Chapter- 1                             कह कविराय


प्र.1. बिना विचार किए कार्य करने का क्या परिणाम होता है?
उ. बिना विचार किए कार्य करने से व्यक्ति पछताता है और लोग उसका उपहास उड़ाते हैं।

प्र.2. कवि के अनुसार “बिना विचारे जो करै” व्यक्ति को क्या हानि होती है?
उ. उसका कार्य बिगड़ जाता है और वह जग में हँसी का पात्र बनता है।

प्र.3. बिना सोच-समझकर किया कार्य क्यों खटकता है?
उ. क्योंकि उसका परिणाम मन को चैन नहीं देता और हमेशा पश्चाताप होता है।

प्र.4. ऐसे व्यक्ति के खान-पान और सम्मान पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उ. उसे खाने-पीने और सम्मान में भी आनंद नहीं मिलता।

प्र.5. कवि ‘गिरिधर कविराय’ क्या सलाह देते हैं?
उ. वे कहते हैं कि बिना सोच-विचार के कोई कार्य नहीं करना चाहिए।

प्र.6. बीती बातों के विषय में कवि की क्या राय है?
उ. कवि कहते हैं — “बीती ताहि बिसारि दे, आगे की सुधि लेइ।” यानी जो बीत गया उसे भूलकर भविष्य की चिंता करनी चाहिए।

प्र.7. सहज में बनने वाली बात पर क्या करना चाहिए?
उ. उसी पर ध्यान देना चाहिए जो आसानी से बन जाए।

प्र.8. यदि कोई बात न बने तो क्या करना चाहिए?
उ. उसे जबरदस्ती नहीं करना चाहिए, धैर्य रखना चाहिए।

प्र.9. ‘दुर्जन हँसे न कोव’ पंक्ति का अर्थ क्या है?
उ. ऐसा कार्य करो जिससे बुरे लोग भी तुम्हारा मज़ाक न उड़ा सकें।

प्र.10. ‘चित्त में खता न पावे’ का क्या अर्थ है?
उ. मन में गलती का अहसास न हो — यानी कार्य में भूल न हो।

प्र.11. गिरिधर कविराय किस विश्वास को मन में रखने की बात कहते हैं?
उ. कि बीती बात बीत गई, अब आगे की सुधि लेनी चाहिए।

प्र.12. नाव में पानी भर जाने पर क्या करना चाहिए?
उ. दोनों हाथों से पानी निकालना चाहिए, यही सवानी काम है।

प्र.13. घर में पानी बढ़ने पर क्या करना चाहिए?
उ. तत्परता से सफाई और बचाव के उपाय करने चाहिए।

प्र.14. कवि ने कठिन समय में क्या उपदेश दिया है?
उ. कठिन समय में धैर्य और समझदारी से कार्य करना चाहिए।

प्र.15. सवानी काम का क्या अर्थ है?
उ. संकट के समय किया जाने वाला आवश्यक और तत्काल कार्य।

प्र.16. कवि “राम को सुमिरन कीजे” क्यों कहते हैं?
उ. क्योंकि संकट के समय ईश्वर का स्मरण करने से मन को बल और शांति मिलती है।

प्र.17. ‘परस्वार्थ के काज’ का क्या अर्थ है?
उ. दूसरों के हित के कार्य।

प्र.18. ‘अपनो पानी राखिए’ का क्या अर्थ है?
उ. अपनी मर्यादा और सम्मान बनाए रखना चाहिए।

प्र.19. ‘बड़ों की वाणी’ कैसी होती है?
उ. अनुभव और ज्ञान से भरी हुई — “बड़ेन की वाशी बानी।”

प्र.20. कवि ने ‘चलिए चाल सुचाल’ से क्या कहा है?
उ. हमें सच्चाई, ईमानदारी और समझदारी से जीवन जीना चाहिए।

प्र.21. बिना विचारे कार्य करने वाला व्यक्ति समाज में कैसा बनता है?
उ. उपहास का पात्र बन जाता है।

प्र.22. ‘परतीती’ शब्द का अर्थ क्या है?
उ. विश्वास या भरोसा।

प्र.23. ‘टारना’ का अर्थ क्या है?
उ. टालना या हटाना।

प्र.24. कवि की पंक्ति ‘खटकत है जिय माँहि’ का भावार्थ क्या है?
उ. मन में चिंता बनी रहती है कि गलती हो गई।

प्र.25. कवि का जीवन-संदेश क्या है?
उ. विवेक, धैर्य और भलाई के मार्ग पर चलो।

प्र.26. “अपना शीस आगे करना” का अर्थ क्या है?
उ. दूसरों के भले के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर करना।

प्र.27. ‘हाथ’ से जुड़ा कोई मुहावरा लिखिए।
उ. “हाथ बँटाना” — (अर्थ: सहायता करना)

प्र.28. ‘खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं’ — इस कथन का अर्थ क्या है?
उ. दूसरों को खुशी देने से हमारी अपनी खुशी कई गुना बढ़ जाती है।

प्र.29. कबीर का एक नीतिपरक दोहा कौन-सा है?
उ. “बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय,
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय।”

प्र.30. मीरा बाई के पद का मुख्य भाव क्या है?
उ. ईश्वर-प्रेम और भक्ति से प्राप्त आत्मिक आनंद।

Answer by Dimpee Bora