सतीश दुबे, संतोष सुपेकर, कमल चोपड़ा आदि।


प्रश्न 7.

‘वाल-मजदूरी : कारण और उपाय’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

उत्तर :

भारत में ‘बाल-मजदूरी’ करवाना एक गुनाह मान लिया जाता है, किंतु दुकान हो या खेती, होटल हो या ठेला अनेक जगहों पर छोटी उम्र के बच्चे काम करते हुए दिखाई देते हैं। बाल-मजदूरी कानूनन अपराध होने पर भी इसपर रोक नहीं लगा पा रहे हैं।

इसके पीछे अनेक कारण हैं। गरीबी, व्यसनी पिता, बीमार माता-पिता, माँ-बाप का अभाव। विपन्नावस्था (poverty) के कारण जिस उम्र में बच्चे को स्कूल जाना जरूरी है उस उम्र में उन्हें परिवार के लिए काम करना पड़ता है। इसमें न माँबाप को खुशी मिलती है न बच्चों को, परंतु दोनों ओर मजबूरी होती है।

इस समस्या को मिटाने के लिए देश में बढ़ रही अमीरी और गरीबी की खाई का मिटना बहुत जरूरी है। यह संभव नहीं तो हर अमीर परिवार द्वारा कुछ बच्चों का खर्चा चलाकर उनकी पढ़ाई का बोझ उठाने पर उनका भविष्य सुधर जाएगा।


प्रश्न 8.

घटनाक्रम के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाइए :

(i) डाँट खाने के बावजूद बबलू मुस्कुरा रहा था।

(ii) बबलू ने बोरे में से किताबें निकालकर अलग रख दीं।

(iii) रास्ते में बबलू को मालकिन और उनकी लड़की मिल गई।

(iv) दुकानदार बबलू पर झल्ला उठा।

उत्तर :

(i) बबलू ने बोरे में से किताबें निकालकर अलग रख दीं।

(ii) दुकानदार बबलू पर झल्ला उठा।

(iii) डाँट खाने के बावजूद बबलू मुस्कुरा रहा था।

(iv) रास्ते में बबलू को मालकिन और उनकी लड़की मिल गई।


प्रश्न 10.

कारण लिखिए :

(i) मालकिन ने बबलू की आगे की पढ़ाई का खर्चा उठाने का निश्चय किया ……………………………………

उत्तर :

मालकिन ने बबलू की आगे की पढ़ाई का खर्चा उठाने का निश्चय किया क्योंकि उसने बबलू की पढ़ाई के प्रति लालसा को देखा।


(ii) बबलू अब स्कूल जा सकेगा ……………………………………

उत्तर :

बबलू अब स्कूल जा सकेगा क्योंकि उसके पास किताबें थीं।


प्रश्न 11.

(क) कृदंत रूप लिखिए :


(i) मुस्कुराना – ……………………………………

उत्तर :

मुस्कुराहट


(ii) झुकना – ……………………………………

उत्तर :

(ii) झुकाव


(ख) अपशब्द शब्द में ‘अप’ उपसर्ग लगा है, ‘अप’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाकर लिखिए :

(i) …………………………………..

(ii) …………………………………..

उत्तर :

(i) अपहरण

(iii) अपयश


उदा. – अपमान


12. शिक्षा से वंचित वालकों की सहायता हेतु उपाय मुझाइए।

उत्तर :

यह बात सत्य है कि आज शिक्षा प्राप्ति के प्रति समाज के सभी वर्गों में जागरुकता आई है लेकिन आज भी कुछ बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। अनुसूचित जाति जनजाति के बच्चों तक सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी पहुँचाना हमारा कर्तव्य है।

 अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए छात्रावास तथा छात्रवृत्ति का प्रावधान सरकारी तथा निजी संस्थाओं द्वारा, एन्.जी.ओ. द्वारा होना चाहिए। विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए जो शारीरिक रूप से अक्षम है उनके लिए विशिष्ट शिक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए और उनके लिए विशेष अध्यापकों की नियुक्ति सरकार द्वारा होनी चाहिए। सर्वशिक्षा अभियान के साथ-साथ ‘समावेशन’ भी आवश्यक है ताकि शिक्षा से कोई भी बालक वंचित न रहें।

Answer by Dimpee Bora