Chapter 13
दीदी की डायरी
प्रश्न 1. संजु कैसी लड़की थी ? उसे किस चीज का शौक था?
उत्तर:- संजु एक बुद्धिमान और उत्साही लड़की थी। वह हंसमुख स्वभाव की थी और चुटकुलों को सुनकर खुले मन से हंसती थी। उसका सबसे बड़ा शौक किताबें पढ़ना था और वह पढ़ने में गहरी रुचि लेती थी।
प्रश्न 2. संजु को डायरी लिखने की प्रेरणा किससे मिली?
उत्तर:- संजु को डायरी लिखने की प्रेरणा महात्मा गांधी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” से मिली। उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और अनुभवों को डायरी में लिखा था, जिससे प्रभावित होकर संजु ने भी डायरी लिखना शुरू किया।
प्रश्न 3. “सत्य के प्रयोग” पुस्तक के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर:- “सत्य के प्रयोग” महात्मा गांधी द्वारा लिखी गई उनकी आत्मकथा है। इस पुस्तक में उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न पड़ावों और अनुभवों को विस्तार से वर्णित किया है।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. “व्यक्ति को प्रत्येक दिन डायरी लिखनी चाहिए।” इस कथन से आप सहमत हैं या असहमत हैं । तर्क दीजिए।
उत्तर:- मैं इस कथन से आंशिक रूप से सहमत हूं। डायरी लिखना एक अच्छी आदत है क्योंकि यह हमारे विचारों और अनुभवों को रिकॉर्ड करने में मदद करता है। हालांकि, प्रत्येक दिन डायरी लिखना हर किसी के लिए संभव नहीं हो सकता है। कुछ लोगों के पास समय की कमी हो सकती है या फिर वे इसमें रुचि नहीं रखते हो सकते हैं। इसलिए, डायरी लिखना व्यक्तिगत पसंद और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
प्रश्न 2. आज आपके विद्यालय में सांस्कृतिक समारोह आयोजित होने वाला है। आपको इस समारोह में भाग लेना है। घर से आप जैसे ही विद्यालय के लिए निकले, वैसे ही बिल्ली ने रास्ता काट दिया। अब आप क्या करेंगे और क्यों ?
उत्तर:- यदि मेरे विद्यालय जाते समय बिल्ली ने रास्ता काटा, तो मैं निश्चित रूप से विद्यालय जाऊंगा। बिल्ली के रास्ता काटने को अंधविश्वास या बुरा संकेत मानना एक पुरानी मान्यता है, जिसे मैं नहीं मानता। मेरे लिए सांस्कृतिक समारोह में भाग लेना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मेरे विकास और कला के प्रति लगाव को प्रोत्साहित करेगा। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न देकर, मुझे अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए।
प्रश्न 3. आप एक सप्ताह की डायरी लिखिए । डायरी लिखने में आप इन बातों का ध्यान रख सकते हैं-किनसे मिले, वे कैसे थे, किन-किन बातों पर चर्चा हुई, घटना या दुर्घटना, अपना अनुभव आदि।
उत्तर:- विद्यार्थी इस प्रश्न को स्वयं करे।
प्रश्न 4. डायरी को रोजनामचा भी कहते हैं । रोजनामचा का तात्पर्य है रोज किये जाने वाले क्रिया-कलाप । आप अपने दो दिनों की डायरी (रोजनामचा) लिखिए।
उत्तर:- विद्यार्थी इस प्रश्न को स्वयं करे।
प्रश्न 1: संजू का स्वभाव कैसा है और वह किस कक्षा में पढ़ती है?
