Chapter 7

                                                                     ठेस


प्रश्न और उत्तर

1. प्रश्न: गाँव के किसान सिरचन को किस दृष्टि से देखते थे और क्यों?
उत्तर: 
गाँव के लोग सिरचन को कामचोर या बेकार समझते थे। उन्हें लगता था कि सिरचन मेहनत में धीमा है और मजदूरी नहीं मांगता। इसलिए लोग उसे बुलाकर काम पर नहीं लगाते और मुफ्तखोर मानते हैं।

2. प्रश्न: सिरचन किस जाति का कारीगर है और उसके काम की विशेषता क्या थी?
उत्तर: 
सिरचन छोटी जाति से ताल्लुक रखता है और एक निपुण कारीगर है। वह अपने काम में पूरी तरह मन लगाकर मेहनत करता है। मोथी, पटेर, चिक, शीतलपाटी और रंगीन सुतली जैसी जटिल वस्तुएँ वह बड़ी कुशलता और बारीकी से तैयार करता है।

3. प्रश्न: सिरचन की कार्यशैली में किस बात का ध्यान रखा जाता था?
उत्तर:
सिरचन जब काम में लग जाता था, तो पूरी तरह ध्यान केंद्रित करता था। अगर उसके काम में कोई बाधा आती या कोई बीच-बचाव करने लगे, तो वह परेशान होकर कह देता था कि यह काम किसी और से करवा लो। वह बोलचाल में मजाकिया जरूर था, लेकिन काम में कभी सुस्त नहीं।

4. प्रश्न: सिरचन को लोग मुफ्तखोर क्यों कहते थे?
उत्तर: 
सिरचन काम करने के लिए कभी पैसे नहीं मांगता था। उसे बस पेट भर भोजन मिल जाए, यही काफी था। इसी वजह से लोग उसे मुफ्तखोर या कभी-कभी आलसी समझ बैठते थे।

5. प्रश्न: सिरचन के काम की खासियत क्या थी?
उत्तर: 
सिरचन की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वह बेहद निपुण और बारीक काम करता था। मोथी, पटेर, चिक, शीतलपाटी और रंगीन सुतली जैसी जटिल वस्तुएँ सिर्फ वह ही बना सकता था। उसकी कारीगरी में न केवल तकनीक की पूरी समझ होती थी, बल्कि रंगों और डिज़ाइन में भी नई छटा होती थी।

6. प्रश्न: सिरचन को बुलाने से पहले खाने-पीने का प्रबंध क्यों किया जाता था?
उत्तर: 
सिरचन खाने-पीने के मामले में बहुत ध्यान रखते थे। अगर उसे मनपसंद व्यंजन या चिकनी चीजें नहीं मिलतीं, तो उसका काम अधूरा रह जाता। इसलिए लोग उसे बुलाने से पहले उसके पसंदीदा खाने-पीने की चीजें सुनिश्चित कर लेते थे।

7. प्रश्न: सिरचन ने कभी किसी की बात को नजरअंदाज किया?
उत्तर:
हाँ, सिरचन अपने काम में पूरी तरह मग्न रहता था। वह दूसरों की फिजूल की बातें सुनता नहीं और किसी के व्यर्थ के बोलों पर ध्यान नहीं देता था। यही वजह थी कि लोग उसे कुशल और आदरणीय कारीगर मानते थे।

8. प्रश्न: कहानी में मंझली भाभी और सिरचन के संबंध का वर्णन करें।
उत्तर: 
मंझली भाभी सिरचन की कुशल कारीगरी की कदर करती थी। वह उसके काम की प्रशंसा करती, लेकिन कभी-कभी उसकी नटखट हरकतों और चतुराई पर भौंहें उठाती। भाभी और सिरचन के बीच सम्मान के साथ हल्का-फुल्का हँसी-मजाक भी चलता रहता था।

9. प्रश्न: सिरचन का स्वाभिमान किस घटना से दिखता है?
उत्तर: 
सिरचन का स्वाभिमान तब दिखाई देता है जब वह मोहर छापवाली धोती बनाने से इनकार करता है। उसकी पत्नी सुरि के निधन के बाद, वह उस शीतलपाटी को छूकर भावुक हो जाता है और कहता है कि अब यह काम वह नहीं करेगा। इससे उसके आत्मसम्मान और संवेदनशीलता का पता चलता है।

