Chapter 3
कर्मवीर
पाठ से
प्रश्न 1. कर्मवीर की पहचान क्या है ?
उत्तर: कर्मवीर ऐसे व्यक्ति होते हैं जो किसी भी कार्य को करने में पूर्ण निश्चय रखते हैं। वे आने वाली कठिनाइयों या बाधाओं से डरते नहीं बल्कि उन्हें पार करने का प्रयास करते हैं। कर्मवीर आलस्य को त्याग देते हैं और अपने कार्यों को टालते नहीं। वे समय का महत्व समझते हैं और आज का काम आज ही पूरा करने का प्रयास करते हैं। अपने वचन और कर्म में वे हमेशा ईमानदार रहते हैं और चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ते हैं।
प्रश्न 2. अपने देश की उन्नति के लिए आप क्या-क्या कीजिएगा?
उत्तर: अपने देश की उन्नति के लिए मैं निम्नलिखित कार्य करूंगा:
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मैं समय का सही उपयोग करूंगा और आलस्य को त्याग दूंगा।
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जो भी कार्य मैं शुरू करूंगा, उसे पूरी लगन और मेहनत से समाप्त करूंगा।
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मेरे वचन और कर्म में हमेशा सामंजस्य रहेगा; जो कहूँगा, वही करूँगा।
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कठिनाइयों और चुनौतियों से डरने की बजाय उनका साहसपूर्वक सामना करूंगा।
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मैं परिश्रमी बनकर देश के विकास और उन्नति में अपना योगदान दूँगा।
प्रश्न 3. आप अपने को कर्मवीर कैसे साबित कर सकते हैं ?
उत्तर: मैं अपने को कर्मवीर निम्नलिखित तरीकों से साबित कर सकता हूँ:
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मैं समय का महत्व समझकर अपने कार्यों को टालना छोड़ दूंगा और उन्हें समय पर पूर्ण करूंगा।
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कठिनाइयों और चुनौतियों से डरने के बजाय उनका सामना करूंगा और उन्हें जीतने का प्रयास करूंगा।
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आलस्य को त्यागकर अपने कर्तव्यों का पालन ईमानदारी और परिश्रम से करूंगा।
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मेरे वचन और कर्म में हमेशा सामंजस्य रहेगा; जो कहूँगा वही करूँगा।
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मैं हर परिस्थिति में उत्साहित रहूंगा और अपने कार्यों में मनोयोग दूंगा।
इस प्रकार, मैं कर्मवीर के सभी गुण अपनाकर स्वयं को सच्चा कर्मवीर साबित कर सकता हूँ।
पाठ से आगे
प्रश्न 1. परिश्रमी के द्वारा मनोवांछित लक्ष्य की प्राप्ति की जा सकती है। कैसे?
उत्तर: हाँ, परिश्रमी व्यक्ति अपने मनोवांछित लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर सकता है। ऐसा व्यक्ति समय का सही उपयोग करता है और आलस्य से दूर रहता है। वह जो कार्य शुरू करता है, उसे पूरा किए बिना नहीं रुकता। उसके वचन और कर्म में सामंजस्य होता है। चुनौतियों से वह नहीं डरता, बल्कि उनका साहसपूर्वक सामना करता है। इस प्रकार, निरंतर प्रयास और लगन के साथ परिश्रमी व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है।
प्रश्न 2. कल करें से आज ………………. बहुरि करेगा कब।” से संबंधित अर्थ वाले पंक्तियों को लिखिए।
उत्तर: “आज कर ले वही काम, जिन्हें कल करेगा” इस पंक्ति में वही संदेश निहित है। इसका अर्थ है कि जो कार्य आप कल करने का सोच रहे हैं, उसे आज ही पूरा कर लेना चाहिए। इससे समय की बचत होती है और कार्य सही एवं व्यवस्थित ढंग से पूरे होते हैं।
प्रश्न 3. आप किसे अपना आदर्श मानते हैं और क्यों?