उत्तर: संजू का स्वभाव जीवंत, हँसमुख और मिलनसार है। छोटी उम्र के बावजूद वह बहुत समझदार और समझने में तेज़ है। वह कक्षा आठ की छात्रा है और अपनी चुलबुली और खुशमिजाज प्रवृत्ति के कारण सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। संजू की हँसी और मजाक करने की आदत उसके आस-पास के वातावरण को आनंदमय बनाती है। उसका यह स्वभाव यह भी दर्शाता है कि वह जीवन की छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेने और दूसरों को भी खुश रखने में सक्षम है।
प्रश्न 2: संजू को किताबें पढ़ने का शौक कैसे लगा और इसका उसके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: संजू को किताबें पढ़ने का शौक उसकी माँ से प्रेरित होकर लगा, क्योंकि उसने अपनी माँ को भी पढ़ते हुए देखा था। यह आदत धीरे-धीरे संजू के जीवन का हिस्सा बन गई और उसने कहानी, कविता, कॉमिक्स जैसी विभिन्न प्रकार की पुस्तकें पढ़ना शुरू किया। इस शौक के कारण संजू की ज्ञानरुचि बढ़ी, उसकी कल्पना और सोचने-समझने की क्षमता विकसित हुई। इसके साथ ही, हर बार अच्छे अंक लाने या जन्मदिन मनाने पर उसे किताबें उपहार में मिलने लगीं, जिससे उसके घर में एक छोटा-सा पुस्तकालय बन गया। यह पुस्तकालय संजू के अध्ययन और रचनात्मकता के विकास में लगातार मददगार साबित हो रहा है।
प्रश्न 3: संजू ने गाँधी साहित्य में क्या पढ़ा और उसे किस बात ने प्रभावित किया?
उत्तर:संजू ने गांधी साहित्य का अध्ययन किया, जिसमें विशेष रूप से महात्मा गांधी की रचना ‘सत्य के प्रयोग’ उसे अत्यंत प्रिय लगी। इस रचना में गांधीजी ने अपने जीवन में किए गए सत्य के प्रयोगों और अनुभवों को विस्तारपूर्वक अपनी डायरी में दर्ज किया था। संजू को यह देखकर गहरा प्रेरणा मिली कि वह भी अपने दैनिक अनुभव और विचार डायरी में लिख सकती है। इससे न केवल उसके लेखन और अभिव्यक्ति कौशल का विकास हुआ, बल्कि यह उसकी आत्मनिरीक्षण की क्षमता और अनुशासन भी बढ़ाने में सहायक साबित हुआ। इस प्रकार, गांधीजी की जीवनशैली और उनके प्रयोगों ने संजू के नैतिक और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रश्न 4: संजू को डायरी लिखने की प्रेरणा कैसे मिली?
उत्तर: संजू को डायरी लिखने की प्रेरणा सबसे पहले उसकी दीदी से मिली। जब संजू ने अपनी इच्छा दीदी के सामने रखी, तो दीदी ने उसे प्रोत्साहित किया और बताया कि यह कोई कठिन काम नहीं है; बस प्रतिदिन रात में बैठकर दिनभर की घटनाओं को याद कर वैसा ही लिखते रहना चाहिए। इसके साथ ही, उसकी माँ ने भी उसका उत्साह बढ़ाया और पिता ने उसे एक सुंदर डायरी लेकर खुशी जाहिर की। इस प्रेरणा ने संजू को व्यक्तिगत अभिव्यक्ति का माध्यम प्रदान किया। उसने समझा कि डायरी लिखना सिर्फ विचारों और अनुभवों को दर्ज करने का तरीका नहीं, बल्कि अपनी भावनाओं, चिंताओं और आनंद को व्यवस्थित रूप से व्यक्त करने का अवसर भी है। इससे उसका लेखन कौशल, आत्मनिरीक्षण और अनुशासन सभी बढ़े।
प्रश्न 5: संजू की दीदी की डायरी के कुछ पृष्ठों में क्या घटनाएँ दर्ज हैं?