10. प्रश्न: कहानी में चिक और शीतलपाटी का महत्व क्या है?
उत्तर: 
चिक और शीतलपाटी सिरचन की हुनरमंदी और निपुणता को दर्शाती हैं। ये दिखाते हैं कि ऐसे जटिल और खूबसूरत काम सिर्फ वही कर सकता है। इनसे उसकी कला और मेहनत का सम्मान सामने आता है।

11. प्रश्न: मानू ने सिरचन की कारीगरी को कैसे मूल्यांकित किया?
उत्तर: 
मानू ने सिरचन की बनाई चिक और शीतलपाटी का बंडल खोला और देखा कि इसमें रंग, डिज़ाइन और बारीकी अद्भुत हैं। पहली बार उसने इतनी उत्कृष्ट कारीगरी देखी। वह भावुक हो उठी और अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए रो पड़ी।

12. प्रश्न: कहानी में सिरचन को बुलाने का तरीका कैसे वर्णित है?
उत्तर: 
सिरचन को बुलाने से पहले उसके पसंदीदा खाने-पीने का इंतजाम किया जाता था। उसे बिना मजदूरी के, बस पेट भर भोजन देकर बुलाया जाता ताकि वह अपने काम में पूरी तरह ध्यान दे सके। बुलाने वाले लोग जानते थे कि सिरचन काम में पूरी तन्मयता से मग्न रहता है।

13. प्रश्न: सिरचन की कार्यशैली में भोजन का क्या महत्व है?
उत्तर: 
सिरचन अपने पसंदीदा व्यंजन और चिकनी चीजें पाए बिना पूरी तरह काम नहीं कर पाता। इसका मतलब है कि उसकी कला और मेहनत सीधे उसके व्यक्तिगत संतोष और आराम से जुड़ी हुई है।

14. प्रश्न: सिरचन के काम में “तन्मयता” का क्या महत्व है?
उत्तर: 
सिरचन की तन्मयता उसकी कुशलता की पहचान है। जब वह पूरी लगन और ध्यान से काम करता है, तो उसकी बनाई चीजें नायाब और सुंदर बनती हैं। यदि कोई बाधा आए तो उसकी एकाग्रता टूट जाती है और काम अधूरा रह जाता है।

15. प्रश्न: कहानी में भाभी और चाची की प्रतिक्रिया सिरचन पर कैसी थी?
उत्तर: 
भाभी और चाची सिरचन की कुशलता और स्वभाव को समझती थीं। कभी-कभी उसकी नटखट हरकतों और जिद पर भौंहें चढ़ जाती थीं, लेकिन वे उसकी मेहनत और ईमानदारी की कद्र भी करती थीं।

16. प्रश्न: सिरचन का चरित्र क्यों अनूठा है?
उत्तर: 
सिरचन का चरित्र इसलिए खास है क्योंकि वह गरीब होते हुए भी अपनी कला के प्रति पूरी तरह समर्पित और ईमानदार है। वह पैसे के लिए काम नहीं करता, लेकिन अपने काम में बारीकी, सुंदरता और निपुणता बनाए रखता है।

17. प्रश्न: सिरचन और समाज के बीच संबंध कैसे बदल गए?
उत्तर: 
पहले सिरचन का गाँव में बहुत आदर था और लोग उसकी कारीगरी की प्रशंसा करते थे। लेकिन अब लोग उसके काम को बेकार और मुफ्तखोरी समझने लगे हैं, जिससे उसकी प्रतिष्ठा और महत्व कम हो गया है।

18. प्रश्न: कहानी में मोहर छापवाली धोती का क्या प्रतीकात्मक महत्व है?
उत्तर: 
मोहर छापवाली धोती सिरचन की उत्कृष्ट कारीगरी और कला की पहचान है। यह दिखाती है कि भले ही चीज़ें साधारण दिखें, उनकी खूबसूरती और निपुणता सिर्फ अनुभवी और मेहनती कारीगर के हाथों संभव है।

19. प्रश्न: सिरचन का भोजन संबंधी व्यवहार कहानी में कैसे चित्रित किया गया है?
उत्तर: 
सिरचन सिर्फ पेट भर भोजन पाने से ही संतुष्ट रहता है। अगर उसे मनपसंद व्यंजन नहीं मिलते, तो उसका काम अधूरा रह सकता है। फिर भी, वह कभी सीधे शिकायत नहीं करता और केवल हल्की तीखी प्रतिक्रिया देकर अपनी भावना व्यक्त करता है।

