Chapter- 10 रात का चौकीदार (पूरक पठन)
प्र.1. चौकीदार रोज सुबह किस समय कॉलोनी में चक्कर लगाता है?
उ. चौकीदार रोज सुबह लगभग आठ से नौ बजे के बीच कॉलोनी में चक्कर लगाता है। वह यह देखकर तसल्ली करता है कि रातभर सबकुछ सुरक्षित रहा या नहीं, कोई अप्रिय घटना तो नहीं घटी।
प्र.2. चौकीदार चक्कर क्यों लगाता है?
उ. चौकीदार का यह चक्कर उसकी जिम्मेदारी का हिस्सा है। वह यह सुनिश्चित करने आता है कि जिन घरों की वह चौकसी करता है, वहाँ कोई समस्या या गड़बड़ी नहीं हुई है।
प्र.3. चक्कर लगाने के बाद चौकीदार क्या करता है?
उ. चक्कर लगाने के बाद वह आराम से सो जाता है, क्योंकि उसे रातभर जागकर चौकसी करनी होती है। दिन में नींद पूरी करके वह फिर रात के लिए तैयार रहता है।
प्र.4. चौकीदार लेखक से क्या मांगता है?
उ. चौकीदार लेखक से अपने मेहनताने के पैसे मांगता है। वह अपने काम का पारिश्रमिक पाने का अधिकार रखता है, क्योंकि वह ईमानदारी से सुरक्षा का कार्य करता है।
प्र.5. लेखक ने पैसे देने से पहले क्या कहा?
उ. लेखक ने थोड़े मज़ाक के लहजे में कहा कि अब से चौकीदार को उसके घर की चौकसी बिना पैसों के करनी होगी, क्योंकि जो लोग पैसे नहीं देते, उनका ध्यान वह अधिक रखता है।
प्र.6. चौकीदार ने लेखक की बात पर क्या उत्तर दिया?
उ. चौकीदार ने विनम्रता से कहा — “जैसी आपकी इच्छा साब जी।”
इस उत्तर में उसकी ईमानदारी और नम्रता दोनों झलकती हैं।
प्र.7. चौकीदार का स्वभाव कैसा था?
उ. चौकीदार ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ, और सरल स्वभाव का व्यक्ति था। वह अपने काम को पूरी लगन और निष्ठा से करता था।
प्र.8. लेखक को चौकीदार में कौन-सी विशेषता दिखाई दी?
उ. लेखक ने देखा कि वह बिना किसी अधिकारी या दबाव के भी अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभाता है। यह उसकी आत्म-प्रेरणा का प्रमाण था।
प्र.9. चौकीदार किसकी सुरक्षा करता था?
उ. चौकीदार पूरी कॉलोनी और वहाँ रहने वाले लोगों की सुरक्षा करता था। वह रातभर जागकर सबकी रक्षा का कार्य करता था।
प्र.10. लेखक को रात में नींद क्यों नहीं आई?
उ. लेखक रातभर चौकीदार के बारे में सोचता रहा — उसकी मेहनत, निष्ठा और असुरक्षित जीवन के बारे में। इसलिए उसे नींद नहीं आई।
प्र.11. सुबह उठने पर लेखक ने क्या निर्णय लिया?
उ. लेखक ने निर्णय लिया कि अब से वह चौकीदार को उसके काम का पूरा मेहनताना नियमित रूप से देगा, क्योंकि ऐसा ईमानदार व्यक्ति सम्मान का अधिकारी है।
प्र.12. चौकीदार को बुलाकर लेखक ने क्या कहा?
उ. लेखक ने चौकीदार को बुलाकर कहा कि वह उसके घर की चौकसी का पूरा मेहनताना देगा, जिससे उसे अपने कार्य के प्रति और आत्मविश्वास मिले।
प्र.13. चौकीदार ने लेखक की बात पर क्या किया?