उत्तर: संजू की दीदी की डायरी के अनुसार, 1 जनवरी को कॉलेज में कक्षा के सामने पत्थर तराश रहे कारीगरों के बारे में लिखा गया है। उन्होंने छोटी-छोटी छेनी से पत्थरों में फूल-पत्तियाँ उकेरीं, जिसे देखकर दीदी ने अपनी जिज्ञासा और आनंद का अनुभव साझा किया। वहीं, 2 जनवरी को दीदी शीला के घर गईं। वहां उन्होंने स्नानघर में अकेले बैठे हुए समय का अनुभव लिखा और एक पुरानी पत्रिका का रंगीन पृष्ठ उलट-पलट कर पढ़ा। इस पृष्ठ में एक मजेदार चुटकुला पढ़कर दीदी हँसी से लोट-पोट हो गईं। इन पृष्ठों में केवल घटनाओं का विवरण नहीं, बल्कि उनकी भावनाएँ, हँसी-खुशी और दैनिक अनुभव भी स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त हुए हैं। यह दर्शाता है कि डायरी न केवल स्मृति का माध्यम है, बल्कि लेखक के मनोभाव और दृष्टिकोण को भी दर्शाती है।
प्रश्न 6: संजू ने 3 जनवरी को पिकनिक में क्या अनुभव किया और उसके अनुभव का महत्व क्या था?
उत्तर: 3 जनवरी को संजू और उसके मित्र पिकनिक पर गए। वहाँ का वातावरण हरे-भरे वृक्षों, सरोवर और पक्षियों की चहचहाहट से भरा हुआ था, जो उसकी आँखों और मन दोनों को आनंदित करता था। संजू और उसकी मित्र टोलियों में बँटकर झूलों पर झूले, सरोवर में मछलियाँ देखीं और आपस में खेल-कूद में शामिल हुए। संजू ने अपने जादू के खेल भी दिखाए, जिससे मित्रों में खुशी और उत्साह की लहर दौड़ गई। इस अनुभव ने संजू को प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता, मित्रता और आत्मविश्वास देना सिखाया। साथ ही, यह उसकी सामाजिक और मानसिक विकास में भी सहायक साबित हुआ, क्योंकि उसने मिलकर गतिविधियों में भाग लेना और दूसरों के साथ खुशी साझा करना सीखा।
प्रश्न 7: पिकनिक में संजू ने किस प्रकार के खेल और गतिविधियों में भाग लिया?
उत्तर: पिकनिक के दौरान संजू ने कई तरह की गतिविधियों में भाग लिया। उसने झूलों पर झूलकर आनंद लिया, सरोवर में तैरती रंग-बिरंगी मछलियाँ देखीं, और गाना गाते हुए नाच-गान में भाग लिया। इसके अलावा, उसने जादू के खेल में अपनी रचनात्मक प्रतिभा दिखाई, जिसमें उसने मित्रों को उनके पसंदीदा फल की खुशबू महसूस कराई। इन गतिविधियों ने संजू के सामाजिक कौशल, रचनात्मकता और आत्मविश्वास को बढ़ावा दिया। समूह में खेलने और प्रदर्शन करने के अनुभव ने उसे टीमवर्क, साहस और आनंद का अनुभव कराया, जिससे उसका मानसिक और भावनात्मक विकास भी हुआ।
प्रश्न 8: संजू का जादू का खेल कैसे उसकी मानसिक क्षमता को दर्शाता है?
उत्तर:संजू का जादू का खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं था, बल्कि यह उसकी कल्पनाशीलता, सूक्ष्म अवलोकन क्षमता और रचनात्मक सोच का परिचायक था। उसने मित्रों को उनकी पसंद के फल की खुशबू महसूस कराई, जो यह दर्शाता है कि वह अपने विचारों को व्यवहार में लागू करने में निपुण है। इस खेल के माध्यम से संजू ने यह भी दिखाया कि वह ध्यान केंद्रित कर सकती है और विचारों को सटीक रूप से क्रियान्वित कर सकती है। यह न केवल उसकी मानसिक चुस्ती को उजागर करता है, बल्कि उसकी समस्या-समाधान क्षमता, नवाचार और सामाजिक संवाद की दक्षता को भी प्रकट करता है।
प्रश्न 9: संजू की पढ़ाई और मनोरंजन के बीच संतुलन कैसे दिखाई देता है?