20. प्रश्न: सिरचन का चरित्र और उसकी बारीक कला के बीच क्या संबंध है?
उत्तर: 
सिरचन की व्यक्तिगत विशेषताएँ—संवेदनशीलता, ईमानदारी और पूर्ण तन्मयता—सीधे उसकी बारीक और उत्कृष्ट कारीगरी में परिलक्षित होती हैं। यही कारण है कि उसकी कला इतनी अद्वितीय और आकर्षक दिखाई देती है।

21. प्रश्न: कहानी में “चिक” क्या है और इसका महत्व क्या है?
उत्तर: 
चिक एक झीनी चटाई है, जो बाँस की तीलियों से बनाई जाती है। यह सिरचन की निपुणता और कला की पहचान है, और दिखाती है कि इसे केवल अनुभवी और कुशल कारीगर ही सुंदर और जटिल रूप में बना सकता है।

22. प्रश्न: सिरचन और मानू के बीच संबंध कैसे दिखाया गया है?
उत्तर: 
मानू सिरचन की कारीगरी की प्रशंसा करती है और उसकी बनाई चीज़ों को ससुराल में गर्व से प्रस्तुत करती है। मानू की भावनाएँ और सिरचन की मेहनत और कला के प्रति सम्मान उनके रिश्ते की गहराई को स्पष्ट करते हैं।

23. प्रश्न: कहानी में सिरचन की संवेदनशीलता का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: 
सिरचन अपनी पत्नी के निधन के बाद कहता है कि अब वह मोहर छापवाली धोती नहीं बनाएगा, क्योंकि यह शीतलपाटी उसकी पत्नी ने बनाई थी। यह घटना उसकी भावनात्मक संवेदनशीलता और सम्मानपूर्ण स्वभाव को दर्शाती है।

24. प्रश्न: सिरचन के लिए काम का क्या महत्व है?
उत्तर: 
सिरचन के लिए काम सिर्फ आमदनी का जरिया नहीं है; यह उसकी कला और आत्मसम्मान का प्रतिबिंब है। वह हर कार्य को पूरी निष्ठा और तन्मयता के साथ संपन्न करता है।

25. प्रश्न: कहानी में “पान का बीड़ा” किस संदर्भ में आया है?
उत्तर: 
मानू ने सिरचन को पान का बीड़ा दिया ताकि वह अपने काम में पूरी तन्मयता बनाए रख सके और घर की बातें उसे विचलित न करें। यह उसकी कार्यशैली में सहयोग और समझदारी का प्रतीक है।

26. प्रश्न: सिरचन का स्वभाव भोजन और कार्य के संबंध में कैसे है?
उत्तर: 
सिरचन खाने-पीने के प्रति काफी संवेदनशील है। जब उसे पसंदीदा और उचित भोजन मिलता है, तभी वह अपने काम में पूरी लगन और ध्यान से जुट पाता है।

27. प्रश्न: कहानी में चाची और भाभी के दृष्टिकोण से समाज में सिरचन की स्थिति का वर्णन करें।
उत्तर:
चाची और भाभी सिरचन की निपुणता और कला की कदर करती हैं, लेकिन उसकी जिद और चतुराई देखकर कभी-कभी असंतोष भी जताती हैं। गाँव में उसका महत्व कम हुआ है, पर परिवार के बीच उसकी कारीगरी की इज्जत बनी हुई है।

28. प्रश्न: सिरचन और उसके परिवार के रिश्तों में संवेदनशीलता कैसे दिखाई देती है?
उत्तर: 
सिरचन अपने परिवार और खासकर पत्नी के प्रति बहुत संवेदनशील है। पत्नी के निधन के बाद उसने मोहर छापवाली धोती बनाने से इनकार कर दिया। यह दर्शाता है कि उसके लिए रिश्ते और भावनाएँ उसके काम से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं।

29. प्रश्न: कहानी में “सात तारे” का प्रतीक क्या है?
उत्तर: 
चिक की पहली पाँती में बुनाए गए सात तारे सिरचन की कुशल कारीगरी और रचनात्मक प्रतिभा का प्रतीक हैं। यह दिखाते हैं कि उसकी कला में सुंदरता और जटिलता कितनी परिपूर्ण है।

