Chapter 11
कबीर के पद
लघु प्रश्नोत्तर (कबीर के पद)
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प्रश्न: कबीर किस युग के कवि हैं?
उत्तर: कबीर भक्तिकाल के कवि हैं। -
प्रश्न: कबीर किस भक्ति धारा से संबंधित हैं?
उत्तर: निर्गुण भक्ति धारा से। -
प्रश्न: कबीर की रचनाएँ किस भाषा में हैं?
उत्तर: साधुकड़ी या पंचमेल भाषा में। -
प्रश्न: ‘मेरा तेरा मनुआँ कैसे इक होई रे’ में ‘मनुआँ’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: मन। -
प्रश्न: ‘आँखिन देखी’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: स्वयं का प्रत्यक्ष अनुभव। -
प्रश्न: ‘कागद की लेखी’ का अर्थ क्या है?
उत्तर: ग्रंथों या पुस्तकों में लिखा हुआ ज्ञान। -
प्रश्न: कबीर किस प्रकार की भक्ति पर बल देते हैं?
उत्तर: आंतरिक और अनुभवजन्य भक्ति पर। -
प्रश्न: कबीर ने किस बात का विरोध किया है?
उत्तर: बाह्य आडंबर और धार्मिक पाखंड का। -
प्रश्न: ‘मोको’ शब्द किसके लिए प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर: ईश्वर या परमात्मा के लिए। -
प्रश्न: कबीर किसे सच्ची साधना मानते हैं?
उत्तर: आत्मसाक्षात्कार को। -
प्रश्न: “मैं कहता निर्मोही रहियो” में कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर: ईश्वर-भक्ति में आसक्ति और मोह से मुक्त रहना चाहिए। -
प्रश्न: “तू जाता है मोही रे” में ‘मोह’ का क्या भाव है?
उत्तर: सांसारिक आकर्षण या लालसा। -
प्रश्न: “मोको कहाँ ढूंढे बंदे” पंक्ति में ‘बंदे’ शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: मनुष्य या भक्त। -
प्रश्न: ईश्वर को कवि कहाँ खोजने को कहता है?
उत्तर: अपने भीतर। -
प्रश्न: कबीर के अनुसार ईश्वर कहाँ नहीं है?
उत्तर: मंदिर, मस्जिद, काबा या कैलास में नहीं। -
प्रश्न: “सब साँसों की साँस में” का क्या अर्थ है?
उत्तर: हर जीव के प्राणों में ईश्वर का वास है। -
प्रश्न: कबीर किस चीज़ के पक्षधर हैं — कर्मकांड या सादगी?
उत्तर: सादगी और सच्ची भक्ति के। -
प्रश्न: कबीर की वाणी किस रूप में प्रसिद्ध है?
उत्तर: साखी, सबद और रमैनी के रूप में। -
प्रश्न: कबीर का जन्म कहाँ हुआ माना जाता है?
उत्तर: वाराणसी (लहरतारा) में। -
प्रश्न: कबीर का पालन-पोषण किसने किया?
उत्तर: नीरू और नीमा नामक जुलाहा दंपति ने। -
प्रश्न: कबीर ने किसे सच्चा गुरु माना?
उत्तर: अपने सतगुरु को। -
प्रश्न: “सतगुरु धारा निर्मल बाहै” का भाव क्या है?
उत्तर: सच्चे गुरु का ज्ञान निर्मल जल की तरह आत्मा को शुद्ध करता है। -
प्रश्न: कबीर की वाणी में ‘सत्य’ की क्या अवधारणा है?
उत्तर: सत्य अनुभव और आत्मज्ञान में निहित है। -
प्रश्न: कबीर किन-किन धर्मों की बाह्य प्रथाओं पर प्रहार करते हैं?
उत्तर: हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्मों की। -
प्रश्न: कबीर की रचनाएँ किस ग्रंथ में संकलित हैं?
उत्तर: ‘कबीर ग्रंथावली’ में। -
प्रश्न: कबीर का संदेश किसके लिए सार्वभौमिक है?
उत्तर: समस्त मानव समाज के लिए। -
प्रश्न: “जुगन-जुगन समुझावत हारा” से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: युगों से समझाने पर भी लोग सत्य नहीं समझते। -
प्रश्न: कबीर के अनुसार ज्ञान का स्रोत क्या है?
उत्तर: आत्मानुभव और सतगुरु की शिक्षा। -
प्रश्न: कबीर ने क्या कहा – 'ना तो कौनों क्रिया करम में…'?
उत्तर: कि ईश्वर को क्रिया-कर्म से नहीं पाया जा सकता। -
प्रश्न: “खोजी होय तो तुरतहि मिलिहौ” में क्या शिक्षा है?
उत्तर: सच्चा साधक तुरंत ईश्वर को पा सकता है। -
प्रश्न: कबीर की रचनाएँ आज भी क्यों प्रासंगिक हैं?
उत्तर: क्योंकि वे आडंबर-मुक्त सच्चे जीवन का संदेश देती हैं। -
प्रश्न: कबीर किससे संवाद करते हैं?
उत्तर: साधुओं और समाज के आम लोगों से। -
प्रश्न: “मैं कहता तू जागत रहियो” का भाव क्या है?
उत्तर: मनुष्य को सजग और विवेकी रहना चाहिए। -
प्रश्न: कबीर किसे सच्चा ज्ञान मानते हैं?
उत्तर: प्रत्यक्ष अनुभव को। -
प्रश्न: कबीर के अनुसार धर्म का सार क्या है?
उत्तर: प्रेम, सत्य और समानता। -
प्रश्न: सगुण भक्ति किसे कहते हैं?
उत्तर: ईश्वर के साकार रूप की उपासना। -
प्रश्न: निर्गुण भक्ति किसे कहते हैं?
उत्तर: ईश्वर के निराकार रूप की उपासना। -
प्रश्न: कबीर सगुण या निर्गुण — किस श्रेणी में आते हैं?
उत्तर: निर्गुण भक्ति श्रेणी में। -
प्रश्न: निर्गुण भक्ति के दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर: कबीरदास और दादूदयाल। -
प्रश्न: सगुण भक्ति के दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर: तुलसीदास और मीराबाई।