उत्तर:संजू अपने अध्ययन और मनोरंजन के बीच संतुलन बनाए रखती है। वह पढ़ाई में गंभीर और रुचिपूर्ण है, किताबें पढ़ने में उसका मन लगता है और ज्ञान प्राप्ति उसकी प्राथमिकता है। वहीं, पिकनिक या खेलकूद के अवसरों पर वह पूरी सक्रियता और आनंद के साथ भाग लेती है। उदाहरणस्वरूप, 3 जनवरी की पिकनिक में संजू ने झूलों पर झूलना, गाना-नाचना और जादू के खेल में भाग लिया। इस संतुलन से स्पष्ट होता है कि संजू मनोवैज्ञानिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए अपने बौद्धिक विकास को भी महत्व देती है। उसका यह दृष्टिकोण उसे समग्र रूप से परिपक्व और सृजनात्मक बनाता है।
प्रश्न 10: 4 जनवरी को संजू ने कौन-सी पुस्तक पढ़ी और उसकी विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर: संजू ने 4 जनवरी को पुस्तकालय से जापानी लड़की की कहानी ‘तोतो-चान’ पढ़ी। यह कहानी विशेष रूप से रोचक और मजेदार थी। इसमें तोतो-चान नामक मनमौजी लड़की की शिक्षा यात्रा का विवरण था, जिसने अपनी शरारतों और जिज्ञासाओं के कारण कई स्कूल बदले, लेकिन अंततः वह अपने व्यक्तित्व और उत्सुकता के अनुसार सही शिक्षा पाई। इस पुस्तक की विशेषता यह थी कि यह बच्चों को स्वतंत्र सोच, जिज्ञासा और साहसपूर्वक निर्णय लेने की प्रेरणा देती थी। इसे पढ़कर संजू की पढ़ाई और सीखने की रुचि और भी प्रबल हुई, साथ ही उसके मन में नई कल्पनाएँ और विचार जन्म लेने लगे।
प्रश्न 11: संजू को उदासी का कारण क्या लगा और उसने इसके बारे में क्या महसूस किया?
उत्तर: 5 जनवरी को संजू का मन उदास था क्योंकि उसकी सहेली नीलू पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं जा पा रही थी। नीलू संजू जितनी ही उम्र की होनहार लड़की थी और पढ़ाई में अव्वल आती थी, लेकिन घरवालों की वजह से उसकी पढ़ाई बाधित हो रही थी। संजू ने इस स्थिति को देखकर गहरा दुःख और बेचैनी महसूस की। उसने सोचा कि लड़कियों को भी शिक्षा का पूरा अवसर मिलना चाहिए, ताकि उनकी प्रतिभा और क्षमता पूरी तरह से विकसित हो सके। संजू की यह अनुभूति उसकी संवेदनशीलता, सामाजिक न्याय के प्रति जागरूकता और समान अवसरों के महत्व को दर्शाती है। यह घटना उसके नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण के विकास में महत्वपूर्ण साबित हुई।
प्रश्न 12: नीलू की स्थिति संजू को क्यों प्रभावित करती है?
उत्तर: नीलू की पढ़ाई न कर पाने की स्थिति संजू को इसलिए गहराई से प्रभावित करती है क्योंकि वह देखती है कि नीलू जैसी होनहार और मेहनती लड़की भी सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं के कारण अपने सपनों और इच्छाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। यह अनुभव संजू को सहानुभूति, न्यायप्रियता और समान अवसरों के महत्व की सीख देता है। संजू महसूस करती है कि अगर लड़कियों को शिक्षा का समान अवसर मिलता, तो उनकी प्रतिभा और क्षमता पूरी तरह से उजागर हो सकती थी। नीलू की कठिनाई संजू के दृष्टिकोण में सामाजिक चेतना और लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करती है।
प्रश्न 13: 6 जनवरी को संजू को स्कूल जाने में कौन-कौन सी बाधाएँ मिलीं?
