Chapter 17 

                                                   खुशबू रचते हैं हाथ


1. कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर:कविता का मुख्य विषय है मेहनत और श्रम का सम्मान। यह बताती है कि गरीब और मेहनती लोग कठिन जीवन स्थितियों के बावजूद सुगंध और सुंदरता की रचना करते हैं। केवल अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया ही नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और समर्पण के माध्यम से समाज में श्रम की महत्ता और मानवीय संघर्ष की झलक दिखाई देती है।


2. “खुशबू रचते हैं हाथ” का अर्थ क्या है?
उत्तर:“खुशबू रचते हैं हाथ” का अर्थ यह है कि इन गरीब और मेहनती लोगों के हाथों से सुगंध और सौंदर्य का निर्माण होता है। भले ही उनका जीवन गंदगी और कठिनाईयों से भरा हो, फिर भी उनके परिश्रम से दुनिया में महक और सुंदरता फैलती है। यह पंक्ति श्रम की गरिमा और उसकी सामाजिक महत्वता को उजागर करती है।

3. कविता में उल्लेखित हाथ किस प्रकार के हैं?
उत्तर:कविता में हाथों का वर्णन अलग-अलग प्रकार के किया गया है — पिसे नाखून वाले, कटे-पिटे, नए-नए, और फटे हुए हाथ। यह दर्शाता है कि मेहनत और श्रम हर हाथ में अलग रूप में दिखाई देता है। कुछ हाथ अनुभव और कठिनाइयों के निशान लिए हुए हैं, जबकि कुछ हाथ नवोन्मेष और ताजगी का प्रतीक हैं।

4. अगरबत्तियाँ किस प्रकार की बनती हैं?
उत्तर:कविता में बताया गया है कि मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ इसी गली में बनती हैं। ये केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी जैसे सुगंधित फूलों से तैयार की जाती हैं। अगरबत्ती बनाना कठिन और संवेदनशील कार्य है, जिसमें प्रत्येक हाथ की मेहनत और योगदान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

5. कविता में गंदगी और खुशबू का विरोधाभास क्यों दिखाया गया है?
उत्तर:कविता में गली की बदबू और कूड़े-करकट के बीच खुशबू रचने वाले हाथों का विरोधाभास इसलिए दिखाया गया है ताकि यह बताया जा सके कि कठिन और अस्वच्छ परिस्थितियों में भी मेहनती लोग सुंदर और सुगंधित वस्तुएँ तैयार कर सकते हैं। यह विरोधाभास परिश्रम, संघर्ष और रचनात्मकता की शक्ति को प्रदर्शित करता है।

6. “उभरी नसों वाले हाथ” का क्या अर्थ है?
उत्तर:“उभरी नसों वाले हाथ” का मतलब है ऐसे हाथ जो मेहनत और कठिन श्रम में मजबूत हैं। ये हाथ श्रम की शक्ति, अनुभव और सहनशीलता का प्रतीक हैं।

7. “पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ” का क्या अर्थ है?
उत्तर:“पीपल के पत्ते से नए-नए हाथ” का अर्थ है कि कुछ हाथ युवा और ताजगी से भरे हैं, जो मेहनत और अनुभव में अभी नए हैं। यह हाथ जीवन के नए आरंभ और सीखने की प्रक्रिया का प्रतीक हैं।


8. कविता में अमीरी और गरीबी का कौन-सा पहलू दिखाया गया है?
उत्तर:कविता में यह दिखाया गया है कि गरीबी में रहने वाले लोगों के हाथों में मेहनत और कौशल है, जबकि उनका जीवन अस्वच्छ और कठिनाइयों भरा है। उनके बनाए हुए उत्पाद—जैसे अगरबत्तियाँ—देश और विदेश में प्रसिद्ध हैं। यह अमीरी और गरीबी के बीच की खाई और मेहनत की असली कीमत को सामने लाता है।

9. कविता में मुहल्ले का माहौल कैसा है?
उत्तर:मुहल्ले का माहौल गंदगी और कूड़े-करकट से भरा हुआ है। गलियों में नाले और गंदगी के ढेर हैं, लेकिन इन परिस्थितियों के बावजूद लोग मेहनत से सुगंधित अगरबत्तियाँ बनाते हैं। यह दिखाता है कि कठिन माहौल में भी लोग सुंदरता और खुशबू पैदा करने में सक्षम हैं।

10. कविता में अगरबत्तियाँ बनाने का कार्य किस प्रकार का है?
उत्तर:अगरबत्ती बनाना एक लघु उद्योग का कार्य है जिसमें श्रम, कौशल और धैर्य की आवश्यकता होती है। यह मेहनत का संवेदनशील रूप है जो गरीब लोगों के जीवन में रोजगार और अर्थिक सहारा प्रदान करता है तथा समाज में उनके योगदान की गरिमा को दर्शाता है।

11. कविता में हाथों की विविधता का क्या महत्व है?
उत्तर:हाथों की विविधता — जैसे उभरी नसें, फटे-पुराने हाथ और नए-नवेले हाथ — यह इस बात का प्रतीक है कि मेहनत करने वाले लोग भिन्न अनुभव और परिस्थितियों से आते हैं। बावजूद इसके, सभी हाथ समान रूप से मेहनत में जुटे हैं और सुंदरता रचते हैं, जो श्रम की समग्र शक्ति और विविधता को उजागर करता है।