उ. चौकीदार ने सम्मानपूर्वक सलाम किया और अपनी अगली ड्यूटी पर चला गया। यह उसके विनम्र स्वभाव को दर्शाता है।
प्र.14. चौकीदार के जाने के बाद लेखक को कैसा लगा?
उ. लेखक ने चैन की साँस ली और चौकीदार के प्रति उसकी श्रद्धा बढ़ गई। उसे लगा कि वह सच में समाज का अनदेखा रक्षक है।
प्र.15. चौकीदार किस भावना से काम करता था?
उ. चौकीदार बिना किसी स्वार्थ के, निष्कपट भाव से और पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का पालन करता था।
प्र.16. लेखक के अनुसार चौकीदार स्वयं कैसा है?
उ. लेखक के अनुसार चौकीदार स्वयं बहुत असुरक्षित और अकेला है, क्योंकि वह दूसरों की सुरक्षा करता है, पर खुद के लिए कोई नहीं होता।
प्र.17. “तसल्ली करना” मुहावरे का अर्थ क्या है?
उ. “तसल्ली करना” का अर्थ है — समाधान करना, आश्वस्त होना या किसी बात से संतोष प्राप्त करना।
प्र.18. “चैन की साँस लेना” का अर्थ क्या है?
उ. “चैन की साँस लेना” का अर्थ है — किसी चिंता से मुक्त होकर निश्चिंत हो जाना।
प्र.19. “ऊहापोह” शब्द का अर्थ क्या है?
उ. “ऊहापोह” का अर्थ है — मन में चल रही उधेड़बुन या असमंजस की स्थिति।
प्र.20. “धौंस” शब्द का अर्थ बताइए।
उ. “धौंस” का अर्थ है — धमकी देना या किसी पर रोब दिखाना।
प्र.21. “उमस” का क्या अर्थ है?
उ. “उमस” का अर्थ है — गर्मी और हवा में नमी से उत्पन्न चिपचिपाहट।
प्र.22. चौकीदार किस बात की चिंता करता है?
उ. चौकीदार सबकी सुरक्षा की चिंता करता है। वह यह सुनिश्चित करता है कि कॉलोनी के लोग रातभर सुरक्षित रहें।
प्र.23. चौकीदार की मेहनत के प्रति लेखक की भावना क्या है?
उ. लेखक उसके कार्य और निष्ठा से प्रभावित होता है तथा उसे उचित सम्मान देने का निर्णय लेता है।
प्र.24. चौकीदार की ड्यूटी कब होती थी?
उ. चौकीदार की ड्यूटी रातभर होती थी, क्योंकि उसे लोगों की नींद की रक्षा करनी होती थी।
प्र.25. चौकीदार का काम किस प्रकार का था?
उ. चौकीदार का काम कठिन, जिम्मेदारीपूर्ण और जोखिम भरा था, क्योंकि वह रातभर जागकर दूसरों की सुरक्षा करता था।
प्र.26. लेखक ने चौकीदार को देखकर क्या सीखा?
उ. लेखक ने सीखा कि सच्चा कर्मठ व्यक्ति बिना किसी दिखावे के अपने कर्तव्य का पालन करता है और यही सच्ची निष्ठा है।
प्र.27. लेखक ने चौकीदार को मेहनताना क्यों देने का निर्णय लिया?
उ. क्योंकि उसने उसकी ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और परिश्रम की सच्ची कीमत समझी।
प्र.28. चौकीदार किस चीज़ से वंचित था?
उ. चौकीदार समाज से सम्मान, अपने जीवन की सुरक्षा और आराम जैसी सुविधाओं से वंचित था।
प्र.29. इस कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
उ. यह कहानी हमें सिखाती है कि समाज के हर मेहनती और ईमानदार व्यक्ति का आदर करना चाहिए, चाहे उसका पद कितना भी छोटा क्यों न हो।
प्र.30. कहानी का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?
उ. “रात का रखवाला” या “कर्तव्यनिष्ठ चौकीदार” — क्योंकि यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो रातभर जागकर दूसरों की रक्षा करता है।
Answer by Dimpee Bora