30. प्रश्न: सिरचन की कला के प्रति गाँव वालों की दृष्टि कैसे बदल गई?
उत्तर:
पहले गाँव वाले सिरचन की कला की कदर करते थे और उसे सम्मान देते थे। अब वही लोग उसके काम को बेकार और मुफ्तखोरी समझने लगे हैं, क्योंकि वे मेहनताना देने की आवश्यकता नहीं समझते और सामाजिक दृष्टिकोण बदल गया है।

31. प्रश्न: कहानी में मानू की भावनाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर: 
मानू सिरचन की कारीगरी देखकर बहुत प्रभावित और भावुक हो जाती है। चिक और शीतलपाटी की बारीकी देखकर वह फूट-फूटकर रोती है और सिरचन के प्रति गहरा सम्मान और स्नेह प्रकट करती है।

32. प्रश्न: सिरचन का चरित्र बच्चों के लिए क्या शिक्षा देता है?
उत्तर:
सिरचन का जीवन बच्चों को यह सिखाता है कि कला और काम में समर्पण, मेहनत और ईमानदारी सबसे महत्वपूर्ण हैं। पैसा या मजदूरी से बढ़कर काम की गुणवत्ता और पूरी तन्मयता रखना आवश्यक है।

33. प्रश्न: कहानी में शादी-ब्याह के अवसर का महत्व क्या है?
उत्तर:
शादी-ब्याह के समय सिरचन की कला विशेष महत्व रखती है, क्योंकि उसकी बनाई चिक और शीतलपाटी जैसे सामान समारोह में उपयोग किए जाते हैं। यह दिखाता है कि उसकी कारीगरी समाज में अब भी आवश्यक और सराहनीय है।

34. प्रश्न: सिरचन का नटखट व्यवहार किस प्रकार सामने आता है?
उत्तर: 
सिरचन का नटखटपन उसकी शरारत और चतुराई में दिखाई देता है। उदाहरण के तौर पर, पान खाते समय वह चुपचाप काम में मग्न रह जाता है या बुंदिया न लेने पर हल्की प्रतिक्रिया देता है। यह उसके मानव स्वभाव और मजाकिया पक्ष को दर्शाता है।

35. प्रश्न: सिरचन की प्रतिक्रिया मोहर छापवाली धोती पर क्या दर्शाती है?
उत्तर: 
सिरचन की प्रतिक्रिया बताती है कि वह केवल काम करने वाला कारीगर नहीं है, बल्कि अपने भावनात्मक संबंधों और आत्मसम्मान को अत्यधिक महत्व देता है।

36. प्रश्न: सिरचन की बनाई वस्तुओं की अद्वितीयता किस कारण है?
उत्तर: 
सिरचन की वस्तुएँ इसलिए अद्वितीय हैं क्योंकि वह काम में पूरी तन्मयता और कुशलता के साथ जुड़ा रहता है। हर निर्माण में वह नवाचार और सौंदर्य का सम्मिश्रण करता है।

37. प्रश्न: कहानी में सिरचन का समाज से अलग होना क्यों दिखाया गया है?
उत्तर: 
सिरचन का समाज से अलग रहना यह दर्शाता है कि संवेदनशील और कुशल व्यक्ति की कला और मूल्य को समाज हमेशा सही ढंग से नहीं समझ पाता। यह सामाजिक असंवेदनशीलता को उजागर करता है।

38. प्रश्न: सिरचन का चरित्र और कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर:
सिरचन का व्यक्तित्व कला, निष्ठा, संवेदनशीलता और आत्म-सम्मान का प्रतीक है। कहानी यह सिखाती है कि सच्ची कला और ईमानदारी का मूल्य केवल समाज की मान्यता या पुरस्कार से नहीं आंका जा सकता।

39. प्रश्न: कहानी में सिरचन और मानू की अंतर्क्रिया किस प्रकार है?
उत्तर: 
मानू सिरचन की कारीगरी की प्रशंसा करती है, और सिरचन उसके लिए अपने हाथ से बनाई वस्तुएँ भेजता है। यह उनकी बातचीत और व्यवहार आदर, स्नेह और भावनात्मक जुड़ाव को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं।

40. प्रश्न: इस कहानी से हमें कौन-सी जीवन शिक्षा मिलती है?
उत्तर: 
कहानी हमें यह सिखाती है कि सच्ची कला और मेहनत में समर्पण सबसे अहम है। किसी व्यक्ति का सम्मान उसकी ईमानदारी, कुशलता और संवेदनशीलता पर आधारित होता है, न कि केवल समाज की नजरों या मान्यता पर।

Answer by Mrinmoee