उत्तर: मैं महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानता हूँ क्योंकि उनका जीवन हमें कई महत्वपूर्ण सबक सिखाता है। उनकी सादगी, सत्य और अहिंसा के प्रति अडिग निष्ठा, तथा लगातार प्रयास और धैर्य मुझे प्रेरित करते हैं। कठिन परिस्थितियों में भी उनका उत्साह और दृढ़ संकल्प मेरे लिए प्रेरणास्त्रोत हैं, इसी कारण मैं उन्हें आदर्श मानता हूँ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित सामान्य वाक्यों को भी मुहावरेदार वाक्यों में बदलिए
(क) सामान्य वाक्य-रमेश अपनी माँ का प्यारा लड़का है।
उत्तर: मुहावरेदार वाक्य-रमेश अपनी माँ का आँखों का तारा है।
(ख) सामान्य वाक्य-पुलिस को देखते ही चोर भाग गए।
उत्तर: मुहावरेदार वाक्य पुलिस को देखते ही चोर नौ दो ग्यारह हो गये।
30 प्रश्न एवं उत्तर – “कर्मवीर”
1. प्रश्न: कर्मवीर की पहचान क्या है?
उत्तर: कर्मवीर ऐसे व्यक्ति होते हैं जो अपने कार्यों के प्रति पूरी निष्ठा रखते हैं। वे किसी भी कठिनाई या बाधा से डरते नहीं हैं और आलस्य या टालमटाल से दूर रहते हैं। समय का महत्व समझकर वे अपने कार्यों को तुरंत पूरा करने का प्रयास करते हैं। उनके वचन और कर्म में एकरूपता होती है और वे हर चुनौती का डटकर सामना करते हैं।
2. प्रश्न: कर्मवीर किन परिस्थितियों में भी कार्य करते हैं?
उत्तर:कर्मवीर कठिन और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कार्य को नहीं छोड़ते, चाहे वह कठोर परिश्रम हो, तेज धूप हो या कठिन रास्ता हो। वे केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि समाज और देश की भलाई के लिए भी पूरी लगन से काम करते हैं
3. प्रश्न: कर्मवीर और सामान्य व्यक्ति में क्या अंतर है?
उत्तर: सामान्य व्यक्ति कठिनाइयाँ देखकर हार मान सकता है या काम टाल सकता है, जबकि कर्मवीर हर चुनौती का सामना करता है। वह समय का सही उपयोग करता है, लगातार प्रयास करता है और केवल बातें नहीं बनाता, बल्कि अपने कर्मों से काम को पूरा करके दिखाता है।
4. प्रश्न: कविता में बताया गया है कि कर्मवीर “आज जो करना है वही करते हैं।” इसका क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका मतलब यह है कि कर्मवीर अपने कार्यों को टालते नहीं हैं। जो काम आज करना आवश्यक है, वह उसे तुरंत पूरा कर लेते हैं। वे कल पर निर्भर नहीं रहते और समय की व्यर्थ बर्बादी से बचते हैं।
5. प्रश्न: कर्मवीर का समाज और देश के विकास में क्या योगदान होता है?
उत्तर: कर्मवीर समाज और देश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होते हैं। वे कठिन कार्यों को पूरा करके असंभव को संभव बनाते हैं, नए मार्ग खोलते हैं और देश की संपदा, ज्ञान तथा शक्ति में वृद्धि करते हैं। उनके प्रयासों से समाज और राष्ट्र समृद्ध और फूले-फले रहते हैं।
6. प्रश्न: कर्मवीर की सफलता में बाधाओं का क्या महत्व है?
उत्तर: बाधाएँ कर्मवीर के व्यक्तित्व को संवारती हैं। कठिनाइयों का सामना करते हुए वह साहस, धैर्य और परिश्रम का अभ्यास करता है। ये बाधाएँ उसे और अधिक सक्षम, निपुण और आत्मविश्वासी बनाती हैं।
7. प्रश्न: कर्मवीर समय का कैसे उपयोग करते हैं?
उत्तर: कर्मवीर समय का पूरी तरह सदुपयोग करते हैं। वे अपने कार्यों को टालते नहीं और हर जिम्मेदारी को समय पर पूरा करने का प्रयास करते हैं। वे केवल बातें बनाने में समय गंवाने के बजाय क्रियाशील होकर परिणाम देते हैं।
8. प्रश्न: कर्मवीर का साहस कैसा होता है?
उत्तर: कर्मवीर का साहस अदम्य होता है। वह किसी भी कठिनाई या खतरे से डरता नहीं और विपरीत परिस्थितियों में भी पीछे नहीं हटता। चाहे मार्ग कठिन हो, गर्मी बहुत हो, परिश्रम अधिक हो या विरोधी बाधाएँ खड़ी हों, वह हमेशा आगे बढ़ता है।
9. प्रश्न: कविता में कर्मवीर को “हीरा” और “रतन” से कैसे जोड़ा गया है?