12. कविता में “बदबू से फटते” शब्द का क्या भाव है?
उत्तर:“बदबू से फटते” शब्द से यह भाव व्यक्त होता है कि मुहल्ला गंदगी और अस्वच्छता से भरा हुआ है। यह कठिन और दुष्कर परिस्थितियों की झलक देता है, जिसमें मेहनती लोग अपने परिश्रम से सुंदरता और खुशबू रचते हैं।

13. यदि खुशबू रचने वाले हाथ न होते, तो क्या होता?
उत्तर:यदि ये मेहनती हाथ न होते, तो न केवल अगरबत्तियाँ बनतीं, बल्कि समाज में सुगंध और सुंदरता का वह असर भी पैदा नहीं होता। यह दर्शाता है कि गरीब और परिश्रमी लोगों का योगदान हमारी समृद्धि और सांस्कृतिक पहचान में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

14. कविता में श्रम की गरिमा कैसे दिखाई गई है?
उत्तर:कविता में विभिन्न प्रकार के हाथों और उनके कठिन परिश्रम का चित्रण करके यह दिखाया गया है कि श्रम केवल जीवन का साधन नहीं, बल्कि सम्मान और गरिमा का स्रोत है। मेहनत से चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों, समाज और जीवन में सुंदरता और मूल्य उत्पन्न होते हैं।

15. कविता में फूलों और अगरबत्तियों का महत्व क्या है?
उत्तर:कविता में केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी जैसे फूल और उनसे बनी अगरबत्तियाँ मेहनत और रचनात्मकता का प्रतीक हैं। यह दर्शाता है कि गंदगी और कठिनाइयों के बीच भी मेहनती हाथ समाज में सुगंध और सुंदरता का योगदान देते हैं।


16. “कटे-पिटे हाथ” से क्या संकेत मिलता है?
उत्तर:“कटे-पिटे हाथ” यह बतलाते हैं कि मेहनत करने वालों के जीवन में चोटें, थकान और संघर्ष आम हैं। इन कठिनाइयों के बावजूद, वे निष्ठा और धैर्य के साथ अपने काम को पूरा करते हैं और समाज में सुंदरता और सुगंध फैलाते हैं।

17. कविता में अगरबत्ती उद्योग का सामाजिक पहलू क्या है?
उत्तर:कविता में अगरबत्ती उद्योग यह दिखाता है कि यह गरीब और मेहनती लोगों के लिए आजीविका का साधन है। उनके श्रम से समाज में खुशबू और समृद्धि फैलती है, लेकिन उनके जीवन की वास्तविक परिस्थितियाँ कठिन और अस्वच्छ होती हैं। यह उद्योग समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका और उनके संघर्ष दोनों को उजागर करता है।

18. कविता में “असम से फटे हुए हाथ” का क्या अर्थ है?
उत्तर:“असम से फटे हुए हाथ” का मतलब उन मेहनतकश मजदूरों से है जो दूर-दराज़ के क्षेत्रों से आए हैं और अपने कठिन परिश्रम के चलते हाथों में घाव और झुर्रियाँ हैं। यह दर्शाता है कि श्रम चाहे किसी भी जगह हो, उसमें कठिनाइयाँ और संघर्ष हमेशा मौजूद रहते हैं।

19. कविता में मेहनत और समृद्धि का संबंध कैसे दिखाया गया है?
उत्तर:कविता यह दर्शाती है कि कठोर परिश्रम करने वाले लोगों के हाथों से सुंदर और सुगंधित वस्तुएँ बनती हैं। भले ही उनका जीवन कठिन और अस्वच्छ हो, उनकी मेहनत से समाज में समृद्धि और सौंदर्य का संचार होता है। यह मेहनत और समृद्धि के बीच गहरा संबंध उजागर करता है।

20. अगरबत्ती बनाने वाले लोगों के जीवन में क्या कठिनाइयाँ हैं?
उत्तर:अगरबत्ती बनाने वाले लोगों का जीवन कठिन और चुनौतीपूर्ण है। उन्हें गंदगी और बदबू से भरे वातावरण में लंबे समय तक काम करना पड़ता है। श्रम करते-करते थकान, चोट और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उनका पीछा करती हैं। उन्हें आराम, स्वच्छता और पर्याप्त सुविधाएँ नहीं मिल पातीं।

21. कविता में खुशबू और गंदगी का प्रतीकात्मक महत्व क्या है?
उत्तर:कविता में खुशबू मेहनत और उपलब्धि का प्रतीक है, जबकि गंदगी जीवन की कठिनाइयाँ और संघर्ष का प्रतीक है। यह विरोधाभास यह संदेश देता है कि असुविधाओं और कठिन परिस्थितियों के बीच भी मेहनत से सुंदरता, सफलता और मूल्य उत्पन्न किए जा सकते हैं।

22. कविता में मेहनत करने वालों का योगदान किस प्रकार दर्शाया गया है?
उत्तर:कविता में दिखाया गया है कि मेहनत करने वाले लोग भले ही कठिन और अस्वच्छ परिस्थितियों में काम करते हों, फिर भी उनकी मेहनत से समाज में सुगंध, सुंदरता और समृद्धि फैलती है। उनके योगदान की महत्ता उनकी परिस्थितियों से परे व्यापक रूप में मान्य है।

23. कविता का संदेश समाज के लिए क्या है?
उत्तर:कविता यह सिखाती है कि समाज में मेहनत करने वालों का सम्मान और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना आवश्यक है। गरीब और मेहनती लोग भले ही कठिन परिस्थितियों में जीते हों, उनका योगदान समाज और अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाता है। यह श्रम की गरिमा और सामाजिक न्याय का भी संदेश देता है।


Answer by Mrinmoee