उत्तर: 6 जनवरी को संजू स्कूल जाने के समय कुछ अप्रत्याशित बाधाओं का सामना करती है। सबसे पहले रिक्शेवाले की अचानक छींक से उसे डर लगता है और उसका मन डगमगा जाता है। इसके बाद दादी माँ ने उसे डर के कारण स्कूल न जाने की सलाह दी। इन परिस्थितियों के बावजूद संजू ने अपने कर्तव्य, स्कूल में होने वाले अभिनय कार्यक्रम और अपनी भूमिका के प्रति जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए हिम्मत दिखाई और स्कूल पहुँचने का निर्णय लिया। यह घटना संजू के साहस, आत्म-विश्वास और जिम्मेदार स्वभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
प्रश्न 14: अभिनय में संजू का अनुभव कैसा रहा?
उत्तर: 6 जनवरी को स्कूल में होने वाले अभिनय कार्यक्रम में संजू ने मुख्य पात्र के रूप में भाग लिया। उसने पूरे मनोयोग से अपने किरदार का अभिनय किया और अपनी भूमिका को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। दर्शकों ने उसके प्रदर्शन की सराहना की और उसे पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इस अनुभव ने संजू को आत्म-विश्वास, संतोष और अपनी क्षमताओं पर भरोसा देने का कार्य किया। इसके माध्यम से यह भी स्पष्ट हुआ कि संजू केवल पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि कला और सृजनात्मक गतिविधियों में भी पूरी लगन और प्रतिभा के साथ भाग लेती है।
प्रश्न 15: संजू ने शाबाशी और पुरस्कार मिलने के बाद क्या निर्णय लिया?
उत्तर: जब संजू को अभिनय में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार और शाबाशी मिली, तब उसने निश्चय किया कि वह अब शकुन-अपशकुन या डर की वजह से किसी भी कार्य से पीछे नहीं हटेगी। इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि संजू अनुभवों से सीखने वाली, साहसी और आत्म-निर्णय लेने वाली बच्ची है। वह अपनी क्षमताओं और अवसरों को पहचानती है और अब भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ करने का संकल्प ले चुकी है।
प्रश्न 16: 7 जनवरी को संजू का मन क्यों ठीक नहीं था?
उत्तर: 7 जनवरी को संजू का मन कुछ ठीक नहीं था क्योंकि उस दिन न तो पढ़ाई में उसे आनंद आया और न ही खेल-कूद में। वह अंदर ही अंदर चिंतित और उदास महसूस कर रही थी। संजू ने सोचा कि लड़कियों को ही क्यों अक्सर डाँट-पट और रोक-टोक का सामना करना पड़ता है, जबकि लड़कों को ऐसा नहीं झेलना पड़ता। यह विचार संजू की सामाजिक समझ, न्याय और समान अवसर के प्रति जागरूकता को दर्शाता है। उसकी संवेदनशीलता और सामाजिक दृष्टिकोण यह दिखाते हैं कि वह अपने आस-पास की असमानताओं को महसूस करती है और उन्हें सुधारने की इच्छा रखती है।
प्रश्न 17: संजू की डायरी लेखन की आदत उसके व्यक्तित्व को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर: संजू की डायरी लेखन की आदत उसके व्यक्तित्व के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे वह अपने दैनिक अनुभव, भावनाएँ और विचार शब्दों में व्यक्त करना सीखती है। यह अभ्यास उसकी सृजनात्मक सोच, आत्म-विश्लेषण और आत्म-अभिव्यक्ति की क्षमता को मजबूत करता है। डायरी लिखने से संजू अपने अनुभवों का मूल्यांकन करती है, कठिनाइयों और खुशियों दोनों को समझती है, और अपने निर्णयों में अधिक सावधानी और समझदारी दिखाती है। इस प्रकार, डायरी लेखन उसके मानसिक, भावनात्मक और बौद्धिक परिपक्वता को विकसित करने में सहायक है।
Answer by Mrinmoee