उत्तर: कविता में कर्मवीर की मेहनत, धैर्य और कौशल के कारण उसे हीरे और रत्न के समान मूल्यवान बताया गया है। वह कठिन कार्यों को सफलता पूर्वक संपन्न करता है और अपने प्रयासों से अद्भुत परिणाम प्राप्त करता है।
10. प्रश्न: कर्मवीर का दूसरों के प्रति दृष्टिकोण कैसा होता है?
उत्तर: कर्मवीर दूसरों के प्रति सद्भावपूर्ण और सहायक होता है। वह किसी का मज़ाक नहीं उड़ाता और न ही किसी की निंदा करता है। वह समाज और लोगों की भलाई के लिए कार्य करता है, अपने स्वार्थ को पीछे रखकर दूसरों की सहायता करता है।
11. प्रश्न: कर्मवीर की बुद्धि और विद्या का उपयोग कैसे होता है?
उत्तर: कर्मवीर अपनी बुद्धि और विद्या का प्रयोग अपने कार्यों को सुचारू और परिणामकारी बनाने में करता है। वह जटिल समस्याओं का हल ढूँढ़ता है और नई योजनाओं के माध्यम से कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न करता है।
12. प्रश्न: “कोस कितने ही चलें, पर वे कभी नकते नहीं” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका मतलब है कि कर्मवीर चाहे कितनी भी लंबी या कठिन यात्रा करें, वे कभी पीछे नहीं हटते। कठिनाइयाँ और परिश्रम उनके लक्ष्य को पाने के प्रयासों को रोक नहीं सकते।
13. प्रश्न: कर्मवीर चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं?
उत्तर: कर्मवीर किसी भी चुनौती से डरते नहीं। वे निडर होकर उसका सामना करते हैं, लगातार प्रयास करते हैं और असंभव लगने वाले कार्य को भी पूरा कर दिखाते हैं।
14. प्रश्न: कर्मवीर की प्रेरणा समाज के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: कर्मवीर अपने साहस और मेहनत से समाज के लिए उदाहरण बनते हैं। उनके प्रयास दूसरों को प्रेरित करते हैं, नई योजनाएँ सीखने में मदद करते हैं और समाज तथा देश के विकास में योगदान प्रदान करते हैं।
15. प्रश्न: कर्मवीर का व्यक्तित्व किस प्रकार मजबूत होता है?
उत्तर: कर्मवीर का व्यक्तित्व मजबूत इसलिए होता है क्योंकि वह न केवल साहसी और दृढ़ निश्चयी होता है, बल्कि अपने कार्यों में निष्ठावान रहता है। वह समय का सदुपयोग करता है, आलस्य से दूर रहता है, चुनौतियों का सामना डटकर करता है और अपने वचन तथा कर्म में हमेशा सत्य और ईमानदारी बनाए रखता है।
16. प्रश्न: कविता में “बुरे दिन भी भले हो जाते हैं” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ यह है कि कर्मवीर की मेहनत, निष्ठा और धैर्य के कारण कठिन और अप्रिय दिन भी सकारात्मक परिणाम में बदल जाते हैं। उनके सतत प्रयास और दृढ़ संकल्प अंततः सफलता और भलाई की ओर ले जाते हैं।
17. प्रश्न: कर्मवीर कैसे असंभव कार्य को संभव बना देता है?
उत्तर: कर्मवीर कठिन कार्यों को अपने धैर्य, लगन और बुद्धि के माध्यम से संभव बनाता है। वह काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बाँटकर निरंतर प्रयास करता है और किसी भी परिस्थिति में हार नहीं मानता।
18. प्रश्न: कर्मवीर और आलसी व्यक्ति में क्या भिन्नता है?
उत्तर: आलसी व्यक्ति अपने कार्यों को टालता है, समय की कद्र नहीं करता और कठिनाइयाँ आने पर आसानी से हार मान लेता है। इसके विपरीत, कर्मवीर समय का सही उपयोग करता है, चुनौतियों का डटकर सामना करता है और लगातार मेहनत करता है।
Answer by Mrinmoee